Digital Currency: क्रिप्टो करेंसी से कितना अलग होगा डिजिटल रुपया? जानिए क्या होंगे इसके फायदे और नुकसान
दोस्तों जैसा कि आप सभी जानते ही हैं कि भारत सरकार देश के अन्दर जल्द ही डिजिटल रुपया यानी कि Digital Currency लाने की तैयारी में है! हाल ही में बजट पेश करते हुए इसकी घोषणा वित्त मंत्री निर्मला सीता रमण द्वारा भी की गयी ! प्राप्त जानकारियों के मुताबिक़ वित्तीय वर्ष 2022-23 के अन्दर ही देश के अन्दर डिजिटल करेंसी आ जायेगी !
डिजिटल इंडिया के तहत देश के अन्दर डिजिटल करेंसी को लाया जाएगा ! वित्त क्रिप्टो करेंसी के नुकसान क्या हैं? मंत्री के मुताबिक़ रिज़र्व बैंक द्वारा इसी वर्ष इसे लॉन्च किया जाएगा ! RBI की तरफ से जारी की जाने वाली डिजिटल करेंसी ब्लॉक चैन टेक्नोलॉजी! अथवा किसी अन्य बेहतर टेक्नोलॉजी पर आधारित होगी !
जबसे बजट के दौरान डिजिटल करेंसी की घोषणा हुई है तभी से इसे लेकर तेजी से लोगों द्वारा कयास लगाये जाने लगे हैं! आज की इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको इस करेंसी के बारे में पूरी जानकारी प्रदान करेंगे! जिससे की आपको भी digital currency के बारे में सभी बातें पता चल सकें साथ ही साथ! आप इसके फ़ायदे और नुकसान के बारे में ही जान सकें !
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क्रिप्टोकरेंसी से कैसे अलग है डिजिटल करेंसी :
क्रिप्टोकरेंसी पूरी तरह से प्राइवेट है! इसे कोई मॉनिटर नहीं करता और किसी! सरकार या सेंट्रल बैंक का कंट्रोल नहीं होता! ऐसी करेंसी गैरकानूनी होती हैं! लेकिन, RBI जिस करेंसी पर काम कर रहा है, वो पूरी तरह से RBI ही रेगुलेट करेगा! सरकार की मंजूरी होगी! डिजिटल रुपया की क्वांटिटी की भी कोई सीमा नहीं होगी! जैसे बिटकॉइन की होती है! सबसे बड़ी और खास बात यह है कि RBI का रेगुलेशन! होने की वजह से मनी लॉन्ड्रिंग, टेरर फंडिंग, फ्रॉड की आशंका डिजिटल करेंसी के साथ नहीं होगी ! इसके अलावा डिजिटल करेंसी के साथ आपको इसे किसी भी करेंसी में एक्सचेंज कराने की भी सुविधा! मिलेगी जबकि क्रिप्टो करेंसी में ऐसा नहीं होता है!
Digital Currency के मुख्य फ़ायदे :
बात करें अगर डिजिटल करेंसी की अच्छाईयों की तो इससे जुड़ी काफी सारी बातें ऐसी हैं! जो कि वर्चुअल करेंसी को ख़ास बनाती हैं! और लोगों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करती हैं!
- कानूनी मान्यता डिजिटल करेंसी को रिज़र्व बैंक से कानूनी मान्यता मिली होगी !
- इसकी सबसे बड़ी खासियत कि यह रूपये के एक डिजिटल रूप में होगा !
- एक्सचेंज की सुविधा भी डिजिटल रुपया देता है यानी कि इसे किसी भी करेंसी से एक्सचेंज किया जा सकता है !
- बात करें अगर पेमेंट की तो डिजिटल करेंसी से किया गया पेमेंट रियल टाइम पर आधारित होता है!
- डिजिटल करेंसी से किये जाने वाले पेमेंट्स में किसी भी इंटरमीडिएटर की आवश्यकता नहीं होती है!
- देश के अन्दर डिजिटल रुपया लॉन्च होने के बाद से ही देश में बैठे लोग और व्यापारी वर्ग अमेरिका और यूरोप में बैठे व्यापारी वर्ग को डिजिटल डॉलर अथवा पाउंड में पेमेंट कर सकते हैं !
