म्यूचुअल फंड में निवेश करना हो तो आमतौर पर सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) को सबसे ज्यादा पसंद किया जाता है.

'कैपिटल मार्केट' पर विशेष सेमिनार आयोजित

आईआईएम इंदौर के इंडस्ट्री इंटरफ़ेस ऑफिस ने 14 फरवरी, 2020 को 'कैपिटल मार्केट’ पर एक विशेष सेमिनार का आयोजन किया। श्री संतोष कुमार शुक्ला, सीजीएम, सेबी इस आयोजन के मुख्य अतिथि थे। कार्यक्रम की शुरुआत श्री शुक्ला, श्री भरत दवे, वरिष्ठ प्रबंधक, बॉम्बे स्टॉक व्यवस्थित निवेश योजनाएं क्या है? एक्सचेंज और प्रोफेसर अभिषेक मिश्रा, अध्यक्ष, इंडस्ट्री इंटरफ़ेस ऑफिस और संकाय, आईआईएम इंदौर द्वारा दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुई।

श्री शुक्ला ने पूंजी बाजार के महत्व पर बात की और बताया कि नियामक क्यों महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने कहा कि हर बाजार, चाहे वह कॉरपोरेट हो, मैन्युफैक्चरिंग या स्टॉक, उसे विकास और पूँजी जमा करने के लिए समय चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रत्येक बाजार को यह समझने की जरूरत है कि किस तरह की पूंजी की आवश्यकता है और उसे किस उत्पाद में निवेश करना चाहिए। उन्होंने सेबी के दो मुख्य उद्देश्यों को साझा किया-निवेशकों के हित की रक्षा और विकास के लिए नवाचार को प्रोत्साहित करना। उन्होंने शेयर बाजार की दक्षता के बारे में भी बात की, जो काफी हद तक पारदर्शिता, मजबूत प्रवर्तन, हितों के टकराव से बचने, बेहतर कॉर्पोरेट प्रशासन आदि पर निर्भर करता है। म्युचुअल फंड और प्रौद्योगिकी में उन्नति की बात करते हुए उन्होंने कहा कि शेयर बाजार भी नई तकनीक और ऐप्स पर निर्भर करता है। ‘हमेशा सुनिश्चित करें कि आप कहां निवेश कर रहे हैं और किसके साथ निवेश कर रहे हैं। कुछ जाल या तकनीकी खराबी में न फंसे इसकी कोशिश करें। सुनिश्चित करें कि आप हमेशा उन दलालों के साथ निवेश करते हैं जो सेबी के साथ पंजीकृत हैं।

बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज के वरिष्ठ प्रबंधक श्री भरत दवे ने भी सभा को संबोधित किया। उन्होंने 'बीएसई इन्वेस्टर्स अवेयरनेस प्रोग्राम के माध्यम से निवेशकों का सशक्तिकरण' पर एक प्रस्तुति साझा की। निवेश क्यों महत्वपूर्ण है, इसे साझा करते हुए, श्री दवे ने कहा कि हमेशा निष्क्रिय व्यवस्थित निवेश योजनाएं क्या है? संसाधनों की वापसी अर्जित करने के लिए निवेश करना चाहिए और आय का दूसरा स्रोत प्राप्त करना चाहिए। 'इससे मुद्रास्फीति को हराकर जीवन में एक विशिष्ट लक्ष्य के लिए एक निर्दिष्ट राशि प्राप्त करने और अनिश्चित भविष्य के लिए प्रावधान करने में भी मदद मिलेगी। इसके लिए आपको ज्ञान के साथ निवेश करने की जरूरत है और यह भी ध्यान रखें कि बचत के बाद क्या बचा है, वही खर्च करें। कर कार्यान्वयन पर विचार करते हुए वित्तीय योजना बनाएं ’, उन्होंने कहा। उन्होंने प्रतिभागियों को आज पैसे बचाने के लिए प्रोत्साहित किया, ताकि पैसा हमारे भविष्य को बचाने में सक्षम हो। उन्होंने कहा कि निवेश करने से पहले उचित ब्रोकर दलाल समझौते करना चाहिए और निवेश करने से पहले सभी दस्तावेजों को ठीक से पढ़ना चाहिए। उन्होंने युवा प्रबंधन छात्रों को व्यवस्थित निवेश योजना, व्यवस्थित हस्तांतरण योजना और व्यवस्थित निकासी योजना के लाभ उठाने के लिए भी प्रोत्साहित किया।

