SIP Calculator: हर महीने जमा करें 1000 रुपए, घर SIP में निवेश क्यों करें बैठे मिलेंगे 2 करोड से ज्यादा
छोटी छोटी बचत कर बड़े लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है। आप हर महीने 1000 रुपए म्यूचुअल फंड में सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) में निवेश करते है तो करोड़पति बन सकते हैं। पिछले दो दशक में म्यूचुअल फंड शानदार रिटर्न दे रहा है। कुछ फंड्स 20 फीसदी तक रिटर्न दे रहे है।
SIP Calculator: हर इंसान को भविष्य के लिए बचत करनी चाहिए। कुछ लोग छोटी बचत करते है तो कुछेक मोटा रिटर्न चाहते है। इसलिए बैंक और पोस्ट ऑफिस में हर महीने जमा करते है। अगर आप भी कम निवेश पर ज्यादा रिटर्न चाहते है तो म्यूचुअल फंड में एसआईपी बेहतरीन विकल्प हो सकता है। बीते कुछ सालों से म्यूचुअल फंड काफी पसंद आ रहा है। क्योंकि निवेशकों का निवेश किया हुआ पैसा अच्छा बेनिफिट दे रहा है। आप हर महीने 1000 रुपए जमाकर 2 करोड़ से भी ज्यादा रिटर्न पा सकते है। हालांकि इसमें समय ज्यादा देना होता है। आइए जाते है म्यूचुअल फंड में एसआईपी में कितना ब्याज मिलता है और कितने समय के लिए जमा करवाना होगा।
Mutual Fund में SIP करने के ये तीन फॉर्मूले हैं जबरदस्त! फॉलो करें, कभी नहीं होगा नुकसान
SIP Tricks: म्यूचुअल फंड में एसआईपी (Systematic Investment Plan) के जरिए निवेश करने में समय का बहुत ही महत्वपूर्ण योगदान होता है. मार्केट की उठापठक के बावजूद अगर कोई हर महीने निश्चित रकम का निवेश करता रहता है तो उसके म्यूचुअल फंड में नेट असेट वैल्यू में बढ़ोतरी होती रहती है.
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Mutual Fund: अगर आपके पास पैसों की कमी नहीं है और हर महीने एक अच्छी खासी रकम का निवेश कर सकते हैं तो 15 सालों में ही करोड़पति बन सकते हैं. वहीं इस खास फॉर्मूले से निवेश करने पर आप 30 साल निवेश कर 10 करोड़ रुपये से ज्यादा की रकम हासिल कर सकते हैं. इसके लिए आपको म्यूचुअल फंड के तीन फॉर्मूलों को अपनाना होगा. आइए जानते हैं इन फॉर्मूले को.
म्यूचुअल फंड में एसआईपी (Systematic Investment Plan) के जरिए निवेश करने में समय का बहुत ही महत्वपूर्ण योगदान होता है. मार्केट की उठापठक के बावजूद अगर कोई हर महीने निश्चित रकम का निवेश करता रहता है तो उसके म्यूचुअल फंड में नेट असेट वैल्यू में बढ़ोतरी होती रहती है.
यह है वो निवेश का पहला फॉर्मूला
निवेश सलाहकार बलवंत जैन ने कहा कि म्यूचुअल फंड में निवेश करने के लिए दो तरह के फॉर्मूले हैं. पहला फॉर्मूला है 15*15*15. इस फार्मूले के हिसाब से अगर कोई व्यक्ति हर महीने 15 हजार रुपये का निवेश 15 सालों के लिए 15 फीसदी रिटर्न के हिसाब से करता है तो फिर उसके पास करीब 1.02 करोड़ रुपये का फंड इकठ्ठा हो जाएगा.
