क्रिप्टो करेंसी से होने वाली कमाई पर 30 फीसदी टैक्स देना होगा।

डेली अपडेट्स

यह एडिटोरियल 14/09/2022 को लाइवमिंट में प्रकाशित “Let’s take an inclusive approach to the regulation of crypto assets” लेख पर आधारित है। इसमें भारत में क्रिप्टोकरेंसी के भविष्य और संबंधित मुद्दों के बारे में चर्चा की गई है।

संदर्भ:

भारत में और विश्व भर में खरीद, बिक्री और ट्रेडिंग जैसी वित्तीय गतिविधियों को सुविधाजनक बनाने के एक माध्यम के रूप में निवेशकों के बीच क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) की मात्रा और लोकप्रियता में वृद्धि हुई है। संयुक्त राष्ट्र व्यापार और विकास अभिसमय रिपोर ्ट 2021 के अनुसार, वर्ष 2021 में 7.3% भारतीय क्रिप्टोकरेंसी का स्वामित्व रखते थे।

यह सराहनीय है कि भारत जीवन के लगभग हर पहलू में ही तेज़ी से डिजिटलीकरण की ओर आगे बढ़ रहा है लेकिन इसके साथ ही एक अंतर्निहित चिंता भी है जिस पर तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है। चिंता यह है कि वर्तमान में भारत के Cryptocurrency का फायदा क्या है और नुकसान क्या है पास क्रिप्टो परिसंपत्ति बाज़ार को नियंत्रित करने के लिये कोई भी नियामक ढाँचा मौजूद नहीं है।

एक नियामक ढाँचे की अनुपस्थिति न केवल इस क्षेत्र में प्रवेश करने के इच्छुक व्यवसायों के लिये अनिश्चितता की स्थिति उत्पन्न करती है, बल्कि निवेशकों के लिये परिहार्य धोखाधड़ी का जोखिम भी पैदा करती है। एक अविनियमित पारितंत्र मनी लॉन्ड्रिंग, धोखाधड़ी और आतंक वित्तपोषण को भी अवसर प्रदान कर सकती है।

क्रिप्टोकरेंसी क्या है?

  • क्रिप्टोकरेंसी रुपया या अमेरिकी डॉलर की ही तरह विनिमय का एक माध्यम है, लेकिन यह प्रारूप में डिजिटल है जो मौद्रिक इकाइयों के सृजन को नियंत्रित करने और धन के विनिमय को सत्यापित करने के लिये एन्क्रिप्शन तकनीकों (Encryption techniques) का उपयोग करती है।
  • बिटकॉइन (Bitcoin) विश्व की सबसे प्रसिद्ध क्रिप्टोरेंसी है जो बाज़ार पूंजीकरण के अनुसार विश्व की सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी भी है।
  • अधिकांश क्रिप्टोकरेंसी को राष्ट्रीय सरकारों द्वारा विनियमित नहीं किया जाता है; उन्हें वैकल्पिक मुद्रा या वित्तीय विनिमय के साधन के रूप में देखा जाता है जो राज्य की मौद्रिक नीति के दायरे से बाहर होते हैं।
    • सितंबर 2021 में अल साल्वाडोर विश्व का ऐसा पहला देश बन गया जिसने बिटकॉइन को वैध मुद्रा/लीगल टेंडर के रूप में मान्यता प्रदान की।

    क्रिप्टोकरेंसी के विनियमन के मामले में भारत की स्थिति

    • वर्ष 2017 में भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने एक चेतावनी जारी कर आगाह किया कि वर्चुअल करेंसी या क्रिप्टोकरेंसी भारत में वैध मुद्रा नहीं हैं।
    • हालाँकि इन आभासी मुद्राओं पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया गया।
    • वर्ष 2019 में RBI ने क्रिप्टोकरेंसी के ट्रेडिंग, माइनिंग, होल्डिंग या हस्तांतरण/उपयोग को भारत में वित्तीय जुर्माने या/और 10 वर्ष तक के कारावास के दंड के अधीन घोषित किया।
      • RBI ने यह घोषणा भी की कि वह भविष्य में भारत में डिजिटल रुपए को वैध मुद्रा के रूप में लॉन्च कर सकता है।
      • आभासी परिसंपत्ति/क्रिप्टोकरेंसी के रूप में प्राप्त उपहारों के मामले में प्राप्तकर्ता पर कर लगाया जाएगा।