इंदौर और आसपास के शहरों के विभिन्न प्रबंधन संस्थानों के छात्रों द्वारा प्रश्नोत्तर दौर के साथ सत्र का समापन हुआ। अतिथियों ने इंडस्ट्री इंटरफेस कार्यालय, आईआईएम इंदौर द्वारा इस आयोजन को सुचारू रूप से चलाने के लिए किए गए प्रयासों की सराहना की और भविष्य के ऐसे सत्रों के लिए भी सहयोग सुनिश्चित किया।

Mutual Fund Investment: SIP के ज़रिए निवेश हमेशा नहीं होता फायदे का सौदा, जानें कब आपको इसमें पैसा लगाने से बचना चाहिए

अगर आपके पास निवेश के लिए एक बड़ा अमाउंट है तो ऐसी स्थिति में इसे हर महीने एसआईपी के ज़रिए निवेश करना सही तरीका नहीं है. इससे आप अपने अमाउंट के एक बड़े हिस्से पर रिटर्न प्राप्त करने से चूक जाएंगे.

Mutual Fund Investment: SIP के ज़रिए निवेश हमेशा नहीं होता फायदे का सौदा, जानें कब आपको इसमें पैसा लगाने से बचना चाहिए

म्यूचुअल फंड में निवेश करना हो तो आमतौर पर सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) को सबसे ज्यादा पसंद किया जाता है.

Mutual Fund Investment: म्यूचुअल फंड में निवेश करना हो तो आमतौर पर सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) को सबसे ज्यादा पसंद किया जाता है. यह माना जाता है कि एसआईपी म्यूचुअल फंड में निवेश करने का एकमात्र सुरक्षित तरीका है. लेकिन, यह हमेशा सच नहीं होता. म्यूचुअल फंड कई तरह के निवेश विकल्पों की अनुमति देते हैं, जिनमें अलग-अलग तरह के एसेट क्लास, टैक्स बेनिफिट, रिटर्न और जोखिम में अंतर आदि जुड़े होते हैं. इसमें आप एक बार में बड़ा अमाउंट निवेश कर सकते हैं और इसके साथ ही SIP के ज़रिए छोटा अमाउंट भी नियमित अंतराल में निवेश किया जा सकता है. जो निवेशक लंबी अवधि में धीरे-धीरे फंड जनरेट करना चाहते हैं, वे एकमुश्त निवेश के बजाए एसआईपी पसंद करते हैं. हालांकि एसआईपी के ज़रिए निवेश हर बार सही नहीं होता है. अगर आप एसआईपी के ज़रिए निवेश की योजना बना रहे हैं तो कुछ स्थितियों में आपको इससे बचना चाहिए. यहां हमने इन्हीं के बारे में बताया है.

जब आप अपने फाइनेंशियल गोल्स तक पहुंचने वाले हों

SIP के ज़रिए निवेश का एक मुख्य उद्देश्य छोटी अवधि में होने वाले बाजार के उतार-चढ़ाव के जोखिम को कम करना है. एसआईपी लॉन्ग-टर्म इन्वेस्टमेंट के लिए होते हैं, ताकि शॉर्ट-टर्म मार्केट में उतार-चढ़ाव को कम किया जा सके. जब आप लॉन्ग-टर्म इन्वेस्टमेंट के ज़रिए अपने फाइनेंशियल गोल्स को प्राप्त करने वाले हों, तो ऐसी स्थिति में जोखिम को कम करने और नुकसान से बचने के लिए अपने फंड को कम रिस्क वाली जगहों पर निवेश करना जरूरी हो जाता है. इस स्थिति में एसआईपी के ज़रिए निवेश जारी रखना सही नहीं है. अगर बाजार में तेजी है, तो भी लालच में न आकर अपने फंड को कम जोखिम वाली जगहों में निवेश किया जाना चाहिए. फाइनेंशियल गोल्स के करीब पहुंचने पर आपको फोकस फंड की सुरक्षित रखना होना चाहिए.

