Moolank 5 | मूलांक 5 | भाग्यांक जन्मांक पांच के जीवन का रहस्य । अंकशास्त्र ( Numerology ) में मूलांक पांच के अधिष्ठाता ग्रह बुध / Mercury हैं इसलिए मूलांक पांच के व्यक्तियों पर बुध ग्रह के विशेषताओं का विशेष प्रभाव होता है। यदि आपका जन्म किसी भी महीने की 5, 14, और 23 को हुआ है तो आपका मूलांक 5 होगा और आप मृत्युपर्यंत 5 अंक से किसी न किसी रूप में प्रभावित होते रहेंगे।

कुंडली के अनुसार व्यवसाय में सफलता के योग !

आज के समय में जहाँ अपने करियर को लेकर अधिकांश युवा किसी ना किसी प्रोफेशनल कोर्स को करने के बाद एक जॉब की इच्छा रखते हैं वहीँ बहुत से लोग केवल स्वतंत्र व्यापार करने में ही रुचि रखते हैं किसी न किसी बिज़नेस में ही अपना करियर बानाना बहुत से लोगो की पहली पसंद होती है परन्तु कुछ लोग अपने बिजनेस में सफल हो पाते हैं तो बहुत से लोगो को लम्बे समय तक संघर्ष करने पर भी सफलता नहीं मिलती और इन्वेस्ट किया गया धन भी बेकार चला जाता है वास्तव में किसी व्यक्ति को व्यापार में सफलता मिलेगी या नहीं यह हमारी जन्मकुंडली में बने कुछ विशेष ग्रह-योगो पर निर्भर करता है तो आईये जानते हैं के बिजनेस में सफलता मिलने के लिए कुंडली में कौनसे ग्रह-योग सहायक होते हैं !

” हमारी कुंडली का दशम भाव हमारी आजीविका या करियर को नियंत्रित करता है व्यक्ति की आजीविका किस स्तर की होगी यह कुंडली के दशम भाव की स्थिति पर निर्भर करता है परन्तु जब हम अपनी आजीविका को भी विशेषतः व्यापार के रूप में देखते हैं तो यहाँ कुंडली के “सप्तम और एकादश भाव” की महत्वपूर्ण भूमिका होती है जन्मकुंडली का सातवा भाव स्वतंत्र व्यवसाय और ग्यारहवां भाव लाभ का एक सफल व्यवसाय के 8 रहस्य कारक होता है !

अतः करियर में भी विशेष रूप से केवल व्यापार में सफलता मिलना या ना मिलना कुंडली के सातवें और ग्यारहवे भाव की स्थिति पर निर्भर करता है ! बिजनेस में सफलता के लिए सप्तम और एकादश भाव और तथा इनके स्वामियों का अच्छी स्थिति में होना बहुत आवश्यक है ! इसके अतिरिक्त व्यापार का नैसर्गिक नियंत्रक “बुध” को माना गया है अतः व्यापार में सफलता और अच्छे व्यापारिक गुणों के लिए कुंडली में बुध का बलवान होना भी बहुत आवश्यक है !

अतः बिजनेस में सफलता के लिए सप्तम भाव, एकादश भाव और बुध तीनों घटकों का अच्छी स्थिति में होना आवश्यक है परन्तु व्यापार में सफलता और अच्छी उन्नति के लिए जो घटक सर्वाधिक महत्त्व रखता है वह है कुंडली का “लाभ स्थान” अर्थात ग्यारहवा भाव क्योंकि बिज़नेस में किये गए इन्वेस्टमेंट का रिटर्न या लाभ हमें अच्छी स्थिति में मिल पाये ये लाभ स्थान और लाभेश की शक्ति पर निर्भर करता है अतः एक बिजनेस मैन की कुंडली में लाभ स्थान और लाभेश का बलि होना व्यापर की सफलता एक सफल व्यवसाय के 8 रहस्य को तय करता है ”

व्यवसाय में सफलता के योग
1. यदि सप्तमेश सप्तम भाव में हो या सप्तम भाव पर सप्तमेश की दृष्टि हो तो बिजनेस में सफलता मिलती है !

2. सप्तमेश स्व या उच्च राशि में होकर शुभ भाव (केंद्र-त्रिकोण आदि) में हो तो बिजनेस के अच्छे योग होते हैं !

