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6 महीने में इस कंपनी ने गंवाए भारत की आधी GDP के बराबर पैसे, ये है कारण
नई दिल्ली: दुनिया भर के शेयर बाजारों (Share Market) में बीते महीनों के दौरान आई गिरावट ने कई इन्वेस्टर्स (Investors) को कंगाल बनाया है. मार्केट ने ज्यादातर व्यापारियों ने पैसे क्यों गंवाए दिग्गज इन्वेस्टर्स और बड़ी कंपनियों को भी नहीं छोड़ा है. अब दुनिया की सबसे बड़ी एसेट मैनेजमेंट कंपनी (Asset Management Company) ब्लैकरॉक इंक (BlackRock Inc) का हाल देख लीजिए. ब्लैकरॉक इंक ने इस साल के पहले छह महीने यानी जनवरी से जून के दौरान बाजार में 1.7 ट्रिलियन डॉलर गंवा दिए. यह भारत की जीडीपी (Indian GDP) के साइज के आधे ज्यादातर व्यापारियों ने पैसे क्यों गंवाए से अधिक है.
शेयर-बॉन्ड बाजार के लिए इतना बुरा 2022
ब्लैकरॉक ने कुछ ही समय पहले ऐसी पहली कंपनी बनने का रिकॉर्ड बनाया था, जो 10 ट्रिलियन डॉलर से ज्यादा की संपत्ति का प्रबंधन कर रही हो. अब कंपनी ने छह महीने की अवधि में सबसे ज्यादा पैसे गंवाने का रिकॉर्ड बना दिया है. कंपनी के चेयरमैन एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी लैरी फिंक (Larry Fink) ने पिछले सप्ताह अर्निंग कॉल में कहा, ‘साल 2022 की शुरुआत पिछले 50 साल में शेयरों और बॉन्ड दोनों के लिहाज से सबसे खराब रहा है.’ कंपनी को स्टॉक और बॉन्ड में ज्यादातर व्यापारियों ने पैसे क्यों गंवाए लगाए गए पैसों के कारण भारी-भरकम नुकसान का सामना करना पड़ा है.
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ब्लैकरॉक ने एक दशक में ऐसे बदली स्ट्रेटजी
ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के अनुसार, कुछ कंपनियां अभी के हालात में भी पैसे बनाने में कामयाब रही हैं, जबकि ज्यादातर कंपनियों ने बचने के प्रयास किए हैं. हालांकि दिग्गज इन्वेस्टर कंपनी ब्लैकरॉक हाथ पर ज्यादातर व्यापारियों ने पैसे क्यों गंवाए हाथ धरे हताश नजर आई. जून महीने के अंत तक स्थिति ऐसी हो गई कि कंपनी बमुश्किल अपनी 25 फीसदी संपत्ति ही बेंचमार्क से बेहतर परफॉर्म कर पाई. ब्लैकरॉक ने पिछले एक दशक के दौरान इन्वेस्टमेंट की अपनी स्ट्रेटजी बदली है. इस दौरान कंपनी ने एक्टिव इक्विटी से करीब 21 बिलियन डॉलर की निकासी की, तो दूसरी ओर इंडेक्स्ड इक्विटी में 730 बिलियन डॉलर झोंक डाले.
शेयर बाजार से जुड़ गई ब्लैकरॉक की किस्मत
लैरी फिंक ने ने 1988 में इस कंपनी की शुरुआत की थी और ब्लैकरॉक को 1999 में शेयर बाजार में लिस्ट कराया गया था. कंपनी ज्यादातर व्यापारियों ने पैसे क्यों गंवाए ने दिसंबर 2002 में अपना पहला US-Domiciled ETF लॉन्च किया था, जिसे खास ट्रैक्शन नहीं मिल पाया था. ब्लैकरॉक की पैसिच स्कीम्स से जुड़ी इक्विटी होल्डिंग फिलहाल उसकी एक्टिव होल्डिंग की तुलना में 10 गुना बड़ी है. स्ट्रेटजी में किए गए इस बदलाव से संभव है कि आने वाले समय में ब्लैकरॉक तेजी से तरक्की करे, लेकिन यह भी तय है कि अब उसकी किस्मत बाजार की चाल से बंधी रहने वाली है.
PM Kisan 12th Installment Alert : पीएम किसान योजना की 12वीं किस्त पर आया बड़ा अपडेट, इन लोगों के खाते में नहीं आएगा पैसा
Updated: September 5, 2022 3:07 PM IST
PM Kisan Samman 12th Installment Alert: पीएम किसान सम्मान निधि योजना के तहत छोटे और मझोले किसानों को हर साल 6,000 रुपये आर्थिक मदद के तौर पर दिए जाते हैं. साल की पहली किस्त 1 अप्रैल से 31 जुलाई के बीच ट्रांसफर की जाती है. दूसरी किस्त 1 अगस्त से 30 नवंबर के बीच ट्रांसफर की जाती है. तीसरी किस्त 1 दिसंबर से 31 मार्च के बीच ट्रांसफर की जाती है.
इन स्थितियों में नहीं मिल पाएगा पीएम किसान योजना का लाभ
- अगर कोई किसान खेती करता है और खेत उसके नाम न होकर उसके पिता या दादा के नाम हो तो उसे 6, 000 रुपये का सालाना लाभ नहीं मिलेगा. वह जमीन किसान के नाम होनी चाहिए.
