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रिटेल निवेशक
हालांकि शेयर बाज़ार में निवेश भी एक तरह की ट्रेडिंग है। फर्क बस चंद दिन, महीने और साल का है। फिर भी चूंकि साल का अंत है और तमाम ब्रोकर फर्में 2014 के टॉप-पिक्स जहां-तहां फेंकने लगी हैं तो सोचा कि हम भी आज निवेश की जांच-परख कर लें। आज हम तथास्तु में बताई गई ऐसी पच्चीस कंपनियों की सूची पेश कर रहे हैं जिन्होंने चंद महीनों में औसतन 25% से ज्यादा रिटर्न दिया है। इसमें अधिकतमऔर और भी
लंबे दौर में अच्छे-बुरे का लॉजिक जरूर चलता होगा, लेकिन छोटे समय में शेयर बाज़ार में केवल एक लॉजिक चलता है। वो यह कि डिमांड ज्यादा है कि सप्लाई। इसी के जुड़ा है कि लालच ज्यादा है कि डर। अगर डिमांड या लालच का पलड़ा भारी है तो शेयर के भाव बढ़ेंगे। अगर डर के चलते लोग निकल रहे हैं और सप्लाई ज्यादा है तो शेयर के भाव गिरेंगे। समझदार ट्रेडर इसी नापतौल के बाद दांव चलतेऔर और भी
खरीदनेवाले ही हुए बेचने पर उतारू!
जिस तरह सियारों के झुंड में पड़ा शेर सियार नहीं बन जाता, कौओं के झुंड में फंसा हंस कौआ नहीं बन जाता, वैसे ही निवेश-निवेश के शोर में आम भारतीय निवेशक ट्रेडर से निवेशक नहीं बन सकता। अभी भारतीय कॉरपोरेट सेक्टर की जो स्थिति है, उसमें उसे ऐसा बनना भी नहीं चाहिए। पांच साल के ऊपर का निवेश किसी म्यूचुअल फंड की लांग टर्म इक्विटी स्कीम में और उससे पहले शुद्ध ट्रेडिंग। आज क्या हैं ट्रेडिंग केऔर और भी
हमारी सरकार मुंह से कहती है कि वो आम या रिटेल निवेशकों को शेयर बाज़ार में लाना चाहती है। लेकिन हकीकत यह है कि वो हम आप जैसे निवेशकों को जिबह करना चाहती है। नहीं तो क्या वजह है कि सेबी से लेकर कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय तक डंके की चोट पर बताता है कि, “भारतीय सिक्यूरिटीज़ बाज़ार में केवल रिटेल निवेशकों को ही डे-ट्रेडिंग (इंट्रा-डे) ट्रेडिंग की इजाज़त है।” वैसे, बाज़ार का हाल भी विचित्र है।और भी और भी
खुला एसटीटी की नई दरों का पूरा सच
नए वित्त वर्ष 2013-14 के बजट में सिक्यूटिरीज ट्रांजैक्शन टैक्स (एसटीटी) को लेकर वित्त मंत्री पी चिदंबरम के साथ-साथ बजट दस्तावेजों ने भी जिस तरह का भ्रम पैदा किया है, उससे बड़े-बड़े चार्टर्ड एकाउंटेंट तक गच्चा खा जा रहे हैं। अभी हाल ही में मुंबई के मशहूर चार्टर्ड एकाउंटेंट विमल पुनमिया ने एक सेमिनार में बताया था कि शेयर बाज़ार में कैश डिलीवरी वाले सौदों पर एसटीटी खत्म कर दिया गया है। अलग से ‘अर्थकाम’ के पूछनेऔर और भी
यकीन नहीं आता। लेकिन कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय की तरफ से निवेशकों को पूंजी बाज़ार में पारंगत बनाने के लिए जारी 156 पेज की नई किताब के पेज नंबर 84 पर बताया गया है कि, ‘भारतीय बाज़ार में केवल रिटेल निवेशकों को ही डे-ट्रेड की इजाज़त है।’ डे ट्रेडिंग का मतलब शेयरों की उस खरीद-फरोख्त से है, जिन्हें दिन के दिन में निपटा लिया जाता है। बाज़ार बंद होने से पहले ही सारी पोजिशंस काट ली जाती हैं।और और भी
डीमैट खाते हुए दो करोड़ से ज्यादा
28 फरवरी 2013 तक देश में कुल डीमैट खातों की संख्या 2,09,19,851 हो गई है। इनमें से 1,26,32,085 खाते एनएसडीएल के पास हैं और 82,87,766 खाते सीडीएसएल के पास। माना जाता है कि 2.09 करोड़ डीमैट खातों में से अधिकतम नौ लाख खाते एचएनआई, एफआईआई, डीआईआई व ब्रोकरों जैसे बड़े निवेशकों के हो सकते हैं। बाकी दो करोड़ खाते रिटेल निवेशकों के हैं। 1992 में हर्षद मेहता कांड के फूटने से पहले देश में रिटेल निवेशकों कीऔर और भी