ये है निवेश का दूसरा फॉर्मूला
इसके अलावा निवेश का दूसरा फॉर्मूला है 15*15*30. इस फॉर्मूले के हिसाब से अगर कोई व्यक्ति हर महीने 15 हजार रुपये 30 सालों के लिए 15 फीसदी रिटर्न के हिसाब से निवेश करता है तो फिर उसके पास 10.51 करोड़ रुपये का फंड आ जाएगा. इस दौरान वो 54 लाख रुपये का निवेश करेगा और रिटर्न बढ़कर के 9.97 करोड़ रुपये हो जाएगा.
कोई भी व्यक्ति म्यूचुअल फंड में जितनी ज्यादा एसआईपी लंबे वक्त के लिए करेगा उसको उतना ही SIP में निवेश क्यों करें फायदा मिलेगा. हालांकि प्रत्येक व्यक्ति अपनी सुविधा और अवधि व आय के हिसाब से ऐसा निवेश करके रिटर्न कमाना चाहिए.
पांच साल की देरी से हो सकता है बड़ा नुकसान
कोई 25 साल का इन्वेस्टर एसआईपी में निवेश शुरू करने में और पांच साल की देरी कर देता है तो कैसे कमाई पर इसका बड़ा असर होता है, इसे हम कैलकुलेशन के आधार पर समझ सकते हैं. कैलकुलेशन के लिए मान लिया वह इन्वेस्टर 30 साल की उम्र में हर महीने 5000 रुपये डालना शुरू करता है और यह 25 साल तक निवेश करता रहता है. ऐसे में औसतन 12 प्रतिशत रिटर्न के आधार पर मेच्योरिटी के समय उसे कुल राशि 84,31,033 रुपये मिलती है. इस समय उस इन्वेस्टर की उम्र 55 साल होगी.
अगर वह इन्वेस्टर 25 साल की उम्र में ही एसआईपी में पैसे डालना शुरू कर देता तो पूरा पीरियड 30 साल की हो जाती. यानी निवेश 25 साल की जगह 30 साल के लिए हो जाती. और तब उसे औसतन 12 फीसदी रिटर्न के आधार पर मेच्योरिटी के समय उसे कुल राशि 1,52,60,066 रुपये मिल जाते.
अब इस कैलकुलेशन को गौर से समझें तो पाते हैं कि 25 साल की उम्र में निवेश शुरू करने पर उसे 68 लाख रुपये (68,29,033 रुपए) एक्स्ट्रा मिलते जो 30 साल की उम्र में निवेश शुरू करने के चलते नहीं मिले. हालांकि आप यह बड़ी राशि पा सकते हैं लेकिन फिर आपको 60 साल की उम्र तक इंतजार करना होगा.
SIP में 3,500 रुपये हर महीने निवेश करने पर मिलेगा 1. 23 करोड़ रुपये का फंड, जानिए पूरा कैलकुलेशन
एसआईपी के जरिए म्यूचुअल फंड में निवेश किया जाता है। ये बैंक आरडी की तरह ही काम करता है जैसे बैंक आरडी में हर महीने पैसे जमा किए जाते हैं। ठीक वैसे ही SIP में भी हर महीने निवेश किया जा सकता है।
SIP में बैंक आरडी के मुकाबले ज्यादा रिटर्न मिलता है। (फोटो सोर्स: फाइनेंशियल एक्सप्रेस)
SIP Investment Plan : बैंक, पोस्ट ऑफिस और दूसरी जगह निवेश करने पर लोगों को बहुत कम रिटर्न मिलता है। लेकिन यहां हम आपको ऐसे निवेश के बारे में बताने जा रहे हैं। जहां बीते कई सालों में 12 प्रतिशत तक रिटर्न मिला है। दरअसल हम बात कर रहे हैं सिस्टमेटिक इंवेस्टमेंट प्लान (SIP) के बारे में जहां आप न्यूनतम 10 रुपये रोजाना से लेकर अधिकतम कितने भी रुपये का इंवेस्टमेंट कर सकते हैं। अगर SIP में आप 30 साल की उम्र से हर महीने 3,500 रुपये जमा करते हैं तो रिटायरमेंट के समय आपके पास 1.23 करोड़ रुपये का फंड होगा। आइए जानते हैं इस कैलकुलेशन के बारे में….