- नकली करेंसी की क्रिप्टो करेंसी के नुकसान क्या हैं? समस्या से भी लोगों को छुटकारा मिल जाएगा क्योंकी डिजिटल करेंसी का नकली वर्जन नहीं बनाया जा सकता है यानी कि इसे डुप्लीकेट करेंसी में तब्दील नहीं किया जा सकता है !
- हर जगह डिजिटल करेंसी को मान्यता प्राप्त होगी यानी कि जैसे डेबिट कार्ड क्रेडिट कार्ड ऑनलाइन पेमेंट हर जगह एक्सेप्टेड होते हैं ठीक वैसे ही डिजिटल रुपया हर जगह एक्सेप्टेड होगा!
Digital Currency के नुकसान :
- बात करें अगर डिजिटल करेंसी के डीमेरिट्स की तो डिजिटल करेंसी से होने वाले नुकसान भी काफी हैं! देखा जाए तो वर्चुअल करेंसी के सामने सबसे बड़ी चुनौती टेक्नोलॉजी होती है! क्योंकी यहाँ फ्रॉड और स्कैम होने की आशंका लगातार बनी रहती है !
- इसका दूसरा सबसे बड़ा डिस एडवांटेज! यह है कि बगैर इन्टरनेट सेवाओं के कोई भी डिजिटल करेंसी लेनदेन! नहीं हो सकता है !साथ ही साथ इसके लिए हाई स्पीड इन्टरनेट इंफ्रास्ट्रक्चर का होना भी बहुत जरुरी है!
FAQs About Digital Currency :
प्रश्न 1. डिजिटल करेंसी किसके द्वारा जारी की जायेगी ?
उत्तर. रिज़र्व बैंक द्वारा देश की पहली डिजिटल करेंसी को जारी किया जाएगा !
प्रश्न 2. डिजिटल करेंसी को रेगुलेट कौन करेगा ?
उत्तर. भारत सरकार और रिज़र्व बैंक https://www.rbi.org.in/ द्वारा डिजिटल करेंसी को रेगुलेट किया जाएगा !
प्रश्न 3. देश के अन्दर डिजिटल करेंसी कब तक आएगी ?
उत्तर. वित्त मंत्री निर्मला सीता रमण के अनुसार वित्तीय वर्ष 2022 -23 के अन्दर ही रिज़र्व बैंक द्वारा डिजिटल करेंसी को लाया जाएगा !
प्रश्न 4. Digital Currency किस टेक्नोलॉजी पर आधारित होगी ?
उत्तर. Digital Currency अनुमानतः ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी पर आधारित होगी !
प्रश्न 5. Digital Currency वर्तमान में किस फेज में है ?
उत्तर. अभी फिर हाल इसका फ्रेमवर्क और टेक्नोलॉजी डिस्ट्रीब्यूशन का काम पूरा किया जा रहा है !
क्रिप्टोकरेंसी से करते हैं कमाई तो हो जाएं सावधान, ऐसे हुआ करोड़ों का नुकसान
यूटिलिटी न्यूज डेस्क . भले ही आज क्रिप्टोक्यूरेंसी बाजार में तेजी है, लेकिन पिछले कुछ दिन क्रिप्टो बाजार के लिए अच्छे नहीं रहे हैं। एफटीएक्स का मामला सामने आने के बाद से बाजार में भारी गिरावट देखने को मिली है। पिछले सप्ताह के दौरान, दुनिया की शीर्ष 50 क्रिप्टोकरेंसी में से 8 में 10 प्रतिशत या उससे अधिक की गिरावट देखी गई है। इस लिस्ट में Polkadot, Uniswap और Solana जैसे टोकन का भी नाम है। हालांकि, आज क्रिप्टो बाजार में 4 फीसदी से ज्यादा और बिटकॉइन, एथेरियम बीएनबी जैसी वर्चुअल करेंसी में 5 फीसदी से ज्यादा के उछाल के साथ कारोबार हो रहा है।
दुनिया की सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी का राज्य
अगर दुनिया की सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी की बात करें तो बिटकॉइन की कीमत में आज करीब 5 फीसदी की तेजी देखी जा रही है, जिससे कीमत गिरकर 16,480 डॉलर पर आ गई है. जबकि पिछले एक हफ्ते में 2.07 फीसदी टूटा है. एथेरियम की कीमत में भी 6 फीसदी से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई है, लेकिन एक हफ्ते में 7 फीसदी से ज्यादा की गिरावट देखने को मिल रही है. पिछले एक सप्ताह में बीएचबी फाइनेंस में 7 प्रतिशत की वृद्धि हुई है और मुद्रा में लगभग 2 प्रतिशत की गिरावट आई है।
डॉगकोइन उज्ज्वल दिख रहा है और 8 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि के साथ $ 0.08137 पर कारोबार कर रहा है। हालांकि एक हफ्ते में 9 फीसदी से ज्यादा की गिरावट देखने को मिल रही है. लिटकॉइन ने अन्य टोकनों की तुलना में बेहतर वापसी की है। आज इस करेंसी में 28.32 फीसदी की तेजी आई है और पिछले एक हफ्ते में इसमें 33.55 फीसदी की तेजी देखने को मिली है.
