नये निर्गमन बाजार या प्राथमिक बाजार में सेबी की भूमिका क्या है ? Role of SEBI in New Issue Market or Primary Market ?
भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड ( सेबी ) को वैधानिक अधिकार प्राप्त होने के बाद पूँजी बाजार में इसका महत्त्वपूर्ण स्थान हो गया है । सेबी एक और वित्तीय संस्थाओं, एजेन्सियों, स्कन्ध विनिमय, पारस्परिक कोष, मर्चेन्ट बैंकर्स एवं प्राथमिक व सहायक बाजार के मध्यस्थों आदि की गतिविधियों को नियमित व नियन्त्रित करता है, दूसरी ओर इनको मार्गदर्शन, नियोजन एवं इनके विकास के लिए कार्य करता है । 'सेबी' की भूमिका प्राथमिक व सहायक बाजार तक ही सीमित नहीं है वरन इन बाजार के समुचित विकास से भी सम्बन्धित है । सेबी की भूमिका को निम्नलिखित रूप में प्रस्तुत किया जा रहा है -
नये निर्गमन बाजार में सेबी ने नये अंशों, ऋणपत्रों को निर्गमित की जाने वाली प्रक्रिया में सुधार किया है । छोटे विनियोक्ताओं को संरक्षण देने, उनके हितों की रक्षा करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभायी है । प्राथमिक बाजार में सम्बन्ध में 'सेबी की भूमिका' निम्नानुसार है -
[ 1 ] कम्पनी प्रविवरण में सुधार ( Reform in Company Prospectus ) :- सेबी ने कम्पनी प्रविवरण में पारदर्शिता लाने के लिए इसके प्रारूप में कई नये विषयों को जोड़ा है । अब कम्पनी झूठे, कपटपूर्ण विवरण देकर विनियोक्ताओं को धोखा नहीं दे सकती, उसे सेबी की विज्ञापन संहिता का पालन करना पड़ता है । प्रविवरण में प्रतिभूतियों के मूल्य एवं प्रीमियम निर्धारण के सम्बन्ध में सभी भौतिक तथ्यों को प्रकट करना पड़ता है । कम्पनी प्रविवरण झूठा सिद्ध होने पर संचालकों का आपराधिक दायित्व माना जाएगा । प्रविवरण में जोखिम घटकों की जानकारी करना अनिवार्य है ।
[ 2 ] जोखिम तत्वों की जानकारी उपलब्ध कराना ( Provide Information of Risk Factors ) :- सेबी के निर्देशानुसार प्रत्येक कम्पनी को जो सार्वजनिक निर्गम में भाग ले रही है, उससे सम्बन्धित जोखिम घटकों की जानकारी उपलब्ध कराना अनिवार्य है । निवेशकों को संरक्षण देने एवं उनके रक्षार्थ अग्रलिखित के सम्बन्ध में जानकारी उपलब्ध करायी जा सकती है -
(i) जिस प्रोजेक्ट के लिए निर्गम निकाला जा रहा है उससे सम्बन्धित सभी जानकारी जैसे कि - प्रोजेक्ट प्रारम्भ होने का समय, लागत, उद्देश्य, वैधानिक औपचारिकताएँ अनुमति प्रदान करना, लाइसेन्स प्राप्त करना, आदि ।
(ii) सम्बन्धित प्रोजेक्ट की उत्पादन-प्रक्रिया, कच्चे माल की उपलब्धता, नियमित पूर्ति, मशीनरी का आयात, उत्पादन क्षमता आदि ।
(iii) सम्बन्धित प्रोजेक्ट के सम्भावित बाजार, विदेशी विनिमय की आवश्यकता एवं पूर्ति, उत्पाद विपणन की क्रियाएँ आदि ।
[ 3 ] अंशों के निर्गमन एवं आंवटन के सम्बन्ध में ( For Issue and Allotment of Shares ) :- सेबी ने अंशों के निर्गमन एवं आवंटन के सम्बन्ध में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभायी है । प्राथमिक बाजार में कम्पनियों द्वारा निर्गमित अंशों के मूल्य-निर्धारण एवं प्रीमियम पर से नियन्त्रण हटा लिया है । सेबी से अनुमति के बाद कम्पनी अंशों का मूल्य एवं प्रीमियम नियमानुसार निर्धारित कर सकती है । अधिकार निर्गम के सम्बन्ध रजिस्ट्रार की अनुमति आवश्यक है । यदि निर्गम 100 करोड़ से अधिक का है तो लेखा पुस्तकों की आवश्यकता पड़ेगी ।
