इस प्रकार से हम Support & Resistance Strategy का इस्तेमाल कर के आप शेयर बाजार में स्विंग ट्रेडिंग कर सकते हैं।

स्विंग ट्रेडिंग क्या है और कैसे काम करती है?

शेयर बाजार में चाहते हैं पैसा कमाना तो इन 5 पसंदीदा ट्रेडिंग रणनीतियों के बारे में आपको होगा जानना

ट्रेडर्स चाहें तो हर प्रकार की ट्रेडिंग रणनीति से जुड़े जोखिम और लागत को समझकर ट्रेडिंग में रणनीतियों के संयोजन का उपयोग भी कर सकते हैं

ट्रेडिंग का मतलब सिक्टोरिटीज को खरीदना और बेचना होता है। ट्रेडिंग भी कई प्रकार की होती हैं। एक दिन से लेकर सालों के लंबे अंतराल के लिए भी ट्रेडिंग की जाती है। इसके साथ ही अलग-अलग बाजारों के माहौल और वहां मौजूद जोखिम से जुड़ी विभिन्न ट्रेडिंग रणनीतियां (trading strategies) शेयरों में कारोबार करने के समय अपनाई जाती हैं।

यहां पर हम कुछ ट्रेडिंग रणनीतियों पर चर्चा कर रहे हैं जो बाकी रणनीतियों में से सबसे ज्यादा लोकप्रिय हैं। ये रणनीतियां निवेशकों को तर्कसंगत निवेश निर्णय लेने में मदद कर सकती हैं।

इंट्राडे ट्रेडिंग (Intraday Trading)

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इंट्राडे ट्रेडिंग जिसे डे ट्रेडिंग के रूप में भी जाना जाता है। ये ऐसी ट्रेडिंग रणनीति है जिसमें निवेशक एक ही दिन में शेयरों को खरीदते और बेचते हैं। वे शेयर बाजार के बंद होने के समय से पहले ट्रेडिंग बंद कर देते हैं। एक ही दिन में वे मुनाफा और घाटा बुक करते हैं।

निवेशक इन शेयरों में एक दिन Swing Trading Strategy उपयोग करने का क्या फायदा होता है में कुछ सेकंड, घंटे के लिए या इसमें दिन भर में कई बार ट्रेड ले सकते हैं। इसलिए इंट्राडे एक अत्यधिक वोलाटाइल ट्रेडिंग रणनीति मानी जाती और इसके लिए तेजी से निर्णय लेना होता है।

जानिए क्या होती है स्विंग ट्रेडिंग? क्‍या हैं इसके फायदे

  • nupur praveen
  • Publish Date - August 31, 2021 / 12:52 PM IST

जानिए क्या होती है स्विंग ट्रेडिंग? क्‍या हैं इसके फायदे

म्युचुअल फंड निवेश के मामले में भले ही काफी लोगों को अट्रैक्टिव लगते हों, लेकिन पुरानी धारणाओं के कारण लोग उनसे दूर रहना पसंद करते Swing Trading Strategy उपयोग करने का क्या फायदा होता है हैं. अगर आपने भी शेयर बाजार में हाल ही में शुरुआत की है तो स्विंग ट्रेडिंग आपके लिए एक अच्छा विकल्प हो सकता है. स्विंग ट्रेडिंग (Swing Trading) उन ट्रेडिंग टेक्निक्स में से एक है, जिसमें ट्रेडर 24 घंटे से ज्यादा समय तक किसी पोजीशन को होल्ड कर सकता है. इसका उद्देश्य प्राइस ऑस्‍कीलेशन या स्विंग्स के जरिए निवेशकों को पैसे बनाकर देना होता है. डे और ट्रेंड ट्रेडिंग में स्विंग ट्रेडर्स कम समय में अच्छा प्रॉफिट बनाने के लिए स्विंग ट्रेडिंग (Swing Trading) का विकल्प चुनता है. स्विंग ट्रेडिंग टेक्नीक में ट्रेडर अपनी पोजीशन एक दिन से लेकर कई हफ्तों तक रख सकता है.

