विदेशी मुद्रा भंडार में आई 9.65 अरब डॉलर की गिरावट, गोल्ड रिजर्व में आया उछाल
Foreign Exchange Reserves: देश का विदेशी मुद्रा भंडार 11 मार्च को समाप्त सप्ताह में 9.646 अरब डॉलर घटकर 622.275 अरब डॉलर पर आ गया.
By: पीटीआई, एजेंसी | Updated at : 19 Mar 2022 02:34 PM (IST)
विदेशी मुद्रा भंडार (फाइल फोटो)
Foreign Exchange Reserves: देश का विदेशी मुद्रा भंडार 11 मार्च को समाप्त सप्ताह में 9.646 अरब डॉलर घटकर 622.275 अरब डॉलर पर आ गया. भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) ने शुक्रवार को यह जानकारी दी है. इससे पहले चार मार्च को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 39.4 करोड़ डॉलर बढ़कर 631.92 अरब डॉलर हो गया था. इससे पूर्व तीन सितंबर, 2021 को समाप्त सप्ताह में विदेशीमुद्रा भंडार 642.453 अरब डॉलर के रिकार्ड स्तर पर जा पहुंचा था.
आरबीआई ने जारी किए आंकड़े
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के शुक्रवार को जारी साप्ताहिक आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट, विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियों (FCA) के घटने की वजह से आई जो कुल मुद्राभंडार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होता है.
FCA में हुआ इजाफा
आंकड़ों के मुताबिक, 11 फरवरी को समाप्त सप्ताह में एफसीए 11.108 अरब डॉलर घटकर 554.359 अरब डॉलर रह गया. डॉलर में अभिव्यक्त विदेशी मुद्रा भंडार में रखे जाने वाले विदेशी मुद्रा आस्तियों में यूरो, पौंड और येन जैसे गैर अमेरिकी मुद्रा के मूल्यवृद्धि अथवा मूल्यह्रास के प्रभावों को शामिल किया जाता है.50 विदेशी मुद्रा जमा
गोल्ड रिजर्व में भी हुआ इजाफा
आलोच्य सप्ताह में स्वर्ण भंडार (Gold Reserve) 1.522 अरब डॉलर बढ़कर 43.842 अरब डॉलर हो गया. समीक्षाधीन सप्ताह में अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के पास जमा विशेष आहरण अधिकार (SDR) 5.3 करोड़ डॉलर घटकर 18.928 अरब डॉलर रह गया. आईएमएफ में रखे देश का मुद्रा भंडार 70 लाख डॉलर घटकर 5.146 अरब डॉलर रह गया.
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Published at : 19 Mar 2022 02:34 PM (IST) Tags: Reserve Bank of India RBI Governor gold reserve foreign exchange reserves Forex reserves 50 विदेशी मुद्रा जमा हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Business News in Hindi
विदेशी मुद्रा परिचालन
एसआईटीबी में विदेशी मुद्रा डीलिंग डेस्क, सभी आधुनिक संचार सुविधाओं, रिउटरस स्वचालित-डीलिंग प्रणाली के माध्यम से अपनी सभी अधिकृत शाखाओं के साथ विदेशी मुद्रा लेनदेन के लिए ऑनलाइन भाव प्रदान करता है.
बैंक निर्यात और आयात के व्यापार में लगे हुए अपने ग्राहकों की विदेशी मुद्रा की आवश्यकताओं को पूरा करता है और एसआईटीबी सभी विश्व की प्रमुख मुद्राओं जैसे अमेरिकी डॉलर ($), स्टर्लिंग पाउंड, यूरो, स्विस फ्रैंक (स्विस फ्रैंक), जापानी येन और अन्य विदेशी मुद्राओं के रूपांतरण के लिए दरें प्रदान करता है. बैंक के ग्राहकों की सेवाओं में विभिन्न डेरिवेटिव उत्पाद और फॉरवर्ड कवर उपलब्ध कराने के द्वारा विदेशी मुद्रा जोखिम की हेजिंग शामिल हैं.
अपनी अधिकतर विदेशी शाखाएं उन स्थानों पर स्थित होने के कारण जहां अधिक मात्रा में अनिवासी भारतीय रह रहे हैं, बैंक अपने एनआरआई ग्राहकों को तुरंत और कुशलतापूर्वक अपने उत्पाद वितरित करने की स्थिति में है. उत्पाद की रेंज में प्रेषण सुविधाएं और भारतीय रुपए (एनआरई/एनआरओ) में जमा राशि की स्वीकृति के साथ नामित विदेशी मुद्राओं (एफसीएनआर) शामिल हैं. निवासी के साथ साथ भारत लौटने वाले भारतीय निवासी विदेशी मुद्रा खातों (आरएफसी) का लाभ उठा सकते हैं.
