शिक्षा सेक्टर में कैसे ट्रेडिंग युक्तियां उद्योग के रूप में उभर रही हैं, जानें

Nibedita Mohanta

ट्रेडिंग एक बहुत ही महत्वपूर्ण जीवन कौशल है क्योंकि अन्य जीवन कौशलता के साथ इसे शिक्षा प्रतिष्ठानों द्वारा सिखाया जाता है। ट्रेड का निर्णय दोनों पार्ट टाइम या फुल टाइम द्वारा हो सकता है। पार्ट टाइम ट्रेडिंग अतिरिक्त आय का साधन है जबकि फुल टाइम ट्रेडिंग प्रोफेशनल बदलाव है।

ट्रेडिंग में अधिकतर रिटेल ट्रेडर पैसे गंवा देते हैं। इसका अंक 90 से 95 प्रतिशत तक होता है जो ट्रेडिंग स्टॉक, फिचर, ऑपरेशन्स और माल में पैसे गंवा देते हैं। वे पैसे बनाने में बहुत सी परेशानियों को झेलते हैं क्योंकि उनके ट्रेडिंग संबंधी निर्णय समाचार, कानों सुनी बातों, टिप्स, और अपनी भावना या सोच आदि पर आधारित होते हैं। ट्रेडिंग बिना किसी जोखिम के मैनेजमेंट या पैसों के मैनेजमेंट, खरीदने या बेचने में बिना किसी निर्णय लेने का मूल्यांकन इसमें शामिल नहीं होता है।

व्यवसाय में दीर्घकालिक बचाव के लिए रिटेल ट्रेडर यह मानते हैं कि नियमित रूप से पैसे गंवाना ट्रेडिंग एक्टिविटी में एक अच्छा चिन्ह नहीं है।इसलिए एक व्यक्ति को ट्रेडिंग रणनीति में शिक्षित होने की आवश्यकता उभरी है जो एक सही रास्ता है। पहले सीखें और फिर पैसे कमाएं। ट्रेडर को लगता है कि ट्रेडिंग किसी अन्य पेशे की ही तरह एक व्यवसाय है। पहले उन्हें ये समझने, सीखने, अभ्यास या मार्गदर्शन को सीखने की आवश्यकता है और फिर उन्हें ट्रेडिंग में खरीद या बिक्री या फिर छोटी बिक्री आदि संबंधी निर्णय लेने चाहिए।

क्यों आवश्यक है कि आप अपनी ट्रेडिंग समझ को मजबूत बनाएं:

• एक ट्रेडिंग सर्वे के विशिष्ट जनसमूह के मापदंड ने यह दिखाया है कि बहुत से लोग अपने ट्रेडिंग गतिविधियों को लाभकारी परिणाम के साथ ठीक करने में असफल हो जाते हैं।
• सामान्यतः एक रिटेल ट्रेडर अपना ट्रेडिंग खाते को 6 से 12 महीने में भी हवा में उड़ा देता है।
• बहुत से लोग भविष्य की तारीख में आर्थिक प्रतिबद्धता के लिए एक अतिरिक्त आर्थिक आराम चाहते हैं।
• हर दिन बहुत से ट्रेडिंग संबंधी निर्णय लिए जाते हैं। इन ट्रेडिंग निर्णयों की क्वालिटी में सुधार ही इस ट्रेडिंग व्यवसाय में दीर्घकाल तक जीवित रहने की कुंजी है।
• बहुत से अंतर्राष्ट्रीय सर्वे ने यह साबित किया है कि ट्रेडिंग की समझ में कम स्तर के साथ स्टॉक, भावी सौदे, माल और मुद्रा की कम स्तर की समझ शामिल है।