लॉटरी खेलनेवाले के कपड़े उतर जाते हैं, बचा-खुचा भी बिक जाता है। लेकिन लॉटरी खिलानेवाला हमेशा चांदी काटता है। इसी तरह शेयर बाज़ार में कानाफूसी और टिप्स पर चलनेवाले कंगाल हो जाते हैं, लेकिन इन टिप्स और कानाफूसियों को चलानेवाले हमेशा मौज करते हैं। शेयर बाजार में स्वार्थी तत्वों या साफ कहें तो ठगों का बड़ा गैंग बैठा है जो टिप्स का जाल फेंककर हम-आप जैसी छोटी मछलियों का शिकार करता है। हमें उनकी बातों के बजायऔर और भी
शेयर बाजार में शुरू करना चाहते हैं कामयाबी का सफर, इन 5 कदमों से मिलेगी मंजिल
बाजार में निवेशकों को कई तरह की सावधानियां रखनी जरूरी होती हैं। इसमें सबसे अहम है कि आप लालच में आकर निवेश का कोई फैसला न करें और अनजाने लोगों से मिली सलाहों सोशल मीडिया से मिल रही सलाहों से दूर रहें।
नई दिल्ली, ब्रांड डेस्क। आपने अक्सर न्यूज चैनल में या खबरों में ऐसी तस्वीरें देखी होगी जिसमें बीएसई के बाहर लोग खड़े होकर बड़ी स्क्रीन पर बाजार की खबरें देखते हुए या शेयर के भाव पढ़ते हुए दिखते हैं। क्या आप भी ऐसे लोगों में शामिल तो क्या ट्रेडिंग में लालच निवेशकों की मदद करता है? है जो बाजार से बाहर रहकर बाजार पर उम्मीद भरी नजर लगाए खड़े हैं। छोड़िए अब ये इंतजार और हमारे साथ करिए शेयर बाजार में एंट्री और बनिए उन सभी सफल कहानियों का हिस्सा जिनकी वजह से बाजार आपकी राह रोक लेता है। आगे बढ़ने से पहले ये बताना भी जरूरी है कि बाजार में सफल कहानियों का हिस्सा बनना किसी भी कीमत पर आसान काम नहीं है। लेकिन थोड़ी तैयारी कुछ प्लानिंग और उस प्लानिंग पर मेहनत आपको सफल बना सकती है। आज हम आपको बाजार में अपनी शुरूआत करने की एक आसान योजना बता रहे हैं जिस पर आप आगे बढ़ सकते हैं।
ट्रेडिंग अकाउंट खोलना
शेयर बाजार में कामयाबी तभी मिलती है जब आप सही समय पर कदम उठाएं। इसलिए निवेश शुरू करने से पहले आप तय कर लें कि आपके पास सही टूल्स मौजूद हों। इसमें सबसे अहम होता है ट्रेडिंग अकाउंट। Trading Account का मतलब वो अकाउंट जिसकी मदद से आप सौदे कर सकें। देश भर में छोटे-बड़े कई ब्रोकिंग फर्म मौजूद हैं जो कि तेजी के साथ ट्रेडिंग अकाउंट खोलती हैं। हालांकि ये इस बात पर निर्भर करता है कि आपके दस्तावेज कितने पूरे हैं। वास्तव में इस प्रक्रिया में तीन अकाउंट शामिल होते हैं। पहला बैंक खाता जो पैसों से जुड़ा होता है, दूसरा डीमैट खाता जहां सिक्योरिटी जमा होती है और तीसरा ट्रेडिंग खाता जहां से आप ट्रेड करते है। हर ब्रोकिंग फर्म के ट्रेडिंग अकाउंट के अलग अलग फंक्शन होते हैं और उन्हें पूरा समझने में आपको वक्त लग सकता है। वहीं ट्रेडिंग अकाउंट को ऑपरेट करते वक्त छोटी से गलती आपको बड़ा नुकसान पहुंचा सकती है। इसलिए बाजार में तो क्या ट्रेडिंग में लालच निवेशकों की मदद करता है? निवेश से पहले अच्छे ब्रोकर के साथ ट्रेडिंग अकाउंट खुलवाना उसके फंक्शन समझना और ब्रोकर्स के द्वारा दी जा रही सुविधाओं को जानना बेहद अहम है। ये प्रक्रिया आपको बाजार में सौदा करने और बाजार के फंक्शन को समझने में भी मदद करेगी।
स्टॉक का चुनाव