3. यदि लाभेश लाभ स्थान में ही स्थित हो तो व्यापार में अच्छी सफलता मिलती है !

4. लाभेश की लाभ स्थान पर दृष्टि हो तो व्यापार में सफलता मिलती है !

5. यदि लाभेश दशम भाव में और दशमेश लाभ स्थान में हो तो अच्छा व्यापारिक योग होता है !

6. दशमेश का भाग्येश के साथ राशि परिवर्तन भी व्यापार में सफलता देता है !

7. यदि धनेश और लाभेश का योग शुभ स्थान पर हो या धनेश और लाभेश का राशि परिवर्तन हो रहा हो तो भी
व्यापार में सफलता मिलती है !

8. यदि किसी व्यक्ति की सर्वाष्टकवर्ग कुंडली के ग्यारहवे भाव में बारहवे भाव से अधिक बिंदु हों तो व्यापार के लिए अच्छा योग होता है ग्यारहवे भाव में बारहवे भाव से जितने अधिक बिंदु होंगे उतना ही अच्छा लाभ मिलेगा !

9. सप्तमेश यदि मित्र राशि में शुभ भावों में स्थित हो तो भी बिजनेस में जाने का योग होता है !

10. यदि सप्तमेश और दशमेश का राशि परिवर्तन हो अर्थात सप्तमेश दशम भाव में और दशमेश सप्तम भाव में हो तो भी बिजनेस में सफलता मिलती है !

11. सप्तमेश और लग्नेश का राशि परिवर्तन भी बिजनेस में सफलता दिलाता है !

12. बुध स्व या उच्च राशि (मिथुन, कन्या) में होकर शुभ भावों में हो तो बिजनेस में जाने का अच्छा योग होता है !

13. बुध यदि शुभ स्थान केंद्र-त्रिकोण में मित्र राशि में हो और सप्तम भाव, सप्तमेश अच्छी स्थिति में हो तो भी बिजनेस में सफलता मिल जाती है !

14. कुंडली का लाभ स्थान(ग्यारहवा भाव) जितना अधिक बलि होगा बिजनेस में उतनी ही अच्छी उन्नति होगी !
15. सप्तमेश और लाभेश का राशि परिवर्तन भी अच्छा व्यापारिक योग देता है !

व्यवसाय में संघर्ष के योग

1. यदि लाभेश (ग्यारहवे भाव का स्वामी) पाप भाव (6,8,12) में हो तो ऐसे में बिजनेस में संघर्ष की स्थिति रहती है
और किये गए इन्वेस्टमेंट का पूरा लाभ प्राप्त नहीं हो पाता !

2. लाभेश यदि अपनी नीच राशि में हो तो बिजनेस में अपेक्षित परिणाम नहीं मिल पाते !

3. कुंडली के एकादश भाव में किसी पाप योग (ग्रहण योग, गुरुचांडाल योग आदि) का बनना भी बिजनेस में संघर्ष उत्पन्न करके एक सफल व्यवसाय के 8 रहस्य सफलता को कम करता है !

4. कुंडली में सप्मेश का पाप भाव या नीच राशि में होना भी बिजनेस के क्षेत्र में संघर्ष देता है !

5. यदि कुंडली में बुध नीच राशि (मीन) में हो या पाप भाव में होने से पीड़ित हो तो व्यक्ति में अच्छे व्यापारिक गुणों का विकास न होने से और गलत निर्णयों के कारण बिजनेस में अच्छी सफलता नहीं मिल पाती !

6. शुक्र धन प्राप्ति और रिटर्न का कारक ग्रह है यदि कुंडली में शुक्र अति पीड़ित स्थिति में हो तो व्यक्ति बिजनेस में सामान्य स्तर से ऊपर नहीं उठ पाता !

अतः कुंडली में एकादश भाव, सप्तम भाव और बुध का कमजोर होना बिजनेस की सफलता में बाधक बनता एक सफल व्यवसाय के 8 रहस्य है अतः कुंडली में लाभ स्थान, सप्तम भाव और बुध यदि अति पीड़ित या कमजोर स्थिति में हों तो व्यक्ति को बिजेस या व्यापार के क्षेत्र में नहीं एक सफल व्यवसाय के 8 रहस्य जाना चाहिए !