ट्रेजरी (विदेशी मुद्रा) उत्पाद के मामले में सहायता के लिए आप एसआईटीबी, मुंबई में हमारे निम्नलिखित प्रभारियों से संपर्क कर सकते है.
जेल में बंद सपा विधायक सोलंकी पर एक और मुकदमा दर्ज, भारत में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी परिवार को प्रमाण पत्र जारी करने का आरोप
जेल में बंद समाजवादी पार्टी के विधायक इरफान सोलंकी पर एक बांग्लादेशी परिवार को प्रमाण पत्र जारी करने से संबंधित एक मामले में मामला दर्ज किया गया है, जिसका इस्तेमाल आधार सहित भारतीय दस्तावेजों को प्राप्त करने के लिए किया गया था। पुलिस ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
सोलंकी 8 नवंबर से जेल में हैं, जब उन्होंने भूमि विवाद के एक मामले में दंगा और आगजनी का मामला दर्ज होने के बाद आत्मसमर्पण कर दिया था। विधायक पर फर्जी आधार का इस्तेमाल 50 विदेशी मुद्रा जमा करने का भी आरोप है।
11 दिसंबर को कानपुर में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी परिवार के चार सदस्यों को फर्जी दस्तावेज रखने के आरोप में गिरफ्तार किया गया, जबकि एक किशोर को पकड़ा गया। पुलिस ने इनके पास से 13 फर्जी पासपोर्ट, पांच आधार कार्ड, शिक्षा प्रमाण पत्र, विदेशी मुद्रा, सोने के गहने और 14 लाख रुपये से अधिक की नकदी बरामद की है।
संयुक्त पुलिस आयुक्त (50 विदेशी मुद्रा जमा कानून व्यवस्था) आनंद प्रकाश तिवारी ने कहा कि पुलिस जांच में पुष्टि हुई है कि जेल में बंद विधायक ने परिवार को प्रमाण पत्र जारी किए थे जिनका इस्तेमाल भारतीय दस्तावेज प्राप्त करने के लिए किया गया था।
अधिकारी ने बताया कि सोलंकी के हस्ताक्षर परिवार को जारी प्रमाणपत्रों से मेल खाते हैं।
सोमवार को जेल में विधायक से मिलने पहुंचे सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि सोलंकी निर्दोष हैं और उन्हें आपराधिक मामलों में झूठा फंसाया गया है।
उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस ने उन्हें सलाखों के पीछे रखने के लिए सोलंकी के खिलाफ झूठे मामले दर्ज किए और उन्हें एक अन्य मामले में फंसाने के लिए फर्जी आधार कार्ड भी बनवाया।
यादव ने विधायक के भाग जाने के फैसले का भी बचाव किया, यह दावा करते हुए कि अगर वह कानपुर से भाग नहीं 50 विदेशी मुद्रा जमा गए होते, तो पुलिस वही करती जो पुलिस हिरासत में मारे गए बलवंत सिंह और मुठभेड़ में मारे गए विकास दुबे के साथ किया।
सपा प्रमुख के सोमवार को शहर छोड़ने के तुरंत बाद, पुलिस अधिकारियों ने मीडियाकर्मियों को बताया कि बांग्लादेशी परिवार की गिरफ्तारी से जुड़े मामले में सोलंकी को आरोपी बनाया गया है।
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भारत का विदेशी कर्ज 8.2 प्रतिशत बढ़कर हुआ 620.7 अरब डालर, घटकर 561 अरब डालर पर आया विदेशी मुद्रा भंडार
India external debt rises देश की मौजूदा आर्थिक सेहत को लेकर केंद्रीय वित्त मंत्रालय की ओर से शुक्रवार को आंकड़े जारी किए गए। इन आंकड़ों के अनुसार देश का विदेशी कर्ज बढ़ा है जबकि विदेशी मुद्रा भंडार में भी कमी आई है।
नई दिल्ली, एजेंसी। भारत का विदेशी कर्ज मार्च, 2022 के अंत में एक साल पहले की तुलना में 8.2 प्रतिशत बढ़कर 620.7 अरब डालर हो गया। वित्त मंत्रालय की ओर से शुक्रवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, देश के इस बाहरी कर्ज का 53.2 प्रतिशत हिस्सा डालर के तौर पर है जबकि भारतीय रुपये के रूप में देय कर्ज 31.2 प्रतिशत है। यही नहीं देश के विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट का दौर जारी है। इसमें लगातार कमी आ रही है।