ऊपर दिए गए कारणों के आधार पर यह शिक्षा क्षेत्र में एक उद्योग के रूप में उभरा है।

लोग व्यापार सीख रहे हैं आगे वे एक दिन के व्यापारी, स्विंग व्यापारी या स्थिति व्यापारी के रूप में विशेषज्ञता की तलाश कर रहे हैं। कई लोग किसी विशिष्ट बाजार सेगमेंट में व्यापार करना चाहते हैं जैसे सिंगल स्टॉल भावी सौदा या विकल्प ट्रेडिंग या कीमती धातुओं और कच्चे माल के सेगमेंट। कुछ भावी सौदों और विकल्पों की सूची जैसे निफ्टी और बैंक निफ्टी हैं। शिक्षा सेक्टर का ट्रेडिंग एक नया और उभरता सेक्टर है। ट्रेडिंग रणनीति प्रोग्राम दोनों ऑनलाइन जो लाइव सत्र हो सकते हैं जिसका निर्देश दोनों तरफ के ऑडियो विडियो सुविधा से हो या फिर रिकॉर्डिड विडियो पाठों के आधार पर या फिर वास्तविक क्लास रूम के आधार पर किया जा सकता है। दोनों ऑनलाइन और वास्तविक क्लास रूम ट्रेडर द्वारा स्वीकारें जाते हैं और बहुत से ट्रेडिंग शिक्षा अकादमिक प्रोग्राम का शिक्षा के दोनों ही 90 प्रतिशत व्यापारी पैसे क्यों खो देते हैं? आधारों पर आयोजन करते हैं।

ट्रेडिंग स्टाइल और अलग अलग तरह के गुणी क्लास में ट्रेडिंग रणनीति कार्यक्रम पेश किया जाता है।

ट्रेडिंग स्टाइल: डे ट्रेडिंग, स्विंग ट्रेडिंग, पोजिशनल ट्रेडिंग।

गुणी क्लास: स्टॉक ट्रेडिंग, भावी सौदा ट्रेडिंग, विकल्प ट्रेडिंग, मॉल ट्रेडिंग, मात्रात्मक ट्रेडिंग तकनीक, अस्थिरता-आधारित ट्रेडिंग इसके कुछ नाम हैं।

किसी भी ट्रेडिंग रणनीति प्रोग्राम से जुड़ने से पहले व्यक्ति को ट्रेडिंग अनुभव ऑफ फेकल्टी, पढ़ने के नोट्स और वर्कशॉप मटेरियल, क्लासरूम के बाद की मदद, ट्रेडिंग मंच पर तकनीकी मदद पर ध्यान देना चाहिए।

कमर्शियल टैक्स का लक्ष्य पूरा करने को बड़े व्यापारियों पर करें फोकस: सुशील मोदी

सुशील मोदी ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वो बड़े टर्नओवर वाले कारोबारियों पर फोकस करें.

सुशील मोदी

रणविजय सिंह/सुजीत झा

  • पटना,
  • 10 मई 2018,
  • (अपडेटेड 10 मई 2018, 8:40 PM IST)

बिहार सरकार 90 प्रतिशत व्यापारी पैसे क्यों खो देते हैं? ने वर्ष 2018-19 के लिए वाणिज्य कर विभाग का 27 हजार करोड़ का लक्ष्य निर्धारित किया है. बिहार के उपमुख्यमंत्री और वित्त मंत्री सुशील कुमार मोदी ने वाणिज्य कर विभाग के पदाधिकारियों की लगातार दूसरे दिन बैठक की. मोदी ने इस साल 27 हजार करोड़ के संग्रह के लक्ष्य को कैसे हासिल किया जाए, इसकी गहन समीक्षा की.

सुशील मोदी ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वो बड़े टर्नओवर वाले कारोबारियों पर फोकस करें. उन्होंने राज्य के सभी वाणिज्य कर कार्यालयों को अत्याधुनिक आईटी सुविधाओं से युक्त कर कॉरपोरेट लुक देने का निर्देश दिया. साथ ही जीएसटी के अन्तर्गत छोटे व्यापारियों को रिटर्न फाइल करने में आ रही परेशानियों को दूर करने का निर्देश दिया.

