पीजीआईएम इंडिया म्यूचुअल फंड (PGIM India Mutual Fund) के सीईओ अजीत मेनन ने कहा, अलग-अलग प्रकार के जोखिमों की बात करें तो इक्विटी में शामिल जोखिमों को कम करने के लिए पर्याप्त रणनीतियां हैं. विभिन्न शेयरों, सेक्टर्स, निवेश शैलियों आदि पर पोर्टफोलियो को एक बिंदु तक डायवर्सिफाइड कर अव्यवस्थित जोखिम को कम किया जा शेयरों में निवेश के जोखिम सकता है, जबकि सिर्फ समय सीमा को बढ़ाकर और इक्विटी को पर्याप्त लंबे समय तक होल्ड कर ही व्यवस्थित जोखिम को एक हद तक कम किया जा सकता है. ये दोनों विचार पीजीआईएम इंडिया में हमारे पोर्टफोलियो निर्माण प्रक्रिया में शामिल हैं. हम कॉरपोरेट गवर्नेंस मानकों, कमाई के ट्रैक रिकॉर्ड और स्थिरता, दीर्घकालिक परिप्रेक्ष्य और शेयरों में निवेश के जोखिम पूंजी दक्षता पर ध्यान केंद्रित करते हैं क्योंकि ये कुछ ऐसे कारक हैं जो शेयरों में निवेश के जोखिम यह सुनिश्चित करते हैं कि हमारे पोर्टफोलियो में जोखिम काफी हद तक कम हो.

9 प्रकार के ‍निवेश जोखिम

जब आप अपने निवेश को बेचना चाहते हैं उस समय उसे बेचने में असमर्थ होने का जोखिम। यदि आप निवेश को बेचने में समर्थ हैं, तो आपको निवेश के लिए जो भुगतान किया था उससे कम दाम स्‍वीकार करना पड़ सकता है। कुछ मामलों में, आप अपने निवेश को बेचने में कतई भी समर्थ नहीं हो सकते हैं।

#3: संकेद्रण जोखिम

चूंकि आपका धन किसी एक निवेश या निवेश के प्रकार में संकेद्रित है इस कारण नुकसान होने का जोखिम। जब आप अपने निवेश को विविधता प्रदान करते हैं, तो आप जोखिम का विस्तार विभिन्न प्रकार के निवेश, उद्योगों और भौगोलिक स्थानों में कर सकते हैं।

9 प्रकार के ‍निवेश जोखिम

#4: ऋण जोखिम

यह जोखिम कि बांड जारी करने वाला सरकारी निकाय या कंपनी ब्याज का भुगतान करने या परिपक्वता पर मूलधन का भुगतान करने में समर्थ नहीं होगी। ऋण जोखिम कर्ज के निवेशों, जैसे कि बांड पर लागू होता है।

9 प्रकार के ‍निवेश जोखिम

#5: पुनर्निवेश का जोखिम

मूल निवेश की अपेक्षा मूलधन या ब्याज का पुनर्निवेश करने से नुकसान का जोखिम। यह जोखिम लागू नहीं होगा यदि आप नियमित ब्याज भुगतान या मूलधन का परिपक्वता पर पुनर्निवेश करने का इरादा नहीं रखते हैं।

'ब्लास्ट Lumpsum' टेक्निक के दूसरे पार्ट में समझिए उतार-चढ़ाव से भरे मार्केट में निवेश कैसे करें?

