भारत का विदेशी मुद्रा भंडार चीन की राह में रोड़ा
चीन की सरकारी न्यूज एजेंसी शिन्ह्वा ने भारत के बढ़ते विदेशी मुद्रा भंडार को चीन के लिए कई मोर्चो पर चीन की राह में रोड़ा बताया है. चीन के शासन तंत्र को इस बात की चिंता है कि चीन जैसे कर्ज देता रहा है, उसी तरह भारत भी कर्ज देने की अपनी क्षमता बढ़ा सकता है. चीन को इस समय यह चिंता सता रही है कि चीन की जो कर्ज देने की नीति है, ठीक वैसी ही नीति भारत लाकर चीन का विदेशी मुद्रा दरें उत्तर प्रदेश प्रतिद्वंद्वी बन सकता है. हालांकि चीन को यह नहीं मालूम कि भारत ने आज तक किसी देश को कर्ज देकर उसे अपने कर्जजाल में नहीं फंसाया. उस देश की अर्थव्यवस्था और व्यापार को चौपट नहीं किया, कर्ज लेने वाले देश को भारत ने कभी अपना आर्थिक गुलाम नहीं बनाया, जबकि चीन दुनियाभर में इस बात के लिए बदनाम है कि वह गरीब देशों को कर्ज देकर अपने आर्थिक जाल में फंसा लेता है, फिर उनका आर्थिक शोषण करता है.
दिन की बड़ी खबरें | भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में हुई बढ़ोतरी | Top News
भारत के विदेशी मुद्रा भंडार 20.4 करोड़ डॉलर बढ़कर 532.868 अरब डॉलर रहा. RBI के जारी आंकड़े के अनुसार भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 10 वें सप्ताह में पहली बार बढ़ा है.
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विदेशी मुद्रा दरें उत्तर प्रदेश
Q. With reference to the foreign exchange reserves of India, consider the following statements:
Which of the statements given above is/are correct?
Q. भारत के विदेशी मुद्रा भंडार के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिएः
महंगाई दर में 13 साल की सबसे बड़ी गिरावट
ताजा आंकड़े बताते हैं कि पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार करीब 2 अरब डॉलर से अधिक गिरा है। अहम बात यह है कि विदेशी मुद्रा भंडार अगस्त के पहले सप्ताह में 14 अरब डॉलर के स्तर से भी नीचे जा चुका है। महंगाई दर में भी 13 साल में सबसे अधिक गिरावट दर्ज की गई है। इस साल जून माह में महंगाई दर 21.3 फीसदी पहुंच गई थी। इससे पहले 2008 के दिसंबर माह में पाकिस्तान में महंगाई दर 23.3 फीसदी रही थी। इस समय पाकिस्तान को 39.58 अरब डॉलर का कारोबार घाटा हो रहा है। हालात ऐसे हैं कि विदेशी मुद्रा खत्म हो रही है। लेकिन आयात बिल बढ़े हैं।
पाकिस्तान की खराब नीतियां और देश को साथ लेकर चलने की बजाय हुक्मरानों द्वारा 'अपनी' और 'अपने' लोगों की झोलियां भरना, राजनीतिक अस्थिरता और लोकतंत्र की बजाय सैन्य ताकत से विदेशी मुद्रा दरें उत्तर प्रदेश सत्ता का निर्धारण, ये ऐसे अहम कारण हैं जो पाकिस्तान को बर्बादी की राह पर ले गए। आजादी के बाद से अब तक पाकिस्तान में एक भी सरकार अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा नहीं कर सकी है। इस बात से साबित होता है कि इस देश में आतंकियों को पनाह मिल जाती है। लेकिन स्थायित्व के साथ विकास, आर्थिक तरक्की ये सबकुछ पीछे छूट जाता है।
पाकिस्तान में कमरतोड़ महंगाई से हाहाकार
पाकिस्तान में महंगाई किस कदर है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इस समय एक लीटर पेट्रोल के लिए वहां 248 रुपए देना पड़ रहे हैं। वहीं डीजल के भाव 263 रुपए प्रति लीटर है।
कंगाल पाकिस्तान की निगाहें अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष यानी आईएमएफ से लगी हुई हैं। पाकिस्तान को उम्मीद है वहां से 1.1 बिलियन अमेरिकी डॉलर की सहायता मिल जाएगी, लेकिन ये पैकेज भी तभी मिलेगा, जब वह इसकी शर्तों पर खरा उतरे। इन शर्तों को पूरा करना भी पाकिस्तानक के लिए मुश्किल हो रहा है।
पैसे के लिए सरकारी संपत्तियां बेचने की विदेशी मुद्रा दरें उत्तर प्रदेश हद तक पहुंचा
कंगाल होने के खतरे को भांपते हुए पाकिस्तान के संघीय मंत्रिमंडल ने पिछले दिनों उस बिल को मंजूरी दे दी है, जिसमें सरकारी संपत्तियों अब दूसरे देशों को बेची जा सकेंगी। इस बिल में सभी निर्धारित प्रक्रिया और अन्य आवश्यक नियमों से अलग हटकर सरकारी संपत्तियां दूसरे देशों में बेचने का प्रावधान किया गया है। यह फैसला देश के दिवालिया होने के खतरे को टालने के लिए लिया है। जानकारी के मुताबिक इस बिल में ये व्यवस्था की गई है कि सरकार की संपत्ति की हिस्सेदारी दूसरे देशों को बेचने विदेशी मुद्रा दरें उत्तर प्रदेश के खिलाफ यदि किसी ने याचिका दायर भी की तो अदालत इसकी सुनवाई नहीं कर सकेगी।
