दक्षिण एशियाई मुक्त व्यापार क्षेत्र (साफ्टा) और आसियान
दक्षिण एशियाई वरीयता व्यापार समझौता (साप्टा) को 1995 में लागू किया गया। जो कि 2004 से साफ्टा में बदल गया था । इन दोनों समझौते का लक्ष्य दक्षिण एशिया में व्यापार संबंधी बाधाओं को दूर करना है और सार्क देशों के बीच अधिक उदार व्यापार व्यवस्था कायम किए जाने का प्रावधान है।
पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में आयोजित 12वें सार्क शिखर सम्मेलन (4–6 जनवरी, 2004) की सबसे मुख्य बात, ऐतिहासिक मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर किया जाना रही । भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, लेकर बाजार के साथ व्यापार भूटान, मालद्वी, नेपाल और श्रीलंका के नेताओं ने दक्षिण एशियाई मुक्त व्यापार क्षेत्र (साफ्टा) को बनाने पर सहमत हुए थे।
दक्षिण एशियाई अधिमान्य व्यापार समझौता (साप्टा) की जगह लेकर साफ्टा 1 जनवरी 2006 से प्रभावी हो गया। यह 7 दिसंबर 1995 से सार्क देशों के बीच काम कर रहा था। साप्टा 1995 में नई दिल्ली में आयोजित आठवें सार्क सम्मेलन की सफलता का परिणाम था जहां साप्टा की नई रियायती व्यापार प्रणाली को मंजूरी दी गई थी।
साफ्टा व्यापार एवं टैरिफ प्रतिबंधों के सभी प्रकारों को हटाने की अपेक्षा रखता है। आखिरकार यह आम मुद्रा के साथ साझा बाजार के निर्माण का मार्ग प्रशस्त करेगा। सार्क के सात सदस्य देशों ने 2016 तक 0– 5 फीसदी तक टैरिफ कम करने पर सहमति जताई है। साफ्टा समझौता किसी भी देश को किसी भी समय इससे बाहर होने की अनुमति देता है।
दक्षिण– पूर्व एशियाई देशों का संगठन (आसियान)
आसियान दक्षिण– पूर्व एशियाई देशों का संघ है। इंडोनेशिया, फिलीपींस, मलेशिया, सिंगापुर और थाइलैंड ने मिलकर इस संघ की स्थापना 8 अगस्त 1967 को की थी। ब्रुनेई 1984 में आसियान में शामिल हुआ था। जुलाई 1995 में वियतनाम को भी इसकी सदस्यता दी गई थी। लाओस और म्यांमार को इसकी सदस्यता 1997 में मिली। 30 अप्रैल 1999 को कंबोडिया भी आसियान के सदस्य देशों में शामिल हो गया। वर्तमान में, आसियान के दस सदस्य हैं– इंडोनेशिया, फिलीपींस, मलेशिया, थाईलैंड, सिंगापुर, ब्रुनेई, वियतनाम, लाओस, कंबोडिया और म्यांमार। आसियान का उद्देश्य दक्षिण– पूर्व एशिया में आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देने के साथ– साथ इस क्षेत्र में आर्थिक स्थिरता को सुनिश्चित करना है। इसका मुख्यालय जकार्ता में है लेकिन आसियान का एक सचिव प्रत्येक सदस्य देश की राजधानी में होता है। आसियान के जनरल सेक्रेट्री का पद वर्णानुक्रम के अनुसार प्रत्येक सदस्य देशों के बीच, प्रत्येक दो वर्षों के बाद, घूमता है।
