हालांकि, महंगाई के मामले में भारत की स्थिति अन्य देशों के मुकाबले बेहतर है और यह राहत की बात रही। कई देशों में महंगाई दर 40-40 साल के उच्चस्तर पर पहुंच गयी।

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मुद्रास्फीति लक्ष्य को हासिल करने में नाकाम रहने, डिजिटल मुद्रा को लेकर सुर्खियों में रहा आरबीआई

मुंबई, 26 दिसंबर (भाषा) भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के लिये यह साल मिला-जुला रहा। क्या सफल विदेशी मुद्रा व्यापारी हैं आरबीआई जहां एक तरफ पहली बार लक्ष्य के अनुसार महंगाई को काबू में नहीं रख पाया वहीं पायलट आधार पर डिजिटल रुपया जारी कर तथा अपने प्रयासों से बैंकों के बही-खातों क्या सफल विदेशी मुद्रा व्यापारी हैं को मजबूत करने में सफल रहने से सुर्खियों में रहा।

अब जब मुद्रास्फीति तय लक्ष्य के दायरे में आ रही है, ऐसे में नये साल में अब जोर आर्थिक वृद्धि को गति देने पर हो सकता है। खासकर मई, 2022 के बाद से नीतिगत दर में 2.25 प्रतिशत की वृद्धि को देखते हुए जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) वृद्धि पर विशेष ध्यान दिये जाने की उम्मीद है। नीतिगत दर में वृद्धि से आर्थिक वृद्धि पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है। 12 अक्टूबर को जारी आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, कुल मुद्रास्फीति छह प्रतिशत से ऊपर रही। इसके साथ, यह पहली बार हुआ हुआ जब खुदरा मुद्रास्फीति लगातार नौवें महीने छह प्रतिशत की उच्चतम सीमा से ऊपर रही। इसकी वजह से तय व्यवस्था के अनुसार आरबीआई को पत्र लिखकर सरकार को यह बताना पड़ा कि आखिर वह महंगाई को लक्ष्य के अनुसार काबू में क्यों रख सका। साथ यह भी बताना पड़ा कि आखिर मुद्रास्फीति कब चार प्रतिशत पर आ सकती है।

रसातल में रुपया: गांव हो या शहर, हर जगह दिखेगा असर, बढ़ेगी आम आदमी की मुसीबत

रसातल में रुपया: गांव हो या शहर, हर जगह दिखेगा असर, बढ़ेगी आम आदमी की मुसीबत

गुरुवार को रुपये ने एक बार फिर अपना पिछला निचला स्तर तोड़कर गिरावट का नया स्तर हासिल किया है। रुपये की इस कमजोरी का असर हर किसी पर पड़ेगा चाहे वह गांव में रहता हो या शहर में। आयातक, नियार्तक, विदेश में पढ़ने वाले छात्र, निवेशक, सामान्य उपभोक्ता सभी को रुपये की इस कमजोरी का असर झेलना होगा।

डॉलर के मुकाबले रुपये में कमजोरी की वजह दरअसल अमेरिकी फेडरल रिजर्व की कल की ब्याज दर में 0.75 प्रतिशत की बढ़ोतरी है। यही नहीं यूरो और स्टर्लिंग समेत छह प्रमुख मुद्राओं की तुलना में डॉलर की मजबूती को आंकने वाला डॉलर सूचकांक सबसे ऊंचे स्तर 111.65 पर पहुंच गया है।

लगातार चौथे हफ्ते विदेशी मुद्रा भंडार बढ़कर 561.16 अरब डॉलर पर पहुंचा

नई दिल्ली। विदेशी मुद्रा भंडार (foreign exchange reserves) में लगातार चौथे हफ्ते इजाफा (Increase fourth consecutive week) हुआ है। देश का विदेशी मुद्रा भंडार (country’s foreign exchange क्या सफल विदेशी मुद्रा व्यापारी हैं reserves) दो दिसंबर को समाप्त हफ्ते में 11 अरब डॉलर (क्या सफल विदेशी मुद्रा व्यापारी हैं $ 11 billion increased) बढ़कर 561.16 अरब डॉलर ($ 561.16 billion) पर पहुंच गया है, जबकि 25 नवंबर को समाप्त हफ्ते में यह 2.89 अरब डॉलर उछलकर 550.14 अरब डॉलर रहा था।

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रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) की ओर से शुक्रवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक देश का विदेशी मुद्रा भंडार दो दिसंबर को समाप्त हफ्ते में 11 अरब डॉलर उछलकर 561.16 अरब डॉलर पर पहुंच गया। इससे पिछले हफ्ते यह 2.89 अरब डॉलर उछलकर 550.14 अरब डॉलर रहा था, जबकि 18 नवंबर को समाप्त हफ्ते में यह 2.537 अरब डॉलर बढ़कर 547.252 अरब डॉलर रहा था। इससे पहले हफते में विदेशी मुद्रा भंडार 14.73 अरब डॉलर बढ़कर 544.72 अरब डॉलर था।

