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Share Market के Rules – शेयर खरीदने के नियम (New)

शेयर बाजार में समय के साथ कई बदलाब आये है और आज वही बदलाब नियम बन गए है . शेयर बाजार को control करने वाली SEBI समय-समय पर शेयर बाजार पर नए नियम लागु कर देती है. इसलिए आज हम इस पोस्ट में शेयर बाजार के पुराने और नए नियमों को जानेंगे ताकि हम शेयर खरीदने के नियम जान सके और शेयर बाजार में शेयर खरीद कर आसानी से पैसे कमा सके.

शेयर मार्किट के नियम - शेयर खरीदने के नियम

शेयर मार्केट के नियम – शेयर खरीदने के नियम

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Share Kya Hai?

शेयर मार्केट के नियम जानने से पहले आपको शेयर के बारे में जानकरी होनी चाहिए की शेयर क्या होता है और शेयर कितने प्रकार के होते है . अगर आपको शेयर के बारे में जानकारी नहीं है तो आप हमारी नीचे दी गई पोस्ट को पढ़े इसमें आपको शेयर क्या है इसके बारे में पूरी शेयर खरीदने के नियम जानकारी मिलेगी .

Share Market Ke Niyam

शेयर मार्केट में इन्वेस्ट करने के कई नियम है जिनका आपको पालन शेयर खरीदने के नियम करना होता है यह नियम SEBI के द्वारा बनाये गए है जो की पुरे शेयर मार्केट को Regulate करती है . SEBI एक ऐसा संसथान है जो की एक investor और trader के हित को ध्यान में रखते हुए अपने नियमों को बनती है ताकि. ज्यादा से ज्यादा लोग शेयर मार्केट में पैसे निवेश करके इसका लाभ उठा सके.

अगर आप SEBI के बारे में और भी ज्यादा विस्तार से जानना चाहते है तो इसके लिए हमारी नीचे दी गई पोस्ट पढ़े इसमें आपको SEBI के बारे में विस्तार से जानकारी मिल जायगी.

शेयर मार्केट के नियम निम्न अनुसार है .

  1. शेयर खरीदने के लिए Demat Account होना जरुरी है
  2. शेयर ट्रेडिंग के लिए Trading Account होना जरुरी है
  3. शेयर खरीदने के नियम
  4. शेयर बैचते वक्त Stop Loss लगाना जरुरी है
  5. Demat Account में कम से कम 22 प्रतिशत margin money होना जरुरी है
  6. ब्रोकर के मार्जिन को पूरा इस्तमाल न करे
  7. शेयर खरीदते या बैचते वक्त सब्धानी रखे
  8. अपने Demat Account का passwords कठिन रखे और किसी के साथ शेयर न करे
  9. बिना पूरी जानकारी के किसी कंपनी के share में निवेश न करें
  10. किसी भी fraud call की scheme पर निवेश न करे
  11. शेयर खरीदने से पहले कंपनी का रिकॉर्ड चेक करे

शेयर खरीदने के नियम

पहले कोई शेयर खरीदने के नियम भी व्यक्ति अपने ब्रोकर के द्वारा दी गई मार्जिन पर बिना पैसों को account में डाले शेयर बाजार से शेयर खरीद लिया करता था लेकिन अब SEBI ने एक नया नियम लागु कर दिया है . इस नए नियम के तहत अब आपको शेयर बाजार में शेयर खरीदने के लिए आपके account में 22% कम से कम पैसे डालने होंगे उसके बाद ही आप मार्जिन का उपयोग कर पाएंगे .

हलाकि यह सब एक ब्रोकर कंपनी पहले से ही follow करती आई है लेकिन कई बार अपने ग्राहक बढ़ाने के लिए कंपनी बिना पैसों के भी मार्जिन का उपयोग ग्राहक को करने देती थी लेकिन अब ऐसा नहीं हो पायेगा .

शेयर मार्केट से अगर आप ज्यादा पैसे कमाना चाहते है तो आप हमारी नीचे दी गई पोस्ट को पढ़े इसमें आपको शेयर मार्केट से ज्यादा पैसे कैसे कमाए इसके बारे में जानकारी मिलेगी.