      क्रिप्टोकरेंसी से संबद्ध संदिग्ध क्षेत्र

      • अस्थिर प्रकृति: क्रिप्टोकरेंसी एक तरह का सट्टा है। इसमें अधिक मात्रा में निवेश बाज़ार अस्थिरता (Market Volatility) उत्पन्न करता है, यानी कीमतों में उतार-चढ़ाव को अवसर देता है जिसके परिणामस्वरूप लोगों को भारी नुकसान हो सकता है।
      • विश्वसनीयता और सुरक्षा: चूँकि क्रिप्टोकरेंसी लेन-देन का एक डिजिटल मोड है, यह हैकर्स, आतंकी वित्तपोषण और ड्रग लेनदेन के लिये एक अत्यंत आम मंच बन गया है।
        • उदाहरण के लिये, अपराधियों द्वारा बिटकॉइन में फिरौती का भुगतान करने के लिये ‘वन्नाक्राई’ वायरस का उपयोग किया गया था।
        • इसके अलावा, क्रिप्टोकरेंसी को मुद्रा, वस्तु या प्रतिभूति के रूप में परिभाषित नहीं किया गया है।
        • उदाहरण के लिये, भारत में केवल RBI के पास ही नकदी सृजन का अधिकार है जिसे वह न्यूनतम रिज़र्व सिस्टम बनाए रखते हुए करता है। यह मांग और आपूर्ति का एक संतुलन बनाए रखता है।
          • लेकिन क्रिप्टोकरेंसी वित्तीय संस्थागत नियमों पर निर्भर नहीं होती बल्कि एन्क्रिप्टेड और प्रोटेक्टेड होती है जिससे पूर्वनिर्धारित एल्गोरिथम रेट पर धन की आपूर्ति में वृद्धि करना कठिन हो जाता है।

          आगे की राह

          • क्रिप्टोकरेंसी को परिभाषित करना: क्रिप्टोकरेंसी को संबंधित राष्ट्रीय कानूनों के तहत प्रतिभूतियों या अन्य वित्तीय साधनों के रूप में स्पष्ट रूप से परिभाषित किया जाना चाहिये।
          • स्टार्टअप पारितंत्र को क्रिप्टो से जोड़ना: भारत के स्टार्टअप पारितंत्र को क्रिप्टोकरेंसी और ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी द्वारा नई ऊर्जा प्रदान की जा सकती है, जहाँ ब्लॉकचेन डेवलपर्स, डिज़ाइनर, प्रोजेक्ट मैनेजर, बिजनेस एनालिस्ट, प्रमोटर्स और मार्केटर्स जैसे कई रोज़गार अवसर सृजित हो सकते हैं।
          • अंतर्राष्ट्रीय सहयोग की धुरी: चूँकि क्रिप्टो परिसंपत्ति राष्ट्रीय सीमाओं को पार करती है, वे वित्तीय बाज़ार शासन के अंतर्राष्ट्रीय समन्वयन के लिये एक धूरी या लिंचपिन के रूप में कार्य कर सकती हैं।
            • हालाँकि भारत जैसी कई उभरती और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं (emerging and developing economies- EMDEs) में क्रिप्टो परिसंपत्ति का विनियमन अभी नवजात अवस्था में ही है।
            • क्रिप्टोकरेंसी प्रवाह को विनियमित करने के लिये एक जोखिम-आधारित और संदर्भ-विशिष्ट अंतर्राष्ट्रीय सहयोग अत्यंत आवश्यक है।
            • डिजिटल मुद्रा एक अधिक कुशल और सस्ती मुद्रा प्रबंधन प्रणाली को भी बढ़ावा देगी।
            • हालाँकि CBDC को ब्लॉकचेन प्रौद्योगिकी का पूरा लाभ उठाने के लिये अन्य क्रिप्टोकरेंसी के साथ तालमेल बिठाए रखने की भी आवश्यकता होगी।

