स्मरण करना शुरू करें: यूपीपीसीएस प्रारंभिक परीक्षा में में अनेक तर्क योग्य प्रश्न पूछता है। हालांकि, यह कुछ प्रत्यक्ष प्रश्न भी पूछता है। उदाहरण के लिए, आपको कांग्रेस अध्यक्ष, कांग्रेस के अधिवेशन, गवर्नर जनरल की सूची, सामाजिक-धार्मिक संगठनों, मौलिक अधिकारों, आर्द्रभूमि, आदि के प्रश्न मिल सकते हैं। ये ‘या तो आप जानते हैं अथवा नहीं’ प्रकार के 60 सेकंड की रणनीति वास्तव में क्या है? प्रश्न हैं। सुनिश्चित करें कि आप उन्हें सही को चिह्नित करते हैं।

यूपीपीसीएस तैयारी रणनीति: आखिरी 10 दिनों में यूपीपीसीएस तैयारी रणनीति_30.1

नए प्रोडक्ट को लॉन्च करते समय, स्पॉन्सर्ड ऐड और डिस्प्ले ऐड एक साथ बेहतर तरीके से काम करते हैं

कई एडवरटाइज़र अलग-अलग मार्केटिंग रणनीति के परफ़ॉर्मेंस के बारे में जानने के उत्सुक हैं. साथ ही, इन इनसाइट को इसलिए खोजते हैं, ताकि अपने नए प्रोडक्ट लॉन्च करने की 60 सेकंड की रणनीति वास्तव में क्या है? मार्केटिंग से जुड़ी नीति के बारे में बता सकें.

एडवरटाइज़र आमतौर पर अपने लॉन्च किए गए नए प्रोडक्ट की बिक्री को जल्दी से बढ़ाना चाहते हैं, लेकिन यह नहीं पता कि यह कैसे करना है. डेटा की अनुपस्थिति में, ज़्यादा से ज़्यादा एडवरटाइज़र अब सिर्फ़ Amazon पर स्पॉन्सर्ड ऐड एडवरटाइज़िंग में निवेश करते हैं.

इस विश्लेषण का इस्तेमाल Amazon पर 2018 में अमेरिका में लॉन्च किए गए सभी प्रोडक्ट के लिए किया गया, जिसमें कम से कम 52 हफ़्ते की बिक्री का डेटा शामिल है. यह तय करता है कि एडवरटाइज़ और बिना एडवरटाइज़ वाले प्रोडक्ट में कितना समय लगा, ताकि उनकी कैटेगरी के मुताबिक लॉन्च किए गए प्रोडक्ट के लिए वार्षिक औसत डॉलर की बिक्री की मात्रा तक पहुंच सकें. इन नतीजों से पता चलता है कि जो एडवरटाइज़र अपने नए प्रोडक्ट की बिक्री को तेज़ी से बढ़ाना चाहते हैं, उन्हें प्रोडक्ट लॉन्च करने के बाद स्पॉन्सर्ड ऐड और Sponsored Display, दोनों में निवेश करना चाहिए.

स्पॉन्सर्ड ऐड और डिस्प्ले ऐड एक साथ बेहतर तरीके से काम करते हैं

ऐसे एडवरटाइज़र जो बिक्री बढ़ाने के लिए समय को कम करना चाहते हैं, उन्हें स्पॉन्सर्ड ऐड और डिस्प्ले ऐड, दोनों के साथ नए प्रोडक्ट लॉन्च करने का सपोर्ट करना चाहिए.

नतीजे से पता चलता है कि प्रोडक्ट लॉन्च करने के बाद पहली तिमाही में स्पॉन्सर्ड ऐड और डिस्प्ले ऐड का इस्तेमाल करने से सेल्स बेसलाइन 60 सेकंड की रणनीति वास्तव में क्या है? तक पहुंचने का समय 64% तक कम हो गया. स्पॉन्सर्ड ऐड व्यक्तिगत तौर पर सबसे प्रभावी एडवरटाइज़िंग रणनीति है. सेल्स बेसलाइन (औसत बिक्री तक पहुंचने का समय) के समय को कम करने के लिए डिस्प्ले भी असरदार है. हालांकि, प्रोडक्ट, स्पॉन्सर्ड ऐड और डिस्प्ले ऐड पर एक साथ काम करता है और हर ऐड प्रोडक्ट के अलग-अलग प्रभाव के लीनियर प्रोजेक्शन की तुलना में सेल्स बेसलाइन तक 600 बेसिस पॉइंट (bps) तक ज़्यादा तेजी से पहुंचते हैं.