23 जुलाई 1996 को, आसियान ने भारत को सलाहकार का दर्जा दिया था। इसके अलावा भारत, चीन और रूस को भी यह दर्जा प्राप्त है। अमेरिका को यह दर्जा पहले मिला था। भारत अपने भौगोलिक स्थिति की वजह से आसियान का सदस्य नहीं बन सकता। भारत दक्षिण एशिया का हिस्सा है लेकिन आसियान दक्षिण– पूर्वी एशियाई देशों का संगठन है। दस सदस्यों वाले दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के इस संघ (आसियान) के नेता सिंगापुर में बैठक करते हैं।
आसियान 2015 तक 'मुक्त व्यापार क्षेत्र– एफटीए' बनाएगा
दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के संघ (आसियान) ने सदस्य देशों की अर्थव्यवस्थाओं के एकीकरण के लिए कदम उठाने शुरु कर दिए हैं ताकि वह चीन एवं भारत जैसी अर्थव्यवस्थाओं से प्रतिस्पर्धा का सामना करने के लिए इस क्षेत्र को निवेशकों के लिए अधिक आकर्षक बना सके। इंडोनेशिया, थाइलैंड, मलेशिया, सिंगापुर, फिलीपींस, ब्रुनेई, वियतनाम, म्यांमार, कंबोडिया औऱ लाओ के समूह आसियान ने आखिरकार प्रस्तावित आसियान आर्थिक समुदाय के ब्लूप्रिंट पर हस्ताक्षर करने का फैसला कर लिया है जो 2015 में प्रभावी होगा। इस ब्लूप्रिंट में आसियान को वस्तुओँ, सेवाओं, निवेश और प्रतिभाशाली मानवशक्ति के साथ 550 मिलियन से अधिक लोगों के लिए एकल बाजार में बदलने हेतु विशेष लक्ष्यों को निर्धारित किया जाएगा।
आर्थिक विकास में तेजी लाने के लिए आसियान ने कई योजनाएं बनाई हैं। इनमें 2015 तक एकल बाजार का बनाया जाना, इलाके के देशों के साथ मुक्त आकाश संधि और कई एफटीए की शुरुआत शामिल है। इलाके में एकल बाजार को बढ़ावा देने के काम में आसियान ने दिसंबर 2008 तक ओपन स्काईज एग्रीमेंट (मुक्त आकाश समझौता) को लागू करने का फैसला किया है जिसके अनुसार सदस्य देशों के एयरलाइन्स (विमान कंपनियां) एक दूसरे की राजधानी,शहरों के लिए उड़ान भर सकती हैं। इस क्षेत्र में 2015 तक उदारीकरण का विस्तार किया जाएगा ताकि क्षेत्र की विमान कंपनियां आसियान देशों के बीच किसी भी गंतव्य के लिए उड़ान भर सकें।
Free Trade Agreement: ऑस्ट्रेलियाई संसद ने भारत के साथ मुक्त व्यापार समझौते को मंजूरी दी
भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच रिश्तों को और मजबूत करने के लिए मंगलवार को बड़ा कदम उठाया गया। इसके मद्देनजर ऑस्ट्रेलिया की संसद में भारत-ऑस्ट्रेलिया मुक्त व्यापार समझौता पारित कर दिया गया. भारत-ऑस्ट्रेलिया FTA से किसको फायदा? जानिए पूरी डिटेल्स नूपुर से.
