10 रुपए की फेस वैल्यू पर मिलेगा अंतरिम लाभांश

लाभांश नीति के प्रकार - Types of Dividend Policy

लाभांश नीति के निम्नांकित प्रमुख प्रकार हैं-

1. नियमित लाभांश नीति ( Regular Dividend Policy) - एक सामान्य दर से लाभ का वितरण करना, जिसका अर्थ ही नियमित लाभाश है। नियमित लाभांश नीति के कारण कंपनी का एक लाभकारी इतिहास स्थापित होता है जिससे शेयरधारकों में उत्साह स्थापित होकर आत्मविश्वास पैदा होता है। यह नीति कपनी के दीर्घकालिक पूंजी निधि के लिए सहायक है। नियमित लाभांश्ज्ञ नीति के कारण, कंपनी के शेयरों की कीमतों पर बाजार में स्थिरता प्रदान होती है। जिस कंपनी को स्थिरता स्थापित हुई है एवं सभी भविष्य की योजनाएं की आपूर्ति की गई है ऐसी कंपनी नियमित • लाभाश नीति को स्वीकार कर सकती है।

2. स्थिर Dividend पॉलिसी क्या है लाभाश नीति ( Stable Divident Policy) - यह एक स्थिर लाभांश की रणनीति है जिसमें Dividend पॉलिसी क्या है रिटर्न की लाभांश दर कम जादा नहीं होती है। रिटर्न की लाभांश दर स्थिर रहती हैं। यह एक निश्चित लेकिन न्यूनतम लाभांश के लिए नियमित प्रदान करना ही स्थिर लाभांश हैं। कुछ कंपनिया लाभ की हद तक ध्यान दिए बिना एक मोचन नीति की एक निश्चित राशि को देखते हैं तो कुछ कंपनियां प्रत्येक वर्ष के लाभ पर एक निश्चित प्रतिशत दर पर लाभांश वितरित करती हैं। इससे कंपनी अपने व्यवसाय को कुशलतापूर्वक और सफलतापूर्वक प्रबंधित करती है इस पर शेयरधारक विश्वास करते हैं। बाजार में कंपनी के अंशो की किंमत स्थिर रहती हैं जिससे कंपनी के वित्तीय संस्थानों के लिए कंपनी में निवेश करना फायदेमंद होता हैं। इसी तरह देश की राष्ट्रीय आय में प्रवाह उत्पन्न करने के लिए स्थिर लाभांश नीति उपयोगी है।

Special Dividend क्या होता है? कौन- कैसे उठा सकता है इसका फायदा, जानिए पूरी डिटेल

Special Dividend क्या होता है? कौन- कैसे उठा सकता है इसका फायदा, जानिए पूरी डिटेल

अगर आप शेयर बाजार के निवेशक हैं तो डिविडेंड या लाभांश के बारे में जरूर सुना होगा. जब कभी इसकी चर्चा होती है तो इसके साथ कई तरह के टर्म का इस्तेमाल किया जाता है. जैसे स्पेशल डिविडेंड, रिकॉर्ड डेट, एक्स डिविडेंड डेट, अंतरिम डिविडेंड, फाइनल डिविडेंड. इस आर्टिकल में आपको इन तमाम टर्मों का मतलब बताएंगे जिससे आने वाले दिनों में आप इसका उचित फायदा उठा सकें.

सबसे पहले डिविडेंड डिक्लेरेशन डेट होता है. यह वह तारीख होती है जिस दिन किसी कंपनी का बोर्ड ऑफ डायरेक्टर डिविडेंड की घोषणा करता है. जिस दिन कंपनी डिविडेंड की घोषणा करती है उसके साथ दो और डेट की घोषणा की जाती है. ये दो डेट होते हैं रिकॉर्ड डेट और पेमेंट डेट. रिकॉर्ड डेट वह डेट होती है जिस दिन कंपनी यह देखती है कि कौन-कौन इन्वेस्टर्स हैं, जिनके डीमैट अकाउंट में शेयर्स हैं.

डीमैट अकाउंट में शेयर होना जरूरी

अगर आपको डिविडेंड का लाभ चाहिए तो रिकॉर्ड डेट के दिन आपके डीमैट अकाउंट में शेयर्स होने चाहिए. उदाहरण के तौरन पर कंपनी A ने डिविडेंड की घोषणा की और 20 सितंबर उसका रिकॉर्ड डेट है. आपको डिविडेंड का लाभ तभी मिलेगा जब 20 सितंबर को वह शेयर आपके डीमैट अकाउंट में हो.