इन विजुअल से नए प्रोडक्ट को उनकी सेल्स लाइन, सूचीबद्ध बनाम बिना एडवरटाइज़िंग वाले प्रोडक्ट तक पहुंचने में लगने वाले सापेक्ष समय का पता चलता है. डेटा से पता चलता है कि ऐसे ऐड वाले प्रोडक्ट जो स्पॉन्सर्ड ऐड और डिस्प्ले एडवरटाइज़िंग, दोनों पर काम करते थे, उन्हें बेसलाइन तक पहुंचने में कम से कम समय लगा. इसके अलावा,स्पॉन्सर्ड ऐड और डिस्प्ले ऐड का एक साथ इस्तेमाल करने से लगने वाला समय कम होता जाता है, ताकि स्पॉन्सर्ड ऐड और सिर्फ़ नतीजों को दिखाने के आधार पर लिनियर प्रोजेक्शन से दिखाने की तुलना में ज़्यादा बेसलाइन तक पहुंच सकें.

राष्ट्रीय आत्महत्या रोकथाम रणनीति | यूपीएससी के लिए आज का द हिंदू संपादकीय विश्लेषण

राष्ट्रीय आत्महत्या रोकथाम रणनीति | यूपीएससी के लिए आज का द हिंदू संपादकीय विश्लेषण_30.1

यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के मुख्य परीक्षा पाठ्यक्रम के तहत, राष्ट्रीय आत्महत्या रोकथाम रणनीति में जीएस पेपर 1: जनसंख्या एवं संबद्ध मुद्दे, जीएस पेपर 2: सरकारी नीतियां एवं अंतः क्षेप तथा स्वास्थ्य शामिल हैं।

Debt mutual funds हुए सतर्क और बढ़ाई कैश पोजिशन, जानिए क्यों बदली रणनीति

डेट म्युचुअल 60 सेकंड की रणनीति वास्तव में क्या है? फंड (Debt mutual fund) मैनेजर्स ‘देखो और इंतजार करो’ (wait-and-watch) के मोड में आ गए हैं और वे अपनी स्कीम्स में कैश रखने को प्राथमिकता दे रहे हैं। वे शॉर्ट के साथ ही लॉन्ग टर्म बॉन्ड यील्ड में संभावित बढ़ोतरी को लेकर चिंतित हैं।

एलआईसी एमफ के चीफ इन्वेस्टमेंट ऑफिसर- फिक्स्ड इनकम मर्जबान ईरानी कहते हैं, “पहले ब्याज में बढ़ोतरी की चिंताओं के बीच शॉर्टर-एंड यील्ड कर्व से सहारा मिलता था, लेकिन अब भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के वैरिएबिल रिवर्स रेपो रेट (VRRR) ऑक्शंस के माध्यम से लिक्विडिटी घटाने के साथ शॉर्टर-एंड यील्ड्स भी बढ़नी शुरू हो गई हैं।”

रिवर्स रेपो रेट बढ़ने से बढ़ती शॉर्ट एंड यील्ड्स

उन्होंने कहा, “वीआरआरआर के कारण रिवर्स रेपो रेट (reverse repo rate) प्रभावी रूप से बढ़ गई है। लेकिन जब आरबीआई वास्तव में रिवर्स रेपो रेट 60 सेकंड की रणनीति वास्तव में क्या है? बढ़ाता है तो शॉर्ट-एंड यील्ड्स और बढ़ सकती हैं।”

PM मोदी बोले- लॉकडाउन के बाद लोगों का धीरे-धीरे बाहर निकलना सुनिश्चित करने के लिये साझी रणनीति की जरूरत