रिजर्व बैंक के आंकड़ों के मुताबिक इस दौरान विदेशी मुद्रा भंडार का अहम घटक विदेशी मुद्रा आस्तियां (एफसीए) 9.7 अरब डॉलर की बढ़ोतरी के साथ 496.98 अरब डॉलर हो गया है। इसी तरह इस अवधि में स्वर्ण भंडार का मूल्य 1.09 अरब डॉलर उछलकर 41.03 अरब डॉलर हो गया है। अक्टूबर, 2021 में देश का विदेशी मुद्रा भंडार 645 अरब डॉलर के सर्वकालिक उच्चतम स्तर पर पहुंच गया था, लेकिन 2022 की शुरुआत में क्या सफल विदेशी मुद्रा व्यापारी हैं देश का विदेशी मुद्रा भंडार करीब 630 अरब डॉलर था। (एजेंसी, हि.स.)

विदेशी मुद्रा व्यापार पर नुकसान के बाद आपको क्या करना चाहिए?

एब्स्ट्रैक्ट:विदेशी मुद्रा व्यापार पर 0% तक के नुकसान को पूरी तरह से खत्म करने के लिए जोखिम प्रबंधन नहीं किया जाता है। हालांकि, इस प्रबंधन का उपयोग क्या सफल विदेशी मुद्रा व्यापारी हैं होने वाले लगातार नुकसान को कम करने के लिए किया क्या सफल विदेशी मुद्रा व्यापारी हैं जाता है।

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विदेशी मुद्रा[ व्यापार पर नुकसान ऐसी चीजें हैं जिनसे हर व्यापारी बचना चाहता है। जैसा कि हमने अक्सर समझाया है, यह एक प्रकार का निवेश है जो बहुत जोखिम भरा है, हालांकि यह अभी भी प्रसिद्ध है क्योंकि यह लाभदायक है। क्या सफल विदेशी मुद्रा व्यापारी हैं कई नए निवेशक उभर रहे हैं, खासकर सहस्राब्दी पीढ़ी से। कारण यह है कि विदेशी मुद्रा कम समय में भी किसी को भी धनवान बना देती है।

यह वास्तव में एक निवेश के रूप में जाना जाता है जो शानदार लाभ प्रदान करता है, लेकिन यह मत भूलो कि इसमें सभी के लिए एक बड़ा जोखिम भी है। ऐसे में हम नुकसान की बात कर रहे हैं।

क्या सफल विदेशी मुद्रा व्यापारी हैं

साल 1991-92 के आर्थिक सुधारों के बाद, भारत सरकार और राज्य सरकारों द्वारा खास तौर पर आईटी और आईटीईएस के लिए बाहरी व्यापार में उदारीकरण, सूचना प्रौद्योगिकी उत्पादों के आयात पर शुल्क का उन्मूलन, देश के भीतर और बाहर दोनों ही प्रकार के निवेशों क्या सफल विदेशी मुद्रा व्यापारी हैं पर नियंत्रण में ढील और विदेशी मुद्रा एवं राजकोषीय उपायों ने भारत में इस क्षेत्र पनपने और देश को विश्व क्या सफल विदेशी मुद्रा व्यापारी हैं के अपतटीय सेवाओं में प्रमुख स्थान हासिल कनरे में सक्षम बनाने में महत्वपूर्ण योगदान किया है। भारत सरकार द्वारा प्रमुख वित्तीय प्रोत्साहन निर्यातोन्मुख इकाईयों (ईओयू), सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क (एसटीपी) और विशेष आर्थिक क्षेत्र (एसईजेड) के लिए दिया गया है।

सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क (एसटीपी)

देश से सॉफ्टवेयर निर्यात को बढ़ावा देने के लिए, 1991 में इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के तहत भारतीय सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क की स्थापना एक स्वायत्त संस्था के रूप में की गई थी। सॉफ्टवेयर निर्यात समुदाय के लिए एसटीपीआई द्वारा दी जाने वाली सेवाएं – सांविधिक सेवाएं, डाटा कम्युनिकेशन सर्वर, ऊष्मायान सुविधाएं (इनक्यूबेशन फैसिलिटीज), प्रशिक्षण औऱ वैल्यू एडेड सेवाएं, हैं। एसएमई और नई इकाईयों पर विशेष फोकस के साथ एसटीपीआई ने सॉफ्टवेयर निर्यात के प्रोत्साहन में महत्वपूर्ण विकासात्मक भूमिका निभाई है। एसटीपी योजना जो कि 100% निर्यातोन्मुख योजना है, सॉफ्टवेयर उद्योग के विकास को बढ़ावा देने में सफल रहा है। पिछले कुछ वर्षों में एसटीपी इकाईयों द्वारा किए गए निर्यात में वृद्धि हुई है।

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