क्या होता है SIP ? एसआईपी के जरिए म्यूचुअल फंड में निवेश किया जाता है। ये बैंक आरडी की तरह ही काम करता है जैसे बैंक आरडी में हर महीने पैसे जमा किए जाते हैं। ठीक वैसे ही SIP में भी हर महीने निवेश किया जाता है। लेकिन इसमें सबसे बड़ी खास बात ये होती है कि, SIP में बैंक आरडी के मुकाबले ज्यादा रिटर्न मिलता है। बता दें SIP में निवेश करने पर कंपाउंडिंग ब्याज दी जाती है। आइए जानते है SIP कितने तरीके के होते हैं और कैसे इसमें निवेश किया जा सकता है।
कितने तरीके का होता है SIP? एसआईपी में तीन तरीके से निवेश किया जा सकता है। अगर आप छोटे व्यापारी है और रोजाना आपका कैश का काम है तो आप डेली SIP में निवेश कर सकते हैं। इसमें रोजाना कमा कर अपनी जरूरत के हिसाब से निवेश किया जा सकता है। इसके बाद वीकली SIP आता है इसमें सप्ताह में चार बार निवेश किया जा सकता है। इस प्लान के जरिए छोटे निवेशक बड़ा लाभ प्राप्त कर सकते हैं। इसके साथ ही इसमें रिस्क भी बहुत काम होता है।
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वहीं तीसरे नंबर पर आता है मंथली SIP इसमें नौकरीपेशा वाले लोग निवेश करते हैं। जिनकी महीने की शुरुआत में सैलरी आती है वे लोग महीने में एक बार SIP में निवेश कर सकते हैं। मंथली SIP में आप अपनी जरूरत के हिसाब से कम से कम और अधिक से अधिक निवेश कर सकते हैं।
SIP में निवेश करने पर मिलेगा 1. 23 करोड़ रुपये का फंड – अगर आप 30 साल की उम्र से हर महीने 3,500 रुपये SIP में निवेश करते हैं तो आपको 30 साल बाद रिटायरमेंट पर 1.23 करोड़ रुपये का फंड मिलेगा। आपको बता दें बीते कुछ सालों में SIP में न्यूनतम 12 प्रतिशत का रिटर्न मिला है। 30 साल तक 3,500 रुपये निवेश करने पर आपके द्वारा कुल 12,60,000 का निवेश किया जाता है। जिस पर 1,10,94,698 रुपये की ब्याज मिलेगी और कुल 1,23,54,698 रुपये का रिटर्न मिलेगा।
Mutual Fund: SIP की इन खूबियों को जानेंगे तो बंपर मुनाफा कमाएंगे
सिस्टमेटिक इनवेस्टमेंट प्लान यानी SIP इनवेस्टमेंट की दुनिया का सबसे हॉट टॉपिक है. म्यूचुअल फंड में SIP के जरिये निवेश में काफी बढ़ोतरी हुई है और यह सीधे शेयर बाजार की गुत्थियों को न समझ पाने वाले छोटे निवेशकों के लिए निवेश का बेहतरीन जरिया बन कर उभरा है. हम आपको यहां SIP से जुड़ी पांच चीजें बता रहे हैं, जिन्हें समझ कर आप SIP के जरिये निवेश की सुविधा देने वाले म्यूचुअल फंड स्कीमों में पैसा लगा कर अच्छी रकम हासिल कर सकते हैं.
क्या है SIP ?
सिस्टमेटिक इनवेस्टमेंट प्लान (SIP) यानी SIP रेगुलर और एक निश्चत समय तक थोड़ा-थोड़ा निवेश करने का जरिया है. इसके जरिये आप म्यूचुअल फंड स्कीम में नियमित रूप से एक तय रकम जमा कर सकते हैं. ज्यादातर म्यूचुअल फंड SIP की सुविधा देते हैं.