जब आपके पास निवेश के लिए एक बड़ा अमाउंट हो

अगर आपके पास निवेश के लिए एक बड़ा अमाउंट है तो ऐसी स्थिति में इसे हर महीने एसआईपी के ज़रिए निवेश करना सही तरीका नहीं है. मान लीजिए, आपके पास 10 लाख रुपये हैं और आप एसआईपी के माध्यम से हर महीने 5000 रुपये इक्विटी फंड में निवेश करने की योजना बना रहे हैं, तो आप अपने अमाउंट के एक बड़े हिस्से पर रिटर्न प्राप्त करने से चूक जाएंगे. इसके बजाय, अगर आप पूरे फंड को व्यवस्थित तरीके से निवेश करने की योजना बनाते हैं, यानी 20 महीने के लिए 50,000 रुपये प्रति माह, तो यह बेहतर तरीका होगा.

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अगर आपकी म्यूचुअल फंड स्कीम अच्छा रिटर्न नहीं दे रही हो

जब आप म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं, तो अपने पोर्टफोलियो के प्रदर्शन को ट्रैक करना अहम होता है. कभी-कभी, आपके पोर्टफोलियो में कुछ स्कीम अच्छा प्रदर्शन नहीं करती हैं. अगर आप घाटे में चल रहे म्यूचुअल फंड में निवेश करना जारी रखते हैं, तो इससे आपको बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है. आगे के नुकसान से बचने और अपने पोर्टफोलियो को अपडेट करने का सबसे अच्छा तरीका है कि घाटे में चल रहे एसआईपी को तुरंत रोक दिया जाए. समय-समय पर अपने पोर्टफोलियो को अपडेट करना जरूरी होता है.

हमेशा ध्यान रखें, एसआईपी आपको जोखिम कम करने में मदद कर सकता है, बशर्ते आपने सही फंड चुना हो. SIP की कुछ सीमाएं होती हैं जिन्हें आपको उनमें निवेश करने से पहले ध्यान में रखना चाहिए. ये लॉन्ग टर्म के लिए होते हैं और हो सकता है कि ये आपको शॉर्ट टर्म में अच्छा रिटर्न न दें. थोड़ी सी मेहनत से आपका एसआईपी निवेश का एक बेहतरीन ज़रिया साबित हो सकते हैं.

(लेखक BankBazaar.com के सीईओ हैं)

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Mutual Fund Investment: SIP के ज़रिए निवेश हमेशा नहीं होता फायदे का सौदा, जानें कब आपको इसमें पैसा लगाने से बचना चाहिए

अगर आपके पास निवेश के लिए एक बड़ा अमाउंट है तो ऐसी स्थिति में इसे हर महीने एसआईपी के ज़रिए निवेश करना सही तरीका नहीं है. इससे आप अपने अमाउंट के एक बड़े हिस्से पर रिटर्न प्राप्त करने से चूक जाएंगे.

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म्यूचुअल फंड में निवेश करना हो तो आमतौर पर सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) को सबसे ज्यादा पसंद किया जाता है.

Mutual Fund Investment: म्यूचुअल फंड में निवेश करना हो तो आमतौर पर सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) को सबसे ज्यादा पसंद किया जाता है. यह माना जाता है कि एसआईपी म्यूचुअल फंड में निवेश करने का एकमात्र सुरक्षित तरीका है. लेकिन, यह हमेशा सच नहीं होता. म्यूचुअल फंड कई तरह के निवेश विकल्पों की अनुमति देते हैं, जिनमें अलग-अलग तरह के एसेट क्लास, टैक्स बेनिफिट, रिटर्न और जोखिम में अंतर आदि जुड़े होते हैं. इसमें आप एक बार में बड़ा अमाउंट निवेश कर सकते हैं और इसके साथ ही SIP के ज़रिए छोटा अमाउंट भी नियमित अंतराल में निवेश किया जा सकता है. जो निवेशक लंबी अवधि में धीरे-धीरे फंड जनरेट करना चाहते हैं, वे एकमुश्त निवेश के बजाए एसआईपी पसंद करते हैं. हालांकि एसआईपी के ज़रिए निवेश हर बार सही नहीं होता है. अगर आप एसआईपी के ज़रिए निवेश की योजना बना रहे हैं तो कुछ स्थितियों में आपको इससे बचना चाहिए. यहां हमने इन्हीं के बारे में बताया है.

