RBI ने जारी की अवैध फॉरेक्‍स ट्रेडिंग ऐप की अलर्ट लिस्‍ट (फाइल फोटो)

विदेशी मुद्रा ई-बुक

जैसा कि इसके नाम से पता चलता है, एक विदेशी मुद्रा ई-पुस्तक केवल एक प्रकार की इलेक्ट्रॉनिक पुस्तक है जो विदेशी मुद्रा व्यापार से संबंधित है। विदेशी मुद्रा ई-पुस्तकें नए व्यापारियों के बीच लोकप्रिय हैं जो विदेशी मुद्रा बाजार में उपयोग की लोकप्रिय विदेशी मुद्रा प्लेटफॉर्म जाने वाली उच्च-स्तरीय अवधारणाओं और व्यापारिक तकनीकों के लिए एक परिचय की मांग कर रहे हैं ।

चाबी छीन लेना

  • विदेशी मुद्रा ई-पुस्तकें विदेशी मुद्रा व्यापार से संबंधित विषयों को कवर करने वाली इलेक्ट्रॉनिक पुस्तकें हैं।
  • सभी ई-पुस्तकों की तरह, वे गुणवत्ता और विश्वसनीयता में शामिल हैं, पाठकों के लिए अपने शोध को करने के लिए ई-बुक का चयन करने से पहले करना महत्वपूर्ण है।
  • विदेशी मुद्रा ई-पुस्तकें नए विदेशी मुद्रा व्यापारियों के बीच लोकप्रिय हैं, जो विदेशी लोकप्रिय विदेशी मुद्रा प्लेटफॉर्म मुद्रा बाजारों का अवलोकन कर रहे हैं, लेकिन वे अधिक अनुभवी व्यापारियों के लिए भी उपयोगी हो सकते हैं, जो एक विशिष्ट सबटॉपिक या तकनीक का पता लगाना चाहते हैं।

विदेशी मुद्रा ई-पुस्तकें समझना

हालाँकि ऑनलाइन उपलब्ध ई-पुस्तकों की कोई कमी नहीं है, फिर भी पाठकों को आगे बढ़ने से पहले ई-पुस्तक की विश्वसनीयता और निष्पक्षता पर ध्यान देना चाहिए। आखिरकार, व्यापारी और ट्रेडिंग फर्म अक्सर अपने ब्रोकरेज प्लेटफॉर्म, ट्रेडिंग सिस्टम या अन्य उत्पादों और सेवाओं के लिए नए ग्राहकों को खोजने के प्रयास में, एक प्रकार के विपणन दस्तावेज़ के रूप में विदेशी मुद्रा ई-पुस्तकों का उत्पादन करते हैं। चूँकि फॉरेक्स ई-बुक्स की रेंज गुणवत्ता में होती है, इसलिए केवल एक विश्वसनीय और सिद्ध स्रोत से ई-बुक के लिए भुगतान करना बुद्धिमानी है।

विदेशी मुद्रा ई-पुस्तकें नौसिखियों के व्यापारियों के लिए सहायक हो सकती हैं क्योंकि वे अवधारणाओं की एक विस्तृत श्रृंखला के संपर्क में रहने के लिए कम लागत वाला तरीका प्रदान करते हैं। मुद्रित पुस्तकों की तुलना में सस्ता, कुछ विदेशी मुद्रा ई-पुस्तकें मुफ्त में उपलब्ध हैं। और क्योंकि उनके लेखक उन्हें नई जानकारी लोकप्रिय विदेशी मुद्रा प्लेटफॉर्म ऑनलाइन अपडेट कर सकते हैं, इसलिए वे पारंपरिक मुद्रित प्रतियों की तुलना में अधिक सामयिक और प्रासंगिक हो सकते हैं।

इसके विपरीत, विदेशी मुद्रा व्यापार से संबंधित पुरानी किताबें आधुनिक पाठकों के लिए कम उपयोगी हो सकती हैं क्योंकि विदेशी मुद्रा व्यापार में उपयोग की जाने वाली प्रौद्योगिकियां हाल के वर्षों में काफी बदल गई हैं ।

2000 की शुरुआत लोकप्रिय विदेशी मुद्रा प्लेटफॉर्म में ई-पुस्तकों ने लोकप्रियता में एक नाटकीय वृद्धि देखी।  वे एक इलेक्ट्रॉनिक प्रारूप में दिखाई देते हैं जिसे पाठक कंप्यूटर स्क्रीन, टैबलेट या ई-रीडर जैसे किंडल पर खोल सकते हैं।2011 तक, ई-बुक ने बिक्री में मुद्रित पुस्तकों को निकाल दिया था।  विदेशी मुद्रा बाजार की अंतर्निहित जटिलता को देखते हुए, ई-पुस्तकें उन लोगों के लिए सीखने के सबसे लोकप्रिय तरीकों में से एक बन गई हैं, जो अभी ट्रेडिंग फॉरेक्स में शुरू हो रहे हैं।