क्रिप्टोक्यूरेंसी बाजार में 4.60 प्रतिशत की बढ़त
वैश्विक क्रिप्टोकरंसी बाजार की बात करें तो इसमें पिछले 24 घंटों में 4.60 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है। जिससे ग्लोबल क्रिप्टोकरंसी मार्केट कैप 820.14 अरब डॉलर पर पहुंच गया है। कुछ ही दिनों में, वैश्विक क्रिप्टो बाजार में बड़ी गिरावट आई है और यह आंकड़ा घटकर एक ट्रिलियन डॉलर रह गया है। जबकि एक साल पहले ग्लोबल क्रिप्टो मार्केट कैप 2 ट्रिलियन डॉलर को पार कर गया था।
cryptocurrency क्रिप्टोकरेंसी क्या होता है। इसके लाभ हानि क्या है।
क्रिप्टो-मुद्रा या क्रिप्टो एक डिजिटल संपत्ति के रूप मे है जिसे एक्सचेंज के माध्यम के रूप में काम करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। और जिसमें व्यक्तिगत सिक्का स्वामित्व रिकॉर्ड को एक कम्प्यूटरीकृत डेटाबेस के रूप में मौजूदा बहीखाता के रूप में संग्रहित किया जाता है। आज इसके चर्चे हर जगह है।
जब यह शब्द पहले मार्केट मे आया था तो विभिन्न ‘विशेषज्ञों’ द्वारा ‘तकनीकि -बुलबुले ‘ के रूप में इसको खारिज कर दिया गया था। लेकिन अब फिर बदलते दौर मे वैश्विक हस्तियो ने इसको बढ़ावा दे दिया है।
मुद्रा किसी भी रूप में मुद्रा होती है। और जिसका उपयोग विनिमय के माध्यम के रूप में किया जाता है।
क्रिप्टो करेंसी भी उनमे से एक है जो मुद्रा का एक रूप है । और जो पैसे के रूप में कार्य करने के लिए क्रिप्टोग्राफी का उपयोग किया जा रहा है।
इससे डिजिटल रूप से कारोबार किया जा सकता है। और यह इस प्रकार कार्य कर रहा है।
1. विनिमय का एक माध्यम के रूप मे
2. खाते की एक इकाई के रूप मे
3. मूल्य का भंडारके रूप मे लेकिन कानूनी निविदा की स्थिति इसमे नही है।
इसको अलग अलग लोंगों के द्वारा इस प्रकार से देखा गया है।
बिल गेट्स के अनुसार
“बिटकॉइन एक तकनीकी माध्यम है जो टूर डी फोर्स हो सकता है।”
टायलर विंकलेवोस (जो की फेसबुक के सह-आविष्कारक)है उनके अनुसार –
“हमने अपना पैसा और विश्वास एक गणितीय ढांचे में लगाने के लिए इसका चुनाव किया है। जो राजनीति और मानवीय त्रुटि से मुक्त है।”
अल गोर (अमेरिका के 45वें उपराष्ट्रपति) के अनुसार –
मैं बिटकॉइन का बहुत बड़ा प्रशंसक हूं। इसका अर्थ यह है कि बिटकॉइन ब्रह्मांड एक एल्गोरिथ्म सरकार के कार्यों को बदल देता है। यह बहुत अच्छा है।
पीटर थिएल (पेपैल के सह-संस्थापक)के अनुसार –
“मुझे लगता है कि बिटकॉइन में दुनिया को बदलने की क्षमता है।”
जॉन मैक्एफ़ी के अनुसार –
आप बिटकॉइन को नहीं रोक सकते। यह हर जगह उपलब्ध होगाऔर इससे दुनिया को फिर से समायोजित करना होगा।
क्रिप्टोकरेंसी के फायदे –
क्रिप्टोकरेंसी को किसी मध्यस्थ की आवश्यकता नहीं है।
क्रिप्टोकरेंसी का कोई भौगोलिक बाधा नहीं है।
क्रिप्टोकरेंसी सस्ता, सुरक्षित, तेज मुद्रा है।
क्रिप्टोकरेंसी के नुकसान-
क्रिप्टोकरेंसी अत्यधिक अस्थिर है।