मोदी ने कहा कि 2016-17 में 500 करोड़ से अधिक टर्न ओवर वाले मात्र 36 व्यापारियों से कुल राजस्व का 46.41 प्रतिशत तथा 50 करोड़ से अधिक 597 लोगों से 73 प्रतिशत जबकि डेढ़ करोड़ से कम टर्न ओवर वाले 90 प्रतिशत व्यापारियों से मात्र 9 प्रतिशत ही संग्रह हुआ. इसलिए इस साल के लक्ष्य की प्राप्ति के लिए बड़े टर्न ओवर वाले कारोबारियों पर अधिकारी ध्यान केन्द्रित करें. पिछले वित्त वर्ष में लगभग 22 हजार करोड़ की राजस्व की प्राप्‍ति हुई थी.

उन्होंने 1 अप्रैल से पूरे देश में ई-वे बिल की व्यवस्था लागू होने पर अधिकारियों को जांच के दौरान पारदर्शिता बरतने और अनावश्यक तौर पर किसी व्यापारी को तंग नहीं करने का निर्देश दिया है. उन्होंने बताया कि डिजिटल ट्रांजेक्शन को बढ़ावा देने के लिए जीएसटी कौंसिल यह निर्णय करने जा रही है कि जो उपभोक्ता क्रेडिट-डेबिट कार्ड व ऑनलाइन खरीददारी करेंगे उन्हें कर भुगतान में 2 प्रतिशत की रियायत दी जा सकती है.

अमीर लोग अपने बच्चों को देते हैं मनी मैनेजमेंट के ये मंत्र

अमीर लोग अपने बच्चों को देते हैं मनी मैनेजमेंट के ये मंत्र

भारत एक विकासशील राष्ट्र है . यहां की अधिकांश जनसंख्या आज भी खेती से जुड़ी हुई है . वहीं यदि इसके इतर देखें तो एक ऐसा भी वर्ग है जिसके पास अथाह संपत्ति है . सुख है, सुविधा है, आवश्यकता की सभी चीजें मौजूद है . ऑक्सफैम की एक रिपोर्ट को देखें तो पता चलता है कि हिंदुस्तान की 10 प्रतिशत जनसंख्या के पास 77% संपत्ति है . बाकि के 90 प्रतिशत लोग मात्र 23% संपत्ति में गुजर-बसर करने को विवश है . आखिर ये 10 प्रतिशत अमीर घर के बच्चे भी बड़े होकर अमीर क्यों बने रहते हैं . वो क्यों एक अच्छा बिजनेसमैन और अच्छा निवेशक बन जाते हैं?

अमीर पैरेंट्स अपने बच्चे को शुरु से देते हैं ट्रेनिंग

ध्यान रहे हमारे कहने का मतलब ये नहीं है कि बाकि की 90% जनसंख्या वाले लोगों में से कोई अमीर नहीं बनता! वो लोग भी अमीर बनते हैं लेकिन उनकी संख्या बहुत कम होती है . अमीर लोग अपने बच्चे को उसके बचपन से ही मनी मैनेजमेंट के बारे में सिखाते हैं . ताकि उन्हें कम उम्र से ही पैसा कमाने, सेविंग करने और ठीक स्थान पर निवेश करने के बारे में पता चल सके .

आमतौर पर जो मिडिल इनकम वाले पैरेंट्स होते हैं, जिनकी थोड़ी अच्छी कमाई होती है वो अपने बच्चों को पॉकेट मनी देते हैं . यदि वो पॉकेट मनी के साथ उसे बेसिक ट्रेनिंग भी दें तो ये उनके बच्चे के भविष्य के लिए काफी अच्छा होगा .