SIP के जरिये म्यूचुअल फंड में क्यों लगाएं पैसा?
दरअसल SIP के जरिये म्यूचुअल फंड में निवेश एक अनुशासनात्मक तरीके से किया गया निवेश होता है. यह आपके शॉर्ट और लांग टर्म वित्तीय लक्ष्य के लिए मुफीद हो सकता है. जब आप SIP के जरिये म्यूचुअल फंड की इक्विटी स्कीम में निवेश करते हैं तो आप फंड मैनेजर पर भरोसा करते हैं. ये फंड मैनेजर आपके पैसे को शेयरों या डेट फंड में लगाते हैं. इससे आप बाजार के उतार-चढ़ाव से काफी हद तक सुरक्षित हो जाते हैं. क्योंकि फंड मैनेजर बाजार के एक्सपर्ट और प्रोफेशनल होते हैं. यह बाजार की गिरावट में आपको बचाता है और तेजी में आपको फायदा पहुंचाता है. इसलिए SIP के माध्यम से निवेश आसान और सुरक्षित है.
क्यों फायदेमंद है SIP ?
SIP से रिटर्न बढ़ता है. जब आप रेगुलर निवेश करते हैं तो मंदी में आपको ज्यादा यूनटिस मिलती है और तेजी में यूनिट्स घट जाती है. लेकिन ऐसे दौर में यूनिट की कीमत ज्यादा हो जाती है. इस तरह रिटर्न बढ़ता जाता है. और आप आखिर में बड़ी रकम के मालिक बन जाते हैं.
छोटी रकम से भी निवेश हो सकता है?
सिप 500 रुपये से भी हो सकता है. हर महीने आप 500 रुपये देकर म्यूचुअल फंड के यूनिट खरीद सकते हैं.
क्या SIP में हो सकता है चेंज?
मासिक के अलावा SIP दो महीने या 15 दिन में भी निवेश का मौका देते हैं. कई स्कीमों में सिप की अंतिम तारीख नहीं होती. जब आपका लक्ष्य पूरा हो जाता है. स्कीम अपने आप ही आपकी सिप बंद कर देती हैं. इसके अलावा आप फंड हाउस से बात कर आगे भी इसमें निवेश जारी रख सकते हैं.
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Mutual Fund Investment: म्यूचुअल फंड में पहली बार कर रहे हैं निवेश, तो भूल कर भी न करें ये गलतियां, वरना डूब सकता है पैसा
नए निवेशकों को म्यूचुअल फंड्स में बेहद सावधानी से निवेश करना चाहिए. उन्हें ऐसे फंड्स का चुनाव करना चाहिए, जिनमें जोखिम कम हो.
बाजार रैली से उत्साहित होकर, पहली बार के निवेशक को म्युचुअल फंड (MF) के इक्विटी सेगमेंट में भारी निवेश नहीं करना चाहिए.
Mutual Fund Investment: ऐसा कहा जाता है कि किसी को भी अपने दोनों पैरों से पानी की गहराई नहीं मापनी चाहिए. इसी तरह, किसी भी बाजार रैली से उत्साहित होकर, पहली बार के निवेशक को म्युचुअल फंड (MF) के इक्विटी सेगमेंट में भारी निवेश नहीं करना चाहिए. म्यूचुअल फंड में निवेश धैर्य और जोखिम की बेहतर समझ की मांग करता है. हालांकि म्यूचुअल फंड में निवेश ऑप्शन की भरमार और बाजार के मौजूदा हालात को देखते हुए सही फंड का चुनाव आसान नहीं है. फिर भी म्यूचुअल फंड में निवेश से जुड़ी कुछ बुनियादी सावधानियों को ध्यान में रखेंगे तो आपको घाटा नहीं होगा.