क्रिप्टोकरेंसीलेनदेन मे अपरिवर्तनीय हैं।
क्रिप्टोकरेंसी का उपयोग अवैध गतिविधि या डार्क वेब में हो रहा है।
ब्लॉक श्रृंखला पर निर्धारित –
यह एक ऐसी गतिविधि है जहां व्यक्ति अपनी कंप्यूटिंग क्षमता का उपयोग करके एक परेशान करने वाले 64-अंकीय हेक्साडेसिमल समीकरणों, पहेलियों और हैश के रूप में ज्ञात कोड को हल करने के लिए करता है। क्रिप्टोकरेंसी एक माध्यम है जिसमे लेनदेन को एक ब्लॉक श्रृंखला पर सत्यापित और मान्य किया जाता है। इससे एक नई क्रिप्टोकरेंसी प्राप्त करते हैं।
पहले बैंक था जो मुद्रा के रूप मे निवेश का माध्यम हुआ करता था। अब क्रिप्टोकुरेंसी के साथ लेनदेन सत्यापित करने के लिए कोई मध्यस्थ नहीं बचा है। दुनिया भर में ऐसे हजारों लोग हैं जो अपने लेनदेन को सत्यापित करने के लिए वहां मौजूद हैं।
भारत में क्रिप्टोकरेंसी की वैधता-
भारत मे ऐसा कोई कानून नहीं है जो क्रिप्टोकरेंसी की खरीद और बिक्री को प्रतिबंधित करता है। यहा पर यह परिसंपत्ति वर्ग है जहां कोई भी निवेश कर सकता है। लेकिन यहा पर इसको कानूनी निविदा नहीं माना जाता है।
भारत मे कोई भी तकनीकी रूप से क्रिप्टोकरेंसी को रोक नहीं सकता। क्योंकि इसमे किसी भी केंद्रीकृत पार्टी आदि का इसपर कोई नियंत्रण नहीं है।
भारत मे पिछले कुछ समय में क्रिप्टो करेंसी की भूमिका एक मुद्रा के रूप में कम हो गईथी क्रिप्टो करेंसी के नुकसान क्या हैं? जो अब फिर से बढ़ गयी है। इसका एक बहुत छोटा हिस्सा है। यह सोने की तरह एक परिसंपत्ति वर्ग की तरह विकसित हो रहा है।
अब दुनिया मे यह तेजी से विकसित हो रही है। दुनिया के किसी भी देश ने क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध नहीं लगाया है। और आगे ईआई सल्वाडोर जैसे कुछ देशों ने बिटकॉइन को लीगल टेंडर का दर्जा भी दे दिया है।
भारत में क्रिप्टो मुद्रा पर कर के प्रभाव और इसका स्वरूप –
केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने कर योग्यता की स्थिति के बारे में 23 मार्च 2021 को संसद में पूछे गए एक सवाल के जवाब में बताया था की जिसमें कहा गया है कि आयकर अधिनियम 1961 की धारा 5 के अनुसार यह कुल आय से एक व्यक्ति की सभी आय होगी। और इसके सभी स्रोत चाहे कानूनी हों या नहीं और , कोई भी व्यावसायिक गतिविधि जो क्रिप्टोकरेंसी या संपत्ति से संबंधित हैउस पर जब तक कि विशेष रूप से छूट प्रदान न किया गया हो माल और सेवा कर के तहत कर योग्य है।
और इसी तरहसे “किसी भी सेवा की आपूर्ति यदि विशेष रूप से छूट प्रदान नही की गयी है तो वह जीएसटी के तहत कर योग्य है । और क्रिप्टोकुरेंसी एक्सचेंज से संबंधित किसी भी सेवा को छूट नहीं दी गई हैइसलिए यह भी कर योग्य है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार खुले दिमाग से सभी विकल्पों पर विचार कर रही है। और यह सुनिश्चित करेगी कि निवेशकों के हितों की रक्षा जिसमे हो उसको लागू किया जाए। आरबीआई भारत की अपनी डिजिटल मुद्रा पर भी काम कर रहा है। और सरकार ने एक अंतर-मंत्रालयी समिति की भी गठन किया गया है। जहां पर सचिवों ने एक रिपोर्ट प्रस्तुत की थी।
आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 2 (24) में आय की परिभाषाइस प्रकार से दी गयी है। जिसमे ‘आय’ शब्द ‘लाभ’ या ‘लाभ’ तक सीमित नहीं है। जबकि इस परिभाषा का उद्देश्य ‘आय’ के अर्थ को सीमित करना नहीं है बल्कि आय के स्त्रोत को चौड़ा करना है। भले ही एक रसीद परिभाषित किसी भी खंड के दायरे में क्यो नहीं आती है। फिर भी यह आय की प्रकृति का एक हिस्सा हो सकती है। जब तक कि स्पष्ट रूप से छूट न दी गयी हो।
यदि डिजिटल मुद्रा को मुद्रा के रूप में माना जाता है। तो यह आयकर अधिनियम के अनुसार कर के लिए अतिसंवेदनशील नहीं होगा। परंतु इसका प्राकृतिक अर्थ और न ही आईटी अधिनियम की धारा 2(24) में आय के रूप में क्रिप्टोकुरेंसी ‘पैसा’ या ‘मुद्रा’ मे शामिल किया गया है। हालांकि इसमें ‘मौद्रिक भुगतान’ शामिल है।
क्या है Private Cryptocurrency जो बैन होगी, क्या बिटकॉइन इसमें शामिल है?
जीकैश, मोनेरो, डैश प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी के कुछ उदाहरण है.
क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) पर सरकार द्वारा बिल लाने की घोषणा के बाद हाय तौबा मच गई है. अब जब भारतीयों के हजार-करोड़ों रुपए क्रिप्टो के बाजार में लगे हो तो हाय तौबा मची रहेगी. इसका असर ये हुआ कि एक तो मार्केट धड़ाम से गिर गया दूसरी तरफ पैनिक सेलिंग को बढ़ावा मिला. लेकिन सरकार द्वारा बिल की घोषणा पर नजर डालें तो वहां प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी को बैन करने की बात हो रही है.
अब ये प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी क्या है और ये बिटकॉइन, ईथीरियम या डॉजकॉइन भी प्राइवेट क्रिप्टो हैं.
क्रिप्टोकरेंसी क्या है?
क्रिप्टोकरेंसी एक वर्चुअल करेंसी है, इसके साथ कुछ वैल्यू भी जुड़ी होती है. ये एक ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर काम करती है. ये किसी बैंक ना मिलने की बजाय कंप्यूटर्स द्वारा माइन होती है. हालांकि इनके ट्रांजैक्शन को ट्रैक किया जा सकता है, लेकिन सीमित जानकारियों के साथ.
अब भारत समेत दुनिया के कई देश में ना तो इसको लेकर कोई कानून है ना ही इसे सरकार मान्यता देती है. इसलिए भारत सरकार अब इस पर एक बिल लेकर आएगी ताकि कुछ कानून बनाएं जा सके.
क्रिप्टोकरेंसी के ट्रांजेक्शन को ट्रैक करना काफी जटिल है और सरकार का मानना है कि इसका बड़े स्तर पर दुरुपयोग क्रिप्टो करेंसी के नुकसान क्या हैं? हो सकता है. या तो इसको हवाला फंडिंग या टेरर फंडिंग के उपयोग में लाया जा सकता है. इसलिए इसको या तो बैन करने की जरूरत है या फिर रेग्युलेट करने की.
प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी क्या होती है?
