विदेशी मुद्रा भंडार में फिर आई गिरावट, जानिए कितना है गोल्ड रिजर्व

नई दिल्ली. देश के विदेशी मुद्रा भंडार (Foreign Exchange Reserves/Forex Reserves) में लगातार तीसरे सप्ताह कमी आई है. 25 मार्च, 2022 को खत्म हुए सप्ताह में यह 2.03 अरब डॉलर घटकर 617.648 अरब डॉलर रह गया. भारतीय रिजर्व बैंक यानी आरबीआई (RBI) की ओर से शुक्रवार को जारी आंकड़ों में यह जानकारी दी गई है.

इससे पहले 18 मार्च, 2022 को खत्म हुए सप्ताह में यह 2.597 अरब डॉलर घटकर 619.678 अरब डॉलर रह गया था. रिजर्व बैंक के मुताबिक, 11 मार्च को खत्म हुए सप्ताह में यह 9.646 अरब डॉलर घटकर 622.275 अरब डॉलर रह गया जबकि 4 मार्च को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 39.4 करोड़ डॉलर बढ़कर 631.92 अरब डॉलर हो गया था.

3.202 अरब डॉलर घटी एफसीए

आरबीआई के शुक्रवार को जारी साप्ताहिक आंकड़ों के अनुसार 25 मार्च को खत्म हुए सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार में यह गिरावट मुख्य रूप से फॉरेन करेंसी एसेट यानी एफसीए (Foreign Currency Assets) में आई कमी की वजह से हुई जो कुल मुद्रा भंडार विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. रिजर्व बैंक ने कहा कि रिपोर्टिंग वीक में भारत की एफसीए (FCA) 3.202 अरब डॉलर घटकर 550.454 अरब डॉलर हो गई. डॉलर में बताई जाने वाली एफसीए में विदेशी मुद्रा भंडार में रखी यूरो, पाउंड और येन जैसी दूसरी विदेशी मुद्राओं के मूल्य में वृद्धि या कमी का प्रभाव भी शामिल होता है.

गोल्ड रिजर्व बढ़ा

इसके अलावा रिपोर्टिंग वीक में गोल्ड रिजर्व का मूल्य 1.23 अरब डॉलर बढ़कर 43.241 अरब डॉलर हो गया. रिपोर्टिंग वीक में इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड यानी एमआईएफ (IMF) में देश का एसडीआर यानी स्पेशल ड्राइंग राइट (Special Drawing Rights) 4.4 करोड़ डॉलर घटकर 18.821 अरब डॉलर रह गया. आईएमएफ में रखे देश का मुद्रा भंडार 1.4 अरब डॉलर घटकर 5.132 अरब डॉलर रह गया.

2 साल के निचले स्तर पर पहुंचा विदेशी मुद्रा भंडार, विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट जानिए देश की सेहत पर क्या असर डालेगा?

2 साल के निचले स्तर पर पहुंचा विदेशी मुद्रा भंडार, जानिए देश की सेहत पर क्या असर डालेगा?

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के शुक्रवार को जारी साप्ताहिक आंकड़ों के अनुसार, 19 अगस्त को समाप्त विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट सप्ताह के दौरान विदेशी मुद्रा भंडार में आई गिरावट का मुख्य कारण फॉरेन रिजर्व असेट्स (एफसीए) और गोल्ड रिजर्व्स का कम होना है.

देश का विदेशी मुद्रा भंडार 19 अगस्त को समाप्त सप्ताह में 6.687 अरब डॉलर घटकर 564.053 अरब डॉलर रह गया. यह अक्टूबर, 2020 के बाद पिछले दो साल का निम्नतम स्तर है. हालांकि, एक वैश्विक रेटिंग एजेंसी का कहना है यह पिछले 20 सालों के रिजर्व की तुलना में अधिक ही है.