सेबी की अंशों की आंवटन के सम्बन्ध में भी महत्त्वपूर्ण भूमिका है । अंशों का आवंटन आनुपातिक आधार पर किया जाता है । पारस्परिक कोष एवं विदेशी संस्थाओं को निश्चित आवंटन की अनुमति दी जाती है । इस योजना के अन्तगर्त ऐसे व्यक्तिगत विनियोक्ता जिन्होंने 1,000 प्रतिभूतियों के लिए आवेदन-पत्र दिये हैं कम-से-कम 50% शुद्ध प्रस्ताव का आरक्षित रखा जाएगा । इसी प्रकार 1,000 प्रतिभूतियों से अधिक के आवेदनकार्त्ता को बाकी बची प्रतिभूतियों में से आवंटन दिया जा सकता है । यदि निर्गमन अति अभिदत्त है तो सेबी का प्रतिनिधि आबंटन प्रक्रिया की जाँच कर सकता है । सेबी ने निर्गम बन्द होने के 30 के भीतर आवंटन पूरा करना अनिवार्य कर दिया है अन्यथा ,15% ब्याज प्रतिवर्ष भुगतान करना पड़ेगा ।
[ 4 ] अंशों के अभिगोपन एवं सूचीयन के सम्बन्ध में ( For Underwriting and Listing of Shares ) :- सेबी की भूमिका के अभिगोपन एवं सूचीयन के लिए भी महत्त्वपूर्ण है । प्रारम्भ में सार्वजनिक निर्गमन का अभिगोपन करने के लिए आज्ञा निवेशक संरक्षण में सेबी की भूमिका लेनी पड़ती थी किन्तु सेबी ने इस नियम को हटा दिया है । वर्ष 1994-95 में 4 अभिगोपकों को पंजीकृत किया गया था जिनकी संख्या बढ़कर 40 हो गई है । सेबी ने 'सूचीयन समझौते' के पालन न करने पर संचालकों के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही की है ।
[ 5 ] व्यापारिक बैंक एवं मर्चेन्ट बैंकों का पंजीयन ( Registration of Commercial and Merchant Banks ) :- सेबी ने ऐसे व्यापारिक बैंक जो कि निर्गमन एवं पोर्टफोलियो प्रबन्धक के रूप में कार्य करते हैं, को अपने पंजीकृत होना अनिवार्य कर दिया है । 31 मार्च, 1996 तक 77 व्यापारिक बैंकों को जो निर्गमन कार्य में लगे थे तथा 13 व्यापारिक बैंक जो पोर्टफोलियो प्रबन्धक के रूप में कार्य कर रहे थे, को सेबी ने अपने यहाँ रजिस्टर्ड किया है । इसी प्रकार 100 व्यापारिक बैंकों को पोर्टफोलियो प्रबन्धक के रूप में कार्य करने की अनुमति प्रदान की है ।
सेबी ने, प्राथमिक बाजार में निर्गमन कार्य करने वाले मर्चेन्ट बैंकर्स को पंजीयन कराना अनिवार्य करा दिया है तथा कुछ कम्पनियों को मर्चेन्ट बैंकर के रूप में कार्य करने की अनुमति प्रदान की है ।
[ 6 ] विनियोक्ताओं को संरक्षण प्रदान करना ( Provide Protection to Investors ) :- सेबी ने विनियोक्ता संरक्षण की दिशा में कई महत्त्वपूर्ण कार्य किये हैं जैसे कि -
(i) विनियोक्ता शिक्षा एवं संरक्षण कोष की स्थापना करना ।
(ii) प्रविवरण में सुधार करना ।
(iii) विज्ञापन में सुधार करना ।
(iv) निर्गमनों में न्यूनतम अभिदान निश्चित करना ।
(v) परिवेदना प्रकोष्ठ की स्थापना करना ।
(vi) कम्पनी अधिनियम की विभिन्न धाराओं के अन्तगर्त विनियोक्ता को संरक्षण देना ।
'भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड'
रेयर एंटरप्राइजेज समर्थित कॉनकॉर्ड बायोटेक और दक्षिण भारत के एक प्रमुख क्षेत्रीय आभूषण ब्रांड वैभव जेम्स एन को भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) से आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) के जरिये पूंजी जुटाने की मंजूरी मिल गई है. दोनों कंपनियों ने अगस्त और सितंबर के बीच बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के पास आईपीओ के लिए शुरुआती दस्तावेज जमा कराये थे.
बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने गुरुवार को कहा कि वह दो कंपनियों सुमंगल इंडस्ट्रीज (Sumangal Industries) और जीएसएचपी रियल्टेक लिमिटेड (GSHP Realtek) की संपत्तियों की 25 अगस्त को नीलामी करेगा.
शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव और निवेशकों को होने वाले जोखिम को लेकर सेबी ने सतर्क कदम उठाया है. भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) बाजार के रुझानों पर नियमित रूप से 'जोखिम' से जुड़ी जानकारी देने की तैयारी कर रहा है.
SEBI Recruitment: भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने ऑफिसर रिक्रूटमेंट प्रक्रिया के लिए आवेदन करने की अंतिम तारीख आगे बढ़ा दी है. नए शेड्यूल के मुताबिक, उम्मीदवार अब 31 मई तक आवेदन कर सकते हैं. इस रिक्रूटमेंट के बारे में 7 मार्च को जानकारी दी गई थी. जनरल स्ट्रीम, लीगल स्ट्रीम, इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी स्ट्रीम, इंजीनियरिंग स्ट्रीम, रिसर्च स्ट्रीम और ऑफिशियल लैंग्वेज स्ट्रीम में कुल 100 भर्तियों की घोषणा की गई थी. आवेदन करने से पहले उम्मीदवार जॉब नोटिफिकेशन में योग्यता जरूर देख लें.
SEBI Recruitment 2020: भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड ने नोटिफिकेशन जारी करके ए ग्रेड ऑफिसर के करीब 147 पदों पर वैकेंसी निकाली है. इच्छुक और योग्य उम्मीदवार 23 मार्च तक सेबी रिक्रूटमेंट 2020 के लिए आवेदन कर सकते हैं.
बाजार नियामक ने स्पष्ट किया है कि परामर्शदाताओं को अपने ग्राहकों को यह साफ तौर पर बताना चाहिए कि वह उनसे किसी भी तरह की ‘पावर ऑफ अटॉर्नी’ (ग्राहक के स्थान पर खुद निर्णय लेने की आजादी) नहीं लेंगे जो उन्हें स्वत: निवेश निर्णय लागू करने का अधिकार दे.
बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने निवेशक शिक्षा एवं संरक्षण संबंधी गतिविधियों से जुड़े मुद्दों पर सलाह देने वाली परामर्श समिति में व्यापक बदलाव किया है.
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) द्वारा जारी परिपत्र के अनुसार इस सूची में अमेरिका के नास्डाक और न्यूयार्क स्टॉक एक्सचेंज, जापान का टोक्यो एक्सचेंज, दक्षिण कोरिया का कोरिया एक्सचेंज और ब्रिटेन का लंदन स्टॉक एक्सचेंज शामिल है.
जून में सेबी ने एक सर्कुलर जारी कर अपनी स्थिति इस मामले में स्पष्ट कर दी थी कि किसी भी इकाई को इस तरह की गतिविधियों में संलिप्त नहीं होना चाहिये. इससे पहले की भी इस तरह की गतिविधियों में संलिप्तता को स्वीकार नहीं किया जायेगा.
बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) आईसीआईसीआई बैंक के पिछले कुछ साल के वित्तीय खुलासों एवं बयानों की फोरेंसिक जांच कराने पर विचार कर रहा है. यह बैंक की मुख्य कार्यकारी अधिकारी चंदा कोचर और उनके पति का एक ऋण मामले में हितों के टकराव से संबंद्ध विवादों के बीच हो रहा है.
सेबी की प्रतिभूति बाजार के प्रशिक्षकों का पैनल बनाने की योजना
पैनल में शामिल प्रशिक्षक नियामक के निवेशक शिक्षा और संरक्षण के क्षेत्र में की जा रही पहल को आगे बढ़ाएंगे। ये प्रशिक्षक निवेशकों के लिए जागरुकता कार्यक्रम चलाएंगे जिससे आम लोगों की बाजार को लेकर समझ और बेहतर हो।
Edited by: India TV Paisa Desk
Published on: September 16, 2020 19:43 IST
Photo:PTI (FILE)
सिक्योरिटी मार्केट के लिए प्रशिक्षकों का पैनल बनाएगी सेबी
नई दिल्ली। लोगों के बीच सिक्योरिटी मार्केट को लेकर जागरुकता और समझ को बढ़ाने के लिए पूंजी बाजार नियामक सेबी ने खास पहल की है। सेबी अपने निवेशक जागरूकता और शिक्षा पहल को गति देने के लिये व्यक्तियों अथवा इकाइयों को लेकर एक पैनल बनाने जा रहा है। इसके लिए सेबी ने नियम, शर्तें और प्रक्रिया की जानकारी जारी कर दी है। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने बुधवार को एक नोटिस में कहा कि जो व्यक्ति या इकाइयां प्रतिभूति बाजार से संबद्ध निवेशक शिक्षा के क्षेत्र में काम करना चाहते हैं, उन्हें प्रतिभूति बाजार प्रशिक्षक (स्मार्ट) के तौर पर पैनल में शामिल करने का प्रस्ताव है। पैनल में शामिल प्रशिक्षक नियामक के निवेशक शिक्षा और संरक्षण के क्षेत्र में की जा रही पहल को आगे बढ़ाएंगे। ये प्रशिक्षक निवेशकों के लिए जागरुकता कार्यक्रम चलाएंगे जिससे आम लोगों की बाजार को लेकर समझ और बेहतर हो।
ये प्रशिक्षक नियामक की तरफ से सेबी निवेशक संरक्षण और शिक्षा कोष (सेबी आईपीईएफ) के अंतर्गत निवेशक जागरूकता कार्यक्रम चलाएंगे। पात्रता के बारे में नियाममक ने कहा कि व्यक्ति को भारत का नागरिक और निवासी होना चाहिए या विधि, वाणिज्य, प्रबंधन, अर्थशास्त्र, वित्तीय बाजारों की शिक्षा से जुड़े संगठन या ट्रस्ट अथवा कंपनी या सोसाइटी के रूप में पंजीकृत इकाई प्रशिक्षक की भूमिका के लिये आवेदन कर सकते हैं। अन्य मानदंडों के तहत आवेदनकर्ताओं को मान्यता प्राप्त विश्विविद्यालय से कम-से-कम 50 प्रतिशत अंक के साथ स्नातक होना चाहिए। साथ ही विधि, वाणिज्य, प्रबंधन, अर्थशास्त्र या वित्तीय बाजारों की शिक्षा के क्षेत्र में काम करने या सिखाने का कम-से- कम पांच साल का अनुभव होना चाहिए। इसके साथ ही अधिकतम उम्र 65 साल रखी गई है। इसके अलावा प्रतिभूति बाजार से प्रमाणीकरण भी होना चाहिए। चुने गये आवेदनकर्ताओं को सेबी के प्रशिक्षण कार्यक्रम में शामिल होना होगा। इसमें रूचि रखने वाले उम्मीदवारों को 16 अक्टूबर तक आवेदन जमा करना है।
SEBI Kya Hai | SEBI In Hindi
