कमोडिटी में ट्रेडिंग शुरू करने के लिए डीमैट अकाउंट की आवश्यकता होगी. डीमैट अकाउंट आपके सभी ट्रेड और होल्डिंग के सिक्योर करेगा, लेकिन एक्सचेंज पर ऑर्डर देने के लिए आपको ब्रोकर के माध्यम से जाना होगा.
खरीदने के बाद आपके शेयर कहां रखे जाते हैं? क्या आपके अलावा भी कोई उन्हें बेच सकता है?
सेंट्रल डिपॉजिटरी सर्विसेज इंडिया लिमिटेड (CDSL) और नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (NSDL) दोनों ही भारत में सरकार की रजिस्टर्ड शेयर डिपॉजिटरी हैं. ये आपके शेयर, डिबेंचर, म्यूचुअल फंड को इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में रखता है. प्रत्येक डिपॉजिटरी एक स्टॉक एक्सचेंज से जुड़ी है.
हमारे देश में दो एक्सचेंज हैं जिसमें स्टॉक ट्रेडिंग होती है: नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE). NSE की डिपॉजिटरी NSDL है और BSE की डिपॉजिटरी CDSL है. CDSL की स्थापना 1999 में हुई थी और NSDL की स्थापना 1996 में हुई थी.
स्टॉक एक्सचेंज: CDSL BSE के लिए काम करता है और NSDL NSE के लिए काम करता है. हालांकि एक्सचेंज सिक्योरिटीज के ट्रेड और सेटलमेंट के लिए दो डिपॉजिटरी में से किसी एक का भी स्टॉक मार्केट और स्टॉक एक्सचेंज में क्या अंतर होता है इस्तेमाल कर सकते हैं. वहीं CDSL की स्थापना 1999 में हुई थी और NSDL की स्थापना 1996 में हुई थी.
सेंसेक्स और निफ्टी में क्या अंतर है?
सेंसेक्स(Sensex) मुंबई स्थित शेयर बाज़ार S&P BSE का सूचकांक है। स्टॉक मार्केट और स्टॉक एक्सचेंज में क्या अंतर होता है BSE का full form Bombay Stock Exchange है। जबकि SensEx – Sensitive IndEx से मिलकर बना है। Sensitive Index का अर्थ होता है संवेदी सूचकांक।
सेंसेक्स, मुंबई शेयर बाजार में रजिस्टर्ड और मार्केट कैप के हिसाब सबसे बड़ी 30 कंपनियों स्टॉक मार्केट और स्टॉक एक्सचेंज में क्या अंतर होता है को ही इंडेक्स करता है। सेंसेक्स के घटने बढ़ने से ये पता चलता है की देश की बड़ी कंपनियों को profit हो रहा है या loss हो रहा है।
सेंसेक्स की शुरुआत 1 जनवरी, 1986 से हुयी थी। इसमें जो तीस कंपनियां शामिल होती है, वो बदलते रहती है, इन तीस कंपनियों को चुनने के लिए एक कमेटी बनाई गयी है। 30 companies को index करने के कारण इसे BSE 30 के नाम से भी जानते है।
निफ्टी क्या होता है?
निफ्टी(Nifty) दिल्ली स्थित शेयर बाज़ार NSE का सूचकांक है। NSE का full form National Stock Exchange of India है। निफ्टी में 50 कंपनियां शामिल होती है। इसकी शुरुआत नवंबर 1994 को हुयी थी।
Nifty शब्द- National और Fifty से मिलकर बना है। यहाँ Fifty नेशनल स्टॉक एक्सचेंज में शामिल 50 कंपनियों के लिए है। ये पचासों कंपनिया देश के 12 अलग-अलग सेक्टर से चुनी जाती है, निफ्टी के घटने-बढ़ने से सेंसेक्स के तरह ही बाजार के रुख का पता चलता है। Nifty को Nifty 50 के नाम से भी जानते है।
सेंसेक्स और निफ्टी में क्या अंतर है?
- सेंसेक्स की शुरुआत 1986 से हुई थी जबकि निफ्टी की शुरुआत 1994 को हुयी।
- सेंसेक्स, बॉम्बे(मुंबई) स्टॉक एक्सचेंज का इंडेक्स है जबकि निफ्टी,नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का इंडेक्स हैं।
- सेंसेक्स में 30 कंपनियां शामिल होती है, जबकि निफ्टी में 50 कंपनियां शामिल होती हैं।
- Sensex का base year 1978-79 है, जबकि Nifty का base year 1995 हैं।
- Sensex का base value 100 है, जबकि Nifty का base value 1000 हैं।
सेंसेक्स और निफ्टी दोनों भारत के दो सबसे बड़े स्टॉक एक्सचेंज को indices करते हैं।
इस आर्टिकल में हमने आपको सेंसेक्स और निफ्टी के बीच अंतर(difference) को बताया।
दोस्तों स्टॉक एक्सचेंज को ही शेयर बाजार या Stock Market कहते है। शेयर बाजार में निवेश कैसे करें और Share Bazar में निवेश करते समय किन बातों का ध्यान रखें, इस पर एक complete guide पिछले आर्टिकल में हम सबने काफी शोध करके लिखा था, जिसे आप लिंक पर क्लिक करके पढ़ सकते है।
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सेंसेक्स और निफ्टी में क्या अंतर है?
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एसजीएक्स निफ्टी क्या है और यह क्यों महत्वपूर्ण है?