स्विंग ट्रेडिंग और डे ट्रेडिंग में अंतर

शुरुआत के दिनों में नए निवेशकों को स्विंग ट्रेडिंग (Swing Trading) और डे ट्रेडिंग एक ही लग सकते हैं, लेकिन जो स्विंग ट्रेडिंग और डे ट्रेडिंग को एक दूसरे से अलग बनाता है वो होता है टाइम पीरियड. जहां एक डे ट्रेडर अपनी पोजीशन चंन्द मिनटो से ले कर कुछ घंटो तक रखता है वहीं एक स्विंग ट्रेडर अपनी पोजीशन 24 घंटे के ऊपर से ले कर कई हफ्तों तक होल्ड कर सकता है. ऐसे मे बड़े टाइम फ्रेम में वोलैटिलिटी भी कम हो जाती है और प्रॉफिट बनाने की Swing Trading Strategy उपयोग करने का क्या फायदा होता है सम्भावना भी काफी अधिक होती है जिसके कारण ज्यादातर लोग डे ट्रेडिंग की अपेक्षा स्विंग ट्रेडिंग करना पसंद करते हैं.

स्विंग ट्रेडिंग टेक्निकल इंडीकेटर्स पर निर्भर करती है. टेक्निकल इंडीकेटर्स का काम मार्किट में रिस्क फैक्टर को कम करना और बाजार में उतार-चढ़ाव के बावजूद आपको स्टॉक या इंडेक्स की सही दिशा का पता लगवाने में मद्दत करना होता है. जब आप अपने निवेश को किसी विशेष ट्रेडिंग स्टाइल पर केंद्रित करते हैं तो यह आपको राहत भी देता है. और साथ ही साथ आपको मार्किट के रोज़ के उतार-चढ़ाव पर लगातार नजर रखने की भी जरुरत नही पड़ती है. आपको सिर्फ अपनी बनाई गई रणनीति को फॉलो करना होता है.

स्विंग ट्रेडिंग से जुड़े कुछ जरूरी टर्म्स

स्विंग ट्रेडिंग (Swing Trading) में अक्सर इस्तेमाल किए जाने वाले कुछ शब्दों में एंट्री पोइंट, एग्जिट पॉइंट और स्टॉप लॉस शामिल हैं. जिस प्‍वाइंट पर ट्रेडर अलग अलग टेक्निकल इंडिकेटर की सहायता से खरीदारी करते है उसे एंट्री प्‍वाइंट कहा जाता है. जबकि जिस प्‍वाइंट पर ट्रेडर अपनी ट्रेड पोजीशन को स्क्वायर ऑफ करते हैं. उसे एग्जिट प्‍वाइंट के रूप में जाना जाता है. वही स्टॉप लॉस जिसे एक निवेशक के नुकसान को सीमित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है. ऐसा प्‍वाइंट होता है जहाँ आप अपने रिस्क को सीमित कर देते है. उदाहरण के लिए जिस कीमत पर आपने स्टॉक खरीदा था. उसके 20% नीचे के लिए स्टॉप-लॉस ऑर्डर सेट करना आपके नुकसान को 20% तक सीमित कर देता है.

स्विंग ट्रेडर्स अपनी निवेश रणनीति तैयार करने के लिए बोलिंगर बैंड, फिबोनाची रिट्रेसमेंट और मूविंग ऑसिलेटर्स जैसे ट्रेडिंग टूल्स का उपयोग करके अपने ट्रेड करने के तरीके बनाते हैं. स्विंग ट्रेडर्स उभरते बाजार के पैटर्न पर भी नजर रखते हैं जैसे

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स्विंग ट्रेडिंग क्या हैं ? | What is Swing Trading in Hindi

स्विंग ट्रेडिंग के लिए शेयर चुनते समय हमेशा ध्यान में रहे की उस शेयर में ये ३ चीजे हो.

याने के शेयर में एक अच्छी चाल हो ऊपर की तरफ या फिर निचे, जिसकी मदत से हम उस शेयर में ट्रेड कर सके।

याने के शेयर में buyers और sellers की संख्या ज्यादा हो, ताकि शेयर खरीदने में Swing Trading Strategy उपयोग करने का क्या फायदा होता है और बेचने में आसानी हो।

याने के जिस शेयर में आप स्विंग ट्रेडिंग करना चाहते हो उस कंपनी के fundamentals अच्छे हो।

3 Swing Trading Strategy In Hindi

यहाँ पर ३ स्ट्रेटेजी हैं जो की आप स्विंग ट्रडिंग करते समय इनका उपयोग कर Swing Trading Strategy उपयोग करने का क्या फायदा होता है सकते हैं।