नमस्कार दोस्तों आज हम बात करने वाले हैं SEBI Kya Hai और इस लेख पर आपको इससे जुड़ी सारी जानकारी देने की कोशिश करेंगे और Sebi एक ऐसी संस्था है जो शेयर बाजार व व्यवसाय में हो रहे उतार-चढ़ाव की निगरानी करने में यह महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है आइए दोस्तों जानते है Sebi Kya hai
SEBI Kya Hai in hindi
दोस्तों Sebi एक ऐसी संस्था है जो शेयर बाजार व बिजनेस पर निगरानी रखता है यानी कि इन्हें मॉनिटर करता रहता है दोस्तों जैसे आरबीआई अपने सभी बैंकों को मॉनिटर करता है ठीक निवेशक संरक्षण में सेबी की भूमिका उसी प्रकार सेबी भी शेयर बाजार में मुख्य भूमिका निभाता है सेबी के द्वारा ही ऑनलाइन ट्रेडिंग करना उपलब्ध हो पाया है और इसमें किसी प्रकार की धोखाधड़ी या फ्रॉड नहीं होता है यह पूर्ण रूप से सुरक्षा प्रदान करता है और Sebi का मतलब है The Securities and Exchange Board of India और इसे हिंदी में “भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड” नाम से भी जाना जाता है और इसे 31 जनवरी 1992 को पूर्ण रूप से संवैधानिक स्थापित किया गया था
जो कि वित्तीय बाजार को नियंत्रित करने के लिए किया गया था और इसमें एक नियम यह भी है कि जो शेयर ब्रोकर सेबी में रजिस्टर्ड नहीं है वह ट्रेडिंग की सेवाएं प्रदान नहीं कर सकते है और इसकी स्थापना मुख्य रूप से शेयर बाजार में रखरखाव व निवेशको को सुरक्षा प्रदान करने के लिए की गई है और मौजूदा समय में अजय त्यागी सेबी के चेयरमैन है
इसका मुख्यालय मुंबई के बांद्रा में है और इसके कार्यालय नई दिल्ली, चेन्नई, कोलकाता, बेंगलुरु, अहमदाबाद आदि कई अन्य मुख्य शहरों में है और यह सेबी एक्ट 1992 अधिनियम के अनुसार यह शेयर बाजार में स्टॉक एक्सचेंज व अन्य प्रतिभूति को नियंत्रित करने की सुरक्षा प्रदान करता है और इसका मुख्य उद्देश्य है शेयर मार्केट की निगरानी करना, निवेशकों का संरक्षण, दलालों को नियंत्रण में रखना व इनसाइड ट्रेडिंग की समय-समय पर जांच करना आदि
Sebi के कार्य
सेबी के निम्नलिखित कार्य हैं जो इस प्रकार है
- दोस्तों इसका प्रमुख कार्य यह है जिसमे निवेशको और ट्रेडर के हितों की रक्षा करना है और निवेशक संरक्षण में सेबी की भूमिका इसके लिए वे कई तरह के सेमिनार व कार्यक्रम करते रहते हैं जिसमें निवेशकों को शिक्षित किया जाता है कि वह किसी धोखाधड़ी से कैसे बचे और इससे निवेशकों को अच्छी निवेशक संरक्षण में सेबी की भूमिका मदद मिल जाती है
- यह इनसाइड ट्रेडिंग पर भी नियंत्रण रखता है
- इसे शेयर बाजार में उतार चढ़ाव को नियंत्रित करने के लिए लागू किया गया था
- यह शेयर बाजार में हो रहे उन सभी लेनदेन को सुरक्षित रूप से संपूर्ण करता है जिससे यह बाजार की वित्तीय जोखिम को थोड़ा कम कर देता है और यह वित्तीय मध्यस्थ की भूमिका भी निभाता है
- इसे वित्तीय बाजार में सुचारू रूप से चलाने के लिए इसमें इसे ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर लाया गया है जिससे ट्रेडिंग करना थोड़ा आसान हो गया है में स्टॉक ब्रोकर, ट्रस्टी व अन्य मर्चेंट बैंकर आदि को पंजीकृत करवाना होता है
