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विश्व व्यापार संगठन का अपीलीय निकाय | 27 Jun 2022 | भारतीय अर्थव्यवस्था
प्रिलिम्स के लिये:
विश्व व्यापार संगठन, विश्व व्यापार संगठन का अपीलीय निकाय, एंटी डंपिंग ड्यूटीज़।
मेन्स के लिये:
विश्व व्यापार संगठन का अपीलीय निकाय और इसके निहितार्थ तथा संबंधित मुद्दे।
चर्चा में क्यों?
हाल ही में संपन्न 12वें मंत्रिस्तरीय सम्मेलन में विश्व व्यापार संगठन ( World Trade Organization’s- WTO ) के अपीलीय निकाय ( Appellate Body- AB ) जो कि वर्ष 2019 से महत्तवपूर्ण बनी हुई है, को पुनर्जीवित करने हेतु कोई चर्चा नहीं हुई।
मुद्रा और साख
बैंक निम्नलिखित कर्ज़दारो को निम्नलिखित कारणों से उधार देने के लिए तैयार नहीं हो सकते हैं:
(i) बैंकों को उचित दस्तावेज और ऋणाधार के रूप में ऋण के खिलाफ सुरक्षा की आवश्यकता है। कुछ व्यक्ति इन आवश्यकताओं को पूरा करने में विफल होते हैं।
(ii) वो कर्ज़दार जिन्होंने पिछली ऋण का भुगतान नहीं किया है, हो सकता है कि बैंक उन्हें और अधिक उधार देने के लिए तैयार न हों।
(iii) बैंक उन उद्यमियों को उधार देने के लिए तैयार नहीं होंगे जो उच्च जोखिम वाले व्यापार में निवेश करने जा रहे हैं।
जिस व्यक्ति के पास मुद्रा है, वह इसका विनिमय किसी भी वस्तु या सेवा खरीदने के लिए आसानी से कर सकता है। आवश्यकताओं का दोहरा सयोंग विनिमय प्रणाली की एक अनिवार्य विशेषता है। स्विंग व्यापारी क्यों विफल होते हैं जहाँ मुद्रा का उपयोग किये बिना वस्तुओं का विनिमय होता है। इसकी तुलना में ऐसी आर्थव्यवस्था जहाँ मुद्रा का प्रयोग होता है, मुद्रा महत्वपूर्ण मध्यवर्ती भूमिका प्रदान करके आवश्यकताओं के दोहरे संयोग की ज़रूरत का खत्म कर देती है।
उदहारण: जूता निर्माता के लिए ज़रूरी नहीं रह जाता की स्विंग व्यापारी क्यों विफल होते हैं वो ऐसे किसान को ढूंढे, जो न केवल उसके जूते ख़रीदे बल्कि साथ-साथ उसको गेहूँ भी बेचे। उससे केवल अपने जूते के लिए खरीददार ढूँढ़ना हैं। एक बार उसने जूते, मुद्रा में बदल लिए तो वह बाज़ार में गेहूँ या अन्य कोई वस्तु खरीद सकता है।
10 रुपये के नोट पर निम्न पंक्ति लिखी होती है, “मैं धारक को दस रुपये अदा करने का वचन देता हूँ।“ इस कथन के बाद रिजर्व बैंक के गवर्नर का दस्तखत होता है। यह कथन दर्शाता है कि रिजर्व बैंक ने उस करेंसी नोट पर एक मूल्य तय किया है जो देश के हर व्यक्ति और हर स्थान के लिये एक समान होता है।
यह बिल्कुल सही हैं की उच्च जोखिम वाली परिस्थितियों में ऋण कर्जदार के लिए समस्याएँ हल करने की बजाए और समस्याएँ खड़ी कर सकता हैं।
(i) उधारकर्ता को मूलधन के साथ-साथ उधारदाताओं को ब्याज पर भी ब्याज का भुगतान करना था।