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यदि रास नहीं आ रहे हैं शेयर खरीदने-बेचने के बारीक नियम तो कमोडिटी मार्केट से बनाएं बड़ा मुनाफा

अब अगर हम शेयर मार्केट की बात करें तो इक्विटी मार्केट में लिस्टेड कंपनियों के शेयर खरीदे और बेचे जाते हैं जिसमें शेयरहोल्डर को आंशिक रूप से कंपनी का मालिक भी माना जाता है। इक्विटी शेयरों की कोई समाप्ति तिथि नहीं होती है जबकि कमोडिटी में ऐसा संभव नहीं है।

ब्रांड डेस्क, नई दिल्ली। शेयर मार्केट इन दिनों काफी चर्चा में है। बीते कुछ महीनों में इस बाजार की ओर रुख करने वाले लोगों की संख्या में भी लगातार इजाफा देखने को मिल रहा है। निवेशकों की संख्या में हर दिन होने वाली इस बढ़त ने पिछले दिनों में एक रिकॉर्ड भी बनाया है। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, वर्ष 2022 के अगस्त महीने में डीमैट अकाउंट की संख्या पहली बार करीब 10 करोड़ के पार पहुंच चुकी है। ऐसे में शेयर बाजार में अब आम लोगों का भी दिलचस्पी साफ दिखाई देने लगी है।

शेयर के अलावा कैसे बना सकते हैं बड़ा मुनाफा

क्या आपको पता है कि शेयर मार्केट के अलावा भी एक मार्केट है, जिसमें ठोस वस्तुओं में पैसे लगाकर बड़ा मुनाफा कमाया जा सकता है। इस मार्केट को कहते हैं कमाोडिटी मार्केट। जब कभी शेयर बाजार में कमजोरी का ट्रेंड रहता है तो लोग ऐसे समय में कमोडिटी मार्केट में सोने और चांदी जैसी चीजों में अधिक पैसा लगाने लगते हैं जिससे इसकी मांग में भी तेजी देखने को मिलने लगती है। लेकिन अब सवाल है कि क्या आप कमोडिटी मार्केट और इक्विटी यानी शेयर मार्केट के बीच के अंतर को समझते हैं?

कमोडिटी मार्केट (Commodity Market) ऐसा मार्केटप्लेस है जहां निवेशक मसाले, कीमती मेटल्स यानी धातुओं, बेस मेटल्स, एनर्जी , कच्चे तेल जैसी कई अन्य कमोडिटीज की ट्रेडिंग करते हैं। यह मूलत: दो तरह की होती हैं , जिनमें से एक है एग्री कमोडिटीज इसे सॉफ्ट कमोडिटी भी कहते हैं, इसके अंतर्गत मसाले जैसे काली मिर्च, धनिया, इलायची, जीरा, हल्दी और लाल मिर्च, सोया बीज, मेंथी ऑयल, शेयर खरीदने के नियम गेहूं, और चना जैसी वस्तुएं आती हैं। वहीं नॉन-एग्री या हार्ड कमोडिटीज में सोना, चांदी, कॉपर, जिंक, निकल, लेड, एन्युमिनियम, क्रूड ऑयल, नेचुरल गैस शामिल हैं।

Share Market: क्या शेयर मार्केट में शेयर खरीदने की कोई लिमिट है?

Share-Market

#2. शेयर खरीदने की दो मार्केट हैं और दोनों में अलग-अलग लिमिट है
सामान्य भाषा शेयर खरीदने के नियम में कहें, तो किसी कंपनी के शेयर खरीदने के लिए दो तरह की मार्केट होती हैं। पहली प्राइमरी मार्केट और दूसरी सेकंडरी मार्केट। दोनों ही मार्केट में कोई निवेशक किसी कंपनी के कितने शेयर शेयर खरीदने के नियम खरीद सकता है या कुल कितने शेयर खरीद सकता है, इसके अलग-अलग नियम हैं, जो हम आपको बताएंगे।

#A. प्राइमरी मार्केट
प्राइमरी मार्केट में शेयर खरीदने वालों को तीन अलग-अलग कैटेगरी में बांटा जाता है, जिनके लिए शेयर खरीदने की लिमिट अलग-अलग होती है।
1. खुदरा निवेशक: इस कैटेगरी में आने वाले लोग अधिकतम दो लाख रुपए तक के शेयर खरीद सकते हैं। फिर वो चाहे एक ही कंपनी के दो लाख रुपए के शेयर खरीद लें या अलग-अलग कंपनियों के कुल-मिलाकर दो लाख रुपए के शेयर खरीद लें।
2. हाई नेटवर्क इंडिविजुअल: इनके लिए कोई सीमा नहीं होती है। ये जितनी चाहें, उतनी कीमत के शेयर खरीद सकते हैं।
3. संस्थागत निवेशक: इनके लिए भी कोई सीमा नहीं होती है। ये जिस कंपनी के जितने चाहें, उतनी कीमत के शेयर खरीद सकते हैं।

शेयर मार्केट ट्रेडिंग करते हैं तो ध्‍यान दें, 1 जुलाई से बदल रहे हैं नियम, बिना टैगिंग के नहीं बेच सकेंगे शेयर

शेयर मार्केट ट्रेडिंग करते हैं तो ध्‍यान दें, 1 जुलाई से बदल रहे हैं नियम, बिना टैगिंग के नहीं बेच सकेंगे शेयर