बाजार में कागज के डिस्पोजल की बिक्री बढ़ी, पहले के स्टॉक को लेकर व्यापारी चिंतित
ग्वालियर,न.सं.। केंद्र सरकार ने स्वच्छता अभियान के तहत देशभर में प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगा दिया हैं, इसका उपयोग किसी भी बाजार, दुकान व अन्य जगहों पर नहीं किया जा सकता है। प्लास्टिक पर रोक लगने के बाद से अब बाजार में कागज के डिस्पोजल की बिक्री बढ़ गई है। ज्यादा मात्रा में इसका उपयोग किया जाने लगा है। प्लस्टिक के बंद होने के बाद कई प्रकार के कागज से संबंधित व्यवसाय शुरू हो गया है। प्लास्टिक के जगह कागज, दोना, पत्तल का उपयोग बढ़ गया है।
शादी समेत अन्य सार्वजनिक कार्यक्रमों में कागज के दोना,पत्तल, डिस्पोजल भारी मात्रा में खरीदा जा रहा है। इसका मुख्य वजह है कि कागज सडक़र मिट्टी में मिल जाता है। वहीं, प्लास्टिक सड़ता नहीं था। मिट्टी को खराब कर देता था। खाद्य सामग्रियों के साथ मवेशी प्लास्टि को भी खा जाते थे। इसका कई प्रकार के दुष्प्रभाव पर्यावरण में पड़ रहा था। अब कागज की बिक्र बढ़ गई है।
मुरार, माधवगंज, पिंटो पार्क, हजीरा स्थित दुकानों में कागज के डिस्पोजल, दोना, पत्तल से लेकर अन्य प्रकार के वस्तुओं की मांग बढ़ गई है। व्यापारियों का कहना है कि कागज के डिस्पोजल का उपयोग अभी छोटे स्तर पर हो रहा है। धीरे-धीरे लोग जागरूक होंगे।
पहले का काफी पड़ा है स्टाक
बड़े दुकानदार तो इसे लेकर सर्तक नजर आ रहे है। लेकिन, कुछ दुकानदारों में एकल उपयोग प्लास्टिक को लेकर असमंजस की स्थिति है। दुकानदारों ने बताया कि अभी स्पष्ट नहीं हो रहा है कि कितनी माइक्रोग्राम की पॉलीथिन पर प्रतिबंध है। वहीं, छोटे दुकानदारों ने कहा कि पहले का स्टाक पड़ा हुआ है, उसे खत्म करने लिए के बाद विकल्प ही ओर बढ़ेंगे।
प्लास्टिक बंद होने से दूसरा विकल्प महंगा
एकल उपयोग प्लास्टिक बैन होने के बाद बाजार में उसके विकल्प में कई सामान तो आए हैं, लेकिन ये काफी महंगे हैं। अब दुकानदारों की परेशानी है कि सामान महंगा होने के कारण ग्राहक खरीदने में हिचक रहे हैं। प्लास्टिक के 100 पीस ग्लास 35 से 40 रुपये में आते थे, जबकि कागज के 50 पीस कप की कीमत 40 रुपये है। कागज के ये कप मजबूत भी नहीं है। गिलास में पानी भरने के बाद इनके पिचकने का डर लगा रहता है। इसके अलावा प्लास्टिक के कांटा चम्मच व साधारण चम्मच भी जहां 25 से 30 रुपये सैकड़ा था। विकल्प में आए लकड़ी के 100 पीस चम्मच की कीमत 90 रुपये है।
व्यापारियों ने मांगा एक साल का समय
कैट के प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र जैन ने निर्माण इकाइयों के लिए व्यवसाय बदलने का विकल्प देने, बेरोजगार की स्थिति उत्पन्न न हो और मैन्युफैक्चरिंग यूनिट द्वारा हर स्तर पर प्लास्टिक का उपयोग न कर सके, इस संबंध में नीति बनाकर काम करने की अपील की है।
धनतेरस पर चमका बर्तन बाजार