शेयर बाजार में अपना पैसा बढ़ाने के इच्छुक लोगों को सलाह दी जाती है कि वे एसजीएक्स निफ्टी और विभिन्न कंपनी शेयरों के प्रदर्शन को समझने में इसकी भूमिका की स्पष्ट समझ रखें। एसजीएक्स निफ्टी को समझने के लिए हमें सबसे पहले निफ्टी और एनएसई से परिचित होना चाहिए।
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शेयर मार्केट से कितना अलग है कमोडिटी मार्केट, जानिए कैसे होती है कमोडिटी ट्रेडिंग?
शेयर बाजार ने भी निवेशकों को निराश नहीं किया. तेजी से दौरान निवेशकों को बंपर मुनाफा मिला. लेकिन यूरोप में यूद्ध के माहौल से सुरक्षित निवेश की मांग तेजी से बढ़ी है. क्योंकि शेयर बाजार में कमजोरी का ट्रेंड है.
कोरोना महामारी के बाद शेयर मार्केट में निवेशकों की संख्या में रिकॉर्ड बढ़त देखने को मिली है. इसी साल अगस्त में डीमैट खातों की संख्या पहली बार 10 करोड़ के पार पहुंच गई. हालांकि, शेयर बाजार ने भी निवेशकों को निराश नहीं किया. तेजी से दौरान निवेशकों को बंपर मुनाफा मिला. लेकिन यूरोप में यूद्ध के माहौल से सुरक्षित निवेश की मांग तेजी से बढ़ी है. क्योंकि शेयर बाजार में स्टॉक मार्केट और स्टॉक एक्सचेंज में क्या अंतर होता है स्टॉक मार्केट और स्टॉक एक्सचेंज में क्या अंतर होता है कमजोरी का ट्रेंड है. ऐसे में कमोडिटी मार्केट में सोने और चांदी की मांग तेजी देखने को मिली है. क्या आपको पता है कि कमोडिटी मार्केट क्या है और यह इक्विटी यानी शेयर मार्केट से कितना अलग है.
कमोडिटी मार्केट क्या है?
कमोडिटी मार्केट (Commodity Market) यह एक ऐसा मार्केटप्लेस है जहां निवेशक मसाले, कीमती मेटल्स, बेस मेटल्स, एनर्जी, कच्चे तेल जैसी कई कमोडिटीज की ट्रेडिंग करते हैं.
- एग्री या सॉफ्ट कमोडिटीज में मसाले जैसे काली मिर्च, धनिया, इलायची, जीरा, हल्दी और लाल मिर्च हैं. इसके अलावा सोया बीज, मेंथा ऑयल, गेहूं, चना भी इसी का हिस्सा हैं.
- नॉन-एग्री या हार्ड कमोडिटीज में सोना, चांदी, कॉपर, जिंक, निकल, लेड, एन्युमिनियम, क्रूड ऑयल, नेचुरल स्टॉक मार्केट और स्टॉक एक्सचेंज में क्या अंतर होता है गैस शामिल हैं.
इक्विटी मार्केट और कमोडिटी मार्केट में क्या अंतर है?
- इक्विटी मार्केट में लिस्टेड कंपनियों के शेयर खरीदे और बेचे जाते हैं. वहीं कमोडिटी मार्केट में कच्चे माल को बेचा और खरीदा जाता है.
- इक्विटी के होल्डर को शेयरहोल्डर कहा जाता है, जबकि कमोडिटी के होल्डर को ऑप्शन कहा जाता है.
- शेयरहोल्डर को पार्शियल कंपनी का मालिक माना जाता है, लेकिन कमोडिटी मालिकों को नहीं.
- इक्विटी शेयरों की समाप्ति तिथि नहीं होती है. जबकि कमोडिटी में ऐसा नहीं होता है.
- इक्विटी मार्केट में शेयरहोल्डर डिविडेंड के योग्य माना जाता है. वहीं कमोडिटी मार्केट में डिविडेंड का प्रावधान नहीं होता.
भारत में कमोडिटी ट्रेडिंग के लिए प्रमुख एक्सचेंज हैं. इसमें मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX), नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज (NCDEX) के साथ-साथ यूनिवर्सल कमोडिटी एक्सचेंज (UCX), नेशनल मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (NMCE), इंडियन कमोडिटी एक्सचेंज (ICEX), ACE डेरिवेटिव्स एंड कमोडिटी एक्सचेंज लिमिटेड शामिल हैं.
Objective
शेयर मार्किट में जो नए निवेशक है या फिर व्यापारी है, उनके लिए यह कोर्स बहुत लाभदायक रहेगा | इस कोर्स के द्वारा नए निवेशक को स्टॉक मार्केट के बारे में समझाने का प्रयास किया गया है। साथ ही रोचक ढ़ंग से स्टॉक मार्केट के बातों को बताकर मार्केट को आसान और सरल तरीके से समझाने की कोशिश की गई है।
यह कोर्स स्टॉक मार्किट के मूल बातों को बहुत ही सरल तरीके से समझाता है| इस कोर्स को करने का सबसे बड़ा फ़ायदा होगा शेयर मार्किट के मूल बातों की जानकारी जो सबसे ज्यादा आवश्यक है | इस कोर्स से स्टॉक मार्केट में थोड़ी भी रुचि रखने वाला व्यक्ति,भी अच्छे से मार्केट के बारे में जानकारी पा सकता है।
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