पहली बार के निवेशक आमतौर पर एक हाई मार्केट में इक्विटी निवेश की शुरुआत करते हैं, लेकिन उस समय में मौजूदा निवेशक पहले ही अच्छी-खासी कमाई कर चुके होते हैं. अनुभवी निवेशक आमतौर पर तब निवेश करते हैं जब मार्केट में कमजोरी होती है. पहली बार के निवेशकों को इस बारे में नहीं पता होता है. इसलिए, पहली बार इक्विटी बाजार में निवेश करते समय, निवेशकों को कम जोखिम वाले फंडों में निवेश करके सतर्क रुख अपनाना चाहिए. इसके साथ ही निवेशकों को बाजार के उतार-चढ़ाव को भी समझने की कोशिश करनी चाहिए. पहली बार निवेश करने वाले को इक्विटी-ओरिएंटेड फंडों में निवेश करते समय इन बातों का ध्यान रखना जरूरी है.
कभी भी बड़ी रकम को एक साथ निवेश ना करें.
एक निवेशक को इक्विटी में बड़ी रकम को एक साथ निवेश करने से बचना चाहिए. ऐसा इसलिए है क्योंकि बाजार में गिरावट आपके लिए मुश्किलें खड़ी कर सकता है. पहली बार के निवेशकों को बाजार के उतार-चढ़ाव की समझ नहीं होती होती है. ऐसे में वे थोड़ा नुकसान होने पर घबरा जाते हैं. इस घबराहट में नए निवेशक अक्सर अपना पैसा निकालने का फैसला करते हैं, जिससे उन्हें नुकसान उठाना पड़ता है. इसलिए, यह हमेशा सलाह दी जाती है कि इक्विटी-ओरिएंटेड फंडों में निवेश सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (एसआईपी) के ज़रिए किया जाना चाहिए.
कम जोखिम वाले फंड में निवेश करें
बाजार के उतार-चढ़ाव के आदी होने के लिए, ज्यादा जोखिम वाले प्योर इक्विटी फंड के बजाय पहली बार निवेशकों के लिए बेहतर यह है कि वे संतुलित फंडों में निवेश करें. नए निवेशकों को ऐसे फंडों में निवेश करना चाहिए जहां जोखिम कम हो या हो भी तो ज्यादा नहीं. इस तरह के फंडों में बाजार में उतार-चढ़ाव के दौरान, प्योर इक्विटी फंड से कम उतार-चढ़ाव होता है. इससे नए निवेशकों के लिए घबराहट की स्थिति नहीं बनती है. इससे नए निवेशक बाजार में ज्यादा समय तक बने रह सकते हैं और बाजार के उतार-चढ़ाव को समझ सकते हैं. इसलिए, ज्यादा जोखिम वाले प्योर इक्विटी फंड से शुरू करने के बजाय, उन फंडों में निवेश करना बेहतर है, जो तुलनात्मक रूप से कम जोखिम वाले हैं.
निवेश करने से पहले फाइनेंशियल प्लानिंग करें.
अगर कोई निवेशक सही फाइनेंशियल प्लानिंग द्वारा लॉन्ग टर्म गोल्स को हासिल करने के लिए इक्विटी-ओरिएंटेड फंडों में निवेश करना शुरू करता है, तो इस बात की संभावना बढ़ जाती है कि निवेशक बाजार में ज्यादा समय तक बने रहे. लंबी अवधि के गोल्स के लिए निवेश करने वाले निवेशक बाजार के SIP में निवेश क्यों करें छोटे-मोटे उतार-चढ़ाव को नजरअंदाज कर देते हैं. वहीं तुरंत रिटर्न हासिल करने के लिए निवेश करने वाले नए निवेशक बाजार के उतार-चढ़ाव से घबराकर तुरंत अपना पैसा निकाल लेते हैं. इसलिए, निवेश करने से पहले किस कैटेगरी के फंड में कितना निवेश करना है, यह तय करने के लिए फाइनेंशियल SIP में निवेश क्यों करें प्लानिंग करना बेहतर है.
(Article : Amitava Chakrabarty)
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