स्विंग ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी मूविंग एवरेज से।

  • इस strategy में आप छाए तो Exponential Moving Average – EMA का इस्तेमाल कर सकते हैं या फिर Simple Moving Average – SMA का।
  • Moving Average प्राइस जो मूव करता हैं उसका एवरेज होता हैं जैसे की ९,२१,५०,१००,२०० दिनों का।
  • Moving Average एक ट्रेंड फॉलोविंग इंडिकेटर हैं। जिससे हमें पता चलता हैं की मार्किट या शेयर की चाल क्या हैं।
  • अगर शेयर बाजार Uptrend या Downtrend में हो तो ही आप इस Moving Average स्विंग ट्रेडिंग स्ट्रेटर्जी का इस्तेमाल कर सकते हैं।
  • मूविंग एवरेज से स्विंग ट्रेडिंग करने के लिए आप एक बार ऊपर दिए गए चित्र को ध्यान से देखे।
  • ऊपर दिए गए चित्र में आप देख सकते हैं की जो लाल रेखा हैं वो 50 Day moving average हैं और जो नीली रेखा हैं 21 day Moving Average हैं।
  • जब 21 day Moving Average लाल रेखा के ऊपर जाती हैं तब हम शेयर को buy करते हैं और नीली रेखा 50 Day moving average के निचे जाती हैं तो हम शेयर Sell करते हैं।
  • आप जो चाहे उस दिन की मूविंग एवरेज का इस्तेमाल कर सकते हैं।

निष्कर्ष

आशा हैं की आप को स्विंग ट्रेडिंग क्या हैं ? उसके फायदे, स्विंग ट्रेडिंग के कुछ स्ट्रेटेजी इत्यादि जान पाए होंगे।

Swing Trading की practice करने के लिए आप Tradingview.com पर जा सकते हैं।

अगर आप को यह जानकारी पसंद आयी हो तो आप इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर जरूर कीजिए और कमेंट करके हमें अपना Feedback दे।

Swing Trading Strategies PDF

आप ऊपर दिए गए Swing Trading Strategies का PDF हिंदी में download कर सकते हैं।

स्विंग ट्रेडिंग क्या हैं ?

अगर किसी शेयर को खरीद के उसे १ दिन से १ महीने तक हम ट्रेड Swing Trading Strategy उपयोग करने का क्या फायदा होता है करते हैं तो उसे हम swing trading कहते हैं।

स्विंग ट्रेडिंग के लिए कोनसा time frame चुने ?

स्विंग ट्रेडिंग करने के लिए आप ३० मिनट से लेके ४ घंटे time frame देख सकते हैं।

Swing trading में कितने return की अपेक्षा करे ?

५ % से १५ % आने के बाद आप अपना प्रॉफिट बुक कर ले।

स्विंग ट्रेडिंग शेयर कैसे चुने ?

स्विंग ट्रेडिंग के लिए शेयर के Volatility, Liquidity, Fundamental अच्छे होने चाहिए।

STEP 2 :

Advance trend indicator में ExMov line पीले (yellow) colour से blue(नीला ) colour में

और most line – red colour(लाल) से green colour( हरा ) में बदल चुकी हो (acording default setting )

STEP 3 :

Wave trend indicator में wave trend line और signal line जो (+ sign format में दिखेगी )

दोनों जीरो (zero) line के ऊपर स्थित हो और wave trend line ऊपर की ओर signal line को काटे (crossover)

Weekly Chart में भी Stock , Half Trend के ऊपर Trade करना चाहिए / Advance Trend Indicator की ExMove Line Blue and Most Line Green हो और Wave Trend Indicator में Wave Trend Line ,Signal(+) Line को

cross करके ऊपर की ओर हो

उसी प्रकार Intraday Trade के लिए 1 Hours Chart में भी Stock , Half Trend के ऊपर Trade करना चाहिए / Advance Trend Indicator की ExMove Line Blue and Most Line Green हो और

Wave Trend Indicator में Wave Trend Line ,Signal(+) Line को cross करके ऊपर की ओर हो

Now setup done first practice this strategy on paper then use this on live market.

I will publish more wonderful strategy in comming post so please subscribe this blog .