वाराणसी ( ब्यूरो ) । दीपावली को लेकर बनारस के बाजार का हर सेगमेंट पूरी रौ में है । सोना , कार , मोटरसाइकिल , इलेक्ट्रानिक्स , कपड़ा , फर्नीचर और अब बाजारों में बर्तन के दुकानों पर भीड़ उमड़ रही है । धनतेरस और दीपावली को लेकर महिलाएं , युवतियां और लोगबाग खरीदारी करने उमड़ रहे हैैं । व्यापारी भी डिस्काउंट और ऑफर से ग्राहकों को लुभाने में लगे हैैं । इस बार इलेक्ट्रिक , इंडक्शन और मॉडर्न कुकर डिमांड में है । हालांकि कच्चे मैटेरियल के महंगे होने से स्टील के बर्तनों की कीमतों में इजाफा हुआ है । बदलते दौर और लगन सीजन होने से ग्राहक ब्रांडेड बर्तन खरीदने को तरजीह दे रहे हैैं ।
आर्डर से खुश व्यापारी
लगातार दो साल कोविड की मार सह कर उबरा बर्जन बाजार जबरदस्त ग्राहकी से चहकने लगा है । थोक व फुटकर विक्रेता मिल रहे ऑर्डर से खुश नजर आ रहे हैं । इन दिनों कुकर , इलेक्ट्रिक केतली , माइक्रोवेव , मिक्सर ग्राइंडर , गैस चूल्हा , चॉपर , पैन और इलेक्ट्रिक चिमनी की बिक्री जोरों पर हैै । होटल इंडस्ट्री में इस्तेमाल होने वाली क्रॉकरी के भी ग्राहक बढ़ गए हैैं ।
डिस्काउंट और एक्सचेंज ऑफर
त्योहार और लगन सीजन को लेकर ग्राहक अपने पुराने बर्तन को एक्सचेंज कर नया घर ले जा रहे हैैं । यह ट्रेंड अब शहरों से लेकर गांवों तक में बहुत पसंद किया जा रहा है । साथ ही कई बर्तन दुकानदार अपने ब्रांडेड और न्यू मैन्यूफैक्चरड बर्तनों पर 20 से 30 फीसदी तक डिस्काउंट भी दे रहे हैैं । दुकानदारों की इस पहल को कस्टमर हाथों - हाथ ले रहे हैैं ।
होटल इंडस्ट्री ने भी पकड़ा जोर
शुभ सीजन में होटल और रेस्त्रां भी तेजी से खुल रहे हैैं । ऐसे में नए होटल और रेस्त्रां के खुलने से इनमें इस्तेमाल होने वाली क्रॉकरी और मॉडर्न बर्तनों की मांग ने तेजी पकड़ी है ।
ऑनलाइन दे रहा दर्द
व्यापारियों ने बताया कि अब लोगऑनलाइन खरीदारी को तरजीह दे रहे हैैं । यह अलग बात है कि कस्टमर्स की सभी तरह की खरीदारी ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर पूरी नहीं हो पा रही है । ऐसे में लोगों को मनपसंद बर्तनों को अच्छे से तोल - मोल कर खरीदने के लिए बाजार में उतरना पड़ रहा है .
ऑन डिमांड क्राकरी
स्टील गोल्डेन वर्क ग्लास
पैन , स्टील प्लेट
त्योहारों को लेकर बर्तन बाजार ने रफ्तार पकड़ ली है । दिनों दिन ग्राहकी में बढ़ोतर हो रही है । धनतेरस आने तक बर्तन बाजार सुपरहिट हो जाएगा ।
- विवेक केसरी , बर्तन घर
बर्तन को लेकर लोगों की इंक्वायरी बढ़ रही है । धनतेरस को अच्छी ग्राहकी होने का अनुमान है । इस साल ट्राई प्लाई कुकर और कड़ाही डिमांड में है ।
रवि कुमार गुप्ता , रूबी इंजी । वक्र्स
त्योहार के चलते बाजार ने ग्रैैंड ओपनिंग की है । भीड़ बढ़ी हुई है । बहुत अच्छी सेल हो रही है । हमारे पास धनतेरस , दीपावली और शादी - लगन आदि का एक्सक्लुसिव कलेक्शन है ।
राकेश जैन , जैन इंटरप्राइजेज
इस साल बर्जन बाजार ने अच्छी ओपनिंग दी है । आए - दिन ऑर्डर की संख्या में वृद्धि में बढ़ोतरी ही हो रही है । धनतेरस के डिमांड शादी सीजन के बाद तक जारी रह सकते हैं ।
कहीं बाजार बंद, कहीं प्रदर्शन- GST रेड से खफा और खौफजदा UP के व्यापारी
GST raids in UP: उत्तर प्रदेश में क्यों छापेमारी कर रहा GST विभाग?