इससे पहले 12 अगस्त को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 2.238 करोड़ डॉलर घटकर 570.74 अरब डॉलर रहा था. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के शुक्रवार को जारी साप्ताहिक आंकड़ों के अनुसार, 19 अगस्त को समाप्त सप्ताह के दौरान विदेशी मुद्रा भंडार में आई गिरावट का मुख्य कारण फॉरेन रिजर्व असेट्स (एफसीए) और गोल्ड रिजर्व्स का कम होना है.

साप्ताहिक आंकड़ों के मुताबिक, आलोच्य सप्ताह में एफसीए 5.77 अरब डॉलर घटकर 501.216 अरब डॉलर रह गयी. डॉलर में अभिव्यक्त विदेशी मुद्रा भंडार में रखे जाने वाली फॉरेन रिजर्व असेट्स में यूरो, पाउंड और येन जैसी गैर-अमेरिकी मुद्राओं में मूल्यवृद्धि अथवा मूल्यह्रास के प्रभावों को शामिल किया जाता है.

आंकड़ों के अनुसार, आलोच्य सप्ताह में स्वर्ण भंडार का मूल्य 70.4 करोड़ डॉलर घटकर 39.914 अरब डॉलर रह गया. समीक्षाधीन सप्ताह में, अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) के पास जमा विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर) 14.6 करोड़ डॉलर घटकर 17.987 अरब डॉलर पर आ गया. जबकि आईएमएफ में रखे देश का मुद्रा भंडार भी 5.8 करोड़ डॉलर गिरकर 4.936 अरब डॉलर रह गया.

वहीं, विदेश में अमेरिकी मुद्रा की मजबूती और कच्चे तेल की कीमतों में तेजी के चलते अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया सोमवार को शुरुआती कारोबार में 31 पैसे टूटकर अब तक के सबसे निचले स्तर 80.15 रुपये पर आ गया है. रुपया शुक्रवार को डॉलर के मुकाबले 79.84 पर बंद हुआ था. इससे पहले रुपये का ऑल टाइम लो 80.06 था.

जबकि विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने 1 अगस्त से 26 अगस्त तक भारतीय बाजार में 55,031 करोड़ रुपये का निवेश किया है. इक्विटी बाजार में, विदेशी फंड का प्रवाह 49,254 करोड़ रुपये रहा. यह एफपीआई की इस साल की अब तक की सबसे बड़ी मासिक खरीदारी होगी.

क्या होता है विदेशी मुद्रा भंडार?

विदेशी मुद्रा भंडार को किसी देश की हेल्थ का मीटर माना जाता है. इस भंडार में विदेशी करेंसीज, गोल्ड रिजर्व्स, ट्रेजरी बिल्स सहित अन्य चीजें विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट आती हैं जिन्हें किसी देश की केंद्रीय बैंक या अन्य मौद्रिक संस्थाएं संभालती हैं. ये संस्थाएं पेमेंट बैलेंस की निगरानी करती हैं, मुद्रा की विदेशी विनिमय दर देखती हैं और वित्तीय बाजार स्थिरता बनाए रखती हैं.

विदेशी मुद्रा भंडार में क्या-क्या आता है?

आरबीआई अधिनियम और विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम, 1999 विदेशी मुद्रा भंडार को नियंत्रित करते हैं. इसे चार श्रेणियों में विभाजित किया जा सकता है. पहला और सबसे बड़ा घटक विदेशी मुद्रा संपत्ति है जो कि यह कुल पोर्टफोलियो का लगभग 80 फीसदी है. भारत अमेरिकी ट्रेजरी बिलों में भारी निवेश करता है और देश की विदेशी मुद्रा संपत्ति का लगभग 75 फीसदी डॉलर मूल्यवर्ग की सिक्योरिटीज में निवेश किया जाता है.

इसके बाद गोल्ड में निवेश और आईएमएफ से स्पेशल ड्राइंग राइट्स (एसडीआर) यानी विशेष आहरण अधिकार आता है. सबसे अंत में आखिरी रिजर्व ट्रेंच पोजीशन है.

विदेशी मुद्रा भंडार का उद्देश्य क्या है?

