कैसे तय होती है WPI आधारित महंगाई की दर
थोक मूल्‍य सूचकांक में वस्‍तुओं को तीन हिस्‍सों में बांटा जाता है. इसमें प्राइमरी आर्टिकल (खाद्य व गैर-खाद्य वस्‍तुएं), ईंधन और विनिर्मित वस्‍तुएं शामिल की जाती हैं. खाद्य वस्‍तुओं में अनाज, गेहूं, दाल, सब्‍जी, फल, दूध, अंडा, मांस-मछली और गैर-खाद्य में तेज के बीज, क्रमड ऑयल, खनिज संसाधनों को शामिल किया है. ईंधन में पेट्रोल, डीजल, पीएनजी, सीएनजी और एलपीजी को शामिल किया जाता है. वहीं, विनिर्मित वस्‍तुओं में कपड़े, रेडिमेड गारमेंट्स, सीमेंट, चीनी, कैमिकल को शामिल किया जाता है. इन चीजों के दामों में आने वाले अंतर के आधार पर थोक महंगाई दर तय की जाती है.

महंगाई दर में बदलाव को तय करने के लिए सैकड़ों वस्‍तुओं के दामों में आए अंतर का आकलन करना पड़ता है.

Inflation Knowledge: महंगाई कैसे घट या बढ़ जाती है? खुदरा महंगाई दर तय करने में सीडी, ऑडियो-वीडियो कैसेट की भी है भूमिका

महंगाई दर में बदलाव को तय करने के लिए सैकड़ों वस्‍तुओं के दामों में आए अंतर का आकलन करना पड़ता है.

महंगाई दर में बदलाव को तय करने के लिए सैकड़ों वस्‍तुओं के दामों में आए अंतर का आकलन करना पड़ता है.

हाइलाइट्स

खुदरा मूल्‍य सूचकांक 299 चीजों के दामों के आधार पर मापा जाता है.
WPI में शामिल वस्‍तुओं को ईंधन समेत तीन कैटेगरी में बांटा गया है.
महंगाई दर बढ़ने या घटने का असर सापेक्ष शक्ति सूचकांक संकेतक आम आदमी की जेब पर पड़ता है.

नई दिल्ली. खाने-पीने की वस्तुओं, मैन्युफैक्‍चर्ड प्रोडक्‍ट्स, पेट्रोल-डीजल की कीमतों में नरमी के चलते थोक महंगाई दर नवंबर में 21 महीने के निचले स्‍तर 5.85 फीसदी पर पहुंच गई है. थोक महंगाई दर 19 महीने तक 10 फीसदी से ऊपर रहने के बाद अक्‍टूबर 2022 में 8.39 फीसदी रह गई थी. क्‍या आपको पता है कि थोक और खुदरा महंगाई दर कैसे तय होती है? इन्‍हें तय करने में किन किन चीजों की कीमतों की भूमिका रहती है? आइए जानते हैं ऐसे ही अहम सवालों के जवाब.

महंगाई को थोक मूल्य सूचकांक (WPI) और उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) के जरिये मापकर तय किया जाता है. इनसे पता सापेक्ष शक्ति सूचकांक संकेतक चलता है कि वस्‍तुओं के थोक और खुदरा मूल्यों में कितना बदलाव हुआ है. खुदरा मूल्‍य सूचकांक को 299 चीजों की कीमतों के आधार पर मापा जाता है. इसमें ऐसे कई सामान हैं, जिनका अब हम इस्‍तेमाल तक नहीं करते हैं. खुदरा महंगाई दर तय करने में क्रूड ऑयल, कमोडिटी प्राइस, उत्पादन लागत के अलावा कई चीजों की भूमिका होती है.

सापेक्ष शक्ति सूचकांक संकेतक

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उत्तर प्रदेश उन कुछ पहले राज्यों में से है जिन्होंने जीवन और कार्य को कंप्यूटर आधारित बनाने के लिए सूचना तंत्र का आधारभूत ढांचा स्थापित किया | इस आधारभूत सूचना और संचार तंत्र को अधिक शक्तिशाली बनाने के निमित्त राज्य अपने सामाजिक आर्थिक परिदृश्य में संपर्क व दूरसंचार सेवाओं को बढ़ा कर, विशेष रूप से ग्रामीण व सुदूर क्षेत्रों में एक समान व समयबद्ध तरीके से,उत्कृष्ट बुनियादी ढांचा जो तीव्र न्यायसंगत व समावेशी आर्थिक विकासोन्मुख हो, बनाना चाहता है |

उपरोक्त के संदर्भ में, उत्तर प्रदेश सरकार ने “राइट ऑफ वे रूल्स – 17” नाम से एक परियोजना का प्रारम्भ किया जिसका सृजन इस उद्देश्य से हुआ था कि राज्य सरकार ग्रामीण और सुदूरवर्ती क्षेत्रों में विशेष बल देकर उत्कृष्ट दूरसंचार सेवाएँ विकसित करना व तीव्र और एकीकृत सामाजिक आर्थिक विकास करना सुनिश्चित कर सके | यह राज्य सरकार को शक्ति प्रदान करता है

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The overall objectives and framework of rules and regulations सापेक्ष शक्ति सूचकांक संकेतक of the organization are laid down in the MoA & AoA. Organizations processes are defined for technical activities. All these are periodically reviewed and updated. The Central Govt. rules are followed in such cases for which DIC Bye-Laws / processes do not have provisions.

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  • News18 हिंदी
  • Last Updated : December 14, 2022, 17:37 IST
खुदरा मूल्‍य सूचकांक 299 चीजों के दामों के आधार पर मापा जाता है.
WPI में शामिल वस्‍तुओं को ईंधन समेत तीन कैटेगरी में बांटा गया है.
महंगाई दर बढ़ने या घटने का असर आम आदमी की जेब पर पड़ता है.

नई दिल्ली. खाने-पीने की वस्तुओं, मैन्युफैक्‍चर्ड प्रोडक्‍ट्स, पेट्रोल-डीजल की कीमतों में नरमी के चलते थोक महंगाई दर नवंबर में 21 महीने के निचले स्‍तर 5.85 फीसदी पर पहुंच गई है. थोक महंगाई दर 19 महीने तक 10 फीसदी से ऊपर रहने के बाद अक्‍टूबर 2022 में 8.39 फीसदी रह गई थी. क्‍या आपको पता है कि थोक और खुदरा महंगाई दर कैसे तय होती है? इन्‍हें तय करने में किन किन चीजों की कीमतों की भूमिका रहती सापेक्ष शक्ति सूचकांक संकेतक है? आइए जानते हैं ऐसे ही अहम सवालों के जवाब.

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