रिकॉर्ड डेट से एक या दो कारोबारी सत्र पूर्व एक्स डिविडेंड डेट होता है. डिविडेंड का लाभ उठाने के लिए निवेशकों को एक्स डिविडेंड डेट से पहले शेयर की खरीदारी करनी होगी ताकि वह शेयर उसके डीमैट अकाउंट में रिकॉर्ड डेट के दिन रहे. यहां इस बात को समझना जरूरी है कि इंडियन स्टॉक मार्केट में जब आप कोई शेयर खरीदते हैं तो T+2 में वह आपके डीमैट अकाउंट में पहुंचता है. इसलिए Dividend पॉलिसी क्या है एक्स डिविडेंड डेट से पहले तक खरीदारी करनी होगी. एक्स डिविडेंड डेट के दिन खरीदारी करने पर डिविडेंड का लाभ नहीं मिलेगा.

क्या होता है अंतरिम और फाइनल डिविडेंड?

इसके अलावा मुख्य रूप से दो- अंतरिम और फाइनल डिविडेंड होता है. किसी वित्त वर्ष के लिए जब तक बुक्स ऑफ अकाउंट क्लोज नहीं होता है, उससे पहले कंपनी जब डिविडेंड की घोषणा करती है तो उसे अंतरिम डिविडेंड कहते हैं. ये शेयर होल्डर्स की सहमति से वापस भी लिए जा सकते हैं. फाइनल डिविडेंड वह डिविडेंड होता है जब फाइनेंशियल ईयर समाप्त होने पर कंपनी एनुअल जनरल मीटिंग के समय इसकी घोषणा करता है. इस डिविडेंड को वापस नहीं लिया जा सकता है.

इन दो तरह के डिविडेंड के अलावा एक स्पेशल डिविडेंड भी होता है जिसकी घोषणा कंपनी की तरफ से कभी भी की जा सकती है. जी बिजनेस की रिपोर्ट के मुताबिक, जब कोई कंपनी स्टॉक प्राइस के मुकाबले 5 फीसदी से ज्यादा के डिविडेंड की घोषणा करती है तो उसे स्पेशल डिविडेंड माना जाता है. जैसे 11 सितंबर को एक शेयर का क्लोजिंग भाव 100 रुपए है और उसने 6 रुपए प्रति शेयर डिविडेंड की घोषणा की है तो इसे स्पेशल डिविडेंड माना जाएगा.

Dividend Stock: ये कंपनी दे रही है हर एक शेयर पर 850 रुपये का फायदा, निवेशक खबर सुन कर उछल पड़े

Dividend News 2022: शेयर मार्केट में हाल इस कंपनी ने निवेशकों के बीच हलचल मचा दी है. दरअसल, कंपनी ने निवेशकों के लिए लाभांश की घोषणा की है. ये डिविडेंड 8500 फीसदी के अनुपात से दिया जाना है.

alt

5

alt

5

alt

ये कंपनियां देती है डिविडेंड

देश में ऐसी कंपनियों की कमी नहीं हैं, जो अपने शेयरधारकों को समय-समय पर डिविडेंड देती हैं. ज्यादा डिविडेंड देने वाली कंपनियों की सूची में कोल इंडिया, वेदांता लिमिटेड, बीपीसीएल, आईओसी, आरईसी, NMDC, NTPC और सोनाटा सॉफ्टवेयर जैसी कंपनियां शामिल हैं.

(Disclaimer: हम यहां निवेश की सलाह नहीं दे रहे हैं. यह डिविडेंड स्टॉक के बारे में एक जानकारी है. स्टॉक मार्केट के अपने जोखिम है. निवेश के पहले एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.)

Get Business News in Hindi, latest India News in Hindi, and other breaking news on share market, investment scheme and much more on Financial Express Hindi. Like us on Facebook, Follow us on Twitter for latest financial news and share market updates.