(ii) उधारकर्ता अदालती ऋण लेने वाले के खिलाफ अपने मूलधन और ब्याज को पुनः प्राप्त करने के लिए जा सकते हैं।
(iii) कभी-कभी, ऋणदाता बैंक या सहकारी सोसायटी या क्रेडिट की कोई अनौपचारिक एजेंसी के साथ गठित संपार्श्विक के रूप में सुरक्षा या परिसंपत्तियों को बेच सकता है।
भारतीय रिजर्व बैंक ऋण के औपचारिक स्रोतों के कामकाज की निगरानी करता है। उदाहरण के लिए, हमने देखा की बैंक अपनी जमा का एक न्यूनतम नकद हिस्सा अपने पास रखते हैं। आर.बी.आई. नज़र रखता हैं कि बैंक वास्तव में नकद शेष बनाए हुए हैं। आर.बी.आई. इस पर भी नज़र रखता हैं कि बैंक केवल लाभ अर्जित करने वाले व्यावसायियों और व्यापारियों को ही ऋण मुहैया नहीं करा रहे, बल्कि छोटे किसानों, छोटे उद्योगों, छोटे कर्ज़दारों इत्यादि को भी ऋण दे रहे हैं । समय समय पर, बैंकों द्वारा आर.बी.आई.को यह जानकारी देनी पड़ती है कि वे कितना और किनको ऋण दे रहे हैं और उसकी ब्याज की दरें क्या है?
निम्नलिखित कारणों से भारतीय रिजर्व बैंक का अन्य बैंकों की गतिविधियों पर नज़र रखना आवश्यक है:
(i) भारतीय रिजर्व बैंक भारत का केंद्रीय बैंक है। यह भारत के बैंकिंग सेक्टर के लिये नीति निर्धारण का काम करता है।
(ii) यह लोगों की बैंक में जमा राशि की सुरक्षा को सुनिश्चित करता है।
(iii) यह पूरे देश में आर्थिक आंकड़ों के संग्रह में मदद करता है।
(iv) बैंकों की कार्यप्रणाली को नियंत्रित करके रिजर्व बैंक न केवल बैंकिंग और फिनांस को सही दिशा में ले जाता है बल्कि पूरी अर्थव्यवस्था को भी सुचारु ढंग से चलने में मदद करता है।
बैंक अपनी जमा राशि का केवल एक छोटा हिस्सा अपने पास नकद के रूप में रखते हैं। बैंक जमा राशि के एक बड़े भाग को ऋण देने के लिए इस्तेमाल करते हैं। विभिन्न आर्थिक गतिविधियों के लिए ऋण की भारी मांग रहती है। बैंक जमा राशि का लोगों की ऋण आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए इस्तेमाल करते हैं।
इस तरह , बैंक जिनके पास अतिरिक्त राशि है (जमाकर्ता) एवं जिन्हें राशि की ज़रूरत है (कर्जदार) के बीच मध्यस्थता का काम करते हैं।
बैंक जमा पर जो ब्याज देते हैं उससे ज़्यादा ब्याज ऋण पर लेते हैं। कर्जदारों के लिए गए ब्याज और जमाकर्ताओं को दिए गए ब्याज के बीच का अंतर बैंकों की आय का प्रमुख स्त्रोत है।
क्यों फ्रेंचाइजी निवेश का सबसे अच्छा अवसर है
क्या आपने कभी कुछ स्टॉक एक्सचेंज या संपत्ति पर अपनी मेहनत की कमाई का निवेश करने के बारे में सोचा था? बहुत सारे लोग इसे करते हैं, लेकिन इसमें कई जोखिम शामिल हैं। शेयर बाजार और स्विंग व्यापारी क्यों विफल होते हैं आपकी संपत्ति की दर कम हो जाती है, तो आप अपनी सारी मेहनत की कमाई खो सकते हैं!