पाकिस्तानी मूल के टॉप इकोनॉमिस्ट आतिफ मियां ने हाल के समय में देश की स्थिति को लेकर बड़ी चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी रुपए की कीमत गिरने के बाद स्थिति विदेशी मुद्रा दरें उत्तर प्रदेश और बिगड़ने वाली है। उन्होंने बताया कि पाकिस्तानी रुपए डॉलर के मुकाबले 20 फीसदी नीचे गिर गया। उन्होंने कहा कि सबसे बड़ी चुनौती जो पाकिस्तान के सामने है, वो है विश्वसनीयता के साथ निवेशकों और जनता को वापस लाना। उन्होंने लिखा है कि विदेशों की दया पर निर्भर पाकिस्तान सबकुछ खो चुका है। सरकारें सत्ता बचाने या नई सरकार के सामने आर्थिक संकट खड़ा करने के प्रयासों के बीच इकोनॉमिस्ट कह रहे हैं कि राजनीतिक तबका इस पाप का सबसे बड़ा भागीदार है। देश में ऊर्जा से लेकर दवाएं यहां तक कि लिए जरूरी खाद्यान्न तक विदेशी मुद्रा खर्च करके बाहर से बुलाना पड़ रहा है।
देश का विदेशी मुद्रा भंडार लगातार दूसरे हफ्ते बढ़कर 547.25 अरब डॉलर पर
नई दिल्ली/मुंबई। आर्थिक र्मोचे (economic front) पर सरकार के लिए राहत देने वाली खबर है। विदेशी मुद्रा भंडार (foreign exchange reserves) में लगातार दूसरे हफ्ते इजाफा हुआ है। देश का विदेशी मुद्रा भंडार 18 नवंबर को समाप्त हफ्ते में 2.537 अरब डॉलर बढ़कर ($ 2.537 billion increased) 547.252 अरब डॉलर ($ 547.252 billion) पर पहुंच गया है।
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) (Reserve Bank of India (RBI)) की ओर से शुक्रवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक विदेशी मुद्रा भंडार 18 नवंबर को समाप्त हफ्ते में 2.537 अरब डॉलर बढ़कर 547.252 अरब डॉलर पर पहुंच गया। इससे पिछले हफ्ते 11 नवंबर को समाप्त हफ्ते में विदेशी मुद्रा भंडार 14.73 अरब डॉलर बढ़कर 544.72 अरब डॉलर के पार पहुंच गया था। रिजर्व बैंक के मुताबिक अगस्त, 2021 के बाद देश के विदेशी मुद्रा भंडार में इस हफ्ते सबसे तेज वृद्धि हुई थी।
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रिजर्व बैंक के आंकड़ों के मुताबिक इस दौरान मुद्रा भंडार का अहम घटक विदेशी मुद्रा आस्तियां (एफसीए) 1.76 अरब डॉलर बढ़कर 484.288 अरब डॉलर हो गई। हालांकि, स्वर्ण भंडार का मूल्य भी 31.5 करोड़ डॉलर की बढ़ोतरी के साथ 40.011 अरब डॉलर पर पहुंच गया। आंकड़ों के मुताबिक विशेष आहरण अधिकार(एसडीआर) 35.1 करोड़ डॉलर बढ़कर 17.906 अरब डॉलर हो गया। इसके अलावा अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) में रखा देश का मुद्रा भंडार भी 11.1 करोड़ डॉलर बढ़कर 5.047 अरब डॉलर हो गया।
उल्लेखनीय है कि अक्टूबर 2021 में विदेशी मुद्रा भंडार 645 अरब डॉलर के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया था लेकिन 2022 की शुरुआत में देश का विदेशी मुद्रा भंडार करीब 630 अरब डॉलर था। रिजर्व बैंक ने वैश्विक घटनाक्रम के बीच रुपये की विनियम दर में तेज गिरावट को रोकने के लिए मुद्रा भंडार का उपयोग किया था, जिससे इसमें कमी आई थी। (एजेंसी, हि.स.)
भारत के बढ़ते विदेशी मुद्रा भंडार से डर रहा है ड्रैगन, जानें क्यों
भारत को घेरने की कोशिश में लगे चीन को इन दिनों एक खास तरह की परेशानी खाए जा रही है. वह अपने पड़ोसी देश भारत के बढ़ते विदेशी मुद्रा भंडार से खासा चिंतित है. खुद चीन का न तो व्यापार बढ़ रहा है और न ही उसके विदेशी मुद्रा भंडार में कोई बढ़ोतरी हो रही है. हालांकि विदेशी मुद्रा दरें उत्तर प्रदेश चीन के पास इस समय 3.236 खरब डॉलर का विदेशी मुद्रा भंडार है, लेकिन वह यह नहीं देख सकता कि किसी दूसरे देश का विदेशी मुद्रा भंडार बढ़े. इसी कारण चीन ने भारत के खिलाफ जहर उगलना शुरू कर दिया है, जिसे हम आम भाषा में 'खिसयानी बिल्ली खंभा नोंचे' कहते हैं. इस समय भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 642.453 अरब डॉलर है. हाल ही में इसमें 8.895 अरब डॉलर की बढ़ोतरी हुई है. ये डाटा भारतीय रिजर्व बैंक ने जारी किया है. इतना ही नहीं, इसमें हर सप्ताह 5 से 6 अरब डॉलर का इजाफा भी हो रहा है. इसे देखते हुए चीन ने आशंका जताई है कि इससे भारत के अन्य देशों को कर्ज देने की क्षमता में बढ़ोतरी होगी, जिससे भारत अफ्रीकी महाद्वीप में चीन के बढ़ते विस्तारवाद को चुनौती दे सकता है.
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