            अभ्यास प्रश्न: ‘‘यह उपयुक्त समय है कि भारत क्रिप्टोकरेंसी पर अपने ‘वेट एंड वाच’ नीति से आगे कदम बढाए।’’ टिप्पणी करें।

            UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न:

            प्रश्न:“ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी” के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (वर्ष 2020)

            1. यह एक सार्वजनिक बहीखाता है जिसका निरीक्षण हर कोई कर सकता है, लेकिन जिसे कोई एकल उपयोगकर्त्ता नियंत्रित नहीं करता है।
            2. ब्लॉकचेन की संरचनाऔर डिज़ाइन ऐसा है कि इसमें मौजूद सारा डेटा क्रिप्टोकरेंसी के बारे में ही होता है ।
            3. ब्लॉकचेन की बुनियादी सुविधाओं पर निर्भर एप्लीकेशन बिना किसी की अनुमति के विकसित किये जा सकते हैं।

            उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

            (a) केवल 1
            (b) केवल 1 और 2
            (c) केवल 2
            (d) केवल 1 और 3

            उत्तर: (d)

            प्रश्न. हाल ही में कभी-कभी समाचारों में आने वाले शब्द 'वानाक्राई, पेट्या और इंटर्नलब्लू' निम्नलिखित में से किससे संबंधित हैं (2018)

            (a) एक्सोप्लैनेट
            (b) क्रिप्टोकरेंसी
            (c) साइबर हमले
            (d) लघु उपग्रह

            उत्तर: (c)

            मेन्स:

            प्रश्न . क्रिप्टोकरेंसी क्या है? यह वैश्विक समाज को कैसे प्रभावित करता है? क्या यह भारतीय समाज को भी प्रभावित कर रहा है? (2021)

            क्रिप्टो करेंसी क्या है

            प्रत्येक देश की अपनी एक करेंसी अर्थात मुद्रा होती हैं और उसका एक निश्चित नाम भी होता है, जैसे कि भारत में रूपया, अमेरिका में डालर, अरब का रियाल आदि | किसी भी देश की करेंसी के माध्यम से उस देश की अर्थव्यवस्था संचालित होती है |

            इन सभी करेंसी को आप देख सकते है, अपनें पास एकत्र कर सकते है परन्तु आज की इस डिजिटल दुनिया में एक नई तरह की करेंसी आ गयी है, जिसे न ही हम देख सकते है और ना ही हम छू सकते है, क्योंकि यह डिजिटल फॉर्म में होती हैं | इस डिजिटल करेंसी का नाम क्रिप्टोकरेंसी है | क्रिप्टो करेंसी क्या है, क्रिप्टो करेंसी के प्रकार व नाम के बारें में आपको यहाँ पूरी जानकारी विधिवत रूप से दे रहे है |

            क्रिप्टो करेंसी का क्या मतलब होता है ?

            Table of Contents

            क्रिप्टो करेंसी एक ऐसी मुद्रा है, जो कंप्यूटर एल्गोरिथ्म पर बनी होती है | यह एक ऐसी मुद्रा है, जिसे किसी भी देश की सरकार लागू नहीं करती है | इस मुद्रा पर किसी देश, राज्य या किसी अथॉरिटी का नियंत्रण नहीं होता है अर्थात यह एक स्वतंत्र मुद्रा है, जो डिजिटल रूप में होती है इसके लिए क्रिप्टोग्राफी का प्रयोग किया जाता है। क्रिप्टो करेंसी द्वारा आप किसी भी तरह की वस्तु या सेवाएं खरीद या बेच सकते हैं।

            क्रिप्टो करेंसी की शुरुआत सबसे पहले जापान के सतोषी नाकमोतो नामक इंजीनियर नें वर्ष 2009 में की थी और पहली क्रिप्टो करेंसी का नाम बिटकॉइन है | हालाँकि शुरुआत में इसे कोई खास सफलता नहीं मिली परन्तु कुछ समय बाद यह काफी प्रचलित हुई और इसकी कीमत आसमान छूने लगी और धीरे-धीरे यह पूरी दुनिया में फ़ैल गयी |