- अगर कोई किसान किसी दूसरे किसान से जमीन लेकर किराए पर खेती करता है, तो उसे भी इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा.
- कोई संस्थागत भूमि धारक इस योजना का लाभ नहीं ले सकता है.
- अगर कोई किसान या परिवार में कोई संवैधानिक पद पर है तो उसे लाभ नहीं मिलेगा.
- राज्य/केंद्र सरकार के साथ-साथ पीएसयू और सरकारी स्वायत्त निकायों के सेवारत या सेवानिवृत्त अधिकारी और कर्मचारी होने पर भी योजना के लाभ के दायरे में नहीं आएंगे.
- डॉक्टर, इंजीनियर, सीए, आर्किटेक्ट्स और वकील जैसे प्रोफेशनल्स को भी योजना का लाभ नहीं मिलेगा, भले ही वो खेती भी करते हों.
- 10,000 रुपये से अधिक की मासिक पेंशन पाने वाले सेवानिवृत्त पेंशनभोगियों को इसका लाभ नहीं मिलेगा.
- अंतिम मूल्यांकन वर्ष में इनकम टैक्स का भुगतान करने वाले पेशेवरों को भी योजना के दायरे से बाहर रखा गया है.
- किसान परिवार में कोई म्यूनिसिपल कॉरपोरेशंस, जिला पंचायत में हो तो भी इसके दायरे से बाहर होगा.
प्रवासी कामगारों ने भारत भेजा सबसे ज्यादा पैसा, ज्यादातर व्यापारियों ने पैसे क्यों गंवाए पहली बार किसी देश का रेमिटेंस 100 अरब डॉलर
नई दिल्ली : भारत रेमिटेंस (प्रवासी द्वारा अपने मूल देश भेजा जाने वाला पैसा) अर्जित करने में अन्य देशों के मुकाबले सबसे आगे है। वर्ल्ड बैंक की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि 2022 में भारत का रेमिटेंस 100 अरब डॉलर पहुंचने की उम्मीद है। पिछले साल की तुलना में यह 7.5 प्रतिशत से बढ़कर 12 प्रतिशत तक पहुंच सकता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि 2021 में 89.4 अरब डॉलर रेमिटेंस भारत आया था, जो 2022 में 100 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है।
वहीं, भारत के बाद रेमिटेंस अर्जित करने वाले देशों में मैक्सिको, चीन, फिलीपींस, मिस्र व पाकिस्तान के टॉप टेन में रहने की उम्मीद है। इसमें मैक्सिको का 60 अरब डॉलर, चीन का 51 अरब डॉलर, फिलीपींस का 38 अरब डॉलर, मिस्र का 32 अरब डॉलर और पाकिस्तान का 29 अरब डॉलर रेमिंटेंस आने की उम्मीद जताई गई है।
तंत्र मंत्र के चक्कर में फंसकर युवक ने गंवाए लाखों रुपए, जब लालची तांत्रिक ने दी नुकसान की धमकी तो पहुंचा थाने
भिलाई. तांत्रिक ने युवक से व्यापार में लाभ होने का लालच देकर 3 लाख रुपए ऐंठ लिए। उसके बाद फिर 3 लाख रुपए की मांग की। जब युवक ने और पैसे देने से मना कर दिया तो भड़क कर तांत्रिक ने उसे व्यापार में नुकसान कर देने की धमकी दी। इससे युवक परेशान हो गया और दौड़ा-दौड़ा जामुल थाना पहुंचा। युवक की शिकायत पर जामुल पुलिस ने आरोपी के खिलाफ धारा 384, 420 के तहत अपराध दर्ज कर मामला जांच में लिया है। जानकारी के मुताबिक हाउसिंग बोर्ड इंडस्ट्रियल एरिया भिलाई निवासी रवि कुमार वाघे का फ्लेक्स प्रिंटिंग का काम है। उसकी पावर हाउस में दुकान है। उसकी मुलाकात बालोद निवासी गंगेश बारले से सितंबर 2021 में हुई थी।
किटी फ्रॉड-प्यार गया, पैसा गया और गया व्यापार
देहरादून, दून में किटी फ्रॉड पीडि़तों की दास्तान सुनकर आप भी चौंक जाएंगे। कई लोग जिंदगीभर की जमा पूंजी लालच में आकर गंवा बैठे तो कई ने ट्यूशन पढ़ाकर कमाई रकम, किसी ने ज्यादातर व्यापारियों ने पैसे क्यों गंवाए रेंट से मिली रकम तो किसी ने पिता की रकम ही दांव पर लगा दी। रिश्तेदारों से पैसे लेकर किटी में झोंकने वालों की भी कमी नहीं है। ऐसे में जब रकम ठगी की भेंट चढ़ गई तो ये लोग गहरे सदमे में हैं। दो महिलाओं की तो हार्ट अटैक से मौत भी हो चुकी है। कहीं पति-पत्नी के बीच क्लेश हो गया है तो रिश्तेदारी में भी किटी ने खटास पैदा कर दी है। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने कुछ ऐसे ही केस स्टडी किए तो कई चौंकाने वाले मामले सामने आए।
ऐसे जुटाई पूंजी और झोंक दी किटी में
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