भारत में अधिकतर स्टार्टअप बिज़नेस क्यों हो जाते हैं फेल

भारत में अधिकतर स्टार्टअप बिज़नेस क्यों हो जाते हैं फेल

एक सफल व्यक्ति की सफलता सभी को नज़र आती है लेकिन असफलता का दर्द केवल असफल होने वाला व्यक्ति ही समझ सकता है। यह बात स्टार्टअप के लिए और भी जरूरी हो जाती है। स्टार्टअप बिज़नेस की दुनिया की एक कड़वी सच्चाई यह भी है कि देखा देखी शुरू किये गये स्टार्टअप में अधिकतर स्टार्टअप फेल हो जाते हैं। आंकड़े बताते हैं कि 90 प्रतिशत स्टार्टअप असफल होकर बंद हो जाते हैं और 10 में एक स्टार्टअप ऐसा होता है जिसे आप सफल कह सकते हैं। ऐसे में सवाल यह है कि ज्यादातर स्टार्टअप बिज़नेस असफल क्यों हो जाते हैं? वर्ल्ड के टॉप बिज़नेस युनिवर्सिटीज़ के सर्वे के मुताबिक भारतीय स्टार्टअप के असफल होने की सबसे बड़ी वजह इन्नोवेटिव आइडिया 90 प्रतिशत व्यापारी पैसे क्यों खो देते हैं? की कमी है। इसी वजह से 90 फीसदी स्टार्टअप पांच साल के भीतर दम तोड़ देते है। आज के इस लेख 90 प्रतिशत व्यापारी पैसे क्यों खो देते हैं? में हम आपको कुछ ऐसे मुख्य कारण बताएंगे जिनकी वजह से अक्सर भारतीय स्टार्टअप बिज़नेस बंद हो जाते हैं।

1. टीम में सही तालमेल की कमी (Lack of proper coordination in the team)

किसी भी स्टार्टअप बिज़नेस के सफल होने का मुख्य कारण होता है कि टीम के बीच आपसी समंजस्य बहुत अच्छा होता है। वहीं टीम में सही तालमेल की कमी किसी भी स्टार्टअप को असफल कराने के लिए काफी है। टीम के लोगों के बीच आपसी अनबन ज्यादा हो जाए तो अच्छे खासे स्टार्टअप को फेल होना निश्चित ही है। अक्सर देखा गया है कि नए स्टार्टअप बिज़नेस म आपसी रंजिश, साजिश और राजनीति के कारण सही ग्रोथ नहीं कर पाता है। इसलिए आपको इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि आपकी टीम एकजुट रहे और सब साथ मिलकर अपना योगदान देकर स्टार्टअप बिज़नेस को सफल बना सकें। टीम में सही तालमेल बनाने के साथ-साथ टीम को मोटिवेटेड भी रखना जरूरी है इसके लिए आप Motivational Coach की मदद ले सकते हैं।

2. बिजनेस की लोकेशन बदलते रहना (Changing business location)

किसी भी स्टार्टअप के फेल होने का दुसरा अहम कारण होता है बार-बार लोकेशन को बदलना। कई बार जल्दीबाजी में या सही से प्लानिंग ना करने के कारण हम अपना स्टार्टअप तो शुरू कर देते हैं लेकिन बाद में लोकेशन बदल देते हैं। बार-बार लोकेशन बदलने से स्टार्टअप को अच्छा खासा खामीयाज़ा भुगतना पड़ता है। अगर आप भी कोई स्टार्टअप बिजनेस शुरू करना चाह रहे हैं तो कोशिश करें कि आपको बार-बार अपने बिजनेस की लोकेशन ना बदलनी पड़े। इसके लिए आपको थोड़ी रिसर्च करने की जरूरत है। सही लोकेशन से आप अपने बिज़नेस में अच्छी खासी ग्रोथ कर सकते हैं। अपने बिज़नेस में अच्छी ग्रोथ करने के लिए आपको हमेशा कुछ नया सिखना चाहिए online business courses in india के माध्यम से आप बिज़नेस से जुड़ी बारीकियां सीख सकते हैं और अपने बिज़नेस को बढ़ा सकते हैं।

3. क्वालिटी पर ध्यान ना देना (Lack of focus on quality)