निवेशकों के लिए हेल्पलाइन नंबर
दोस्तों निवेशकों और ट्रेडर्स को ध्यान में रखते हुए इन्होंने एक टोल फ्री नंबर जारी किया है जिससे यदि किसी को भी दिक्कत आती है तो वह इनकी सहयता ले सकता है और वह किसी नुकसान से बच सकते है
सेबी टोल फ्री हेल्पलाइन नंबर : 1800 266 7575 / 1800 22 7575 इसे पर कॉल करके आप सिक्योरिटीज मार्केट से संबंधित जानकारी ले सकते हैं वह अपने प्रश्नों को भी पूछ सकते हैं और यह सेवा Daily 9:00 बजे से 6:00 तक उपलब्ध होती है वीकेंड को छोड़कर और आप इनके ऑफिसियल मेल पर भी सम्पर्क कर सकते है
मैं आशा करता हूँ कि आपको SEBI Kya Hai व इसके कार्य से संबंधित जानकारी पसंद आई होगी धन्यवाद आपका दिन शुभ हो
SEBI क्या है? गठन कब हुआ व SEBI के क्या काम है, जाने विस्तार से
what is SEBI in Hindi
SEBI क्या है: सेबी (SEBI Full form) – सेबी (SEBI) का फुल फॉर्म सिक्योरिटी एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया है, जिसे हिंदी में भारतीय प्रतिभूति एवं विनायक बोर्ड भी कहा जाता है। सेबी का प्रमुख उद्देश्य शेयर बाजार में निवेश (invest) करने वाले निवेशकों (Investors) को सुरक्षा प्रदान करना है। यह ट्रेडर्स (Trader) और निवेशकों को धोखाधड़ी और स्कैम के खिलाफ मदद करता है।
SEBI को स्थापित करने का प्रमुख उद्देश्य शेयर बाजार को संरक्षण देना और शेयर बाजार में निवेश करने वाले निवेशकों के हितों की रक्षा करना है।
SEBI का काम –
किसी भी बिजनेस या फिर बाजार को मॉनिटर करने के लिए एक संस्था होती है। भारत में बैंकों के मॉनिटर करने के लिए आरबीआई (रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया) का गठन किया गया है। ठीक उसी तरीके से भारत में शेयर बाजार को मॉनिटर करने के लिए सेबी (SEBI) नामक संस्था का गठन किया गया है।
भारत में जब सेबी का गठन नहीं हुआ था तब शेयर बाजार में स्कैम और धोखाधड़ी की घटनाएं सामान्य बात हो गई थी। जिसमें सबसे बड़ा मामला हर्षद मेहता स्कैम का है। हर्षद मेहता इंसाइडर ट्रेडिंग और कई दूसरे illegal तरीके से स्कैम किया था। शेयर बाजार में बढ़ती धोखाधड़ी और स्कैम की घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए एक ऐसी संस्था की सिफारिश की गई थी जो ट्रेडर्स के साथ-साथ निवेशकों की शिकायतों को सुनने और धोखाधड़ी करने वाले कंपनी या फिर व्यक्ति पर प्रतिबंध और जुर्माना लगा सके। इन बातों को ध्यान में रखकर भारत सरकार ने एक संस्था को स्थापित करने का फैसला किया। एक ऐसी संस्था जो देश में मौजूद द्वितीय प्रतिभूति बाजार, सिक्योरिटी मार्केट की नियामक (Regulator) के रूप में काम करें। भारत सरकार ने सेबी (SEBI) की स्थापना 31 जनवरी 1992 में भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड अधिनियम के अंतर्गत एक वैधानिक निकाय के रूप में की है।