एक बार जब आप बाजार में एंट्री के लिए तैयार हों तो उसके बाद अगला कदम आता है कि आप निवेश कहां करें। बाजार में निवेश से फायदा दो बातों पर निर्भर करता है। पहला-आपने किस स्टॉक में निवेश किया है और दूसरा-आपने कब इस स्टॉक में निवेश किया है। स्टॉक और उस समय की पहचान बेहद मुश्किल काम है। इसके लिए आप शुरुआत में बाजार के किसी जानकार की सलाह ले सकते हैं, और समय के साथ बाजार को लेकर अपनी समझ विकसित कर सकते हैं। शुरुआत में निवेश का हर फैसला अच्छी तरह से सोच समझ कर करें क्योंकि ऐसा देखा गया है कि आम निवेशक जिन्हें शुरूआती सौदों में नुकसान हुआ है उनमें से अधिकांश वापस बाजार में नहीं उतरते या फिर निवेश को लेकर आत्मविश्वास खो देते हैं। ध्यान रखें कि शुरुआती सौदे भले ही ऊंचे रिटर्न न दें लेकिन वो ऐसे हों जिसकी वजह से बाजार पर आपका भरोसा बना रहे।
आज कल ट्रेडिंग अकाउंट से शेयर खरीदने और बेचने की प्रक्रिया बेहद आसान हो गई है और आप एक मिनट में सौदे कर सकते हैं। प्रक्रिया में आपको ये बताना होता है कि आप कितने शेयर लेना चाहते हैं और किस भाव पर लेना चाहते हैं और बीएसई या एनएसई किससे खरीद करना चाहते हैं। एक बार ये तय होने पर ब्रोकर अपने ब्रोकरेज के साथ आपको सौदे की पूरी जानकारी दे देगा,आपके अप्रूवल के साथ आपका ऑर्डर बाजार पहुंच जाएगा। यहां ध्यान देने वाली बात ये है कि ये आपका ऑर्डर है और ये तभी पूरा होगा जब कोई दूसरा आपका ऑर्डर स्वीकार करेगा। अगर सौदा पूरा होता है तो आपके खाते में शेयर ट्रांसफर होने में 2 दिन लगते हैं। ये प्रक्रिया बेहद आसान लेकिन काफी अहम होती है और इसमें गलती की कोई गुंजाइश नहीं होती। ध्यान रखें कि ऑर्डर भरते वक्त अगर आपसे कोई गलती हुई तो इसका नुकसान आपको ही उठाना होगा।
बाजार में निवेश की रणनीति
एक बार stock का चुनाव करने के बाद आपको तय करना होता है कि आपकी निवेश रणनीति क्या होगी। बाजार में निवेश की रणनीति इस बात पर तय होती है कि आप बाजार में कब तक बने रहना चाहते हैं। आप कुछ मिनटों में सौदा कर सकते हैं तो वहीं आप दशकों तक भी पैसा लगाए रख सकते हैं। जानकार सलाह देते हैं कि शुरुआती निवेशक day trading या short term investment को पहले समझें, सही गाइडेंस के साथ ट्रेडिंग के हुनर सीखें फिर आगे बढ़ें इससे आपके सफल काराबोरी बनने की संभावनाएं मजबूत होंगी। एक दिन के कारोबार या एक हफ्ते के कारोबार में स्टॉक में किसी भी फैक्टर का असर देखने को मिल सकता है जो कि जरूरी नहीं कंपनी के अपने प्रदर्शन से संबंधित हो, ऐसे में बाजार की समझ विकसित होने तक नए निवेशक बाजार को वक्त देने की रणनीति पर काम करें।
बाजार में निवेशकों को कई तरह की सावधानियां रखनी जरूरी होती हैं। इसमें सबसे अहम है कि आप लालच में आकर निवेश का कोई फैसला न करें और अनजाने लोगों से मिली सलाहों, सोशल मीडिया से मिल रही सलाहों से दूर रहें। वही नए निवेशकों को बिना सोचे समझे तेज और आक्रामक सौदों से भी बचना चाहिए। सलाह दी जाती है कि जब तक बाजार को लेकर आप पूरी जानकारी न हासिल कर लें तब तक किसी भरोसेमंद सलाहकार की मदद से शेयर बाजार में धीरे धीरे आगे बढ़ें। 5paisa भी आपके लिए एक ऐसा ही भरोसेमंद सलाहकार है जो बाजार को लेकर आपकी समझ विकसित करने और आपको एक कामयाब निवेशक बनाने में मदद करता है। 5paisa कई ऐसे टूल्स ऑफर करता है जहां आप खुद बाजार को समझ सकते हैं, स्टॉक का चुनाव कर सकतें और अपने बल पर सीखने के साथ निवेश के फैसले ले सकते हैं। ऐसा ही एक टूल FinSchool है जो आपको बेहद आसान तरीके से बाजार को समझने में मदद करेगा. आप बाजार में नए हैं या फिर बाजार को लेकर एडवांस कोर्स करना चाहते हैं, फिनस्कूल पर आपको अपनी जरूरत की हर जानकारी मिलेगी। फिनस्कूल जैसे टूल्स के साथ 5paisa की गाइडेंस में आप आने वाले समय में बाजार के हर हिस्से से मुनाफा पाने की स्थिति में पहुंच सकते हैं।