कुंडली के सप्तम भाव और सप्तमेश की स्थिति जहाँ व्यापार में सफलता या संघर्ष को निश्चित करती है वहीँ व्यापार का नैसर्गिक कारक बुध व्यक्ति में व्यापार करने के गुणों को देकर व्यापार की सफलता को निश्चित करता है तो वहीँ लाभ स्थान व्यापार में होने वाले लाभ के स्तर को तय करता है !

अतः यदि ये सभी घटक जन्मकुंडली में अच्छी स्थिति में हो तो व्यक्ति को बिजनेस में अच्छी सफलता मिलती है और किस वस्तु या क्षेत्र से सम्बंधित बिजनेस किया जाय यह व्यक्ति की कुंडली के मजबूत ग्रहों पर निर्भर करता है ! किस व्यक्ति को व्यापार के किस क्षेत्र में जाना चाहिए या किस वस्तु से सम्बंधित व्यापार करना एक सफल व्यवसाय के 8 रहस्य चाहिए यह व्यक्ति की कुंडली के बली ग्रहों पर निर्भर करता है अतः व्यक्ति की कुंडली के गहन विश्लेषण के बाद ही उसके लिए व्यापार की सही दिशा निश्चित की जाती है !

निम्नलिखित गद्यांश ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के सही उत्तर लिखिए- "सफलता चाहने वाले मनुष्य का प्रथम कर्त्तव्य यह देखना है कि उसकी रुचि किन कार्यों की ओर अधिक है। यह बात गलत है कि हर कोई मनुष्य हर एक काम कर सकता है। लॉर्ड वेस्टरफील्ड स्वाभाविक प्रवृत्तियों के काम को अनावश्यक समझते थे और केवल परिश्रम को ही सफलता का आधार मानते थे। इसी सिद्धान्त के अनुसार उन्होंने अपने बेटे स्टेनहाप को, जो सुस्त, ढीलाढाला, असावधान था, सत्पुरुष बनाने का प्रयास किया। वर्षों परिश्रम करने के बाद भी लड़का ज्यों का त्यों रहा और जीवन-भर योग्य न बन सका। स्वाभाविक प्रवृत्तियों को जानना कठिन भी नहीं है, बचपन के कामों को देखकर बताया जा सकता है कि बच्चा किस प्रकार का मनुष्य होगा। प्रायः यह संभावना प्रबल होती है कि छोटी आयु में कविता करने वाला कवि, सेना बनाकर चलने वाला सेनापति, भुट्टे चुराने वाला चोर-डाकू, पुरजे कसने वाला मैकेनिक और विज्ञान में रुचि रखने वला वैज्ञानिक बनेगा। जब यह विदित हो जाए कि लड़के की रुचि किस काम की ओर है तब यह करना चाहिए कि उसे उसी विषय में ऊँची शिक्षा दिलाई जाए। ऊँची शिक्षा प्राप्त करके मनुष्य अपने काम-धन्धे में कम परिश्रम से अधिक सफल हो सकता है, जिनके काम-धन्धे का पूर्ण प्रतिबिम्ब बचपन में नहीं दिखता, वे अपवाद ही हैं। प्रत्येक मनुष्य में एक विशेष कार्य को अच्छी प्रकार करने की शक्ति होती है। वह बड़ी दृढ़ और उत्कृष्ट होती है। वह देर तक नहीं छिपती। उसी के अऩुकूल व्यवसाय चुनने से ही सफलता मिलती होती है। वह देर तक नहीं छिपती। उसी के अनुकूल व्यवसाय चुनने से ही सफलता मिलती है। जीवन में यदि आपने सही कार्यक्षेत्र चुन लिया तो समझ लीजिए कि बहुत बड़ा काम कर लिया। क) लार्ड वेस्टरफील्ड का क्या सिद्धान्त था? समझाइए। ख) इसे उसने सर्वप्रथम किस पर आजमाया? और क्या परिणाम रहा? ग) बालक आगे चलकर कैसा मनुष्य बनेगा, इसका अनुमान कैसे लगाया जा सकता है? घ) सही कार्यक्षेत्र चुनने के क्या लाभ हैं? ङ) उपर्युक्त गद्यांश के लिए एक उपयुक्त शीर्षक दीजिए।

bhatiamona

उतर : बचपन के कामों और स्वभाव को देखकर बताया जा सकता है कि बच्चा किस प्रकार का मनुष्य होगा। बच्चे की दिलचस्पी की चीज़ में है| प्रायः यह संभावना प्रबल होती है कि छोटी आयु में कविता करने वाला कवि, सेना बनाकर चलने वाला सेनापति, भुट्टे चुराने वाला चोर-डाकू, पुरजे कसने वाला मैकेनिक और विज्ञान में रुचि रखने वला वैज्ञानिक बनेगा।

घ) सही कार्यक्षेत्र चुनने के क्या लाभ हैं?