फॉरेन एक्सचेंज रिजर्व्स का सबसे पहला उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि यदि रुपया तेजी से नीचे गिरता है या पूरी तरह से दिवालिया हो जाता है तो आरबीआई के पास बैकअप फंड है. दूसरा उद्देश्य यह है कि यदि विदेशी मुद्रा की मांग में वृद्धि के कारण रुपये का मूल्य घटता है, तो आरबीआई भारतीय मुद्रा बाजार में डॉलर को बेच सकता है ताकि रुपये के गिरने की रफ्तार को रोका जा सके. तीसरा उद्देश्य यह है कि विदेशी मुद्रा का एक अच्छा स्टॉक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश के लिए एक अच्छी छवि स्थापित करता है क्योंकि व्यापारिक देश अपने भुगतान के बारे में सुनिश्चित हो सकते हैं.

क्या होगा असर?

अमेरिका स्थित रेटिंग एजेंसी एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स (S&P Global Ratings) की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि उभरते बाजारों को खाद्य पदार्थों की अधिक कीमतों, अमेरिकी डॉलर के प्रभुत्व और टाइट फाइनेंशियल कंडीशंस से बड़े पैमाने पर बाहरी दबाव का सामना करना पड़ रहा है.

उसने कहा है कि इस मामले में भारत कोई अपवाद नहीं है. इन संकटों के साथ ही बड़े पैमाने पर राजकोषीय घाटे और घरेलू स्तर पर महंगाई की अधिक दर का भी सामना करना है. हालांकि, इन सबके बावजूद उसने भारत के हालात को अन्य देशों की विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट तुलना में बेहतर करार दिया है.

सॉवरेन एंड इटरनेशनल पब्लिक फाइनेंश रेटिंग के डायरेक्टर एंड्र्यू वूड ने कहा कि हमने देखा है कि कोविड-19 महामारी शुरुआती दौर के बाद से भारत दुनिया का नेट क्रेडिटर यानी कर्जदाता बन गया है. इसका मतलब यह है कि भारत ने उन जै कठिनाइयों के खिलाफ स्टॉक तैयार कर लिया है, जिसका हम अभी सामना कर रहे हैं.

वहीं, विदेशी मुद्रा भंडार में कमी पर वह कहते हैं कि अगर इन रिजर्व्स को पिछले 20 सालों के रिजर्व्स से तुलना करेंगे तो मामूल अंतर से यह अधिक ही है. इसके अलावा, वुड ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि इस साल के अंत तक विदेशी मुद्रा भंडार मामूली रूप से लगभग 600 अरब डॉलर तक पहुंच जाएगा और अगले कुछ वर्षों में इसी के आसपास बरकरार रहेगा.

भारत का विदेशी मुद्रा भंडार (India’s Forex Reserve) 572.978 अरब डॉलर पर पहुंचा

5 अगस्त, 2022 को समाप्त हुए सप्ताह के दौरान भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 897 मिलियन डॉलर की गिरावट के साथ 572.978 अरब डॉलर पर पहुँच गया है। विश्व में सर्वाधिक विदेशी मुद्रा भंडार वाले देशों की सूची में भारत चौथे विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट स्थान पर है, इस सूची में चीन पहले स्थान पर है। विदेशी मुद्रा भंडार

भारत का विदेशी मुद्रा भंडार (India’s Forex Reserve) 15 महीने के न्यूनतम स्तर 588 अरब डॉलर पर पहुंचा

8 जुलाई, 2022 को समाप्त हुए सप्ताह के दौरान भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 8.062 अरब डॉलर की गिरावट के साथ 580.252 अरब डॉलर पर पहुँच गया है। विश्व में सर्वाधिक विदेशी मुद्रा भंडार वाले देशों की सूची में भारत चौथे स्थान पर है, इस सूची में चीन पहले स्थान पर है। विदेशी मुद्रा भंडार

भारत का विदेशी मुद्रा भंडार (India’s Forex Reserve) 593 अरब डॉलर पर पहुंचा

24 जून, 2022 को समाप्त हुए सप्ताह के दौरान भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 2.734 अरब डॉलर की गिरावट के साथ 593.323 अरब डॉलर पर पहुँच गया है। विश्व में सर्वाधिक विदेशी मुद्रा भंडार वाले देशों की सूची में भारत चौथे स्थान पर है, इस सूची में चीन पहले स्थान पर है। विदेशी मुद्रा भंडार