क्या कहते हैं आंकड़े
वित्त मंत्रालय ने कहा, 'भारत का बाहरी कर्ज सतत और बेहतर तरीके से प्रबंधित है। मार्च, 2022 के अंत में इसका आकार 620.7 अरब डालर था जो एक साल पहले की तुलना में 8.2 प्रतिशत अधिक है। जीडीपी के अनुपात में विदेशी कर्ज 19.9 प्रतिशत था। विदेशी मुद्रा भंडार और बाहरी कर्ज का अनुपात 97.8 प्रतिशत था।'
पहले की तुलना में गिरा विदेशी मुद्रा भंडार
हालांकि बाहरी कर्ज के अनुपात के तौर पर विदेशी मुद्रा भंडार का 97.8 प्रतिशत पर होना एक साल पहले के 100.6 प्रतिशत की तुलना में गिरावट को दर्शाता है। वित्त मंत्रालय की रिपोर्ट कहती है कि देश का दीर्घावधि कर्ज 499.1 अरब डालर है जो कुल बाहरी कर्ज का 80.4 प्रतिशत है जबकि 121.7 अरब डालर के साथ अल्पावधि ऋण की हिस्सेदारी 19.6 प्रतिशत है।
प्रवासी भारतीयों की जमा राशि घटी
एक साल पहले की तुलना में सावरेन कर्ज 17.1 प्रतिशत बढ़कर 130.7 अरब डालर हो गया जबकि गैर-सावरेन ऋण 6.1 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 490.0 अरब डालर रहा। रिपोर्ट के मुताबिक, प्रवासी भारतीयों की जमा राशि दो प्रतिशत घटकर 139.0 अरब डालर रह गई जबकि वाणिज्यिक उधारी 5.7 प्रतिशत बढ़कर 209.71 अरब डालर और अल्पावधि का व्यापार ऋण 20.5 प्रतिशत बढ़कर 117.4 अरब डालर रहा।
561 अरब डालर पर आया विदेशी मुद्रा भंडार
समाचार एजेंसी पीटीआइ की रिपोर्ट के मुताबिक देश के विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट का दौर लगातार 50 विदेशी मुद्रा जमा जारी है और इसमें बीते तीन सप्ताह से कमी आ रही है। आरबीआइ के अनुसार, 26 अगस्त को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 3.007 प्रतिशत की गिरकर 561.046 अरब डालर रह गया है। इससे पहले 19 अगस्त को समाप्त सप्ताह में यह 6.68 अरब डालर घटकर 564.053 अरब डालर रह गया था।
यह रही विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट की वजह
विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट की प्रमुख वजह विदेशी मुद्रा आस्तियों (एफसीए) में कमी आना है। यह विदेशी मुद्रा भंडार का प्रमुख घटक है। आंकड़ों से पता चलता है कि एफसीए 2.571 अरब डालर घटकर 498.645 अरब डालर रह गया है। वहीं, स्वर्ण भंडार 27.1 करोड़ डालर घटकर 39.643 अरब डालर रह गया है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आइएमएफ) के साथ विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर) 15.5 करोड़ डालर घटकर 17.832 अरब डालर रह गया है।
विदेशी मुद्रा भंडार: अर्थ, संरचना, उद्येध्य और लाभ
विदेशी मुद्रा भंडार; विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियों, सोना, विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर) और आईएमएफ में आरक्षित स्थिति से मिलकर बनता है. भारतीय विदेशी मुद्रा भंडार का कुल आकार 29 मई 2020 को 493 बिलियन अमेरिकी डॉलर था.
विदेशी मुद्रा भंडार का क्या अर्थ है? (What is meaning of Foreign Exchange Reserves?)
विदेशी मुद्रा भंडार में विदेशी मुद्रा, गोल्ड रिजर्व, एसडीआर और आईएमएफ कोटा डिपाजिट, ट्रेज़री बिल, बॉन्ड और अन्य सरकारी प्रतिभूतियों शामिल होतीं हैं. यह रिज़र्व, सरकार की देनदारियों (जैसे केंद्रीय बैंक के पास सरकार या वित्तीय संस्थानों द्वारा जमा और सेंट्रल बैंक द्वारा जारी स्थानीय मुद्रा) को बैक उप सपोर्ट प्रदान करने के लिए रखा जाता है. RBI भारत में विदेशी मुद्रा भंडार का संरक्षक है.
