क्रिप्टो की कीमतों में बहुत ज्यादा उतार-चढ़ाव है। उदाहरण के तौर पर पिछले 24 घंटे में हुस्की नामक करेंसी की कीमत 67 हजार प्रतिशत बढ़ी है। इससे इसका मार्केट कैप 1.5 अरब डॉलर हो गया है। इससे पहले SQUID, शिबा और कोकोस्वैप की कीमतें भी इसी तरह से बढ़ी थीं।

संसद में क्रिप्टो को बैन करने का बिल लाने की तैयारी,सरकार इसकी मदद से क्या क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए? क्रिप्टो पर कैसे पाएगी काबू?

संसद का एक क्या क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए? तूफानी शीतकालीन सत्र क्या हो सकता है, इस पर ध्यान केंद्रित करते हुए, सरकार तीन नए कृषि क्या क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए? कानूनों को निरस्त करने के लिए एक विधेयक लाने का इरादा रखती है और दूसरा “कुछ अपवादों” के साथ “भारत में सभी निजी क्रिप्टोकरेंसी” पर प्रतिबंध लगाने का है।

आधिकारिक डिजिटल मुद्रा विधेयक, 2021 का क्रिप्टोक्यूरेंसी और विनियमन, 29 नवंबर से शुरू होने वाले शीतकालीन सत्र में – 26 विधेयकों में से एक – पेश करने के लिए सूचीबद्ध है।

विधेयक “भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी की जाने वाली आधिकारिक डिजिटल मुद्रा के निर्माण के लिए एक सुविधाजनक ढांचा तैयार करना” चाहता है। यह “भारत में सभी निजी क्रिप्टोकरेंसी को प्रतिबंधित करने का भी प्रयास करता है, हालांकि, यह कुछ अपवादों को क्रिप्टोकुरेंसी और इसके उपयोग की अंतर्निहित तकनीक को बढ़ावा देने की अनुमति देता है”।

क्या संसद के शीतकालीन सत्र में पेश नहीं होगा क्रिप्टोकरेंसी बिल? जानें क्या है केंद्र सरकार की रणनीति

टाइम्स नाउ डिजिटल

Cryptocurrency Bill

  • भारत सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक ने कईं बार क्रिप्टोकरेंसी पर चिंता जताई है।
  • अगले वित्त वर्ष की पहली तिमाही में केंद्रीय बैंक पायलट के तौर पर डिजिटल क्या क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए? मुद्रा लॉन्च कर सकता है।
  • केंद्रीय बैंक की डिजिटल करेंसी सीबीडीसी (CBDC) कानूनी टेंडर का डिजिटल रूप होगी।

Cryptocurrency Bill: शीर्ष सूत्रों ने कहा कि शीतकालीन सत्र (winter session) में क्रिप्टोकरेंसी (cryptocurrency) पर विधेयक लाने की संभावना नहीं है। उन्होंने सुझाव दिया कि जब भी कोई विधेयक लाया जाएगा, उसे हितधारकों के साथ व्यापक विचार-विमर्श के लिए संसदीय स्थायी समिति को भेजा जाएगा। क्रिप्टोकरेंसी पर शिकंजा कसने के लिए संसद के शीतकालीन सत्र में 'द क्रिप्टोकरेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ ऑफिशियल डिजिटल करेंसी बिल, 2021' (The Cryptocurrency & Regulation of Official Digital Currency Bill, 2021) सूचीबद्ध किया गया था।

भारी उतार-चढ़ाव वाली करेंसी: साल 2022 में कैसी रहेगी क्रिप्टोकरेंसी की चाल, इस साल 7000% तक रही बढ़त

क्रिप्टोकरेंसी में ब्लूचिप मानी जाने वाली करेंसी बिटकॉइन और एथरियम की कीमत साल 2021 में 35 से 40% बढ़ी हैं। हालांकि इसमें काफी उतार-चढ़ाव रहा। बिटकॉइन की कीमत अप्रैल में 51 लाख रुपए तक चली गई थी। मई और जून में यह करीबन 50% गिरकर 28 लाख रुपए तक चली गई थी। ऐसा इसलिए क्योंकि टेस्ला के मालिक एलन मस्क ने इस करेंसी को लेकर चिंता जाहिर की थी।

चीन ने लगाया प्रतिबंध

अप्रैल-मई में ही चीन ने क्रिप्टो पर प्रतिबंध लगाने की बात कह दी और कारोबार पर पाबंदी लगा दी। इस वजह से कुछ क्रिप्टोकरेंसी की कीमतें एक ही घंटे में 30-40% तक गिर गई थीं। सितंबर आते-आते खरीदार फिर लौटे। इसके बाद बिटकॉइन की कीमत फिर से नवंबर में 54 लाख रुपए को पार कर गई। अब 40 लाख रुपए के आस-पास है। इस साल की शुरुआत से यह 32% ऊपर है।

डिजिटल टोकन को रेगुलेट करने की तैयारी: रिजर्व बैंक ने शुरू की कवायद, क्रिप्टो करेंसी के कारोबार को मिल सकती है मंजूरी

देर-सबेर ही सही, भारत में क्रिप्टो करेंसी को शर्तों और नियमों के साथ मंजूरी मिल सकती है। ऐसा इसलिए क्योंकि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 2 नवंबर को क्रिप्टो करेंसी कारोबार से जुड़े अहम लोगों के साथ मीटिंग की थी। इसके बाद केंद्र सरकार ने शनिवार को RBI और दूसरी एजेंसियों के साथ इस बारे में बैठक की है।

जानकारी के मुताबिक, RBI ने बहुत ही शॉर्ट नोटिस पर यह बैठक बुलाई थी। 2 नवंबर को बुलाई गई बैठक में RBI के वरिष्ठ अधिकारी, तीन क्रिप्टो एक्सचेंज के अधिकारी, क्रिप्टो ब्रोकर और इंडिया टेक के अधिकारी शामिल हुए। इन सभी ने क्रिप्टो पर एक व्हाइट पेपर तैयार किया था। ऐसा माना जा रहा है कि चीन में भले ही क्रिप्टो पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा है, पर भारत में कुछ नियंत्रण और शर्तों के साथ इसे मंजूरी मिल जाएगी।

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सिर्फ 1 प्रतिशत लोगों को विश्वास
इस सर्वे में जब लोगों से पूछा गया कि उन्हें क्रिप्टो करेंसी पर कितना विश्वास है तो सिर्फ 1 प्रतिशत लोगों ने इस पर बहुत ज्यादा भरोसा जताया, जबकि 71 प्रतिशत लोगों ने कहा कि उन्हें क्रिप्टो करेंसी पर बहुत कम या जरा सा भी यकीन नहीं है। ये सर्वे कहता है कि भारत क्या क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए? में 87 प्रतिशत परिवारों के पास किसी भी तरह की ना तो क्रिप्टो करेंसी है और ना ही उन्होंने इसमें किसी भी प्रकार का निवेश किया है। ये सर्वे पिछले 15 दिनों के दौरान किया गया है। जिसमें भारत के 342 जिलों के 56 हजार से ज्यादा लोग शामिल थे। इनमें से 76 प्रतिशत लोगों का ये भी मानना है कि क्रिप्टो करेंसी के विज्ञापनों पर रोक लगनी चाहिए और 74 प्रतिशत लोगों का कहना है कि ये विज्ञापन भ्रामक हैं और इनमें क्रिप्टो की खतरों के बारे में ठीक से नहीं बताया जाता।

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