प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी प्राइवेट ब्लॉकचेन के सहारे ट्रांजेक्ट होती है. इसको ट्रेस करना लगभग नामुमकिन हो जाता है. आमतौर पर इसकी परिभाषा भी यही है. जीकैश, मोनेरो, डैश प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी के क्रिप्टो करेंसी के नुकसान क्या हैं? कुछ उदाहरण है. वहीं बिटकॉइन, डॉजकॉइन, ईथीरियम ये सब पब्लिक क्रिप्टोकरेंसी हैं जिनके ट्रांजेक्शन को ट्रेस किया जा सकता है.
पेंच ये है कि प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी की कोई फिक्स परिभाषा तय नहीं हो पाई है. भारत सरकार प्राइवेट क्रिप्टो को किस तरह से परिभाषित करेगी ये बिल पेश पेश होने के बाद ही साफ हो पाएगा.
अब ऐसा हो सकता है कि सरकार उन सभी क्रिप्टोकरेंसी को प्राइवेट माने जो सरकार द्वारा जारी नहीं की गई है. या ऐसा भी हो सकता है कि जिन क्रिप्टोकरेंसी के ट्राजेक्शन की पहचान ना की जा सकती हो उनको सरकार प्राइवेट माने.
अब चूंकी सरकार अपनी एक डीजिटल करेंसी ला रही है इसलिए ऐसा माना जा रहा है कि हर तरह की क्रिप्टोकरेंसी पर बैन लगा दिया जाएगा लेकिन कुछ अपवाद के साथ.
Cryptocurrency Bill की खबर क्रिप्टो करेंसी के नुकसान क्या हैं? के बाद पैनिक सेलिंग,क्या कह रहे एक्सपर्ट?
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क्या क्रिप्टोकरेंसी में निवेश के लिए SIP है बेहतर विकल्प? जानिए क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स
एक व्यक्ति दैनिक या मासिक आधार पर एक निश्चित राशि में क्रिप्टो खरीदकर और इसे अपने पसंदीदा वॉलेट या हार्डवेयर वॉलेट में स्टोर करके स्वतंत्र रूप से भी SIP कर सकता है.
क्रिप्टोकरेंसी में निवेश क्रिप्टो करेंसी के नुकसान क्या हैं? में काफी जोखिम होता है.
क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) में निवेश में काफी जोखिम होता है. एक्सपर्ट्स का मानना है कि क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करते समय अपनी जोखिम उठाने की क्षमता का आकलन कर लेना चाहिए, ताकि नुकसान होने की स्थिति में ज्यादा पछतावा ना हो. यह ना सिर्फ उतार-चढ़ाव से भरा होता है, बल्कि इससे संबंधित नियम-कानूनों में भी स्पष्टता नहीं है. भारत में रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI), निवेशकों को क्रिप्टोकरेंसी रखने को लेकर चेतावनी देता रहा है, लेकिन इसके बावजूद लोगों ने इसमें निवेश करना नहीं छोड़ा है.
SIP के ज़रिए कर सकते हैं क्रिप्टोकरेंसी में इनवेस्ट
इसमें शामिल सभी जोखिमों पर विचार करने के बाद भी, अगर कोई व्यक्ति क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करना चाहता है, तो इसके कई तरीके हैं. इन्हीं तरीकों में से एक है सिस्टमैटिक इंवेस्टमेंट प्लान (SIP). वर्तमान में भारत में कुछ एक्सचेंजों के द्वारा SIP की पेशकश की जा रही है. एक व्यक्ति दैनिक या मासिक आधार पर एक निश्चित राशि में क्रिप्टो खरीदकर और इसे अपने पसंदीदा वॉलेट या हार्डवेयर वॉलेट में स्टोर करके स्वतंत्र रूप से भी SIP कर सकता है. अब एक सवाल जो मन में आता है वह ये है कि आपको क्रिप्टोकरेंसी में SIP करना चाहिए या नहीं.
जानिए, क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स
कई फाइनेंशियल एक्सपर्ट्स का मानना है कि पहली बार निवेश करने वालों के लिए क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने के लिए SIP सबसे बेहतर तरीका हो सकता है. Alliance School of Business में एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. विनय अस्थाना ने FE ऑनलाइन को बताया कि SIP का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इसमें बाजार में टाइमिंग को लेकर किसी तरह की समस्या नहीं होती. इसके साथ ही बाजार में उतार-चढ़ाव की स्थिति से बचने के लिए भी SIP एक बेहतरीन विकल्प है.