भारत का विदेशी मुद्रा भंडार (India’s Forex Reserve) 596 अरब डॉलर पर पहुंचा

10 जून, 2022 को समाप्त हुए सप्ताह के दौरान भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 596.46 अरब डॉलर पर पहुँच गया है। विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट विश्व में सर्वाधिक विदेशी मुद्रा भंडार वाले देशों की सूची में भारत चौथे स्थान पर है, इस सूची में चीन पहले स्थान पर है। विदेशी मुद्रा भंडार इसे फोरेक्स रिज़र्व या आरक्षित निधियों का

भारत का विदेशी मुद्रा भंडार (India’s Forex Reserve) 597 अरब डॉलर पर पहुंचा

20 मई, 2022 को समाप्त हुए सप्ताह के दौरान भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 4.230 बिलियन डॉलर की बढ़ोत्तरी के साथ 597.51 अरब डॉलर पर पहुँच गया है। विश्व में सर्वाधिक विदेशी मुद्रा भंडार वाले देशों की सूची में भारत चौथे स्थान पर है, इस सूची में चीन पहले स्थान पर है। विदेशी मुद्रा भंडार

भारत का विदेशी मुद्रा भंडार (India’s Forex Reserve) 600 अरब डॉलर पर पहुंचा

22 अप्रैल, 2022 को समाप्त हुए सप्ताह के दौरान भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 3.27 बिलियन डॉलर की कमी के साथ 600.42 अरब डॉलर पर पहुँच गया है। विश्व में सर्वाधिक विदेशी मुद्रा भंडार वाले देशों की सूची में भारत चौथे स्थान पर है, इस सूची में चीन पहले स्थान पर है। गौरतलब है कि

विदेशी मुद्रा भंडार में आई 2 बिलियन डॉलर की गिरावट, RBI ने रुपये को बचाने के लिए बेचे डॉलर

देश का विदेशी मुद्रा भंडार 12 अगस्त को समाप्त सप्ताह में घटकर 570.74 बिलियन डॉलर हो गया, जो पिछले सप्ताह के 572.978 बिलियन डॉलर से 2.238 बिलियन डॉलर कम था।

Forex Reserves Slump By https://d3pc1xvrcw35tl.cloudfront.net/sm/images/420x315/dollar-rupee_202006166882.jpg Billion As RBI Sells Dollars To Defend Rupee | विदेशी मुद्रा भंडार में आई 2 बिलियन डॉलर की गिरावट, RBI ने रुपये को बचाने के लिए बेचे डॉलर

विदेशी मुद्रा भंडार में आई 2 बिलियन डॉलर की गिरावट, RBI ने रुपये को बचाने के लिए बेचे डॉलर

Highlights कुल 2.238 बिलियन डॉलर कम हुआ विदेशी मुद्रा भंडार दुनिया की सभी मुद्राओं पर भारी पड़ा है अमेरिकी डॉलर भारतीय मुद्रा डॉलर के मुकाबले 80 रुपये प्रति डॉलर के स्तर तक पहुंची

नई दिल्ली: भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 2 बिलियन डॉलर घट गया है। रुपये की गिरती कीमत को बचाने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने अंतर्राष्ट्रीय बाजार में डॉलर बेचे हैं। जिसकी वजह से देश का विदेशी मुद्रा भंडार कम हुआ है। आरबीआई रुपये की कीमत अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 80 रुपये प्रति डॉलर के नीचे विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट रखना चाहता है। रुपये की स्थिरता को बनाए रखने के लिए यह एक ऐसा प्रयास है जिसे भारतीय केंद्रीय बैंक ने आवश्यक बताया है।

