आपको एसआईपी निवेश क्यों शुरू करना चाहिए?

बाजार में तरह-तरह के एसआईपी उपलब्ध हैं। –
टॉप-अप एसआईपी: एक टॉप-अप एसआईपी आपको एक विशेष राशि या प्रतिशत पर निर्दिष्ट अंतराल पर निवेश राशि को स्वचालित रूप से बढ़ाने में सक्षम बनाता है।
स्थायी एसआईपी: एक स्थायी एसआईपी आपको तब तक निवेश करने में सक्षम बनाता है जब तक आप बिना किसी अंतिम तिथि के निवेश करना चाहते हैं।

मैं एसआईपी में कितना निवेश कर सकता हूं?

आप कितनी रकम एसआईपी में निवेश कर सकते हैं, इसकी कोई सीमा नहीं है। न्यूनतम राशि जो आप निवेश कर सकते हैं, वह 500 रुपये प्रति माह है। (एसबीआई स्मॉल कैप फंड को छोड़कर).

क्या एसआईपी केवल इक्विटी म्यूचुअल फंड निवेश की अनुमति देता है?

नहीं, आप एसआईपी के जरिए डेब्ट और हाइब्रिड म्युचुअल फंड में निवेश कर सकते हैं।

क्या एसआईपी म्युचुअल फंड के समान हैं?

लोग अक्सर एसआईपी को या तो म्युचुअल फंड लाभदायक निवेश की मूल बातें समझते हैं या फिर उससे अलग समझते हैं। हकीकत यह है कि एसआईपी सिर्फ निवेश की एक शैली है न कि कोई फंड/स्कीम या शेयर/निवेश एवेन्यू। यह आपकी पसंद के फंड/योजना में समय-समय पर निवेश करने के लिए एक निवेश वाहन है।

लाभदायक निवेश की मूल बातें

दो आदमी रमेश और सुरेश क्रमशः र .

दो आदमी रमेश और सुरेश क्रमशः रू. 15000 और रू. 25000 एक व्यापार में निवेश करते है। वर्ष के अंत में दोनों को रू. 10000 का लाभ होता है। वे अपने लाभ का 12प्रतिशत फिर से व्यापार में लगाते है। बची हुई राशि में से प्रत्येक रू. 1000 लेता है तथा फिर से बची हुई राशि उनके मूल निवेश के अनुपात के अनुसार बांट लेते है, तब रमेश का हिस्सा कितना होगा?

क्या है लिक्विड फंड, जानें मौजूदा दौर में निवेश फायदेमंद है या नहीं

लिक्विड फंड में निवेश करने वाले निवेशक एक छोटी अवधि में निश्चित रिटर्न के लिए निवेश करते हैं. इसमें जोखिम कम होता है, इसलिए निवेशकों में यह पॉपुलर है. लेकिन क्या अभी निवेश के लिए सही माहौल है.

By: एबीपी न्यूज़ | Updated at : 22 Feb 2021 01:02 PM (IST)

लिक्विड फंड , डेट फंड की एक कैटेगरी है जो डेट और मनी मार्केट के इंस्ट्रूमेंट्स जैसे कॉमर्शियल पेपर, कॉल मनी, सरकारी सिक्योरिटी, ट्रेजरी बिल वगैरह में निवेश करता है. इसमें 91 दिनों तक की मैच्योरिटी अवधि होती है. लिक्विड फंड में निवेश करने सबसे बड़ा फायदा लिक्विडिटी का है. लिक्विडिटी का मतलब किसी संपत्ति को कितनी जल्दी बेच या खरीद कर उसे कैश में बदला जा सकता है.