वर्तमान में चीन के पास दुनिया में सबसे बड़ा विदेशी मुद्रा भंडार है. इसका विदेशी मुद्रा भंडार यूएस $ 3,091,459 मिलियन (यूएस $ 3 ट्रिलियन) था और इसके बाद जापान 1,368,567 मिलियन अमेरिकी डॉलर था. यह देखकर ख़ुशी होती है कि भारत का स्थान शीर्ष 5 देशों में है. नीचे दी गई तालिका देखें,
सबसे अधिक विदेशी मुद्रा भंडार रखने वाले देशों की सूची (List of countries with highest Foreign Exchange Reserve):-
रैंक
देश
विदेशी मुद्रा भंडार (millions of US$)
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विदेशी मुद्रा भंडार की संरचना (Composition of Foreign Exchange Reserves)
विदेशी मुद्रा भंडार की संरचना में विदेशी मुद्राएँ, सोना, विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर) और आईएमएफ में आरक्षित रिज़र्व कोटा शामिल होते है. मई 2020 के अंत में भारतीय विदेशी मुद्रा भंडार 493 बिलियन अमेरिकी डॉलर था.
इस रिजर्व में सबसे बड़ा योगदान विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियों का है जो कि US$455 बिलियन है, इसके बाद स्वर्ण भंडार US$32 बिलियन, SDRs का आकार US$1.432 billion का और IMF में रिज़र्व पोजीशन के रूप में US$4.158 था.
विदेशी मुद्रा रिजर्व का उद्देश्य और लाभ (Purpose and Benefits of the Foreign Exchange Reserve):-
1.50 विदेशी मुद्रा जमा विदेशी मुद्रा भंडार कई उद्देश्यों की पूर्ति करता है, लेकिन इसकी होल्डिंग के पीछे सबसे महत्वपूर्ण उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि एक केंद्रीय सरकारी एजेंसी (भारत में भारतीय रिजर्व बैंक) के पास इतना बैकअप फंड है कि यदि देश की मुद्रा का इतना अधिक अवमूल्यन/ह्रास हो जाता है, तो भी जिन लोगों के पास सरकार के बांड्स, भारतीय मुद्रा इत्यादि हैं या किसी विदेशी संस्था 50 विदेशी मुद्रा जमा को भुगतान करना है तो उनका भुगतान कर दिया जायेगा.
2.विदेशी मुद्रा भंडार का उपयोग मौद्रिक नीति को प्रभावित करने के लिए भी किया जाता है. यदि विदेशी मुद्रा की मांग में वृद्धि के कारण घरेलू मुद्रा का मूल्य घटता है तो भारत सरकार की तरफ से रिज़र्व बैंक, विदेशी मुद्रा की आपूर्ति उस बाजार में कर देती है ताकि घरेलू मुद्रा में मूल्य में बहुत अधिक गिरावट रोकी जा सके.
3. अधिक विदेशी मुद्रा भंडार वाले देश की अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अच्छी छवि होती है क्योंकि व्यापारिक देश अपना भुगतान पाने के बारे में सुनिश्चित हो सकते हैं. भारत 1991 के वित्तीय संकट के दौरान अंतरराष्ट्रीय स्तर पर डिफॉल्टर घोषितहोने की कगार पर था.
4. अच्छा विदेशी मुद्रा आरक्षित रखने वाला देश विदेशी व्यापार का अच्छा हिस्सा आकर्षित करता है और व्यापारिक साझेदारों का विश्वास अर्जित करता है.
विदेशी मुद्रा भंडार के बारे में अन्य जानकारी: - (Other information about the Foreign Exchange reserve)
1.सबसे अधिक विदेशी मुद्रा भंडार अमेरिकी डॉलर में रखा जाता हैं क्योंकि यह दुनिया में सबसे अधिक कारोबार वाली और विश्वसनीय मुद्रा है.
चीन के पास दुनिया का सबसे अधिक यूएस $ 3.1 ट्रिलियन विदेशी मुद्रा भंडार है.
2. यह काफी आश्चर्यजनक है कि यूएसए के पास मार्च 2020 में सिर्फ US$ 129,264 मिलियन का विदेशी मुद्रा भंडार था.
3. भारत, दुनिया में सबसे अधिक विदेशी मुद्रा भंडार रखने वाला पांचवा है.
4. भारतीय विदेशी मुद्रा भंडार ने 29 मई, 2020 को 493 बिलियन अमेरिकी डॉलर के सर्वोच्च स्तर को छू लिया है.
विदेशी मुद्रा भंडार किसी अर्थव्यवस्था के स्वास्थ्य मीटर की तरह है. यदि किसी देश के पास विदेशी मुद्रा भंडार का अच्छा है, तो उसकी वित्तीय स्थिति को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बहुत ही अच्छा माना जाता है.
तो यह थी विदेशी मुद्रा भंडार के बारे में समग्र जानकारी. हम आशा करते हैं कि इस लेख को पढने के बाद आपको समझ आ गया होगा कि विदेशी मुद्रा भंडार क्या होता है और इसको क्यों इकठ्ठा किया जाता है?
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