विदेशी मुद्रा ई-बुक का वास्तविक-विश्व उदाहरण

नए विदेशी मुद्रा व्यापारियों के पास चुनने के लिए विदेशी मुद्रा ई-पुस्तकों की एक विस्तृत श्रृंखला है।कुछ पुस्तकें फ़ॉरेक्स बाजारों का एक सामान्य अवलोकन और अधिकांश व्यापारियों द्वारा उपयोग की जाने वाली प्रमुख तकनीकों को प्रदान करने पर केंद्रित हैं।इस श्रेणी में विदेशी मुद्रा ई-पुस्तकों के उदाहरणों मेंजे लखानी द्वाराद वे टू ट्रेड फॉरेक्स, यारिचर्ड टेलर द्वाराविदेशी मुद्रा व्यापार शामिल हैं ।३

अन्य विदेशी मुद्रा ई-पुस्तकें अधिक विशिष्ट उप-तकनीकों से निपटती हैं, जैसे कि विशेष ट्रेडिंग तकनीक या डेटा विज़ुअलाइज़ेशन।इन अधिक विशिष्ट विदेशी मुद्रा ई-पुस्तकों के उदाहरणों मेंमार्टिन जे। प्रिंग द्वारारिवर्स डायवर्जेंस एंड मोमेंटम, औरएरिक गेबर्ड द्वाराजापानी कैंडलस्टिक चार्टिंग का परिचय शामिल है ।५

विदेशी मुद्रा भंडार और स्वर्ण भंडार में लगातार तीसरे सप्ताह लोकप्रिय विदेशी मुद्रा प्लेटफॉर्म गिरावट

विदेशी मुद्रा भंडार और स्वर्ण भंडार में लगातार तीसरे सप्ताह गिरावट

राज एक्सप्रेस। देश में जितना भी विदेशी मुद्रा भंडार और स्वर्ण भंडार जमा होता है, उसके आंकड़े समय-समय पर भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा जारी किए जाते हैं। इन आंकड़ों में उतार-चढ़ाव देखने को मिलता रहता है, लेकिन पिछले कुछ समय से इसमें लगातार गिरावट ही दर्ज की जा रही है। हालांकि, बीच में विदेशी मुद्रा भंडार और लोकप्रिय विदेशी मुद्रा प्लेटफॉर्म स्वर्ण भंडार में कुछ बढ़त दर्ज की गई थी। वहीं, एक बार फिर इसमें गिरावट दर्ज की गई है। इस बात का खुलासा RBI द्वारा जारी किए गए ताजा आंकड़ों से हुआ है। बता दें, यदि विदेशी मुद्रा परिस्थितियों में बढ़त दर्ज की जाती है तो, कुल विदेशी विनिमय भंडार में भी बढ़त दर्ज होती है।

RBI के ताजा आंकड़े :

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा जारी ताजा आंकड़ों के अनुसार, भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 25 मार्च 2022 को समाप्त सप्ताह में 2.03 अरब डॉलर घटकर 617.648 अरब डॉलर पा आ गिरा है। जबकि, इससे पहले 18 मार्च 2022 समाप्त सप्ताह में भी विदेशी मुद्रा भंडार का आंकड़ा 2.597 अरब डॉलर घटकर 619.678 अरब डॉलर पर पहुंच गया था। वहीं, 111 मार्च, 2021 को खत्म हुए सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 9.646 अरब डॉलर घटकर 622.275 अरब डॉलर पर पहुंच गया था।

गोल्ड रिजर्व की वैल्यू :

बताते चलें, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा जारी ताजा आंकड़ों के अनुसार, भारत के गोल्ड रिजर्व की वैल्यू में भी पिछले कुछ समय से गिरावट दर्ज की गई थी, लेकिन अब समीक्षाधीन सप्ताह में गोल्ड रिजर्व की वैल्यू 1.23 अरब डॉलर बढ़कर 43.241 अरब डॉलर पर जा पहुंची हैं। हालांकि, इससे पहले भी गोल्ड रिजर्व में गिरावट ही दर्ज की गई थी। रिजर्व बैंक (RBI) ने बताया कि, आलोच्य सप्ताह के दौरान IMF के पास मौजूद भारत के भंडार में मामूली वृद्धि हुई। बता दें, विदेशी मुद्रा संपत्तियों (FCA) में आई गिरावट के चलते विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट आई है। आंकड़ों के अनुसार, 25 मार्च 2022 को समाप्त सप्ताह में FCA 3.202 अरब डॉलर घटकर 550.454 अरब डॉलर रह गया। RBI के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी मुद्रा परिस्थितियों में बढ़त दर्ज होने की वजह से कुल विदेशी विनिमय भंडार में बढ़त हुई है और विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियां, कुल विदेशी मुद्रा भंडार का एक अहम भाग मानी जाती हैं।