वर्तमान समय में यह वित्तीय बाजार में स्टॉक एक्सचेंज और म्यूचुअल फंड से जुड़े मामलों की भी निगरानी करता है। एक ब्रोकर को ट्रेडिंग सेवाएं प्रदान करने के लिए सेबी में रजिस्ट्रेशन करवाना अनिवार्य कर दिया गया है।
सीबी एक ऐसी नियामक संस्था है जो सिक्योरिटीज मार्केट में एक स्टॉक के ट्रांजैक्शन को रेगुलेट करने का काम करती है। भारत में SEBI यूएस में सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमिशन (SEC) के समान है।
सेबी के चार्टर के अनुसार यह महत्वपूर्ण रूप से तीन समूहों को रेगुलेट करने का काम करती है –
- प्रतिभूति Securities
- निवेशक Investors
- बाजार मध्यवर्ती Market Intermediates
SEBI की सरंचना –
SEBI के बोर्ड में कुल 9 सदस्य शामिल होते हैं। इसमें भारत सरकार द्वारा नियुक्त SEBI का एक अध्यक्ष, केंद्रीय वित्त मंत्रालय का 2 सदस्य, भारतीय रिजर्व बैंक से एक सदस्य व भारत सरकार द्वारा नियुक्त किए गए 5 सदस्य होते हैं। इन 5 सदस्यों में से तीन सदस्य फुल टाइम सदस्य के रूप में होते हैं।
सेबी का इतिहास (History of SEBI) –
आधिकारिक रूप से सेबी (SEBI) की स्थापना भारत सरकार द्वारा 1988 में की गई थी। लेकिन 1992 में भारतीय संसद द्वारा SEBI Act 1992 को पारित किया गया और इसे वैधानिक शक्तियों प्रदान की गई।
SEBI का मुख्यालय मुंबई के बांद्रा कुर्ला कांप्लेक्स में स्थित है। इसके अलावा इसके क्षेत्रीय कार्यालय नई दिल्ली कोलकाता चेन्नई अहमदाबाद में स्थित है।
SEBI act 1992 क्या है?
शुरुआत में SEBI एक गैर संवैधानिक संस्था थी। लेकिन सांसद ने सेबी अधिनियम एक्ट 1992 (SEBI act 1992) पारित करके SEBI को संवैधानिक दर्जा प्रदान किया।
सेबी एक्ट 1992 के अनुसार स्टॉक एक्सचेंज और अन्य सिक्योरिटी मार्केट को रेगुलेट करने की शक्ति भी SEBI को प्रदान की गई। साथ ही यह स्टॉक ब्रोकर, स्टॉक ब्रोकर्स, रजिस्टार, ट्रस्टी, पोर्टफोलियो मैनेजर और अन्य बिचौलियों को नियंत्रित करने और ऑडिट करने का भी काम करता है। इसके अलावा सेबी इन चीजों को भी नियंत्रित करता है –
- म्यूच्यूअल फंड का पंजीकरण और विनियमन
- स्व नियामक संगठन का प्रचार और नियमन
- धोखाधड़ी की गतिविधियों की रोकथाम
- अनुचित ट्रेड प्रैक्टिस को रोकना निवेशक संरक्षण में सेबी की भूमिका
- कंपनियों का अधिग्रहण और कंपनी के शेयरों का पर्याप्त अधिग्रहण
- निरीक्षण का काम
- प्रतिभूति बाजार के स्टॉक एक्सचेंज बिचौलियों व नियामक संगठनों का नियंत्रण करना
- कैपिटल इश्यू 1947 और सिक्योरिटीज कंस्ट्रक्शन अधिनियम 1956 के प्रावधानों में उल्लेखित किए गए सभी कार्यों को करना
SEBI के कार्य – SEBI के कार्यों को सेबी एक्ट 1992 में संवैधानिक निकाय के रूप में इसकी स्थापना के बाद सूचीबद्ध किया गया था। सेबी की प्रमुख भूमिका भारत में पूंजी शेयर बाजार के तीनों पक्षों अर्थात सिक्योरिटीज, ट्रेडर्स और निवेशक, मध्यस्थ की जरूरतों को पूरा करना प्रमुख कार्य में शामिल है।
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