उतर : सही कार्यक्षेत्र चुनने से सफलता मिलती है। जीवन में यदि आपने सही कार्यक्षेत्र चुनते तो हमें सफलता और हम अपने लक्ष्य को प्राप्त कर लेते है|

ङ) उपर्युक्त गद्यांश के लिए एक उपयुक्त शीर्षक दीजिए।

उतर : गद्यांश के लिए एक उपयुक्त शीर्षक ‘मनुष्य और सफलता’|

निम्नलिखित गद्यांश ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे एक सफल व्यवसाय के 8 रहस्य गए प्रश्नों के सही उत्तर लिखिए- "सफलता चाहने वाले मनुष्य का प्रथम कर्त्तव्य यह देखना है कि उसकी रुचि किन कार्यों की ओर अधिक है। यह बात गलत है कि हर कोई मनुष्य हर एक काम कर सकता है। लॉर्ड वेस्टरफील्ड स्वाभाविक प्रवृत्तियों के काम को अनावश्यक समझते थे और केवल परिश्रम को ही सफलता का आधार एक सफल व्यवसाय के 8 रहस्य मानते थे। इसी सिद्धान्त के अनुसार उन्होंने अपने बेटे स्टेनहाप को, जो सुस्त, ढीलाढाला, असावधान था, सत्पुरुष बनाने का प्रयास किया। वर्षों परिश्रम करने के बाद भी लड़का ज्यों का त्यों रहा और जीवन-भर योग्य न बन सका। स्वाभाविक प्रवृत्तियों को जानना कठिन भी नहीं है, बचपन के कामों को देखकर बताया जा सकता है कि बच्चा किस प्रकार का मनुष्य होगा। प्रायः यह संभावना प्रबल होती है कि छोटी आयु में कविता करने वाला कवि, सेना बनाकर चलने वाला सेनापति, भुट्टे चुराने वाला चोर-डाकू, पुरजे कसने वाला मैकेनिक और विज्ञान में रुचि रखने वला वैज्ञानिक बनेगा। जब यह विदित हो जाए कि लड़के की रुचि किस काम की ओर है तब यह करना चाहिए कि उसे उसी विषय में ऊँची शिक्षा दिलाई जाए। ऊँची शिक्षा प्राप्त करके मनुष्य अपने काम-धन्धे में कम परिश्रम से अधिक सफल हो सकता है, जिनके काम-धन्धे का पूर्ण प्रतिबिम्ब बचपन में नहीं दिखता, वे अपवाद ही हैं। प्रत्येक मनुष्य में एक विशेष कार्य को अच्छी प्रकार करने की शक्ति होती है। वह बड़ी दृढ़ और उत्कृष्ट होती है। वह देर तक नहीं छिपती। उसी के अऩुकूल व्यवसाय चुनने से ही सफलता मिलती होती है। वह देर तक नहीं छिपती। उसी के अनुकूल व्यवसाय चुनने से ही सफलता मिलती है। जीवन में यदि आपने सही कार्यक्षेत्र चुन लिया तो समझ लीजिए कि बहुत बड़ा काम कर लिया। क) लार्ड वेस्टरफील्ड का क्या सिद्धान्त था? समझाइए। ख) इसे उसने सर्वप्रथम किस पर आजमाया? और क्या परिणाम रहा? ग) बालक आगे चलकर कैसा मनुष्य बनेगा, इसका अनुमान कैसे लगाया जा सकता है? घ) एक सफल व्यवसाय के 8 रहस्य सही कार्यक्षेत्र चुनने के क्या लाभ हैं? ङ) उपर्युक्त गद्यांश के लिए एक उपयुक्त शीर्षक दीजिए।

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उतर : बचपन के कामों और स्वभाव को देखकर बताया जा सकता है कि बच्चा किस प्रकार का मनुष्य होगा। बच्चे की दिलचस्पी की चीज़ में है| प्रायः यह संभावना प्रबल होती है कि छोटी आयु में कविता करने वाला कवि, सेना बनाकर चलने वाला सेनापति, भुट्टे चुराने वाला चोर-डाकू, पुरजे कसने वाला मैकेनिक और विज्ञान में रुचि रखने वला वैज्ञानिक बनेगा।

घ) सही कार्यक्षेत्र चुनने के क्या लाभ हैं?