यदि आप शेयर बाजार में ट्रेडिंग करते हैं और आपका अकाउंट है तो यह खबर आपके काम की है। अब जुलाई से इसके नियम बदलने जा रहे हैं। सेबी ने डीमैट खातों की टैगिंग लागू करने के लिए दलालों को 30 जून तक का समय दिया है। यदि खाते 1 जुलाई से बिना टैग वाले रहते हैं, तो इन खातों से किसी भी नई खरीदारी की अनुमति शेयर खरीदने के नियम नहीं दी जाएगी। हालांकि, कॉरपोरेट कार्रवाई के परिणामस्वरूप शेयरों को श्रेय दिया जाएगा। जिन खाताधारकों के खाते बिना टैग के रहेंगे, वे भी अपने खातों से शेयर नहीं बेच सकेंगे।

कंपनियों की मनमानी पर SEBI की नकेल, बदलने जा रहे Share Market से जुड़े ये नियम

कंपनियों की मनमानी पर SEBI की नकेल, बदलने जा रहे Share Market से जुड़े ये नियम

शेयर बाजार से जुड़े नियमों का लेखा-जोखा रखने वाले भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने अब कुछ नियमों को बदलने का बीड़ा उठाया है. ये नियम मुख्य तौर पर कंपनियों द्वारा शेयरों की पुनर्खरीद (Share Buyback Rules)शेयर खरीदने के नियम से जुड़े हैं. मौजूदा व्यवस्था में पक्षपात की आशंका (Suspicion of Misuse) को देखते हुए ये फैसला किया गया है.

केकी मिस्त्री (Keki Mistry) की रिपोर्ट में बताई गई सिफारिशों पर अमल करते हुए सेबी के बोर्ड ने ये फैसला किया है. मौजूदा समय में कंपनियां ओपन मार्केट से कंपनी के शेयरों को वापस खरीदती हैं, सेबी अब इस व्यवस्था को बदल देगी.

अब शेयर बायबैक की आएगी नई व्यवस्था

बाजार में निवेशकों को एक समान अवसर देने और मौजूदा तरीके में पक्षपात की आशंका को देखते हुए सेबी ने शेयर बायबैक की प्रणाली बदलने का फैसला किया है. इसके तहत अब कंपनियां निविदा प्रस्ताव लाकर (Tender Offer Route) यानी बोलियां मंगाकर शेयरों की पुनर्खरीद कर सकेंगी. यानी सेबी धीरे-धीरे ओपन मार्केट से होने वाली शेयर बायबैक (Share Buyback) व्यवस्था को खारिज कर देगा.

मंगलवार को सेबी के बोर्ड की बैठक हुई. सेबी की चेयरपर्सन माधवी पुरी बुच ने बैठक में हुए इस निर्णय की जानकारी दी, साथ ही अन्य मुद्दों पर बनी सहमति को लेकर भी बातचीत की.

FII को मिलेगी सहूलियत

शेयर बाजार को नई ऊंचाई पर ले जाने में FII का बड़ा रोल रहा है. ऐसे में उनको सुविधा देते हुए सेबी ने विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) के रजिस्ट्रेशन में लगने वाले समय को घटाने और मार्केट में लगातार वित्त की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए ग्रीनवॉशिंग पर अंकुश के मानकों में संशोधन का फैसला भी किया है.

इसी के साथ सेबी बोर्ड ने निवेश बाजार में भी बांड के रंग निर्धारित करने का फैसला किया. हरे रंग का बांड प्रदूषण नियंत्रण, पर्यावरण के अनुकूल उत्पादों से जुड़े कर्ज के शेयर खरीदने के नियम लिए होगा. जबकि नीले रंग का बांड जल प्रबंधन से जुड़े कर्ज के लिए और पीले रंग के बांड सौर ऊर्जा से जुड़े कर्ज के लिए होंगे.

सुधरेगा शेयर बाजारों का कामकाज

इतना ही नहीं सेबी ने शेयर मार्केट में कामकाज के तरीके को सुधारने के लिए कुछ मूलभूत बदलाव करने का फैसला भी किया है. इनमें सबसे बड़ा फैसल स्टॉक एक्सचेंज (Stock Exchange) के काम को तीन हिस्सों में बांटना है. इसके अलावा आम निवेशकों के हित की पैरवी करने वाले डायरेक्टर्स की नियुक्ति को तर्कसंगत बनाना भी इसमें शामिल है.

अब सेबी रेग्युलेटरी बदलाव से बाजार के इंफ्रास्ट्रक्चरल इंस्टीट्यूट्स (MII) के कामकाज में अधिक पारदर्शिता और जवाबदेही लाएगा. इन बदलावों को स्टॉक एक्सचेंज, क्लियरेंस एजेंसियों और डिपॉजिटरी जैसे संस्थानों के कामकाज की व्यापक समीक्षा के बाद अंतिम रूप दिया गया है. ये बदलाव आधिकारिक राजपत्र में अधिसूचित होने की तारीख से 180 दिनों के बाद प्रभावी होंगे.

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