            क्रिप्टो करेंसी के प्रकार (Types Of Crypto Currency)

            वर्तमान समय में लगभग 1 हजार से अधिक क्रिप्टोकरेंसी मार्केट में उपलब्ध हैं, परन्तु इनमें से कुछ क्रिप्टो करेंसी ऐसी है, जिनका उपयोग सबसे अधिक किया जा रहा है, इनके नाम इस प्रकार है-

            बिटकाइन (Bitcoin)

            बिटकॉइन दुनिया की सबसे महंगी क्रिप्टोकरेंसी है, मुख्य रूप से इसका उपयोग बड़े-बड़े सौदो में किया जाता है|

            सिया कॉइन (Sia Coin)

            सिया कॉइन को एससी के नाम से भी जाना जाता है, ग्रोथ करने के मामले में बिटकॉइन के बाद सियाकॉइन का नंबर आता है |

            लाइटकॉइन (Lite Coin)

            लाइटकॉइन का अविष्कार वर्ष 2011 में चार्ल्स ली द्वारा किया गया था, यह क्रिप्टोकरेंसी भी बिटकॉइन की तरह ही हैं, जोकि डीसेंट्रलाइज्ड भी हैं और साथ ही पीर टू पीर टेक्नोलॉजी के तहत कार्य करती हैं |

            डैश (Dash)

            यह दो शब्दों डिजिटल और कैश को मिलकर बनाया गया है | इस क्रिप्टोकरेंसी को बिटकॉइन की तुलना में अधिक विशेषताओं के साथ शुरू किया गया है | अन्य क्रिप्टोकरेंसी की अपेक्षा इसमें सुरक्षा को अधिक महत्व दिया जाता है | इसमें एक विशेष प्रकार की एल्गोरिथम और टेक्नोलॉजी का प्रयोग किया जाता है |

            रेड कॉइन (Red Coin)

            रेड कॉइन एक ऐसी क्रिप्टो करेंसी हैं, जिसका उपयोग विशेष अवसरों पर लोगों को टिप देने के लिए किया जाता है।

            एसवाईएस कॉइन (SYS Coin)

            एसवाईएस कॉइन एक ऐसी क्रिप्टो करेंसी हैं, जो अन्य क्रिप्टो करेंसी की अपेक्षा बहुत ही तेज गति से कार्य करती है | मुख्य रूप से इसका प्रयोग पैसों के लेनदेन में जैसे संपत्ति को खरीदने या बेचने आदि में किया जाता है | एसवाईएस कॉइन, बिटकॉइन का एक भाग है जो डीप वेब में कार्य करता है।

            ईथर और ईथरम (Ether Or Etherm)

            इस करेंसी का प्रयोग इंटरचेंज करेंसी के Cryptocurrency का फायदा क्या है और नुकसान क्या है रूप में किया जाता है | यह प्रकार का टोकन होता है, जिसका प्रयोग ईथरम ब्लाक चैन के अंतर्गत लेन-देन के लिए किया जाता है |

            मोनेरो (Monero)

            मोनेरो एक अलग तरह की क्रिप्टोकरेंसी है, जिसमें एक विशेष प्रकार की सिक्यूरिटी का प्रयोग किया जाता है, जिसे रिंग सिग्नेचर का नाम दिया गया है | इसका सबसे अधिक प्रयोग डार्क वेब और ब्लॉक मार्केट में किया जाता है | इस करेंसी की सहायता से स्मगलिंग, ब्लैक मार्केटिंग आदि की जाती है |

            क्रिप्टो करेंसी पर टैक्स से सरकार को होंगे कई फायदे, जानिए CBDT के चेयरमैन ने कही ये बात

            क्रिप्टोकरेंसी से होने वाली कमाई पर 30 फीसदी टैक्स लगाने के बाद साफ हो गया है कि, क्रिप्टोकरेंसी की ट्रेडिंग से जुड़े कानून भी जल्द ही तैयार किए जा सकते है। ऐसे में जिन लोगों के पास बड़ी संख्यार में क्रिप्टोकरेंसी थी उन्हें अब इसके बैन नहीं होने से राहत मिलेगी।