फॉरेक्स ट्रेडिंग से अमीर बनने का सपना देख रहे हैं तो रुकिए! कहीं हो न जाएं फ्रॉड के शिकार, जानें क्या कहता है RBI का नियम
Zee Business हिंदी 06-09-2022 ज़ीबिज़ वेब टीम
Illegal Forex Trading: अगर आपको सोशल मीडिया पर फॉरेक्स ट्रेडिंग के जरिए रातों-रात अमीर बनने का सपना दिखाने वाले एडवर्टीज़मेंट्स दिखें तो सावधान हो जाइए. ऐसे विज्ञापनों पर भरोसा करके निवेश करना महंगा पड़ सकता है. ये फॉरेक्स ट्रेडिंग ऐप्स (forex trading Apps) निवेशकों को पहली बार ट्रेड के लिए फ़्री कैश या फ्री ट्रेडिंग कोर्स का लालच भी देते हैं. ये प्लेटफॉर्म्स अक्सर अपने ऐड्स में इसे लीगल बताकर या किसी विदेशी रेगुलेटर से नियमित बताकर या फर्जी ग्लोबल अवॉर्ड पाने वाला बताकर लोगों को गुमराह करते हैं.
शेयर ट्रेडिंग में कीमत और वॉल्यूम के बीच क्या है संबंध?
बुनियादी रूप से जब संस्थागत निवेशक बाजार में आते हैं तो वे असर डालते हैं, क्योंकि उनके ऑर्डर काफी बड़े होते हैं. इससे शेयर की कीमत चढ़ जाती है.
वॉल्यूम में बदलाव से शेयर से जुड़े सेंटिमेंट का पता चलता है. इसके चलते ही शेयर की कीमत में बदलाव आता है. ट्रेडिंग वॉल्यूम का बढ़ना अच्छे बाय ऑर्डर का संकेत देता है. दूसरी तरफ, यदि ट्रेडिंग वॉल्यूम घटता है तो उसे बिकवाली का सही समय नहीं माना जाता है. ध्यान देने वाली एक दूसरी बात यह है कि जब किसी शेयर में वॉल्यूम नीचे से ऊपर की तरफ जाता है तो यह मजबूत खरीदारी का संकेत होता है.
बुनियादी रूप से जब संस्थागत निवेशक बाजार में आते हैं तो वे असर डालते हैं, क्योंकि उनके ऑर्डर काफी बड़े होते हैं. इससे शेयर की कीमत चढ़ जाती है. इसलिए वॉल्यूम का मतलब समझना और प्राइस और वॉल्यूम के बीच का संबंध समझना ट्रेडिंग और इनवेस्टिंग (निवेश) दोनों के लिए बहुत जरूरी है. एक निश्चित समय तक वॉल्यूम पैटर्न को देखने से किसी खास शेयर या बाजार में तेजी और गिरावट के पीछे की ताकत का पता चलता है.
पर्सनल फाइनेंस: शेयर बाजार में निवेश करते हैं तो जानिए इन 5 नियमों के बारे में, आपको खतरे से बचा सकते हैं
शेयर बाजार में निवेश से पैसा बनाने की संभावना एक ऐसा आइडिया है, जो हर नए निवेशक को उत्साहित करता है। साथ ही उन लोगों के लिए तो क्या ट्रेडिंग में लालच निवेशकों की मदद करता है? भी जो कम अवधि में फायदा कमाना चाहते हैं। हालांकि जब बाजार उतार-चढ़ाव के माहौल में हो, तब किसी भी तरह के तुरंत रिटर्न की संभावना काफी कम हो जाती है। ऐसे में आपको हम बता रहे हैं कि निवेश के समय कौन से नियम का आपको पालन करना चाहिए।
खुद निर्णय न लें
एंजल ब्रोकिंग के इक्विटी स्ट्रैटेजिस्ट ज्योति रॉय कहते हैं कि आप खुद निर्णय लेकर अपने लाभ को बढ़ाने के लालच को छोड़ दीजिए। पोर्टफोलियो मैनेजर्स और एक्सपर्ट्स की सलाह पर ध्यान दें। सतर्कता से व सोच-समझकर निवेश करें।
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