उतर : सही कार्यक्षेत्र चुनने से सफलता मिलती है। जीवन में यदि आपने सही कार्यक्षेत्र चुनते तो हमें सफलता और हम अपने लक्ष्य को प्राप्त कर लेते है|

ङ) उपर्युक्त गद्यांश के लिए एक उपयुक्त शीर्षक दीजिए।

उतर : गद्यांश के लिए एक उपयुक्त शीर्षक ‘मनुष्य और सफलता’|

Bhagwat Geeta : गीता के ये नौ सूत्र बदल देंगे जीवन, कभी नहीं मिलेगी असफलता

Bhagavad Gita Shlok: Bhagwat Geeta Saar

अगर आप जीवन में परेशान है, कोई सही मार्ग नहीं मिल पा रहा हो, असफलता के कारण मन दुखी हो तो भगवत गीता ( bhagwat geeta ) के केवल इन श्लोकों को भगवान श्री कृष्ण का ध्यान करते हुए पढ़ने से तत्काल मार्गदर्शन मिलने लगता है। जानें भगवत गीता के सफलता दिलाने वाले 9 श्लोक।

Moolank 5 | मूलांक 5 एक सफल व्यवसाय के 8 रहस्य | भाग्यांक जन्मांक पांच के जीवन का रहस्य

Moolank 5 | मूलांक 5 | भाग्यांक जन्मांक पांच के जीवन का रहस्य

Moolank 5 | मूलांक 5 | भाग्यांक जन्मांक पांच के जीवन का रहस्य । अंकशास्त्र ( Numerology ) में मूलांक पांच के अधिष्ठाता ग्रह बुध / Mercury हैं इसलिए मूलांक पांच के व्यक्तियों पर बुध ग्रह के विशेषताओं का विशेष प्रभाव होता है। यदि आपका जन्म किसी भी महीने की 5, 14, और 23 को हुआ है तो आपका मूलांक 5 होगा और आप मृत्युपर्यंत 5 अंक से किसी न किसी रूप में प्रभावित होते रहेंगे।

मूलांक 5 की स्वाभाविक विशेषताएं | Characteristics of Moolank 5

मूलांक 5 का संरक्षक ग्रह बुध है। ज्योतिष में बुध “बुद्धि” का कारक है। इस मूलांक के व्यक्ति प्रसन्न रहना चाहते है। ऐसा व्यक्ति झगड़ा करना पसंद नहीं करता है। इस मूलांक वाला व्यक्ति विलक्षण प्रतिभा से युक्त होता है। ऐसा व्यक्ति बहुत ही तार्किक होता है।

इस मूलांक वाले व्यक्ति निर्णय लेने मे निपुण होते है। ऐसे व्यक्ति परिश्रम करने से करने से बचते है। आप बहुत ही आसानी से धन कमाने की कोशिश करते है। आप हमेशा धनोपार्जन के नये रास्ते और तरीके खोजने का की कोशिश करते रहते है। आप दोहरी नीति के धनि व्यक्ति होंगे। कई बार तो आप करे या न करे के भवर जाल में भी झूलते रहते है।

आप अपने आपको परिस्थिति के अनुरूप ढाल लेते हैं। मूलांक 5 वाले व्यक्ति किसी विषय को लेकर ज्यादा गम्भीर नहीं होते। आप न तो ज्यादा देर तक खुश रह सकते है और न ही ज्यादा देर तक दुखी रह सकते है।