            क्रिप्टो करेंसी पर टैक्स से सरकार को होंगे कई फायदे, जानिए CBDT के चेयरमैन ने कही ये बात

            क्रिप्टो करेंसी से होने वाली कमाई पर 30 फीसदी टैक्स देना होगा।

            वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आम बजट में ऐलान कर दिया कि, क्रिप्टो करेंसी से होने वाली कमाई पर 30 फीसदी टैक्स देना होगा। वहीं जानकारों का कहना है कि, देश में अभी तक 2 लाख से ज्यादा लोगों ने क्रिप्टो करेंसी में निवेश किया हुआ है। लेकिन अभी तक इसका कोई आधिकारिक आंकड़ा मौजूद नहीं है। ऐसे में सरकार के पास क्रिप्टो करेंसी में किए गए कुल निवेश की भी सटीक जानकारी नहीं है। इसीलिए सरकार ने आम बजट में क्रिप्टो करेंसी पर टैक्स लगाने का निर्णय किया है।

            क्रिप्टोकरेंसी के बिजनेस में आएगी पारदर्शिता – अभी तक उम्मीद की जा रही थी सरकार क्रिप्टोकरेंसी पर बैन लगा सकती है। लेकिन एक बड़े वर्ग को उम्मीद थी कि, सरकार इससे जुड़े नियम और कानून लागू कर सकती है। लेकिन क्रिप्टोकरेंसी से होने वाली कमाई पर 30 फीसदी टैक्स लगाने के बाद साफ हो गया है कि, क्रिप्टोकरेंसी की ट्रेडिंग से जुड़े कानून भी जल्द ही तैयार किए जा सकते है। ऐसे में जिन लोगों के पास बड़ी संख्यार में क्रिप्टोकरेंसी थी उन्हें अब इसके बैन नहीं होने से राहत मिलेगी।

            केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड के चेयरमैन ने कही ये बात – केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) चेयरमैन जे बी महापात्र ने कहा है कि बजट में क्रिप्टो करेंसी या ऑनलाइन डिजिटल संपत्तियों को कर के दायरे में लाने की घोषणा आयकर विभाग के लिये देश में इस मुद्रा के कारोबार की ‘गहराई’ का पता लगाने, निवेशकों तथा उनके निवेश की प्रकृति को जानने में मददगार होगी। उन्होंने यह भी कहा कि इस कदम का मतलब यह नहीं है कि क्रिप्टो करेंसी में लेनदेन वैध हो जाएगा। महापात्र ने कहा कि कर अधिकारियों के लिये इस क्षेत्र में प्रवेश का यह सही समय है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को संवाददाताओं से कहा कि क्रिप्टो करेंसी को लेकर सरकार विभिन्न पक्षों के साथ विचार-विमर्श कर रही है और उससे निकलने वाले निष्कर्ष के आधार पर राष्ट्रीय नीति और नियमन तैयार किये जाएंगे।

            Himachal Pradesh Assembly Elections 2022 Exit Poll: एग्‍ज‍िट पोल नतीजों की अंदरूनी खबर से टेंशन में बीजेपी!

            Ravindra Jadeja: पति के मुकाबले चुटकी भर है रिवाबा जडेजा की संपत्ति, लग्जरी गाड़ियों से आलीशान बंगलों तक के मालिक हैं रविंद्र जडेजा

            वित्त मंत्री ने 2022-23 के बजट में क्रिप्टोकरेंसी और अन्य डिजिटल Cryptocurrency का फायदा क्या है और नुकसान क्या है संपत्तियों पर कराधान को स्पष्ट किया। उन्होंने ऐसी संपत्तियों में लेन-देन पर होने वाली आय को लेकर 30 प्रतिशत कर लगाने का प्रस्ताव किया। साथ ही एक सीमा से अधिक के लेन-देन पर एक प्रतिशत टीडीएस (स्रोत पर कर कटौती) लगाने का भी प्रस्ताव किया। महापात्र ने कहा, ‘‘विभाग किसी भी लेनदेन की वैधता पर निर्णय नहीं लेता है। आयकर विभाग और आयकर अधिनियम केवल यह देखता है कि आपने जो लेन-देन किये हैं, क्या उससे आय सृजित हुई है या नहीं। हम इसके लिये नहीं हैं कि आय वैध है या नहीं, बल्कि हमारा काम आय पर कर लगाने का है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यही कारण है कि मैं कहूंगा कि नये कानून के तहत क्रिप्टोकरेंसी पर कर लगाना कोई इसे वैध नहीं बनाता…।’’ महापात्र ने कहा कि क्रिप्टो करेंसी में कारोबार या डिजिटल संपत्तियों में कारोबार केवल इसलिए वैध नहीं हो जाता कि आपने उस पर कर दिया है।