आंकड़ों के अनुसार IMF :

रिजर्व बैंक (RBI) के साप्ताहिक आंकड़ों पर नजर डालें तो, विदेशीमुद्रा परिसंपत्तियां, कुल विदेशी मुद्रा भंडार का अहम हिस्सा होती हैं। बता दें, विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियों में बढ़कर होने की वजह से मुद्रा भंडार में बढ़त दर्ज की गई है। इस प्रकार अंतररराष्ट्रीय मुद्राकोष (IMF) में देश का मुद्रा भंडार 1.4 करोड़ डॉलर घटकर 5.132 अरब डॉलर पर पहुंच गया। जबकि, IMF में देश का विशेष आहरण अधिकार (SDR) 4.4 करोड़ डॉलर घटकर 18.821 अरब डॉलर पर आ पंहुचा है।

क्या है विदेशी मुद्रा भंडार ?

विदेशी मुद्रा भंडार देश के रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया द्वारा रखी गई धनराशि या अन्य परिसंपत्तियां होती हैं, जिनका उपयोग जरूरत पड़ने पर देनदारियों का भुगतान करने में किया जाता है। पर्याप्त विदेशी मुद्रा भंडार एक स्वस्थ अर्थव्यवस्था के लिए काफी महत्वपूर्ण होता है। इसका उपयोग आयात को समर्थन देने के लिए आर्थिक संकट की स्थिति में भी किया जाता है। कई लोगों को विदेशी मुद्रा भंडार में बढ़ोतरी का मतलब नहीं पता होगा तो, हम उन्हें बता दें, किसी भी देश की अर्थव्यवस्था के लिए विदेशी मुद्रा भंडार में बढ़ोतरी अच्छी बात होती है। इसमें करंसी के तौर पर ज्यादातर डॉलर होता है यानि डॉलर के आधार पर ही दुनियाभर में कारोबार किया जाता है। बता दें, इसमें IMF में विदेशी मुद्रा असेट्स, स्वर्ण भंडार और अन्य रिजर्व शामिल होते हैं, जिनमें से विदेशी मुद्रा असेट्स सोने के बाद सबसे बड़ा हिस्सा रखते हैं।

विदेशी मुद्रा भंडार के फायदे :

विदेशी मुद्रा भंडार से एक साल से अधिक लोकप्रिय विदेशी मुद्रा प्लेटफॉर्म के आयात खर्च की पूर्ति आसानी से की जा सकती है।

अच्छा विदेशी मुद्रा आरक्षित रखने वाला देश विदेशी व्यापार का अच्छा हिस्सा आकर्षित करता है।

यदि भारत के पास भुगतान के लिए पर्याप्त विदेशी मुद्रा उपलब्ध है तो, सरकार जरूरी सैन्य सामान की तत्काल खरीदी का निर्णय ले सकती है।

विदेशी मुद्रा बाजार में अस्थिरता को कम करने के लिए विदेशी मुद्रा भंडार की प्रभाव पूर्ण भूमिका होती है।

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चीन के मुकाबले 56 गुना कम है भारत के पास विदेशी दौलत

India has foreign wealth 56 times less than China

नई दिल्ली। इकोनॉमी के लिहाज से भारत और चीन की तुलना करना ठीक तो नहीं है, फिर भी जब भारतीय इकोनॉमी की बात की जाती है तो उसे दुनिया की सबसे तेज उभरती हुई अर्थव्यवस्था कहा जाता है। वहीं दूसरी ओर चीन के साथ उसका सीधा मुकाबला है, वो भी तब जब दोनों देशों के बीच सीमाओं पर तनाव बना हुआ है। हाल ही में दोनों देशों की सरकारों की ओर से विदेशी मुद्रा भंडार यानी अमरीकी डॉलर के आंकड़ें जारी किए हैं। जिससे पता चलता है कि भारत के पास चीन के मुकाबले 56 गुना कम विदेशी मुद्रा भंडार है। आइए आपको भी बताते हैं कि दोनों देशों के पास कितनसा विदेशी मुद्रा भंडार है।