जब आप अपने फाइनेंशियल गोल्स तक पहुंचने वाले हों

SIP के ज़रिए निवेश का एक मुख्य उद्देश्य छोटी अवधि में होने वाले बाजार के उतार-चढ़ाव के जोखिम को कम करना है. एसआईपी लॉन्ग-टर्म इन्वेस्टमेंट के लिए होते हैं, ताकि शॉर्ट-टर्म मार्केट में उतार-चढ़ाव को कम किया जा सके. जब आप लॉन्ग-टर्म इन्वेस्टमेंट के ज़रिए अपने फाइनेंशियल गोल्स को प्राप्त करने वाले हों, तो ऐसी स्थिति में जोखिम को कम करने और नुकसान से बचने के लिए अपने फंड को कम रिस्क वाली जगहों पर निवेश करना जरूरी हो जाता है. इस स्थिति में एसआईपी के ज़रिए निवेश जारी रखना सही नहीं है. अगर बाजार में तेजी है, तो भी लालच में न आकर अपने फंड को कम जोखिम वाली जगहों में निवेश किया जाना चाहिए. फाइनेंशियल गोल्स के करीब पहुंचने पर आपको फोकस फंड की सुरक्षित रखना होना चाहिए.

जब आपके पास निवेश के लिए एक बड़ा अमाउंट हो

अगर आपके पास निवेश के लिए एक बड़ा अमाउंट है तो ऐसी स्थिति में इसे हर महीने एसआईपी के ज़रिए निवेश करना सही तरीका नहीं है. मान लीजिए, आपके पास 10 लाख रुपये हैं और आप एसआईपी के माध्यम से हर महीने 5000 रुपये इक्विटी फंड में निवेश करने की योजना बना रहे हैं, तो आप अपने अमाउंट के एक बड़े हिस्से पर रिटर्न प्राप्त करने से चूक जाएंगे. इसके बजाय, अगर आप पूरे फंड को व्यवस्थित तरीके से निवेश करने की योजना बनाते हैं, यानी 20 महीने के लिए 50,000 रुपये प्रति माह, तो यह बेहतर तरीका होगा.

LIC की जबरदस्‍त रिटर्न देने वाली 3 स्‍कीम, 1 लाख का निवेश बन गया 18.50 लाख, SIP करने वाले भी बने अमीर

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जब आप म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं, तो अपने पोर्टफोलियो के प्रदर्शन को ट्रैक करना अहम होता है. कभी-कभी, आपके पोर्टफोलियो में कुछ स्कीम अच्छा प्रदर्शन नहीं करती हैं. अगर आप घाटे में चल रहे म्यूचुअल फंड में निवेश करना जारी रखते हैं, तो इससे आपको बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है. आगे के नुकसान से बचने और अपने पोर्टफोलियो को अपडेट करने का सबसे अच्छा तरीका है कि घाटे में चल रहे एसआईपी को तुरंत रोक दिया जाए. समय-समय पर अपने पोर्टफोलियो को अपडेट करना जरूरी होता है.

हमेशा ध्यान रखें, एसआईपी आपको जोखिम कम करने में मदद कर सकता है, बशर्ते आपने सही फंड चुना हो. SIP की कुछ सीमाएं होती हैं जिन्हें आपको उनमें निवेश करने से पहले ध्यान में रखना चाहिए. ये लॉन्ग टर्म के लिए होते हैं और हो सकता है कि ये आपको शॉर्ट टर्म में अच्छा रिटर्न न दें. थोड़ी सी मेहनत से आपका एसआईपी निवेश का एक बेहतरीन ज़रिया साबित हो सकते हैं.

(लेखक BankBazaar.com के सीईओ हैं)

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म्यूचुअल फंड का ’15-15-15′ रूल जो आपको जल्द बना सकता है करोड़पति, इतने साल करना होता है निवेश

15 साल में 15000 के निवेश के साथ 1 करोड़ रुपये की जमा पूंजी पाने के लिए दो बातों पर ध्यान देना होगा. पहली बात, हमें हर हाल में SIP के जरिये निवेश बढ़ाना होगा. दूसरी बात, चक्रवृद्धि ब्याज बनाने वाले साधनों में निवेश पर जोर देना होगा.