            सीबीडीटी प्रमुख ने कहा, ‘‘क्रिप्टोकरेंसी के लिये राष्ट्रीय स्तर पर नीति निर्माण का काम जारी है। आयकर विभाग इस क्षेत्र में ऐसे समय प्रवेश कर रहा है जब नीति पर काम जारी है। अत: मैं कहूंगा कि विभाग के लिये इस बाजार में प्रवेश का सही समय है।’’ महापात्र ने कहा कि जब कोई इकाई डिजिटल व्यापार पर किसी लाभ या अधिशेष की घोषणा करती है, तो उन्हें यह भी बताना होता है कि उनके पास निवेश के लिए पैसा कहां से आया है और यदि निवेश उचित और न्यायोचित है, तो अधिशेष पर कर लगाया जाएगा। उन्होंने कहा, ‘‘कराधान Cryptocurrency का फायदा क्या है और नुकसान क्या है व्यवस्था से हमें यह जानने में भी मदद मिलेगी कि क्या निवेश गलत तरीके से किया गया है या अवैध है। अगर वह बेहिसाब आय डाल रहा है या यह किसी और की ‘बेनामी’ संपत्ति है, तो उसके बाद आगे की कार्रवाई होगी।’’ महापात्र ने कहा कि इसीलिए हम न केवल अधिशेष को देख रहे हैं बल्कि हम संबंधित इकाई द्वारा किये जा रहे निवेश की प्रकृति को भी देख रहे हैं।

            ऑनलाइन डिजिटल मुद्रा भुगतान पर देना होगा TDS – बजट में एक साल में 10,000 रुपये से अधिक ऑनलाइन डिजिटल मुद्रा भुगतान पर एक प्रतिशत टीडीएस लगाने का भी प्रस्ताव है। साथ ही इस प्रकार की संपत्ति उपहार देने पर भी काराधान का प्रस्ताव किया गया है। टीडीएस के लिये सीमा निर्धारित व्यक्तियों के लिये 50,000 रुपये सालाना होगी। इसमें व्यक्ति/हिंदू अविभाजित परिवार शामिल हैं। उन्हें आयकर कानून के तहत अपने खातों का ऑडिट कराने की जरूरत होगी। साथ ही इसमें किसी प्रकार के व्यय या भत्ते को लेकर कटौती का कोई प्रावधान नहीं है। देश में क्रिप्टो अर्थव्यवस्था के मौजूदा अनुमान के बारे में पूछे जाने पर सीबीडीटी प्रमुख ने कहा कि वह सही आंकड़ों के अभाव में कोई अनुमान देने की स्थिति में नहीं हैं।

            Legal Crypto: क्या मुमकिन है लीगल क्रिप्टो की दुनिया? जानें क्या हैं खतरे और फायदे

            Legal Crypto: क्रिप्टो पर दुनिया के सामने दो विकल्प हैं एक विकल्प साधन को विनियमित करने का है तो दूसरा रास्ता इसे पूरी तरह से प्रतिबंधित करने का है।

            Ramkrishna Vajpei

            Legal Crypto

            Legal Crypto (PHOTO:social media )

            Legal Crypto: क्रिप्टो की तेजी से पिघलती दुनिया के बीच, भारत सरकार ने जी 20 देशों की शिखर बैठक के दौरान इस मुद्रा के अस्थिर साधन को विनियमित करने पर निर्णय लेने की मांग की है इसकी वजह यह है कि सरकार इसके विनियमित करने के विकल्पों का आकलन कर रही है। यह जानकारी शीर्ष अधिकारियों ने दी है।