RBI ने जारी की अवैध फॉरेक्‍स ट्रेडिंग ऐप की अलर्ट लिस्‍ट

अवैध ऐप्स की लंबी सूची में OctaFX शामिल है, जो इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) टीम दिल्ली कैपिटल्स का आधिकारिक ट्रेडिंग स्‍पॉन्‍सर है। आरबीआई ने इन ऐप को लेकर लोगों को चेताया है और उपयोग नहीं करने की सलाह दी है।

RBI ने जारी की अवैध फॉरेक्‍स ट्रेडिंग ऐप की अलर्ट लिस्‍ट

RBI ने जारी की अवैध फॉरेक्‍स ट्रेडिंग ऐप की अलर्ट लिस्‍ट (फाइल फोटो)

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने इस सप्ताह अवैध इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म पर विदेशी मुद्रा लेनदेन लोकप्रिय विदेशी मुद्रा प्लेटफॉर्म में शामिल संस्थाओं की एक अलर्ट सूची जारी की। इसमें एक ऐप ऐसा भी है, जो IPL टीम दिल्‍ली कैपिटल को स्‍पॉन्‍सर करता है। यह अवैध संस्‍था या ऐप लोगों से हाई रिटर्न का वादा करके लुभाते हैं। आरबीआई ने कहा कि इन अवैध प्‍लेटफॉर्म के यूजर्स पर मुकदमा चलाया जा सकता है।

अवैध ऐप्स की लंबी सूची में OctaFX शामिल है, जो इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) टीम दिल्ली कैपिटल्स का आधिकारिक ट्रेडिंग स्‍पॉन्‍सर है। आरबीआई ने इन ऐप को लेकर लोगों को चेताया है और उपयोग नहीं करने की सलाह दी है, वरना यूजर्स पर कार्रवाई भी लोकप्रिय विदेशी मुद्रा प्लेटफॉर्म की जा सकती है। यहां अवैध फॉरेक्स ट्रेडिंग ऐप्स और वेबसाइटों की पूरी सूची है।

अवैध फॉरेक्‍स ट्रेडिंग ऐप

Alpari, AnyFX, Ava Trade, Binomo, e Toro, Exness, Expert Option, FBS, FinFxPro, Forex.com, Forex4money, Foxorex, FTMO, FVP Trade, FXPrimus, FXStreet, FXCm, FxNice, FXTM, HotFores, ibell Markets, IC Markets, iFOREX, IG Market, IQ Option, NTS Forex Trading, Octa FX, Olymp Trade, TD Ameritrade, TP Global FX, Trade Sight FX, Urban Forex, Xm और XTB है।

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आरबीआई ने यह भी कहा कि इस लिस्‍ट में नहीं आने वाले यूनिट को केंद्रीय बैंक की ओर से रजिस्‍टर्ड नहीं माना जाना चाहिए। भारतीय रिजर्व बैंक के मानदंडों के अनुसार, लोगों को (विदेशी लोकप्रिय विदेशी मुद्रा प्लेटफॉर्म लोकप्रिय विदेशी मुद्रा प्लेटफॉर्म लोकप्रिय विदेशी मुद्रा प्लेटफॉर्म मुद्रा प्रबंधन अधिनियम, 1999) के अनुसार केवल रजिस्‍टर्ड संस्‍थाओं के साथ विदेशी मुद्रा लेनदेन करना चाहिए।

आरबीआई ने क्‍या कहा

आरबीआई के अनुसार, जबकि अनुमत विदेशी मुद्रा लेनदेन इलेक्ट्रॉनिक रूप से किए जा सकते हैं, उन्हें केवल आरबीआई या मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सचेंजों जैसे नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड, बीएसई लिमिटेड और मेट्रोपॉलिटन स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड द्वारा इस उद्देश्य के लिए अधिकृत ईटीपी पर ही किया जाना चाहिए।

चीन के मुकाबले 56 गुना कम है भारत के पास विदेशी दौलत

India has foreign wealth 56 times less than China

नई दिल्ली। इकोनॉमी के लिहाज से भारत और चीन की तुलना करना ठीक तो नहीं है, फिर भी जब भारतीय इकोनॉमी की बात की जाती है तो उसे दुनिया की सबसे तेज उभरती हुई अर्थव्यवस्था कहा जाता है। वहीं दूसरी ओर चीन के साथ उसका सीधा मुकाबला है, वो भी तब जब दोनों देशों के बीच सीमाओं पर तनाव बना हुआ है। हाल ही में दोनों देशों की सरकारों की ओर से विदेशी मुद्रा भंडार यानी अमरीकी डॉलर के आंकड़ें जारी किए हैं। जिससे पता चलता है कि भारत के पास चीन के मुकाबले 56 गुना कम विदेशी मुद्रा भंडार है। आइए आपको भी बताते हैं कि दोनों देशों के पास कितनसा विदेशी मुद्रा भंडार है।

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