2013 में एसेट मैनेजमेंट कंपनियों की ओर से उनकी सभी म्यूचुअल फंड योजनाओं के लिए डायरेक्ट प्लान लॉन्च किए गए थे. इसका मकसद यह था कि अगर कोई इन्वेस्टर अपने दम पर निवेश करने के काबिल है, तो वह सीधे बिना एजेंटों की मदद से डायरेक्ट इन्वेस्ट कर सकता है. इसमें इन्वेस्टर को किसी तरह के कमीशन देने करने की जरूरत नहीं होती है. दूसरी ओर रेगुलर प्लान में कोई भी इन्वेस्टर एजेंटों के जरिए निवेश करता है. इसमें इन्वेस्टमेंट प्लान्स क्या है निवेशकों से कुछ प्रतिशत कमीशन लिया जाता है.
SIP क्या हैं?
सिस्टेमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) म्यूच्यूअल फंड्स द्वारा प्रस्तावित एक ऐसा निवेश का जरिया है जिसके माध्यम से एक व्यक्ति एक निर्धारित रकम, नियमित अंतराल में म्यूच्यूअल फंड्स के किसी स्कीम में – जैसे मासिक या त्रैमासिक, बजाय एक मुश्त रकम की अदायगी के, निवेश कर सकता है| यह किश्त इन्वेस्टमेंट प्लान्स क्या है ५०० रुपये प्रति माह की मामूली रकम भी हो सकती है जो बहुत कुछ रेकरिंग डिपाजिट (आवर्ती जमा) से मिलती-जुलती है| ये इसलिए भी आसान है क्योंकि आप अपने बैंक को ये स्थाई अनुदेश दे सकते हैं कि आपके खाते से ये रकम हर माह डेबिट (निकासी) होता रहे|
SIP भारतीय म्यूच्यूअल फंड्स निवेशकों के बीच काफी लोकप्रिय हो चला है, इसलिए कि ये निवेशक को बाज़ारों के उथल-पुथल और समय गणना की चिंता से अलग रख एक अनुशाशित तरीके से निवेश में सहायता करता है| लम्बी अवधि के निवेश के लिए म्यूच्यूअल फंड्स द्वारा प्रस्तावित SIP निवेश की दुनिया में क़दम रखने का यकीनन सबसे बढ़िया रास्ता हैं|
SIP Investment: हर महीने में SIP में कितना करें निवेश की पांच साल में जमा हो जाए पांच लाख
Investment Tips : निवेश की शुरुआत से पहले आर्थिक लक्ष्य निर्धारित कर लें और फिर उसे पाने के लिए प्रयास करें.
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कितना करना होगा निवेश
माध्यम वर्गीय लोगों की निवेश के लिए सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान पहली पसंद इन्वेस्टमेंट प्लान्स क्या है के रूप में देखी गई है. एसआईपी में आप हर महीने केवल 6500 रुपये का निवेश करते हैं तो पांच साल में पांच लाख रूपए जमा हो जाएंगे. यह योजना मासिक अंतराल में आपको निवेश करने पर जोर देती है. हर महीने 6500 रुपये का निवेश करने पर आपका सालाना निवेश 78 हजार हो जाएगा. जिसे आपको पांच साल तक जरी रखना है. यानी पांच साल में आपका कुल निवेश 3 लाख 90 हजार हो जाएगा. इसमें यदि आपको 12 प्रतिशत का भी ब्याज मिल रहा है तो आपको लगभग ढेड लाख तक रिटर्न मिलेगा. यानी पांच साल बाद आपकी कुल राशी पांच लाख से भी ज्यादा हो जाएगी.
SIP: हर महीने छोटा निवेश आपको बना सकता है करोड़पति, ऐसे करें शुरुआत
- News18Hindi
- Last Updated : November 05, 2022, 20:22 IST
हाइलाइट्स
एसआईपी अर्थात सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान म्यूचुअल फंड में निवेश करने का एक तरीका है.
एसआईपी को निवेश करने के लिए सबसे इन्वेस्टमेंट प्लान्स क्या है बेहतर ऑप्शन माना जाता है.
एसआईपी में निवेश की राशि को आप अपनी सुविधानुसार घटा या बढ़ा सकते हैं.
नई दिल्ली. बचत करने की आदत अच्छी होती है लेकिन ज्यादातर नौकरीपेशा लोग सही फाइनेंशियल प्लानिंग के अभाव में अपनी सैलरी से कुछ भी बचत नहीं कर पाते हैं. आज हम आपको एक ऐसे ऑप्शन के बारे में बता रहे हैं, जिसमें आप सैलरी में से छोटी-सी रकम हर महीने निवेश करके अच्छा रिटर्न प्राप्त कर सकते हैं. इससे आपकी बचत भी होगी और जरूरत के समय काम लेने के लिए आपके पास पूंजी भी सुरक्षित होगी.