Moolank 5 | मूलांक 5 | भाग्यांक जन्मांक पांच के जीवन का रहस्य

पारिवारिक तथा दाम्पत्य जीवन | Family and Marriage Life

आपका पारिवारिक जीवन सुखमय व्यतीत होता है। आपको अपने भाइयों, बहनो और परिजनों के साथ रिश्ता सामान्य बना रहेगा। आप के मित्र जल्दी बनते है। और उन्हें भूल में देर नही लगती वैसे आप भूलना नही चाहते है। मित्रों से आपको उतना लाभ नही मिलता जितना अन्य को मिलता है।

आपका वैवाहिक सम्बन्ध ठीक होगा। अधिक मिलनसार स्वभाव के होने के कारण महिला मित्र भी अधिक होते हैं। परन्तु मूलांक 5 वालों के प्रेम सम्बन्ध ( Love Relation ) स्थायी नहीं रहता। आपके दो विवाह की भी संभावनाए बानी रहती हैं। संतान को लेकर कुछ चिंताएं बनी रहेगी। ससुराल पक्ष से आपका रिश्ता सामान्य बना रहेगा।

आपके शरीर में पीड़ा तथा तनाव हो सकता है। आप अनिद्रा के शिकार हो सकते है। एक सफल व्यवसाय के 8 रहस्य शरीर में बदहजमी, सिर दर्द, नाक व आंखों की तकलीफ़ हो सकती है।

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आपकी शिक्षा | Your Education

आप पढाई करेंगे कई बार यह भी देखा गया है कि मूलांक 5 वाले पूरी उम्र कुछ न कुछ पढाई करते ही रहते है। अगर कोई विपरीत परिस्थिति न हो तो आप अपनी पढाई पूरा करेंगे। यदि आप अन्वेषणात्मक पढाई ( Research एक सफल व्यवसाय के 8 रहस्य Oriented study )करते है तो आपको लाभ मिलेगा। आपकी रूचि वाणिज्य विषय में होगी। अर्थात आप B Com M Com इत्यादि करे तो अच्छा रहेगा। आप management की पढाई कर सकते है।

आप कई भाषाओं के जानकार होते हैं। यदि आपकी शिक्षा कम भी रह जाती है तो भी आप समाज तथा परिवार में बुद्धिमान ही कहलाते हैं। धार्मिक ग्रंथों तथा गुप्त विद्याओं का भी अध्ययन करने में रूचि रखते है। आप ज्योतिषी (Astrology) का भी कार्य कर सकते है।

कार्यक्षेत्र | Profession

आप शिक्षा व व्यवसाय के क्षेत्र से जुड़कर अच्छा काम कर सकते है और इस क्षेत्र में एक नये मुकाम हासिल कर सकते है। आप अपने लाभ के लिए किसी भी हद तक जा सकते है इसमें कोई संदेह नहीं है। आप निरंतर अपने काम में लगे रहते है और नये-नये परिवर्तन तथा आविष्कारों से अपने नाम को रौशन करने का प्रयास करते हैं।

आप हर काम करने से पहले कई बार सोचते है। आप अपने कामों में नीत नवीनता लाने के लिए हमेशा कोशिश करते हैं। आप नौकरी ( job) और व्यवसाय दोनों से लाभ प्राप्त कर सकते है। आप ब्रोकर, सेल्समैन, क्लर्क तथा अध्यापक का कार्य कर सकते है। आपके जीवन का मूल रहस्य यह है अपने लक्ष्य को पाना।

मूलांक 5 वाले व्यापार और उद्योग धंधों में सफलता पाते हैं। आप अच्छे मैनेजर, वकील, जज, लेखाधिकारी, शिक्षाविद, डाक्टर ( Doctor) पत्रकार पब्लिक रिलेशन अधिकारी हो सकते हैं। इन्हें अर्थशास्त्र और संगीत का भी अच्छा ज्ञान होता है। ज्योतिष के क्षेत्र में आप अच्छा नाम कमा सकते है।

आप निर्णय तुरंत लेते है तथा कार्य को बड़ी तेजी के साथ पूर्ण करते है। आपको अपना व्यवसाय करना ज्यादा अच्छा लगता है। कई बार तो यह भी देखा गया है कि ऐसा जातक नौकरी के साथ कोई न कोई व्यवसाय भी करता है इसका मुख्य कारण यह होता है कि नौकरी से मिलने वाली निश्चित आय से आत्मसन्तुष्टि नहीं होती। वस्तुतः व्यवसाय इनके स्वभाव में होता है।

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