स्टॉक और म्यूचुअल फंड जैसे ट्रेडिशनल एसेट्स के लांग-टर्म इंवेस्टर्स के लिए SIP एक बढ़िया विकल्प है. लेकिन जब बात आती है क्रिप्टोकरेंसी की, तो डॉ अस्थाना कहते हैं कि क्रिप्टो में ट्रेडिशनल एसेट क्लासेस की तुलना में कई गुना ज्यादा उतार-चढ़ाव होता है. यह क्रिप्टो एसेट्स में निवेश के लिए SIP के समर्थन का एक मजबूत तर्क है. हालांकि, डॉ अस्थाना ने कई ऐसे तर्क दिए, जो क्रिप्टो में SIP के समर्थन को कमजोर करते हैं.
- क्रिप्टो बाजार शेयर बाजारों की तरह एफिशिएंट नहीं हैं.
- क्रिप्टो-एसेट्स ने सभी एसेट क्लासेस में सबसे ज्यादा रिटर्न जनरेट किया है. लेकिन, क्या यह टिकाऊ है? यह एक ऐसा सवाल है जिसने पूरी दुनिया को दो हिस्सों में बांट दिया है. कुछ मानते हैं कि यह एक क्रांति की तरह है, जिसकी तुलना इंटरनेट क्रांति से की जा सकती है. वहीं कुछ का मानना है कि यह एक बुलबुले से ज्यादा कुछ नहीं है.
- क्रिप्टो एसेट्स का वैल्यूएशन मौलिक तरीकों से ट्रेडिशनल एसेट्स से अलग होता है.
- इन सबके अलावा, इसके नियम-कानूनों में स्पष्टता नहीं है. इससे भी जोखिम बढ़ जाता है.
अस्थाना ने आगे कहा, “इन तथ्यों से लगता है कि क्रिप्टो एसेट्स में SIP एक समझदार स्ट्रेटजी है, लेकिन पूरी तरह सही नहीं माना जाना चाहिए, क्योंकि क्रिप्टो-एसेट्स के संबंध में कई बुनियादी मुद्दे अभी भी अनसुलझे हैं.”
क्रिप्टोकरेंसी को लेकर RBI ने कई बार जारी की है चेतावनी
Clear के फाउंडर और CEO अर्चित गुप्ता ने कहा, ‘भारत में क्रिप्टोकरेंसी लीगल टेंडर नहीं है. क्रिप्टोकरेंसी के नियम-कानूनों में अस्पष्टता है. RBI ने समय-समय पर निवेशकों को क्रिप्टोकरेंसी रखने को लेकर चेतावनी दी है. इसके अलावा, यह भारी उतार-चढ़ाव से भरा हुआ है. आपको अपनी जीवन भर की बचत को क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने क्रिप्टो करेंसी के नुकसान क्या हैं? से क्रिप्टो करेंसी के नुकसान क्या हैं? पहले बहुत सावधानी बरतनी चाहिए।”
हालांकि गुप्ता ने आगे कहा कि अगर आप क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करना चाहते हैं तो SIP सबसे बढ़िया तरीका हो सकता है. कई प्लेटफ़ॉर्म आपको केवल 100-500 रुपये क्रिप्टो करेंसी के नुकसान क्या हैं? प्रति क्रिप्टो करेंसी के नुकसान क्या हैं? किश्त के साथ क्रिप्टोकरेंसी में SIP शुरू करने की अनुमति देते हैं. इसके अलावा, कई निवेशक साप्ताहिक या मासिक किश्त के विकल्प के बजाय, दैनिक SIP का विकल्प चुनते हैं क्योंकि एक क्रिप्टो करेंसी के नुकसान क्या हैं? महीने की अवधि के भीतर क्रिप्टोकरेंसी की कीमत में भारी उतार-चढ़ाव हो सकता है.
(डिस्क्लेमर : इस स्टोरी में क्रिप्टोकरेंसी के बारे में सुझाव संबंधित कमेंटेटर द्वारा दी गई हैं. फाइनेंशियल एक्सप्रेस ऑनलाइन उनकी सलाह के लिए कोई जिम्मेदारी नहीं लेता है. कृपया क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श लें.)
(Article: Rajeev Kumar)
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