दरअसल, हम SIP यानी सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान की बात कर रहे हैं. एसआईपी को निवेश करने के लिए सबसे बेहतर ऑप्शन माना जाता है. इसमें आपको कम पैसे में निवेश का ऑप्शन मिलता है इसलिए आपकी जेब पर भी इसका ज्यादा असर नहीं पड़ता इन्वेस्टमेंट प्लान्स क्या है है. विशेष रूप से जो लोग लंबे समय के लिए निवेश करना चाहते हैं, उनके लिए ये सबसे अच्छा तरीका है. एसआईपी में लंबी अवधि के निवेश पर आपको कम्पाउंडिंग बेनिफिट मिलता है, जिससे रिटर्न कई गुना बढ़ जाता है.
म्यूचुअल फंड के डायरेक्ट और रेगुलर प्लान में क्या है अंतर, निवेश के लिए क्या है सही?
म्यूचुअल फंड के डायरेक्ट और रेगुलर प्लान की नेट एसेट वैल्यू अलग होती है.
2013 में एसेट मैनेजमेंट कंपनियों की ओर से उनकी सभी म्यूचुअल फंड योजनाओं के लिए डायरेक्ट प्लान लॉन्च किए गए थे. इसका मकस . अधिक पढ़ें
- News18Hindi
- Last Updated : September 28, 2022, 12:34 IST
डायरेक्ट और रेगुलर प्लान की नेट एसेट वैल्यू (NAVs) अलग-अलग होती है.
डायरेक्ट प्लान में निवेशक को लॉन्ग टर्म में काफी अच्छा रिटर्न मिल जाता है.
डायरेक्ट प्लान में किसी भी एजेंट को सलाह के लिए कमीशन नहीं दिया जाता है.
नई दिल्ली. अगर आप म्यूचुअल इन्वेस्टमेंट प्लान्स क्या है फंड में निवेश करते हैं तो यकीनन आप डायरेक्ट और इन्वेस्टमेंट प्लान्स क्या है रेगुलर प्लान के बीच के अंतर से पहले से ही वाकिफ होंगे. अगर आपको दोनों के बीच अंतर नहीं पता है तो यहां दोनों प्लान के बीच का अंतर बताने जा रहे है. साथ ही यह भी बताएंगे कि दोनों की नेट एसेट वैल्यू अलग क्यों होती है? इसके अलावा यह भी बताएंगे कि डायरेक्ट प्लान लेना सही है या रेगुलर प्लान ही बेहतर है?
मैच्योरिटी पर मिलने वाली रकम टैक्स फ्री
इसमें सबसे बड़ा फायदा ये है कि इसके मैच्योरिटी पर इन्वेस्टमेंट प्लान्स क्या है मिलने वाली रकम भी पूरी तरह कर मुक्त यानी कि टैक्स फ्री होती है. ULIP के प्रीमियम की एवज में 1 फाइनेंशियल ईयर में अधिकतम 1.5 लाख रुपए तक टैक्स डिडक्शन ( के लिए एलिजिबल है. सेक्शन 80C के तहत इसमें टैक्स छूट मिलती है. इसमें टैक्स सेविंग फिक्स्ड डिपॉजिट, NSC और पोस्ट ऑफिस डिपॉजिट आदि जो भी पांच साल के इन्वेस्टमेंट प्लान्स क्या है लॉक-इन पीरियड वाली स्कीम्स हैं, उनसे बेहतर रिटर्न मिलता है.
ULIP में डेथ बेनिफिट्स भी शामिल हैं. अगर पॉलिसी की अवधि के दौरान पॉलिसी होल्डर की किसी कारण से मौत हो जाती है तो नॉमिनी को बीमा की एकमुश्त रकम दी जाती है और ये टैक्स फ्री होती है. इसके अलावा यूलिप में आपको फ्लेक्सिबिलिटी का भी फायदा मिलता है. यानी निवेशक चाहे तो समय-समय पर ULIP में टॉप-अप लेकर इन्वेस्टमेंट प्लान्स क्या है अपना निवेश बढ़ा सकते हैं. हालांकि ये टॉप-अप इनकम टैक्स के सेक्शन 80C के मुताबिक इनकम डिडक्शन के लिए एलिजिबल हैं.
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