दूसरी ओर, फ्रेंचाइज़िंग, निवेश के बेहतर अवसर की तरह प्रतीत होता है, यदि व्यवसाय मॉडल सिद्ध होने पर यह व्यवसाय की शुरुआत से ही लाभ प्राप्त करने की संभावना रखता है। फ्रैंचाइज़ी व्यवसाय खरीदना, नवोदित उद्यमियों द्वारा सबसे अधिक मांग वाले विकल्पों में से है, जो कई लाभों के कारण देता है।यहां उन लाभों में से कुछ ऐसे हैं जो किसी अन्य निवेश अवसर की तुलना में मताधिकार व्यवसाय को बेहतर निवेश विकल्प बनाते हैं।
आप एक उद्यमी बनें
शुरुआत से व्यवसाय शुरू करना हर किसी के लिए चाय का प्याला नहीं है। इसके लिए विभिन्न कौशल जैसे नेतृत्व और प्रबंधकीय कौशल की आवश्यकता होती है, और हर कोई इन कौशल के साथ पैदा नहीं होता है (और निश्चित रूप से, भारी धन भी जरूरी है)।
फ्रैंचाइज़ी खरीदना उन सभी को उद्यमी बनने का अवसर देता है, जो कम से कम पैसा लगाकर व्यवसाय को शुरू करना चाहते है।यह फ्रैंचाइज़ी बनने की सबसे बड़ी संपत्ति में से एक है, आप किसी और के बिजनेस आइडिया में सिर्फ अपना पैसा लगाकर उद्यमी बन जाते हैं।
आप स्विंग व्यापारी क्यों विफल होते हैं स्विंग व्यापारी क्यों विफल होते हैं सिद्ध प्रणाली में निवेश करें
जब आप किसी के सिद्ध सिस्टम में निवेश करते हैं, तो आपके पैसे खोने की संभावना कम हो जाती है। एक परिपक्व, अच्छी तरह से डिजाइन और प्रबंधित मताधिकार प्रणाली एक प्रणाली है जिसे जनता द्वारा स्वीकार किया गया है, यदि आप फ्रेंचाइज़र की आवश्यकता को पूरा करते हैं तो यह विफल नहीं होता है। इस प्रकार, आपका पैसा अच्छे हाथों में है और एक सिद्ध मताधिकार स्विंग व्यापारी क्यों विफल होते हैं प्रणाली में कई गुना होने की संभावना है।
गलतियों की कम संभावनाएं
नया व्यवसाय शुरू करते समय, आप कई गलतियां कर सकते हैं क्योंकि आप पहले किसी व्यवसाय के संचालन से परिचित नहीं हैं। इसलिए, जब आप व्यवसाय को नए सिरे से शुरू करते हैं तो आपके निवेश किए स्विंग व्यापारी क्यों विफल होते हैं गए पैसे डूबने की अधिक संभावना होती है। हालांकि, यदि आप एक फ्रैंचाइज़ी व्यवसाय उद्यम चुनते हैं, तो आपके पास व्यवसाय का एक सिद्ध मॉडल है, जिसे आपके फ्रैंचाइज़र द्वारा की गई कई गलतियों के माध्यम से फ़िल्टर किया गया है। इस माध्यम से, मताधिकार आपको कम गलतियां करने देता है, जिससे आप अपना पैसा बचा सकते हैं।
मताधिकार आसान वित्त के लिए है
स्वतंत्र व्यवसायों की तुलना में फ्रैंचाइज़ व्यवसाय बहुत आसान है। ऐसा इसलिए है क्योंकि बैंक यह दिखाने के लिए व्यावसायिक योजनाएं देखना चाहते हैं कि आप अपने ऋण की सेवा कर सकते हैं। फ्रेंचाइज़र के अनुभव और उनके समर्थन के साथ, फ्रेंचाइजी कंपनियों और अन्य उधारदाताओं को लीज पर देने के लिए व्यावसायिक व्यवसाय योजनाएं विकसित कर सकते हैं।
आपका निकास मूल्य अधिक होगा
वह समय आएगा जब आपको फ्रैंचाइज्ड बिजनेस से बाहर निकलना होगा, या तो रिटायर होकर या अपनी मर्जी से। आपके कार्यकाल के दौरान आपके व्यवसाय में जो मूल्य जुड़ता है, उसे छोड़कर आपके पास अपने फ्रेंचाइज़र की इक्विटी पर कोई दावा नहीं है। इसलिए, जब आप सिस्टम से बाहर निकलते हैं (जब तक आप अपने व्यवसाय को नए खरीदार को स्थानांतरित करने में सक्षम होते हैं), तो आपका निकास मूल्य उसी तरह के नए स्वतंत्र व्यवसाय से अधिक होगा।
फेल होने पर न मानें हार
विफलता सफलता की सीढ़ी है बजाय यह समझने के कुछ विद्यार्थी असफल होने पर हार मान बैठते हैं और आगे प्रयत्न ही नहीं करते. एक बार फेल होने का मतलब यह नहीं कि सफलता पर फुलस्टौप लग गया है.