म्यूचुअल फंड का

अगर आप म्यूचुअल फंड में निवेश करके 1 करोड़ रुपये जमा करना चाहते हैं, तो लंबी अवधि में आपको करोड़पति बनने में मदद करने के लिए एक आसान नियम है. इस नियम का नाम ’15-15-15′ है जो म्यूचुअल फंड में निवेश करने में मदद करता है. इस नियम से पता चल जाता है कि आपको हर महीने कितनी बचत करनी है, कितने समय के लिए पैसे जमा करने हैं. इस नियम से पता कर सकते हैं 1 करोड़ रुपये प्राप्त करने के लिए आपको कब, कितना जमा करना है.

स्टॉक मार्केट में नफा-नुकसान लगा रहता है और यह भारी उतार-चढ़ाव का निवेश है. इसमें जोखिम बहुत होता है. इक्विटी या शेयर मार्केट का जो हाल होता है, उसमें हर साल अपने निवेश पर 15 फीसदी रिटर्न पाना संभव नहीं. लेकिन लंबी अवधि के लिए पैसे जमा करें तो सालाना 15 फीसदी का रिटर्न बड़ी बात नहीं है.

क्या है 15-15-15 का नियम

यहां 15 को तीन बार लिखा गया है जिसमें ग्रोथ रेट, निवेश की अवधि और सेविंग का मंथली अमाउंट को इंगित करता है. अगर आप सालाना 15 फीसदी का रिटर्न पाना चाहते हैं तो आपको 15 साल तक यानी कि 180 महीने तक हर महीने 15000 रुपये की बचत करनी होगी. इससे आप आराम से करोड़पति बन जाएंगे. यही है 15-15-15 का फॉर्मूला. पूरा हिसाब लगाएं तो हर महीने 15000 रुपये के साथ आप 15 साल में 27 लाख रुपये जमा कर सकेंगे. इस जमा पर आपको 73 लाख का फायदा होगा. इस तरह आपके हाथ में पूरी रकम 1 करोड़ रुपये आएगी.

15 फीसदी का सालाना रिटर्न आपको मुश्किल लग सकता है. सिद्धांत के तौर पर यह मुमकिन लगता भी नहीं है. लेकिन लॉन्ग टर्म में निवेश आपको 12 परसेंट की ग्रोथ आराम से देगा. इसके बाद इसे 15 फीसदी तक ले जाने के लिए एसआईपी में निवेश करना होगा. एसआईपी के जरिये चरणबद्ध तरीके से अपना निवेश बढ़ाएं और अंत में देखेंगे कि बिना किसी भारी दबाव के आपके पास 1 करोड़ रुपये आ गए. एसआईपी के लिए सबसे अच्छा व्यवस्थित निवेश योजनाएं क्या है? होता है कि हम महंगाई दर को देखें, उससे पार पाने के लिए निवेश का लक्ष्य तय करें. फिर उसी हिसाब से एसआईपी में निवेश बढ़ाते रहें.

SIP से जुटा सकेंगे ज्यादा पैसे

15 साल में 15000 के निवेश के साथ 1 करोड़ रुपये की जमा पूंजी पाने के लिए दो बातों पर ध्यान देना होगा. पहली बात, हमें हर हाल में SIP के जरिये निवेश बढ़ाना होगा. दूसरी बात, चक्रवृद्धि ब्याज बनाने वाले साधनों में निवेश पर जोर देना होगा. अगर इन दोनों बातों का खयाल रखते हुए निवेश करें तो आपकी जमा करने की आदत भी मजबूत होगी और एक तरह से SIP में दिलचस्पी बढ़ेगी. यहां एसआईपी का सीधा मतलब है लॉन्ग टर्म के लिए व्यवस्थित निवेश योजना. आमतौर पर एक निवेश योजना 10, 20 या 30 साल के लिए शुरू की जा सकती है.