ANISH KUMAR SINGH

Written By: ANISH KUMAR SINGH
Updated on: November 21, 2022 17:01 IST

'ब्लास्ट Lumpsum' टेक्निक के दूसरे पार्ट को समझिए- India TV Hindi

Photo:FILE 'ब्लास्ट Lumpsum' टेक्निक के दूसरे पार्ट को समझिए

इस आर्टिकल शेयरों में निवेश के जोखिम के पहले पार्ट में हमने जाना था(आर्टिकल के पहले पार्ट का लिंक सबसे नीचे दिया गया है) कि अगर निफ्टी-50 लगातार गिर रहा है तो 'ब्लास्ट Lumpsum' तकनीक के जरिए कैसे आप नीचे के लेवल पर पैसा इन्वेस्ट कर लॉन्ग टर्म में बढ़िया पैसा बना सकते हैं। अब हम सीखेंगे अगर निफ्टी-50 में Volatility यानी अस्थिरता ज्यादा हो तो उस स्थिति में लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट के लिए कौन सी तकनीक अपनाएं। चूंकि नए निवेशकों के लिए मैंने अभी तक Index Fund की ही सलाह दी है। उन्हें सीधे शेयरों को खरीदने और बेचने का जोखिम नहीं उठाना है। Mutual Fund में करीब एक-दो साल समय गुजारने के बाद आप शेयरों को डायरेक्ट खरीदने योग्य बन सकते हैं। शुरुआत में शेयरों को बिना उनके फंडामेंटल एनालिसिस किए खरीदना खतरे से खाली नहीं है। इसलिए नए इन्वेस्टर्स के लिए Index Fund सबसे ज्यादा सुरक्षित माना गया है। चलिए अब हम अपने मुद्दे पर आते हैं। सवाल ये है कि जब शेयर मार्केट में ज्यादा उथल-पुथल हो रही है तो उस वक्त Index Fund में इन्वेस्ट कैसे करना है।

ग्राफ से जानिए निवेश का तरीका

इसे आसानी से समझने के लिए आप नीचे दिए गए ग्राफ को देख सकते हैं। हम एक बार फिर यही मानकर चल रहे हैं कि निफ्टी-50 अभी 18000 के लेवल पर है। मान लीजिए कि उसमें करीब 200 अंकों की गिरावट आई(जैसा की पहले वाले आर्टिकल में समझाया था, उसे देखें) तो आपने अपने पहले 10 हजार रुपये इन्वेस्ट कर दिए। और इसी तरह मानकर चलते शेयरों में निवेश के जोखिम हैं कि गिरावट धीरे-धीरे 17,200 के लेवल तक पहुंच गई। इस दौरान आपने पांच बार अपने पैसे लगा दिए होंगे। यानि आपका 1 लाख का इन्वेस्टमेंट हो चुका होगा।

Image Source : INDIA TV

अब मान लेते हैं कि निफ्टी-50 बढ़ना शुरू करता है और कुछ ही दिन के अंदर 18,000 के आंकड़े को पार कर जाता है। तब आपको धैर्य रखना है और देखते ही देखते वो कुछ ही महीने में 18,300 के लेवल तक पहुंच जाता है, और फिर वहां से गिरना शुरू करता है। उसके गिरने का दौर फिर शुरू हो जाता है। अब यहां आपको एक दूसरे Index Fund से स्टार्ट करना चाहिए। मतलब पहले वाले Index Fund में आप lumpsum तब करेंगे, जब निफ्टी-50 अपने 17 हजार के शेयरों में निवेश के जोखिम लेवल पर आए। चूंकि निफ्टी अभी 18,300 के लेवल से गिरना शुरू हुआ है इसलिए फिर से हर 200 प्वाइंट नीचे गिरने पर 'ब्लास्ट lumpsum' वाला तरीका अपनाएं। यानी 10-10-20-20-40 हजार के हिसाब से हर 200 अंकों की गिरावट पर पैसे लगाते जाएं। इस तरह आपके दो इन्वेस्टमेंट शुरू हो चुके होंगे। पहले वाले शेयरों में निवेश के जोखिम में जैसा कि मैं बता चुका हैं कि पैसे तब डालने हैं जब निफ्टी-50 अपने 17,000 के लेवल तक गिर जाए और दूसरे वाले में इन्वेस्टमेंट तब करना है जब निफ्टी-50 गिरकर 18,100 तक पहुंच जाए। फिर ऐसे ही हर 200 प्वाइंट या डेढ़ से 2 फीसदी की गिरावट पर ब्लास्ट lumpsum करते जाएं। इस तरह आपके पैसे निफ्टी-50 में अच्छे लेवल पर लग जाएंगे और जैसे ही करेक्शन का फेज खत्म होगा। यानी बाजार के गिरने का फेज खत्म होगा, आप मुनाफे में आ जाएंगे।

करना है बिना जोखिम के सुरक्षित निवेश! तो पोस्ट ऑफिस की इस स्कीम में invest कर पाएं अच्छा रिटर्न