लिक्विड फंड में जोखिम कम लेकिन अभी निवेश करना ठीक ? चूंकि लिक्विड फंड डेट इंस्ट्रूमेंट में निवेश करते हैं, जो निश्चित ब्याज दर की पेशकश करते हैं, इसलिए इसमें निवेश से मिलने वाले रिटर्न तय होता है. सिक्योरिटीज़ के मैच्योर होने पर, निवेशक को निश्चित ब्याज के साथ मूल राशि मिल लाभदायक निवेश की मूल बातें जाती है. शॉर्ट टर्म मैच्योरिटी अवधि के कारण, लिक्विड फंड ज्यादा आकर्षक होते हैं. लिक्विड फंड में निवेश पर कोई लॉक-इन अवधि नहीं है. निवेश के 7 दिनों के बाद निवेश की गई पूंजी को वापस लेने पर कोई एग्जिट फीस लाभदायक निवेश की मूल बातें शुल्क नहीं है. लेकिन इस वक्त लिक्विड फंड उतने आकर्षक नहीं रह गए हैं. हाल में म्‍यूचुअल फंड कैटेगरी में लिक्विड फंडों से सबसे ज्‍यादा निकासी देखने को मिल रही है. जनवरी में निवेशकों ने लिक्विड फंडों से करीब 45 हजार करोड़ रुपये निकाले. दरअसल मार्केट में लिक्विडिटी की अधिकता के कारण लिक्विड फंड में रिटर्न घट रहा है और निवेशक इनसे निकल रहे है.

ये हो सकती है कि आपकी लिक्विड फंड स्ट्रेटजी लिक्विड फंड उन निवेशकों के लिए बढ़िया है जो छोटी अवधि के लिए अपना पैसा कहीं रखना चाहते हैं. छोटे निवेशक इमर्जेंसी फंड बनाने के लिए इन कम जोखिम वाली स्‍कीमों में पैसा लगाते रहे हैं. फिलहाल निवेशकों को लिक्विड फंडों से कम रिटर्न की उम्मीद करनी चाहिए. हालांकि, इसका यह मतलब नहीं है कि आपके पोर्टफोलियो से लिक्विड फंड बाहर हो जाएं. जो निवेशक पंद्रह दिन से लेकर तीन महीने के लिए अपना सरप्लस पैसा कहीं रखना चाहते हैं वे लिक्विड फंड में निवेश कर सकते हैं.

पंद्रह दिन की अवधि के लिए अपनी सरप्‍लस रकम रखने के लिए ओवरनाइट फंड अच्‍छा प्रोडक्‍ट है. जो निवेशक 45 दिन या इससे अधिक का निवेश टारगेट लेकर चल रहे हैं, वे अपनी जरूरतों के लिए अल्‍ट्रा शॉर्ट टर्म फंड में पैसा लगा सकते हैं. छोटी अवधि का निवेश करने की चाहत रखने वाले शॉर्ट टर्म प्रोडक्‍ट चुन सकते हैं, जिनमें अस्थिरता कम हो और रिटर्न का अनुमान लगाना संभव है.

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Published at : 22 Feb 2021 01:02 PM (IST) Tags: liquid fund liquid fund return AMFI Mutual fund हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी लाभदायक निवेश की मूल बातें न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Business News in Hindi

स्टॉक चुनने का सही तरीका क्या है?

इसके संदर्भ में, हम महत्वपूर्ण तरीकों के बारे में समझतें हैं:लाभदायक निवेश की मूल बातें

१. टॉप डाउन दृष्टिकोण

२. बॉटम-अप दृष्टिकोण

स्टॉक का चयन

टॉप डाउन दृष्टिकोण

  • निवेश की इस पद्धति में, निवेशक देखकर विश्लेषण शुरू करता है
  • व्यक्तिगत स्टॉक पर काम करने से पहले आर्थिक नीति जैसे इन्फ्लेशन, अर्थशास्रीय विकास, आर्थिक विकास, जैसी व्यापक घटनाएं।

निवेशक बाजार में प्रचलित कारणों, घटनाओं की तलाश करता है और उस अवसर को समझने की कोशिश करता है जो उससे प्राप्त किया जा सकता है।