Special Dividend क्या होता है? कौन- कैसे उठा सकता है इसका फायदा, जानिए पूरी डिटेल

Special Dividend क्या होता है? कौन- कैसे उठा सकता है इसका फायदा, जानिए पूरी डिटेल

अगर आप शेयर बाजार के निवेशक हैं तो डिविडेंड या लाभांश के बारे में जरूर सुना होगा. जब कभी इसकी चर्चा होती है तो इसके साथ कई तरह के टर्म का इस्तेमाल किया जाता है. जैसे स्पेशल डिविडेंड, रिकॉर्ड डेट, एक्स डिविडेंड डेट, अंतरिम डिविडेंड, फाइनल डिविडेंड. इस आर्टिकल में आपको इन तमाम टर्मों का मतलब बताएंगे जिससे आने वाले Dividend पॉलिसी क्या है दिनों में आप इसका उचित फायदा उठा सकें.

सबसे पहले डिविडेंड डिक्लेरेशन डेट होता Dividend पॉलिसी क्या है है. यह वह तारीख होती है जिस दिन किसी कंपनी का बोर्ड ऑफ डायरेक्टर डिविडेंड की घोषणा करता है. जिस दिन कंपनी डिविडेंड की घोषणा करती है उसके साथ दो और डेट की घोषणा की जाती है. ये दो डेट होते हैं रिकॉर्ड डेट और पेमेंट डेट. रिकॉर्ड डेट वह डेट होती है जिस दिन कंपनी यह देखती है कि कौन-कौन इन्वेस्टर्स हैं, जिनके डीमैट अकाउंट में शेयर्स हैं.

डीमैट अकाउंट में शेयर होना जरूरी

अगर आपको डिविडेंड का लाभ चाहिए तो रिकॉर्ड डेट के दिन आपके डीमैट अकाउंट में शेयर्स होने चाहिए. उदाहरण के तौरन पर कंपनी A ने डिविडेंड की घोषणा की और 20 सितंबर उसका रिकॉर्ड डेट है. आपको डिविडेंड का लाभ तभी मिलेगा जब 20 सितंबर को वह शेयर आपके डीमैट अकाउंट में हो.

रिकॉर्ड डेट से एक या दो कारोबारी सत्र पूर्व एक्स डिविडेंड डेट होता है. डिविडेंड का लाभ उठाने के लिए निवेशकों को एक्स डिविडेंड डेट से पहले शेयर की खरीदारी करनी होगी ताकि वह शेयर उसके डीमैट अकाउंट में रिकॉर्ड डेट के दिन रहे. यहां इस बात को समझना जरूरी है कि इंडियन स्टॉक मार्केट में जब आप कोई शेयर खरीदते हैं तो T+2 में वह आपके डीमैट अकाउंट में पहुंचता है. इसलिए एक्स डिविडेंड डेट से पहले तक खरीदारी करनी होगी. एक्स डिविडेंड डेट के दिन खरीदारी करने पर डिविडेंड का लाभ नहीं मिलेगा.

क्या होता है अंतरिम और फाइनल डिविडेंड?

इसके अलावा मुख्य रूप से दो- अंतरिम और फाइनल डिविडेंड होता है. किसी वित्त वर्ष के लिए जब तक बुक्स ऑफ अकाउंट क्लोज नहीं होता है, उससे पहले कंपनी जब डिविडेंड की घोषणा करती है तो उसे अंतरिम डिविडेंड कहते हैं. ये शेयर होल्डर्स की सहमति से वापस भी लिए जा सकते हैं. फाइनल डिविडेंड वह डिविडेंड होता है जब फाइनेंशियल ईयर समाप्त होने पर कंपनी एनुअल जनरल मीटिंग के समय इसकी घोषणा करता है. इस डिविडेंड को वापस नहीं लिया जा सकता है.

इन दो तरह के डिविडेंड के अलावा एक स्पेशल डिविडेंड भी होता है जिसकी घोषणा कंपनी की तरफ से कभी भी की जा सकती है. जी बिजनेस की रिपोर्ट के मुताबिक, जब कोई कंपनी स्टॉक प्राइस के मुकाबले 5 फीसदी से ज्यादा के डिविडेंड की घोषणा करती है तो उसे स्पेशल डिविडेंड माना जाता है. जैसे 11 सितंबर को एक शेयर का क्लोजिंग भाव 100 रुपए है और उसने 6 रुपए प्रति शेयर डिविडेंड की घोषणा की है तो इसे स्पेशल डिविडेंड माना जाएगा.

रेटिंग: 4.64
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 871