SIP के साथ चक्रवृद्धि का फायदा

SIP निवेश का ऐसा तरीका है जिसके साथ चक्रवृद्धि की क्वालिटी जुड़ी होती है. यानी आप जितने अधिक समय तक निवेश करेंगे, चक्रवृद्धि ब्याज का फायदा उतना ही मिलेगा. चक्रवृद्धि एसआईपी की सबसे बड़ी ताकत है जिसके बारे में ग्राहक तो तब पता चलता है, जब उसका प्लान मैच्योर हो जाता है और हाथ में एकमुश्त बड़ी राशि आती है. कुछ प्रमुख एसआईपी योजना के बारे में जानें तो आईडीएफसी इंफ्रास्ट्रक्चर फंड, एलएंडटी इमर्जिंग बिजनेस फंड, डीएसपी ब्लैकस्टोन नेचुरल रिसोर्सेज फंड, फ्रैंकलिन बिल्ड इंडिया फंड और आदित्य बिरला सन लाइफ स्मॉल कैप फंड के नाम शामिल हैं.

SIP क्या है? Sip Meaning in Hindi

हर किसी व्यक्ति के जीवन में कुछ सपने और लक्ष्य होते है जिन्हे वह प्राप्त करने के लिए कड़ी से कड़ी मेहनत करता है. लेकिन सपनो को हासिल करना तभी संभव है जब आप सही दिशा में मेहनत कर रहे हो.

सिस्टमिक इन्वेस्टमेंट प्लान जिसका हिंदी में अर्थ व्यवस्थित निवेश योजना होता है इसके माध्यम से आप म्यूच्यूअल फण्ड में निवेश कर सकते है यह आपके लक्ष्य को प्राप्त करने का एक आसान तरीका है.

तो चलिए Sip के अर्थ पर ध्यान देते है और समझते है की यह कैसे काम करता है और यह आपके कैसे फायदा पंहुचा सकता है.

Highlights of Post Content

Sip Meaning in Hindi

Sip का हिंदी में अर्थ है “व्यवस्थित निवेश योजना” होता है इसके द्वारा आप म्यूच्यूअल फण्ड में निवेश कर सकते है.

SIP क्या है?

सिस्टेमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान का हिंदी अर्थ व्यवस्थित निवेश योजना होता है यह एक निवेश का प्रकार है जिसके माध्यम से आप म्यूच्यूअल फण्ड में निवेश कर सकते है.

एक Sip आपको महीने,तीन महीने, और छह महीने में एक निश्चित मात्रा में धन निवेश करने की सुविधा प्रदान करता है.जब आप Sip में इस तरह लगातार निवेश करते रहते है तो आपको अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने में आसानी होती हैं.

SIP कैसे काम करता है?

जब आप Sip के माध्यम से एक निश्चित समय एक निश्चित राशि को निवेश करते है. यह राशि आपको एक निश्चित संख्या में फण्ड यूनिट खरीदने की अनुमति प्रदान करती है.

जब आप इसे लम्बे समय तक जारी रखते हहि तब आपको बाजार के उतार-चढ़ाव के द्वारा फण्ड में निवेश करने की अनुमति होती है. आसान शब्दों में, आपको निवेश करने के लिए मार्केट या बाजार को समय की कोई आवश्यकता होती है.

मार्केट टाइमिंग एक जोखिम भरा प्रस्ताव हो सकता है क्यूंकि कई लोग गलत समय पर निवेश कर देते है.

निवेश क समय और राशि को चुनने के बाद आप निवेश को आटोमेटिक चुन सकते है. निवेश को आटोमेटिक चुनने बैंक खाते से हर महीने या व्यवस्थित निवेश योजनाएं क्या है? तीन महीन महीने पर आपके बैंक से पैसा म्यूच्यूअल फण्ड को ट्रांसफर हो जायेगा। इसके लिए आपको बैंक खाते को एक अनुदेश देना होता है की आपके बैंक खाते से राशि(पैसे) को म्यूच्यूअल फण्ड Sip में भेज दे या निवेश कर दे.

SIP निवेश कैसे शुरू करें

1) अपना केवाईसी पूरा करें

किसी भी फण्ड हाउस के लिए निवेश करने से पहले निवेशक को Kyc करने की आवश्यकता होती है. Kyc करने के लिए निवेशक को कुछ दस्तावेज जमा करने पड़ते हैं या वेरीफाई करने करने पड़ते है.