उदाहरण के लिए, द इलेक्शन इन इंडिया सबसे ज्यादा चर्चित घटना है। इसलिए, चुनाव वह घटना / विषय है जिसे निवेशक इस दृष्टिकोण से प्रभावित निवेश के अवसर को पकड़ने के लिए देखेंगे ।

अधिकांश टॉप-डाउन निवेशक मैक्रोइकॉनॉमिक निवेशक हैं, जो व्यक्तिगत इक्विटी मार्किट के बजाय बड़े चक्रीय रुझानों को भुनाने पर केंद्रित होते हैं।

इसका मतलब यह है कि उनकी रणनीति किसी भी प्रकार के मूल्य-आधारित निवेश की दृष्टिकोण की तुलना में अल्पकालिक लाभ को कमाने के लिए है, ना कि मुल्यवान कंपनियों को खोजने के लिए है।

बॉटम-अप दृष्टिकोण

निवेश की इस पद्धति में, निवेशक:

  • व्यक्तिगत कंपनियों को देखकर और फिर उनकी खूबी और विशेषताओं के आधार पर एक पोर्टफोलियो का निर्माण करके उनका विश्लेषण शुरू करते है ।
  • निवेशक इस तरीके के निवेश में सूक्ष्म आर्थिक कारणों लाभदायक निवेश की मूल बातें पर ध्यान केंद्रित करता है।
  • वे अपने स्टॉक चयन मापदंडो के आधार पर लाभदायक निवेश की मूल बातें अपने शेयरों का चयन करते हैं जैसे कीमत से आय कई गुना, इक्विटी अनुपात में ऋण कम, नकद प्रवाह, प्रबंधन की गुणवत्ता आदि।
  • निवेश निर्णय लेने से पहले उन स्टॉक पर उपलब्ध विश्लेषण रिपोर्टों और अन्य शोध पत्रों का मूल्यांकन करता है ।
  • क्यूंकि व्यक्तिगत निवेशक अपना काफी समय निवेश के ऊपर शोध करने में व्यतीत करते है इसलिए वे अपने निवेश को लम्बे समय तक खरीद कर रखने की प्रवृत्ति रखते हैं। इसका मतलब यह है कि उनके निवेश को लाभ देने में अधिक समय लग सकता है, लेकिन संकट प्रबंधन में अधिक प्रभावी हो सकता है और अंततः निवेश से होने वाले संकट की तुलना में ये बुनियादी शोधपूर्ण होने के कारण इसमें इतना खतरा नहीं होता ।

मार्केट एक्सपर्ट्स से शेयर बाजार कोर्स के साथ स्टॉक्स की मूल बातें जानें

निष्कर्ष

  • सभी निवेशकों के लिए कोई एक दृष्टिकोण नहीं होता है
  • टॉप-डाउन या बॉटम-अप निवेश के बीच का निर्णय काफी हद तक व्यक्तिगत पसंद का मामला है।
  • इन तकनीकों का सफलतापूर्वक उपयोग करने की कुंजी सही मापदंडो की पहचान करना और व्यापक संदर्भ में स्टॉक का विश्लेषण करना है। यह आप StockEdge App की मदद से भी कर सकते है
  • टॉप-डाउन निवेश मापदंड, मैक्रोज़ के चारों ओर घूमता है इसलिए इस बात को ध्यान में रखता है कि कौन सा क्षेत्र कौन से समय की अवधि में रिटर्न देगा। उदाहरण के लिए, फार्म सेक्टर के स्टॉक चक्रीय प्रकृति के होने के कारण मॉनसून के दौरान ही रिटर्न देते हैं।
  • बॉटम-अप निवेश, किसी भी स्टॉक के सूक्ष्म अनुपात या वित्तीय विशेषताओं को ध्यान में रखते हुए निवेश करते हैं और इसलिए किसी भी मैक्रोज़ से प्रभावित नहीं होते हैं।

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