आप किसी परीक्षा में शामिल हुए और उस का परिणाम आप के पक्ष में नहीं आया अर्थात आप फेल हो गए, तो इस से निराश न हों और न ही आगे पढ़ने का विचार छोड़ें, क्योंकि ऐसा करना बुद्धिमानी नहीं है. फेल होने पर हार नहीं माननी चाहिए. कुछ विद्यार्थी फेल होने का सदमा बरदाश्त नहीं कर पाते और उन के मन में असफलता के कारण बारबार आत्महत्या के विचार आने लगते हैं. कुछ कायर किस्म के परीक्षार्थी इस छोटी सी असफलता की वजह से सुसाइड तक कर लेते हैं, जोकि निंदनीय है. माना कि अच्छा परीक्षा परिणाम न आने पर आप टूट जाते हैं. ऐसे में आप या तो खुद को कोसते हैं या फिर मूल्यांकनकर्ता को, लेकिन ऐसा करने से कुछ हासिल नहीं होता. परीक्षा में अंक उसी के मिलते हैं जो आप ने कौपी में लिखा है. अत: मूल्यांकनकर्ता को कोसने से कुछ नहीं होगा.
फेल होने पर क्या करें
हिम्मत करने वालों की कभी हार नहीं होती. दुनिया का सब से छोटा जीव है चींटी. वह अपने लक्ष्य की प्राप्ति की खातिर दीवार पर बारबार चढ़ती है, गिरती है, फिर चढ़ती है. उस का यह सिलसिला तब तक अनवरत जारी रहता है, जब तक वह अपना लक्ष्य हासिल नहीं कर लेती. जब चींटी जैसा छोटा सा जीव कभी हिम्मत नहीं हारता, तो फिर आप तो इंसान हैं. एकदो बार की असफलता मात्र से हार कैसे मान स्विंग व्यापारी क्यों विफल होते हैं सकते हैं? ऐसे लोगों की भी कमी नहीं है जो विज्ञान विषय ले कर परीक्षा देते हैं लेकिन पास नहीं हो पाते. इस के बाद वे वाणिज्य विषय का विकल्प चुनते हैं, लेकिन उस में भी सफल नहीं हो पाते. फिर कला या सामाजिक विज्ञान जैसे विषयों में कोशिश करते हैं लेकिन यहां भी उन्हें सफलता नहीं मिलती. अंतत: वे हार मान लेते हैं. काश, वे एक ही मैदान में यानी एक विषय से परीक्षा देते और एकदो बार की विफलता से विचलित न होते तो अवश्य सफल हो सकते थे.