2.238 बिलियन डॉलर कम हुआ विदेशी मुद्रा भंडार

आरबीआई के साप्ताहिक सांख्यिकीय पूरक डेटा से पता चलता है कि देश का विदेशी मुद्रा भंडार 12 अगस्त को समाप्त सप्ताह में घटकर 570.74 बिलियन डॉलर हो गया, जो पिछले सप्ताह के 572.978 बिलियन डॉलर से 2.238 बिलियन डॉलर कम था। गौरतलब है कि जब से रूस ने यूक्रेन पर आक्रमण किया है, तब से लगातार भारत का विदेशी मुद्रा भंडार गिर रहा है। इस अवधि में भारत का विदेशी मुद्रा भंडार कुल 25 में से 19 सप्ताह के लिए 61 बिलियन डॉलर के करीब गिरा है।

दुनिया की सभी मुद्राओं पर भारी पड़ा अमेरिकी डॉलर

भारत का विदेशी मुद्रा भंडार वैश्विक स्तर पर चौथा सबसे बड़ा है। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने नवीनतम दर-निर्धारण बैठक के बाद कहा जब केंद्रीय बैंक ने लगातार तीसरी बार दरों में बढ़ोतरी की। डॉलर-मूल्यवर्ग की परिसंपत्तियों में व्यापक पूंजी पलायन के अनुरूप, रुपया यूक्रेन संकट से पहले लगभग 74 से गिरकर 80 प्रति डॉलर पर आ गया है। दुनिया की आरक्षित मुद्रा, डॉलर, ने लगभग सभी प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले महत्वपूर्ण बढ़त हासिल की है।

भारतीय मुद्रा डॉलर के मुकाबले 80 रुपये प्रति डॉलर के स्तर तक पहुंची

वहीं रुपया ने डॉलर के मुकाबले अपने सर्वकालिक कमजोर 80 के स्तर को कम कर दिया, आरबीआई ने हाजिर और वायदा बाजारों में डॉलर बेचकर भारतीय मुद्रा को उस स्तर से नीचे रखने में मदद की है। लेकिन आरबीआई के हस्तक्षेप के कारण मुद्रा बाजार में उतार-चढ़ाव की अवधि के दौरान विदेशी मुद्रा भंडार की कमी समय के साथ कम हो गई है।

इकोनॉमी के लिए बुरी ख़बर! विदेशी मुद्रा भंडार में फिर गिरावट, गोल्ड रिज़र्व भी हुआ कम

Foreign exchange reserves

आर्थिक मोर्चे पर बुरी खबर आई है। दरअसल, देश का विदेशी मुद्रा भंडार 26 अगस्त को समाप्त सप्ताह के दौरान 3.007 अरब डॉलर घटकर 561.046 अरब डॉलर रह गया। भारतीय रिज़र्व बैंक के आंकड़ों से यह जानकारी मिली है। इससे पिछले 19 अगस्त को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 6.687 अरब डॉलर घटकर 564.053 अरब डॉलर रहा था। विदेशी मुद्रा भंडार की इस गिरावट के साथ आंकड़ा दो साल के निचले स्तर पर आ गया है।

हिंदुस्तान की रिपोर्ट के अनुसार विदेशी मुद्रा भंडार में महत्वपूर्ण हिस्सा रखने वाली विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियों (एफसीए) में गिरावट से कुल मुद्रा भंडार नीचे आया। समीक्षाधीन सप्ताह में विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियां 2.571 अरब डॉलर घटकर 498.645 अरब डॉलर रह गई। आंकड़ों के मुताबिक़ स्वर्ण भंडार भी 27.1 करोड़ डॉलर घटकर 39.643 अरब डॉलर पर आ गया।

रुपये की स्थिति को देखें तो शुक्रवार को रुपया 26 पैसे लुढ़ककर 79.82 प्रति डॉलर पर बंद हुआ। रुपया 79.63 पर खुला और दिन में कारोबार के दौरान 79.61 और 79.83 के दायरे में रहने के बाद अंत में यह पिछले बंद भाव के मुकाबले 26 पैसे फिसलकर 79.82 प्रति डॉलर पर बंद हुआ। रुपये का पिछला बंद भाव 79.56 प्रति डॉलर था।

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