            क्रिप्टो पर दुनिया के सामने दो विकल्प हैं एक विकल्प साधन को विनियमित करने का है तो दूसरा रास्ता इसे पूरी तरह से प्रतिबंधित करने का है, जैसा कि आरबीआई द्वारा सुझाया भी गया है। लेकिन एक अंतिम प्रयास अभी बाकी है क्योंकि नियामक एजेंसियां और सरकार के विभिन्न विंग सबसे अच्छे समाधान का आकलन कर रहे हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है कि अमेरिकी ट्रेजरी सचिव जेनेट येलेन ने इसे विनियमित करने के संयुक्त प्रयासों का आह्वान किया है।

            अधिकारी ने कहा, क्रिप्टो करेंसी के जोखिमों और कुछ लाभों के आधार पर विचार कर हमें विश्व स्तर पर एक उच्च नियामक मानक की आवश्यकता है, हमें सीमा पार भुगतान की लागत को कम करने के लिए कदम उठाने की भी आवश्यकता है और हम वित्तीय स्थिरता के संदर्भ में बहुत सक्रिय रूप से वित्तीय कार्रवाई कार्य बल और आईएमएफ जैसे बहुपक्षीय बैंकों के साथ काम कर रहे हैं ताकि वैश्विक स्तर पर इस संकट को वास्तविक रूप में संबोधित किया जा सके।

            सरकारी अधिकारियों ने कहा कि देशों के इस संबंध में अलग-अलग विचार हैं, जो इस बात पर निर्भर करता है कि उनके हित में क्या है। एक अधिकारी ने तर्क दिया कि अमेरिका जैसा देश प्रतिबंध के पक्ष में नहीं हो सकते हैं क्योंकि क्रिप्टो करेंसी वैश्विक अर्थव्यवस्था के डॉलरीकरण में सहायता करेगी।

            क्रिप्टो जैसे उपकरण से जुड़े कई लाभ

            वे यह भी स्वीकार करते हैं कि प्रतिबंध सबसे अच्छा विकल्प नहीं हो सकता है, यह देखते हुए कि इसे रोकने के तरीके हैं और एक फुल प्रूफ तंत्र होना असंभव है। इसके अलावा, कई अन्य का तर्क है कि क्रिप्टो जैसे उपकरण से जुड़े कई लाभ हैं और कोई भी देश इस तरह के उपकरण से पूरी तरह अलग नहीं हो सकता है।

            आरबीआई ने इस आधार पर प्रतिबंध लगाने का तर्क दिया है कि क्रिप्टो करेंसी जैसे साधन के पास इसे वापस करने के लिए कोई अंतर्निहित संपत्ति नहीं है। केंद्रीय बैंक ने कहा है कि Cryptocurrency का फायदा क्या है और नुकसान क्या है क्रिप्टोकरेंसी को अनुमति देने से मुद्रा और वित्तीय बाजारों को विनियमित करना कठिन हो जाएगा। इसके अलावा डॉलरीकरण का खतरा भी रहेगा। इसके अलावा, बैंक ने कर चोरी और मनी लॉन्ड्रिंग से संबंधित चिंताओं को भी रेखांकित किया है। यह कुछ ऐसा है जो इसका समर्थन करने वाले नियमों से मुकाबले को कठिन बना रहा है।

            ईडी जैसी जांच एजेंसियों द्वारा हाल की Cryptocurrency का फायदा क्या है और नुकसान क्या है कार्रवाई से आरबीआई के पक्ष को बल मिलता है, जिन्होंने देश से अवैध रूप से धन निकालने के उदाहरण पाए हैं। नियमन पर, पीएम नरेंद्र मोदी और साथ ही एफएम निर्मला सीतारमण ने तर्क दिया है कि किसी एक देश के लिए एकतरफा कदम उठाना मुश्किल हो सकता है और इसके लिए वैश्विक प्रयास की आवश्यकता है। जिस पर सबको मिलकर विचार करना चाहिए।

रेटिंग: 4.35
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 735