इन दस्तावेजों में पहचान प्रमाण, पता प्रमाण और फोटोग्राफ जमा करना पड़ता है. इस समय को e-Kyc विकल्प भी स्वीकार किया जाता है आप बिना AMC गए इस कार्यो को ऑनलाइन पूरा कर सकते है.

2) अपने निवेश लक्ष्य निर्धारित करें

kYC की प्रक्रिया पूरा करने के बाद आपका पहला कदम होता है यह पता करना की Sip में निवेश करने के पीछे आपका लक्ष्य क्या है. जिसके लिए आपको अपने वित्ति लक्ष्यों की एक सूचि बनानी चाहिए।

क्यूंकि प्रत्येक म्यूच्यूअल फण्ड एक विशेष उदेश्य की प्राप्ति के लिए बनाया गया है. अपने लक्ष्यो को पहचाने हुए ऐसे फण्ड की तलाश करे जो आपके इन लक्ष्यों को पूरा करने में सहायता प्रदान कर सके.

3)SIP को चुने

जब आप एक बार फण्ड को चुन लेते है तो अब बारी है आपको SIP पैरामीटर चुनने की जैसे:

  • निवेश करने का समय
  • निवेश की आवृति( महीना,तीन महीना, छह महीना और आदि)
  • आपको कितना निवेश करना है.
  • अपने लक्ष्यों और वित्ति स्थिति के आधार पर सही जानकारी दर्ज करे.

Sip: अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

1) मुझे एक व्यवस्थित निवेश योजना(Sip) क्यों चुननी चाहिए?

म्यूच्यूअल फण्ड में अपने पैसे निवेश करने के लिए Sip एक सरल और लाभ प्रभावी तरीका है. यदि जाखिम को कम रखते हुए और म्यूच्यूअल फण्ड में निवेश करना चाहते है तो आपको Sip एक अच्छा विकल्प है.

2) एसआईपी(Sip) में निवेश करने का सबसे अच्छा समय क्या है?

Sip में निवेश का कोई निश्चित समय नहीं होता है. Sip की अच्छी बात यह है कि आपको मार्केट टाइमिंग पर निर्भर होने की कोई जरुरत नहीं है. निवेश करने के लिए आपको प्रतीक्षा करने की भी जरुरत नहीं होती है.

3) क्या लंबी समय की संपत्ति के लिए एसआईपी एक अच्छा निवेश विकल्प है?

लम्बे समय के लिए Sip के माध्यम से निवेश करना है धन जुटाने की दिशा में एक अच्छा तरीका है.

4) मुझे एसआईपी के जरिए म्यूचुअल फंड में कितना निवेश करना चाहिए?

Sip के माध्यम से म्यूच्यूअल फण्ड में निवेश करने के लिए निश्चित राशि तय नहीं है आप जितना चाहे फण्ड के अनुसार पैसे व्यवस्थित निवेश योजनाएं क्या है? व्यवस्थित निवेश योजनाएं क्या है? निवेश कर सकते है.

5) क्या SIP के माध्यम से सभी निवेशों पर कर (Tex) लाभ होता है?

नहीं, आप केवल Equity Linked Saving Schemes(क्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम (ईएलएसएस)) में Sip निवेश पर कर (Tex) लाभ प्राप्त कर सकते हैं।

6) क्या एसआईपी सुरक्षित है?

Sip एक निवेश का तरीका है. यह खुद एक निवेश नहीं है. इसके माध्यम से क्विटी फंड, डेट फंड और हाइब्रिड फंड में निवेश कर सकते है.

7) SIP की समय कैसे कम करें?

Sip की समय को कम करने के लिए आपको ऑनलाइन फण्ड हाउस को रिक्वेस्ट भेजकर उनसे संपर्क करना होता है.

8) मैं अपनी एसआईपी अवधि कैसे बढ़ा सकता हूं?व्यवस्थित निवेश योजनाएं क्या है?

जब आप Sip समय को पूरा कर लेते है तो आपके पास अपने निवेश को निवणीकृत करने का विकल्प होता है. एक यथोचित फॉर्म भरे और Sip की समय को बढ़ाने के लिए एक नया समय बताये।

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