असफलता को बनाएं सफलता की सीढ़ी
यदि आप किसी परीक्षा में असफल हुए हैं तो उसी असफलता को अपनी सफलता की सीढ़ी बनाएं. जी हां, सफलता की राह असफलता से ही निकलती है. आवश्यकता केवल अपनी कमजोरी को पहचानने और उस के अनुसार अपनी पढ़ाई में बदलाव लाने की है. कुछ छात्र फेल हो जाने पर सोचते हैं कि अब कुछ नहीं हो सकता, लेकिन फेल होने से दुनिया खत्म नहीं हो जाती, इसलिए आंखों के सामने अंधियारा न लाएं. हर रात के बाद सुबह होती है, जो आशा की एक नई किरण ले कर आती है. आप सुबह होने का इंतजार कीजिए. प्रयास निरंतर जारी रखिए. आप के प्रयास जरूर एक दिन सफल होंगे. ऐसे बहुत से उदाहरण हैं, जो बच्चे शुरुआत में पढ़ाई में बहुत कमजोर यानी फिसड्डी थे, लेकिन जब उन्होंने मन पढ़ने में लगाया तथा पढ़ाई को गंभीरता से लिया और उस के बाद वे न केवल उत्तीर्ण हुए बल्कि फर्स्ट भी आने लगे, यदि एकदो बार फेल होने से वे अपनी पढ़ाई छोड़ देते तो उन का भविष्य या कैरियर चौपट हो जाता. सफलता के लिए एक बार नहीं, बारबार कोशिश करनी पड़ती है.
कारण व समाधान ढूंढ़ें
क्या आप जानते हैं कि हम फेल क्यों होते हैं? इस का सब से बड़ा कारण विषयों का गलत चयन है. कई बार आप पेरैंट्स या अन्य किसी के दबाव में आ कर या किसी की देखादेखी ऐसे विषयों का चुनाव कर लेते हैं जिन में या तो आप की रुचि नहीं है या फिर वे इतने कठिन हैं कि उन्हें समझ पाना आप के सामर्थ्य के बाहर है. ऐसे में आप का फेल होना तय है. इसलिए समझदारी इसी में है कि विषयों का चयन बिना किसी दबाव के अपनी रुचि और सामर्थ्य के अनुसार करें. अपने मन मुताबिक विषयों को यदि आप चुनते हैं तो आप को सफलता अवश्य मिलेगी और आगे चल कर आप अच्छा कैरियर बना सकते हैं. एकदो बार की विफलता से हताश हो कर अपने उत्साह में कमी नहीं आने देनी चाहिए. यदि आप में आगे बढ़ने का उत्साह बरकरार है, तो आप फेल होने पर भी हार नहीं मानेंगे और पास हो कर ही दम लेंगे.
VIDEO : फंकी पाइनएप्पल नेल आर्ट
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जिनमें से टाइगर किंग क्रीम भी एक मेल पार्ट को लंबा करने के लिए प्रयोग की जाती है। टाइगर किंग क्रीम कैसे लगाएं पुरुषों में इसका उपयोग कितना फायदेमंद और नुकसानदायक हो सकता है टाइगर किंग क्रीम क्या है आइए हम इन तमाम तरह के सवालों के जवाब अपनी इस आर्टिकल के माध्यम से आपको देने का प्रयास करते हैं.
टाइगर किंग क्रीम नमन इंडिया कंपनी के द्वारा निर्मित आयुर्वेदिक क्रीम है. जिसका उपयोग प्रमुखता से व्यक्ति के मेल पार्ट में वृद्धि करने के लिए प्रयोग किया जाता है. जिससे व्यक्ति योंन प्रदर्शन अच्छे से कर सकें। एक शादीशुदा व्यक्ति के जीवन में शारीरिक रिलेसन बनाना बहुत महत्वपूर्ण होता है।
लेकिन कहीं ना कहीं एक के मेल पार्ट में इरेक्शन की कमी आती है जिसके चलते वह शीघ्रपतन या स्तंभन दोष का शिकार हो जाता है और अपने पार्टनर के साथ लैंगिक रिलेसन ज्ञापित नहीं कर पाता है।
हर व्यक्ति चाहता है कि जब वह अपने पार्टनर के साथ रिलेसन बनाए तो उसका आनंद उठा सकें लेकिन मेल पार्ट में इरेक्शन की कमी के चलते हैं वह शारीरिक रिलेशन का आनंद नहीं उठा पाता है ऐसे में टाइगर किंग क्रीम आपके लिए एक अच्छी आयुर्वेदिक क्रीम साबित हो सकती है.
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