स्टार्टअप बिज़नेस के फेल होने का एक और मुख्य कारण है प्रोडक्ट की क्वालिटी पर ध्यान न देना। आज के समय में लोग अच्छा खाना चाहते हैं, अच्छा पहनना चाहते हैं, साथ ही साथ अच्छी क्वालिटी प्रोडक्ट खरीदना चाहते हैं। अगर आप अपने स्टार्टअप बिज़नेस में क्वालिटी पर ध्यान नहीं देंगे तो आपके स्टार्टअप बिज़नेस का फेल होना तय हैं। वहीं अगर आपने अपने प्रोडक्ट की क्वालिटी पर फोकस किया है, ग्राहक को उसके जरूरत के अनुसार सामान देते हैं तो ग्राहक आप ही के पास आयेगा।

4. सही स्ट्रेटेजी बनाना (Not Developing the Right Strategy)

स्टार्टअप के फेल होने का एक कारण यह भी है कि कंपनी में सही स्ट्रेटेजी की कमी होती है। किसी भी स्टार्टअप आइडिया को एक बड़े लेवल पर ले जाने के लिए सही स्ट्रेटेजी बहुत जरूरी होती है। किसी भी स्टार्टअप आइडिया को मार्केट में बड़े लेवल पर ले जाने के लिए ठोस रणनीति बनानी होती है। स्ट्रेटेजी प्लान में थोड़ा सा भी गैप नहीं होना चाहिए। अगर कहीं कुछ भी गैप हुआ तो यह स्टार्टअप के लिए खतरनाक साबित हो सकता है क्योंकि जब तक सभी टीम मेंबर को यह क्लियर नहीं होगा कि उन्हें आगे क्या करना है तब तक टीम मेंबर अपना 100 प्रतिशत नहीं दे सकते हैं जिसका भुगतान स्टार्टअप बिज़नेस को ही करना होता है। स्ट्रेटेजी या अन्य किसी सुझाव के लिए Business Coach आपकी मदद कर सकते हैं।

5. जल्दी प्रोफिट कमाने के चक्कर में पड़ना (Falling into the trap of making quick profits)

आजकल लोग कम समय में ज्यादा पैसा कमाने के चक्कर में बिना किसी स्ट्रेटेजी और रिसर्च के स्टार्टअप शुरू कर देते हैं और पहले ही दिन से लाखों रूपये की कमाई करने के सपने देखने लगते हैं। लेकिन हकीकत यह है कि ऐसा नहीं होता है। ज्यादातर बिजनेस इसी कारण से भी फेल होते हैं कि वह दूसरे की देखादेखी बिजनेस की शुरुआत करते हैं और जल्दी पैसा कमाने की चाह में गलत प्रोडक्ट गलत कस्टमर को टारगेट कर देते हैं जो उनके नुकसान का कारण बनता है और आखिरी में स्टार्टअप बिज़नेस को बंद कर देने की नौबत आ जाती है।

किसी भी कारोबार को शुरू करने से पहले लोग उसकी अच्छाईयां देखते हैं जबकि उन अच्छाईयों के पीछे कितनी चुनौतियां और कमियां छुपी हुई ही इसे नज़रअंदाज कर देते हैं। किसी भी स्टार्टअप को शुरू करने से पहले चुनौतियों के लिए तैयार रहना चाहिए। ऊपर बताए गए बातों का ध्यान रख आप अपने स्टाटर्टअप बिज़नेस को सफल बना सकते हैं।

लेख के बारे में आप अपनी टिप्पणी को कमेंट सेक्शन में कमेंट करके दर्ज करा सकते हैं। इसके अलावा आप अगर एक व्यापारी हैं और अपने व्यापार में कठिन और मुश्किल परेशानियों का सामना कर रहे हैं और चाहते हैं कि स्टार्टअप बिज़नेस को आगे बढ़ाने में आपको एक पर्सनल बिज़नेस कोच का अच्छा मार्गदर्शन मिले तो आपको BCP (Business Coaching) का चुनाव जरूर करना चाहिए जिससे आप अपने बिज़नेस में एक अच्छी हैंडहोल्डिंग पा सकते हैं और अपने बिज़नेस को चार गुना बढ़ा सकते हैं ।

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