"प्रदेश में GST छापे डलवाकर सरकार इस्पेक्टर राज को बढ़ावा दे रही है. हम मेहनत करके अपनी गृहस्थी चलाते हैं और 18 फीसदी टैक्स लेकर भी अगर सरकार नहीं चला पा रहे हैं तो इसमें हमारा नहीं, बल्कि सरकार का दोष है." ये बात औरैया के व्यापारियों ने अपनी जनप्रतिनिधि और बीजेपी विधायक गुड़िया कठेरिया से कही है. GST छापों से तंग व्यापारियों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नाम विधायक को ज्ञापन सौंपा और जल्द से जल्द GST छापों की कार्रवाई पर रोक लगाने की मांग की.
दरअसल, प्रदेश भर में चल रही GST छापेमारी को लेकर व्यापारी वर्ग नाराज है. शामली में अचानक GST कमिश्नर की टीम द्वारा छापेमारी करने से बाजार में हड़कंप मच गया. इससे नाराज व्यापारियों ने आंदोलन करने की धमकी दे डाली.
व्यापारियों का कहना है कि "मंदी के दौर में GST विभाग व्यापारियों का उत्पीड़न कर रहा है. जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. अगर GST छापेमारी नहीं रूकी तो व्यापारी वर्ग आंदोलन करने से पीछे नहीं हटेगा."
"GST छापे डलवाकर व्यापारियों को परेशान कर रही सरकार"
व्यापार मंडल के प्रदेश अध्यक्ष घनश्याम दास गर्ग का कहना है कि सरकार सभी व्यापारियों को परेशान कर रही है, जिसके पास GST नंबर और जिसके पास GST नंबर नहीं. सरकार सर्वे करे इससे कोई नहीं रोक रहा लेकिन, जिसके पास GST नंबर नहीं है उसका किया जाए. जिसके पास GST नंबर है उसके क्यों डराया जा रहा है. ये लेकर बाजार के साथ व्यापार सरासर गलत हो रहा है. व्यापारियों में हड़कंप मचा हुआ है, जिसकी वजह से व्यापारियों ने पूरा बाजार बंद कर रखा है.
क्यों छापेमारी कर रहा GST विभाग?
वहीं, इस मामले पर इस GST कमिश्नर का कहना है कि सालाना 40 लाख से ऊपर की सेल पर व्यापारियों से GST वसूली जाती है, लेकिन कुछ व्यापारी अपनी सेल को कम दिखा कर GST की चोरी कर रहे हैं. ऐसे व्यापारियों के विरुद्ध छापेमारी की कार्रवाई की जा रही है.
उन्नाव में व्यापरियों ने PM, FM और CM के नाम सौंपा ज्ञापन
उन्नाव में व्यापारियों ने अपनी दुकानें बंद कर जिलाधिकारी कार्यालय पर विरोध प्रदर्शन किया. व्यापरियों ने पीएम मोदी, वित्त मंत्री निर्मलासीतारण और सीएम योगी आदित्यनाथ के नाम जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपर GST कार्रवाई पर रोक लगाने की मांग की.
GST छापों पर बीजेपी विधायक का एसपी पर आरोप
उधर, उन्नाव के पुरवा से बीजेपी विधायक अनिल सिंह ने GST छापों की कार्रवाई को समाजवादी पार्टी से जोड़ दिया. उन्होंने कहा कि "समाजवादी पार्टी के लोगों की दुकानें बंद हो गई हैं, कहीं एसपी के लोग तो ही GST इंस्पेक्टर बनकर नहीं घूम रहे हैं?"
बीजेपी विधायक के आरोपों पर क्या बोली एसपी?
बीजेपी विधायक अनिल सिंह के बयान को विवादित बताकर समाजवादी पार्टी ने हमला बोला है. समाजवादी पार्टी ने कहा कि "व्यपारियों ने बीजेपी को अपना समर्थक समझकर चुना था, उसके MLA बता रहे हैं कि ये सब समाजवादी पार्टी की साजिश है." एसपी ने सवाल किया कि अगर सरकार बीजेपी की है तो एसपी की साजिश लेकर बाजार के साथ व्यापार कैसे हो सकती है? बीजेपी के विधायक समाजवादी पार्टी को बदनाम और जनता को गुमराह कर रहे हैं, इनके ऊपर तत्काल FIR हो.
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