FAQ (Frequantly Ask Questions)

Ans . Trading view Chart में इस strategy को बनाना है |

Q2 . Chart में Time Frame क्या रखना है |

Ans. Intraday trade करने के लिए 15 मिनट और 1 Hours time frame रखना है जबकि swing trading या possisonal trade लिए 1 Day और 1 week time फ्रेम का use करना है Long Term के लिए 1 month time frame use करते है |

Q 3 . Risk Reward rasio क्या रखना है |

Ans 1 : 1.5 का risk reward rasio रखना है |

Q 4 . इस strategy का Accuracy Level क्या है

Ans . 95 % To 98 % (Acording Whole market Trend )

Desclaimer : this is not recomondation to buy any stock first practice on paper then apply in Live market.

स्विंग ट्रेडिंग कैसे करते हैं?

स्विंग ट्रेडिंग करने ट्रेडर को रूप में आपको टेक्निकल एनालिसिस की चाहिए, जिससे कि ऐसे स्टॉक्स को Swing Trading Strategy उपयोग करने का क्या फायदा होता है खोजने में सक्षम हो सके छोटी अवधि में अच्छा रिटर्न दे सके। इसलिए अगर आप स्विंग ट्रेडिंग के लिए सही स्टॉक की तलाश करना चाहते है तो पहले टेक्निकल एनालिसिस सीखे, उसके उपरान्त डेली एंव साप्ताहिक चार्ट पर ऐसे स्टॉक को ढूढ़े जो किसी सपोर्ट को तोड़ कर ऊपर निकल रहे हो। ऐसे स्टॉक छोटी अवधि में अच्छा पैसा कमा कर देते है।

स्विंग ट्रेडिंग

स्विंग ट्रेडिंग का उद्देश्य क्या है?

स्विंग ट्रेडिंग एक ट्रेडिंग शैली है जिसका मुख्य उद्देश्य एक छोटी अवधि के भीतर स्टॉक खरीदना या बेचना शामिल है, जिससे की वह स्टॉक में होने वाले मूवमेंट से प्रॉफिट कर सके। एक स्विंग ट्रेडर आमतौर पर कुछ मूवमेंट दिखाने वाले शेयरों को खोजने की कोशिश करता है और ट्रेंड की शुरुआत में ट्रेड में प्रवेश करता है। ज्यादातर मामलों में, एक स्विंग ट्रेडर ट्रेंड खत्म होने से पहले ट्रेड से बाहर निकलने का प्रयास करता है।

स्विंग ट्रेडर्स अपनी पोजीशन को 2 दिनों से लेकर कुछ हफ्तों तक बनाए रखना चाहते हैं, जिससे स्विंग ट्रेडिंग ट्रेड का अच्छे से फायदा लिया जा सके, स्विंग ट्रेड दो प्रकार के होते हैं:

1) काउंटर ट्रेंड स्विंग ट्रेड – स्टॉक के ट्रेंड की दिशा में रेजिस्टेंस या सपोर्ट एरिया में बेचना या खरीदना (उदाहरण के लिए, अपट्रेंड के दौरान रेजिस्टेंस में बेचना या डाउनट्रेंड के सपोर्ट पर खरीदना)।

स्विंग ट्रेडिंग और डे ट्रेडिंग में क्या अंतर है?

स्विंग ट्रेडिंग और डे ट्रेडिंग कुछ हद तक समान हैं। क्योंकि दोनों में लाभ कमाने के प्रयास में स्टॉक खरीदना और बेचना शामिल होता है, लेकिन इनके बीच सबसे बड़ा अंतर समय का होता है।

स्विंग ट्रेडर्स अपनी पोजीशन को कुछ दिनों से लेकर कुछ सप्ताह तक होल्ड रखते है, जबकि इंट्राडे ट्रेडर अपनी पोजीशन को सेम डे पर क्लोज है।

डे ट्रेडर्स के पास स्विंग ट्रेडर की तरह “धैर्य” नहीं है, इसलिए वह प्राइस में होने वाले छोटे – छोटे बदलावों से पैसा बनाने की कोशिश करते है और अपनी पोजीशन को ओवरनाइट होल्ड करने का रिस्क नहीं लेते है।

स्विंग ट्रेडिंग और डे ट्रेडिंग में एक भी मुख्य अन्तर है कि अगर आप इंट्राडे ट्रेडिंग करते है तो आपको ब्रोकर की Swing Trading Strategy उपयोग करने का क्या फायदा होता है तरफ से मार्जिन दिया जाता है जिस कारण से आप कम पैसो के साथ भी इंट्राडे ट्रेडिंग की शुरुआत कर सकते है।

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