PM मोदी बोले- लॉकडाउन के बाद लोगों का धीरे-धीरे बाहर निकलना सुनिश्चित करने के लिये साझी रणनीति की जरूरत

Coronavirus को लेकर पीएम मोदी ने राज्य के मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कॉनफ्रेंसिंग की

खास बातें

  • पीएम मोदी ने राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की
  • पीएम मोदी बोले- मरीजों के लिए अलग, विशेष अस्पताल की जरूरत
  • कोरोना संकट के बीच मुख्यमंत्रियों के साथ यह दूसरी बैठक

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने लॉकडाउन (Lockdown) के बीच कोरोनावायरस (Coronavirus) खतरे को लेकर राज्यों के मुख्यमंत्रियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये बातचीत की. प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्रियों से कहा कि कोविड-19 के मरीजों के लिए अलग, विशेष अस्पतालों की जरुरत है. इस बैठक में, पीएम मोदी के साथ गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह समेत अन्य प्रमुख लोग मौजूद रहे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्रियों से कहा कि अगले कुछ सप्ताह तक सारा ध्यान जांच करने, संक्रमित लोगों का पता लगाने, उन्हें घरों, पृथक केन्द्रों या अस्पतालों में पृथक रखने पर होना चाहिए.

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उन्होंने कहा, "लॉकडाउन समाप्त होने के बाद जनजीवन को धीरे-धीरे सामान्य बनाने के लिये साझी रणनीति तैयार करना महत्वपूर्ण है." प्रधानमंत्री ने राज्यों के मुख्यमंत्रियों से वीडियो कान्फ्रेसिंग में कहा कि लॉकडाउन (बंद) समाप्त होने के बाद आबादी के फिर से घर से बाहर निकलने को ध्यान में रखते हुए राज्यों और केंद्र को एक रणनीति तैयार करनी चाहिए.

पीआईबी की विज्ञप्ति के मुताबिक, प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यह वास्तव में सराहनीय है कि सभी राज्यों ने एक साथ और एक टीम के रूप में कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिये काम किया है.

पीएम मोदी ने कोरोनावायरस को फैलने से रोकने के लिए पिछले हफ्ते मंगलवार को देशभर में लॉकडाउन की घोषणा करते हुए लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने का निर्देश दिया था. कोविड-19 के प्रकोप और इससे जुड़े मुद्दों के सामने आने के बीच पिछले दो सप्ताह से कम समय में प्रधानमंत्री के साथ मुख्यमंत्रियों की यह दूसरी बातचीत है. पहली ऐसी बातचीत 20 मार्च को हुई थी.

यूपीपीसीएस तैयारी रणनीति

योजना पर टिके रहें: 60 सेकंड की रणनीति वास्तव में क्या है? स्मरण रखें कि योजना बनाने में विफल होना विफल होने की योजना बनाना है। यदि अभी तक योजना नहीं बनाई है तो पुनरीक्षण योजना बनाएं। इसे कागज पर बनाएं और इसे ऐसी जगह चिपका दें जिसे आप हमेशा देख सकें। योजना ऐसी होनी चाहिए कि आप यूपीपीसीएस 2021 60 सेकंड की रणनीति वास्तव में क्या है? पाठ्यक्रम के के किसी भी हिस्से को भूले ना हो और उनमें से प्रत्येक पर अधिक ध्यान दें।

अब नई अध्ययन सामग्री पर मोहित होना बंद करें: अब यूपीपीसीएस तैयारी ऑनलाइन सामग्री की कोई भी बेतरतीब खोज न करें। कई उम्मीदवार अध्ययन सामग्री के पीछे अपना अंतिम समय व्यर्थ करते हैं।आप कोचिंग संस्थान की पत्रिकाओं के शीर्षक की ओर आकर्षित होंगे लेकिन किंतु उनके झांसे में न आएं। यह किसी उद्देश्य की पूर्ति नहीं करेगा। संसाधन सीमित हों। जितना हो सके उन्हें रिवाइज करें।

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