Amit Kumar

आज के महंगाई भरे समय में एक सुरक्षित निवेश काफी जरूरी है। ऐसे में अगर आप जोखिम के बिना शेयरों में निवेश के जोखिम किसी ऐसी स्कीम में निवेश करना पसंद करते हैं जो आपको बेहतर रिटर्न दे तो आप पोस्ट ऑफिस की स्कीम्स में निवेश कर सकते हैं। देश में आज भी करोड़ों लोग पोस्ट ऑफिस की योजनाओं में निवेश करना पसंद करते हैं। अगर आप भी कम निवेश में अच्छा रिटर्न पाना चाहते हैं तो पोस्ट ऑफिस की ग्राम सुरक्षा योजना में निवेश कर सकते हैं।

इन्वेस्टमेंट के कई ऑप्शन्स लोगों को आसानी से मिल रहे

वैसे तो बदलते समय के साथ इन्वेस्टमेंट के कई ऑप्शन्स लोगों को आसानी से मिल रहे हैं। इसमें म्यूचुअल फंड, स्टॉक मार्केट, क्रिप्टोकरेंसी में निवेश आदि कई ऑप्शन्स मौजूद है, लेकिन, इन सभी निवेश में मार्केट रिस्क शामिल होता है लेकिन, पोस्ट ऑफिस स्कीम में यह रिस्क नहीं है। अगर आप छोटे निवेश में 35 लाख रुपये का फंड इकट्ठा करना चाहते हैं तो पोस्ट ऑफिस की ग्राम सुरक्षा स्कीम में निवेश करें. इस स्कीम की खास बातों के बारे में जानते हैं।

Stocks to Buy: इन 4 शेयरों में करें निवेश, आने वाले चार हफ्तों में देंगे 23 फीसदी तक का मुनाफा

Share Market Update

Stocks to Buy Today: शेयर मार्केट में आज हर कोई निवेश करना चाहता है। इसमें जोखिम भी है, लेकिन अगर स्टडी करें और धैर्य रखें तो इसमें मुनाफा भी बहुत होता है। अब इस बीच एक्सिस सिक्योरिटीज (Axis Securities) ने अपनी टेक्निकल साप्ताहिक रिपोर्ट पेश की है। इसमें APL Apollo Tubes, Dalmia Bharat, Coforge और L&T Finance Holdings नाम के शेयरों में निवेश के जोखिम चार शेयरों में निवेश करने के लिए कहा गया है। बताया गया कि इनमें आगे 23 प्रतिशत तक संभावित उछाल मिल सकता है। एक्सिस सिक्योरिटीज एलएंडटी फाइनेंस होल्डिंग्स में सबसे अधिक संभावना देखती है, इसके बाद डालमिया भारत, एपीएल अपोलो ट्यूब्स और कोफोर्ज हैं।

बिहेवियर रिस्क

तीसरे प्रकार का जोखिम जिसके बारे में विशेषज्ञ कम ही बात करते हैं, वह है बिहेवियर रिस्क. यह मनी मैनजर्स और इंन्वस्टर्स दोनों के रूप में हमारे पूर्वाग्रहों से संबंधित है. यह हमें डेटा को निष्पक्ष रूप से देखने से रोकता है और इस तरह त्रुटियां पैदा होती हैं. इनकी वजह से कभी-कभी पूंजी का स्थायी नुकसान हो सकता है. बेहतर रिटर्न की उम्मीद में उन शेयरों को होल्ड करने की प्रवृत्ति, जिनके फंडामेंटल में कमी आने के कारण उनके मूल्य में गिरावट आई है, ऐसा ही एक उदाहरण है. लोकप्रिय रूप से इसे डिसपोजीशन इफेक्ट के रूप में जाना जाता है, यहां हम अपने घाटे वाले शेयरों को अपने पोर्टफोलियो में रखते हुए अपने मुनाफे वाले शेयरों को बेचते हैं.

वास्तव में अन्य पहलू भी हैं जो हमारी मदद करते हैं जैसे इक्विटी रिसर्च एनालिस्ट टीम जो कि आंतरिक रूप से अपने विभिन्न दृष्टिकोणों पर चर्चा करती है. यह बिहेवियर रिस्क में कमी लाने के लिए भी काम करती है, क्योंकि यहां विचारों पर विभिन्न प्रकार के दृष्टिकोण रखते हुए काफी गहन चर्चा की जाती है.

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